Wednesday, April 30, 2025
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एक अप्रैल का यही संदेश-हर बच्चे का लें प्रवेश: वृक्षमित्र डॉ सोनी

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देहरादून, एक अप्रैल से सुरु होने जा रहे शिक्षा सत्र में प्रवेश के लिए पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी के नेतृत्व में तथा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय हटवाल गांव के प्रधानाध्यापक नारायण प्रसाद सुयाल की अध्यक्षता में मिशन कोशिश के तहत बच्चों के स्कूलों में दाखिला के लिए विशाल रैली निकाल कर जन जन को जागरूक किया।
पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी ने कहा विगत दो सालों से कोरोना महामारी के चलते छोटे बच्चों का प्रवेश ना होने से बच्चे पढ़ाई से वंचित रह रहे थे अब स्थितियां ठीक हैं स्कूलें खुल गई हैं ऐसे में बच्चों का स्कूलों में दाखिला करना जरूरी हैं ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके। डॉ सोनी कहते हैं शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जो जीवन में परिवर्तन ला कर सफल इंसान बनाती हैं। सरकार ने गांव गांव में स्कूलें बनाई है उन में बच्चों की पढ़ने की सुविधाएं दी है ताकि हर बच्चा पढ़ सके और शिक्षित समाज को बना सके। आज हमने एक अप्रैल से सुरु होने जा रहे नये शिक्षा सत्र में प्रवेश के लिए घर घर की हैं यही पुकार, पढ़ा लिखा हो हर घर परिवार, एक अप्रैल का यही संदेश, हर बच्चे का लें प्रवेश नारे लगाकर विशाल जन जागरूकता रैली निकाल कर जन जन से छोटे बच्चों के सरकारी स्कूलों में प्रवेश कराने की अपील की।
प्रधानाध्यापक नारायण प्रसाद सुयाल ने अपील करते हुए कहा एक बच्चा शिक्षित होता हैं तो पूरा परिवार शिक्षित होता है इसलिए हमें शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़कर सभ्य समाज के निर्माण में अपनी भूमिका निभानी चाहिए वही नेहरू युवा केन्द्र ब्लाक समन्वयक अनिल हटवाल ने गांव के हर परिवार से अपने बच्चों को शिक्षा से जुड़ने के लिए स्कूलों में प्रवेश करने की अपील की। कार्यक्रम में अमरदीप श्रीवास्तव, राकेश पंवार, ज्योति, सोनी, कल्पना, कुसुम, दीक्षा, सोनिका, बबली डोभाल (स.स), सोबनी देवी, शौकिना देवी, मोहित, राहुल, सागर, धर्मेंद्र, सुमित, मोहन, आयुस, ऋषभ आदि थे।

सुविधाजनक चारधाम यात्रा के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं : सीएम धामी

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देहरादून , मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि चार धाम यात्रा के माध्यम से देश-विदेश में अतिथि देवो भव : का संदेश जाना चाहिए। इस बार बहुत अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। चार धाम यात्रा की तैयारियां उसी के अनुरूप सुनिश्चित की जाएं। मुख्यमंत्री सचिवालय में चारधाम यात्रा 2022 की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने यात्रा को श्रद्धालुओं की लिए अधिक से अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को यात्रा मार्गों का स्थलीय निरीक्षण कर, सभी आवश्यक सुधार कार्य यात्रा प्रारम्भ होने से पूर्व सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही संबंधित जिलाधिकारियों को भी यात्रा मार्गों पर कार्यों की प्रगति की लगातार मॉनिटरिंग करने के   निर्देश दिये। मार्ग अवरूद्ध होने की स्थिति में तत्काल खोलने के लिए जरूरी मशीनों की व्यवस्था व तैनाती कर ली जाए। जेसीबी मशीनों की ट्रेकिंग के लिए उन्हें जीपीएस से जोड़ा जाए। यात्रा मार्ग से संबंधित सड़कों पर कहीं भी मलबा या कचरा न रहे। कचरा निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा प्रबंधन में टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाए। ट्रेफिक प्रबंधन व संचालन के लिए ड्रोन का भी प्रयोग किया जाए। चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए टोल फ्री नम्बर जारी किया जाए। जिस पर यात्रा से संबंधित हर प्रकार की जानकारी हो। इस नम्बर को व्यापक प्रचारित भी किया जाए। इस वर्ष बहुत बड़ी संख्या में यात्रियों के आने की सम्भावना है। किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए यात्रियों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था हो। यात्रा मार्गों पर जगह-जगह पर्याप्त संख्या में पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। डायवर्जन और वैकल्पक मार्गों की व्यवस्था भी कर ली जाए। जगह-जगह पर साईन बोर्ड भी लगाए जाएं।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि यात्रा मार्गों पर जाने वाले बसों व टैक्सियों की फिटनेस की जांच सुनिश्चित हो। यात्रा मार्ग पर तैनात किए जाने वाले पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि नियमो का पालन कराते हुए यात्रियों व श्रद्धालुओं के साथ विनम्रतापूर्वक व्यवहार हो। एक बार एंट्री पाइन्ट पर वाहनों की चैकिंग होने के बाद बार-बार चैकिंग कर यात्रियों को परेशान न किया जाए। विभिन्न स्थानों पर क्वालिटी पेयजल के लिए वाटर एटीएम/वाटर मशीन लगाई जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यकतानुसार चिकित्सकों की तैनाती कर ली जाए। एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था भी हो। यात्रा मार्ग पर रेट लिस्ट के निर्धारण के साथ ही मिलावटखोरी को रोकने के लिए नियमित चैकिंग अभियान चलाया जाए।  यात्रा शुरू होने से पूर्व श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री व श्री हेमकुण्ड साहिब में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के साथ ही यात्रा मार्गों पर समुचित प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए। यात्रा मार्ग पर बेहतर संचार व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा का विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। चार धाम यात्रा के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों व अन्य जरूरी सूचनाओं का प्रचार प्रसार हो। चार धामों के साथ ही अन्य धार्मिक स्थलों और पर्यटन स्थलों के बारे में भी जानकारी दी जाए।

बैठक में केबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, विधायक श्रीमती शैलारानी रावत, श्री सुरेश सिंह चौहान, श्री  संजय डोभाल, श्री दुर्गेश लाल, बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री अजेंद्र अजय, मुख्य सचिव डा. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, श्री आनंद बर्द्धन, डीजीपी श्री अशोक कुमार, प्रमख सचिव श्री आरके सुधांशु, सचिव श्री दिलीप जावलकर, श्री नितेश झा, डा. पंकज कुमार पाण्डेय, श्री शैलेश बगोली, श्री एस.ए. मुरूगेशन, आयुक्त गढ़वाल श्री सुशील कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी और संबंधित जिलाधिकारी उपस्थित थे।

दिल्ली से हरियाणा डायवर्ट की 700 MW बिजली, शहर में हो सकती है बिजली कटौती

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नई दिल्ली: एक ओर दिल्ली (Delhi News) में बढ़ते तापमान और गर्मी (Delhi Weather) की वजह से बिजली की मांग (Delhi Power Demand) बढ़ती जा रही है, वहीं केंद्र सरकार (Central Govt) ने बुधवार को एनटीपीसी (NTPC) के दादरी स्टेशन-II पावर स्टेशन की पूरी 728 मेगावाट क्षमता 1 अप्रैल से हरियाणा (Haryana) को आवंटित कर दी है. ऐसे में दिल्ली में बिजली गुल (Delhi Power Cut) होने का खतरा गंभीर हो गया है. इतनी बड़ी क्षमता का अचानक नुकसान दिल्ली में बिजली संकट का कारण बन सकता है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा जुलाई 2015 में लिखे एक पत्र का हवाला देते हुए 1 अप्रैल से दादरी में एक राष्ट्रीय थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) संयंत्र से दिल्ली को आवंटित 728 मेगावाट (मेगावाट) बिजली को पड़ोसी हरियाणा में बदलने का फैसला किया है.

रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली में बिजली उपयोगिताओं ने कहा कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) को बिजली मंत्रालय का निर्देश बिना किसी पूर्व सूचना के जारी किया गया था और इससे राष्ट्रीय राजधानी में बिजली कटौती हो सकती है. मंगलवार को दिल्ली में सबसे ज्यादा बिजली की मांग 4,332 मेगावाट थी और इस गर्मी में 8,000 मेगावाट को पार करने की उम्मीद है. पिछले साल दिल्ली में बिजली की सबसे ज्यादा मांग 7,323 मेगावाट थी. बता दें कि राजधानी दिल्ली को सबसे अधिक बिजली एनटीपीसी दादरी-2 (728 मेगावॉट) से मिलती है.
बिजली मंत्रालय के अवर सचिव राजा रामास्वामी ने 28 मार्च, 2022 को सीईए को लिखे एक पत्र में कहा कि एनटीपीसी के दादरी-II स्टेशन में दिल्ली की ओर से पावर सरेंडर करने की इच्छा और हरियाणा सरकार की इच्छा को ध्यान में रखते हुए एनटीपीसी के दादरी-II स्टेशन से हरियाणा को 728.68 मेगावाट के सरेंडर्ड अथवा उपलब्ध शेयर का 1 अप्रैल से पुन: आवंटन करने का निर्णय लिया गया है. सीईए से अनुरोध है कि 1 अप्रैल, 2022 से सभी संबंधितों को सूचना के तहत आवंटन को लागू किया जाए.

दरअसल, मंगलवार को सीईए ने एक आदेश जारी किया, जिसमें दादरी-2 संयंत्र से दिल्ली की बिजली के हिस्से को शून्य पर लाने वाले बदलावों को नोटिफाई किया गया. हालांकि, अब तक इस फैसले पर मंत्री जैन की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन दिल्ली में बिजली उपयोगिताओं (Utilities) ने कहा कि बिजली मंत्रालय का संचार गलत था. वहीं, डिस्कॉम के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि दिल्ली ने केवल दादरी- I संयंत्र से लगभग 750 मेगावाट बिजली सरेंडर की है. वास्तव में दिल्ली ने हमेशा यह कहा है कि उसे अपनी बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए दादरी-II से आवश्यक बिजली की आवश्यकता है. लेकिन लेटेस्ट आदेश में केंद्र ने दादरी-2 स्टेशन से भी दिल्ली के कुल आवंटन को बदल दिया.एचटी ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है कि 2021 में डिस्कॉम बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड, बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड द्वारा भेजे गए पत्रों में बिजली मंत्रालय से दादरी- I स्टेशन से दिल्ली के हिस्से को सरेंडर करने का अनुरोध किया गया था. इस फैसले के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय बिजली मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह निर्णय दिल्ली सरकार के अनुरोध पर लिया गया है. प्रवक्ता ने दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा जुलाई 2015 में तत्कालीन केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल को लिखा एक पत्र भी दिखाया.

केदारनाथ यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर डीएम ने की विभागीय अफसरों के साथ बैठक

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रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम के कपाट छह मई को खुलने के साथ ही यात्रा भी शुरू हो जाएगी। केदारनाथ यात्रा को लेकर केदारनाथ धाम में व्यवस्थाएं बहाल करने के लिए जिलाधिकारी मनुज गोयल ने विभागीय अफसरों के साथ बैठक ली। जिलाधिकारी ने अफसरों को समय पर व्यवस्थाएं पूरी करने के निर्देश दिए। कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन के लिए नोडल अधिकारी एवं सहायक अधिकारी तैनात किए गए हैं। शांति व सुरक्षा व्यवस्था सहित स्वास्थ्य, पेयजल, शौचालय, विद्युत, यातायात व साफ-सफाई आदि से संबंधित व्यवस्थाओं से जुड़े अफसरों को समय पर सुविधाएं जुटानी होगी।

विभागीय अफसर अपनी तैयारी और व्यवस्थाओं का विस्तृत प्लान एवं एसओपी तैयार करें। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है इसलिए किसी भी तरह से कोताही न बरती जाए। जिलाधिकारी ने सीएमओ को निर्देश देते हुए केदारनाथ यात्रा मार्ग में समुचित स्वास्थ्य व्यवस्था समय पर बहाल ककरने के निर्देश दिए। साथ ही मार्ग और धाम के लिए तैनात किए जाने वाले डॉक्टरों एवं कार्मिकों का रोस्टर तैयार किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि यात्रा मार्ग पर तैनात चिकित्सकों का मॉनीटरिंग सेल बनाया जाए जिसके माध्यम से समय-समय पर चिकित्सकों की मॉनीटरिंग की जा सके। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी को यात्रा मार्ग में यातायात सुचारू ढंग संचालित करने के लिए उचित पार्किंग व्यवस्था करने की बात कही। पुलिस एवं जिला पंचायत के साथ समन्वय स्थापित करते हुए जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए।

लोनिवि राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को जर्जर एवं खराब स्थानों पर सड़क की मरम्मत एवं सुधारीकरण के निर्देश दिए। कहा कि यदि किसी कार्य में टेंडर प्रक्रिया की जानी हैं तो उनमें तत्काल टेंडर प्रक्रिया की जाए। यात्रा रूट के विभिन्न चौराहें में साईन बोर्ड, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका/नगर पंचायत व जिला पर्यटन अधिकारी को यात्रा रूट पर तैयार किए जाने वाले अस्थायी शौचालय के लिए स्थान चिन्हित करने, महाप्रबंधक गढ़वाल मंडल विकास निगम को समय से सभी व्यवस्थाएं जुटाने, अधिशासी अभियंता जल-संस्थान को यात्रा मार्ग पर पानी की आपूर्ति बहाल करने, स्टेंड पोस्ट, पाइप लाईन लीकेज आदि को ठीक करने, यात्रा मार्ग पर वाटर कूलर लगाने के निर्देश दिए।

अधिशासी अभियंता विद्युत को निर्देश दिए हैं कि यात्रा मार्ग पर पुनर्निर्माण कार्यों के लिए विद्युत की पूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। यात्रा मार्ग पर स्थित स्ट्रीट लाईटों का संचालन सुचारू रूप से किया जाए। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं बीमा समय से कराने के निर्देश दिए। बैठक में पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, सीडीओ नरेश कुमार, एडीएम दीपेंद्र सिंह नेगी, सीएमओ डॉ बीके शुक्ला, डीडीओ मनविंदर कौर, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेंद्र सिंह, एसडीएम सदर अपर्णा ढौंडियाल, ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा, जखोली परमानंद राम, पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल, ईई लोनिवि निर्भय सिंह, ईई जल संस्थान संजय सिंह, डीडीएमओ नंदन सिंह रजवार सहित कई विभागीय अफसर मौजूद थे।

श्रीनगर में डॉक्टरों ने काली पट्टी बांध जताया विरोध

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श्रीनगर गढ़वाल। उपजिला संयुक्त चिकित्सालय श्रीनगर में चिकित्सकों ने राजस्थान के दौसा में महिला चिकित्सक के साथ हुई घटना और पुलिस की कार्यशैली के विरोध में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रकट किया। प्रांतीय चिकित्सा संघ जिला पौड़ी के जिलाध्यक्ष डॉ. लोकेश सलूजा ने कहा कि यह घटना एक निंदनीय अपराध है। भविष्य में इस तरह की किसी भी घटनाओं में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। संयुक्त चिकित्सक संगठन के संयोजक डा.बीपी नैथानी ने कहा कि पुलिस प्रशासन ने जो व्यवहार महिला चिकित्सक के साथ किया उससे उसे आत्महत्या के लिए विवश होना पड़ा। विरोध जताने वालों में उप जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. गोविंद पुजारी, डा. आनंद सिंह राणा, डा. हेमा पाल बुटोला, डा. सोनाली, डा. रचित गर्ग, डा. निशा चौहान, डा. रवि बनिया, डा. भास्कर, डा. नरेन्द्र बुटोला, डा. गुंजन, डा. नेहा, डा. मारिषा पंवार, डा. मेहरकांत, डा. अंकित, वरिष्ठ सर्जन डा. एमएन गैरोला, संगीता चौहान आदि मौजूद रहे।

व्यापार संघ ने पेयजल निगम के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया

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मसूरी। मसूरी टेªडर्स एंड वैलफेयर एसोसिएशन के तत्वाधान में मालरोड सहित अन्य स्थानों पर पेयजल निगम द्वारा बिछायी जा रही पेयजल लाइनों में मानकों के विरूद्ध कार्य करने व शहर में बेतरतीब खुदाई करने के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया व चेतावनी दी कि यदि जल निगम ने शीघ्र ठोस कार्यवाही नहीं की तो धरने के बाद मसूरी को बंद किया जायेगा जिसकी जिम्मेदारी पेयजल निगम की होगी। मसूरी टेªडर्स एंड वैलफेयर एसोसिएशन ने ग्रीन चौक के समीप पेयजल निगम की कार्यप्रणाली के विरोध में धरना दिया व प्रदर्शन कर जल निगम व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। मसूरी मंे यमुना से पानी लाने की योजना शहर हित में है लेकिन विभाग लापरवाही व मानकों को ताक पर रखकर गुणवत्ता विहीन कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि पानी की लाइन को सीवर लाइन के साथ डाला जा रहा है, पानी की लाइन की टेस्टिंग नहीं की जा रही, लाइब्रेरी क्षेत्र में बिजली की अंडर ग्राउंड लाइन को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है वहीं पूरे शहर की मालरोड को खोदने के साथ ही धूल व मलवे से भर दिया है। न ही मरम्मत की जा रही है। उन्होंने कहा कि किताब घर में दो माह पूर्व कार्य हो गया था आज तक मरम्मत नहीं की। उन्होंने कहा कि इसका नुकसान व्यापारियों व पर्यटन को उठाना पड़ रहा है। जिसका व्यापारी व स्थानीय नागरिक विरोध कर रहे हैं और तब तक विरोध किया जायेगा जब तक कार्य ठीक नहीं किया गया। अगर फिर भी नहीं माने तो मसूरी बंद किया जायेगा। पेयजल निगम भ्रष्ट है तथा ठेकेदार के साथ मिलकर मनमर्जी का खानापूर्ति का कार्य कर रही है।

इसका मुख्यमंत्री को संज्ञान लेना चाहिए इसलिए मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत की गई है। उन्होंने कहा कि मसूरी पर्यटक स्थल है, दो साल कोरोना में चले गये अब उम्मीद थी कि व्यापार बढेगा ऐसे में लाइन खोद दी गई है जिससे व्यापार प्रभावित हो रहा है। इसके बाद भी नहीं माने तो भूख हड़ताल, चक्का जाम व मसूरी बंद किया जायेगा। इस मौके पर होटल एसोसिएशन उत्तराखंड के अध्यक्ष संदीप साहनी ने कहा कि मसूरी वासी पेयजल लाइन बिछाने के खिलाफ नहंी है लेकिन जिस तरह लापरवाही व गुणवत्ता को ताक पर रख कर कार्य किया जा रहा है उसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने मुख्य सचिव उत्तराखंड डा. एसएस संधु का धन्यवाद किया कि उन्होंने मसूरी आकर इसका संज्ञान लिया व कार्य में तेजी आयी। उन्हांेने कहा कि जो पर्यटक आ रहा है वह यहां से अच्छी छवि लेकर नहीं जा रहा है। पानी जरूरी है बिना पानी के मसूरी बर्बाद हो जायेगी लेकिन जिस तरह से मनमर्जी का कार्य बिना किसी को संज्ञान में लेकर कार्य किया जा रहा है उसका विरोध किया जा रहा है। जबकि जनवरी में पानी की लाइन बिछाने का कार्य पूरा हो जाना चाहिए था। इस मौके पर व्यापार संघ महामंत्री जगजीत कुकरेजा, सलीम अहमद, मंजूर खान, अनंत प्रकाश, गणेश सैली, नागेद्र उनियाल, मनीष गौनियाल, निधि बहुगुणा, रजत कपूर, देवी गोदियाल, कश्मीरी लाल, बिल्लू बाल्मीकि, सहित बड़ी संख्या में व्यापारी मौजूद रहे।

पानी की किल्लत से जूझ रहे हैकमंस कंपाउंड के निवासी

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मसूरी। अभी सीजन शुरू नहीं हुआ कि कई क्षेत्रों में पानी की समस्या हो गई है। इसी कड़ी में हेकमंस कंपाउंड में विगत कई माह से पानी की समस्या होने से लोगों को पानी की बूंद बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है। कई बार शिकायत करने पर भी जल संस्थान सुनने को तैयार नहीं है जिसके कारण लोगों में लगातार आक्रोश बढ़ रहा है। पर्यटन नगरी में भले ही आने वाले समय में यमुना पेयजल योजना के आने के बाद पानी की किल्लत नहीं होगी लेकिन वर्तमान में मसूरी के कई क्षेत्रों में पानी की समस्या गहरा गई है। लंढौर के छावनी क्षेत्र, लंढौर बाजार, लक्षमणपुरी क्षेत्र सहित कुलडी के हेकमंस कंपाउंड में पानी की समस्या बनी हुई है। हेकमंस कंपाउंड के निवासी गत एक माह से भी अधिक समय से पानी के लिए तरस रहे हैं लेकिन शिकायत करने के बाद भी विभाग संज्ञान नहीं ले रहा है। जिसके कारण लोगों में आक्रोश हैं व जल संस्थान के खिलाफ आंदोलन करने के लिए मन बना रहे हैं। स्थानीय निवासियों को कहना है कि इस संबंध में कई बार जल संस्थान को पत्र दिया जा चुका है और एक पत्र अधिशासी अभियंता को दिया गया है। लेकिन इस क्षेत्र में लाइनमैन तक नहीं आया। इस संबंध में जल संस्थान के सहायक अभिंयता टीएस रावत का कहना है कि उनके ंसंज्ञान में यह मामला नहीं है लेकिन अगर वहां पर पानी की समस्या है तो वह तत्काल इस समस्या का समाधान करेंगे। ज्ञापन देने वालों में कुवंर सिंह बर्त्वाल, कुशला भटट, राकेश सिंह, अंजू, विजय रावत, प्रदीप राणा, आदि हैं। तथा उन्होंने जल संस्थान में पत्र रिसीव भी करवाया है।

ONGC के शेयर पर ब्रोकरेज क्‍यों हुए बुलिश ? स्‍टॉक में आ सकती है 54% की जोरदार तेजी देखें नया टारगेट

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“Brokerage on ONGC: सरकार ने OFS के जरिए इस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने का ऐलान किया था, जिसके बाद आज के ट्रेडिंग सेशन में शेयर में भारी गिरावट देखने को मिली है”

मुम्बई/नई दिल्ली, देश की सबसे बड़ी ऑयल एंड गैस प्रोडक्शन कंपनी ओएनजीसी (ONGC) के शेयर में आज के ट्रेडिंग सेशन में जोरदार दबाव देखने को मिला है. ONGC के शेयर में आज यानी बुधवार (30 मार्च) के कारोबारी सेशन के दौरान लगभग 5 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली है, बता दें कि हाल ही में सरकार ने OFS के जरिए इस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने का ऐलान किया था, जिसके बाद आज के ट्रेडिंग सेशन में शेयर में भारी गिरावट देखने को मिली है | ONGC में सरकार अपनी 1.5 फीसदी तक हिस्सेदारी बेच रही है और ये डील 3000 करोड़ रुपए की मानी जा रही है, सरकार की बिक्री पेशकश (ONGC stake sale offer) 30 मार्च को खुलेगी और 31 मार्च को बंद होगी |

7% डिस्काउंट के साथ मिल रहा ऑफर

बिक्री पेशकश के लिए मूल्य 159 रुपये प्रति शेयर रखा गया है. ओएनजीसी ने मंगलवार को शेयर बाजार से कहा कि यह मूल्य बीएसई में मंगलवार को कंपनी के शेयर के बंद भाव 171.05 रुपये के मुकाबले सात प्रतिशत कम है. सरकार की ओएनजीसी में 60.41 प्रतिशत हिस्सेदारी है. कंपनी देश के आधे तेल और गैस का उत्पादन करती है |

 

शेयर में 5% तक की गिरावट
बुधवार के कारोबारी सेशन के दौरान शेयर बाजार में जोरदार तेजी है लेकिन ONGC के शेयर में काफी दबाव देखने को मिल रहा है. बुधवार के दिन ये शेयर करीब 5 फीसदी तक गिरा है और आज के निचले स्तर यानी कि 162.85 को भी छुआ. बता दें कि OFS के जरिए सरकार की ओर से कंपनी में अपना हिस्सा बेचने की खबर के बाद शेयर में इतना करेक्शन देखने को मिला है |

ओएनजीसी पर ब्रोकरेज की राय
ओएनजीसी के शेयर में करेक्शन और सरकारी हिस्सेदारी बेचने के ऐलान के बाद भी ब्रोकरेज हाउस इस शेयर पर बुलिश हैं और यहां खरीदारी की सलाह दे रहे हैं. ब्रोकरेज कंपनी Morgan Stanley ने इस शेयर पर OverWeight की रेटिंग दी है और यहां 263 रुपए का टारगेट प्राइस दिया है |

 

इसके अलावा Macquarie ने इस शेयर पर आउटपरफॉर्म की रेटिंग को बरकरार रखा है और यहां खरीदारी के लिए 210 रुपए का टारगेट प्राइस दिया है, ब्रोकरेज कंपनी की राय के मुताबिक, कंपनी के शेयर में पैसा लगाने पर निवेशकों को यहां 54 फीसदी तक का रिटर्न मिल सकता है | (साभार Zee Business)

उत्तराखंड को बनायेंगे पर्यटन का उत्कृष्ट डेस्टिनेशन: महाराज

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‘सड़कों के निर्माण में भी आयेगी तेजी, पंचायतों में रिक्त पदों को शीघ्र भरा जायगा’

देहरादून, प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, पंचायतीराज, संस्कृति, धर्मस्व, ग्रामीण निर्माण, जलागम प्रबंधन एवं भारत नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनाऐं मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि पंचायती राज ‘त्रिस्तरीय पंचायत (ग्राम पंचायत, विकासखण्ड, जिला पंचायत) को सुदृढ बनाने हेतु मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जायगी। सड़कों के निर्माण कार्य में और अधिक तेजी लाई जाएगी। उत्तराखंड को पर्यटन का उत्कृष्ट डेस्टिनेशन बनाया जाएगा।

प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, पंचायतीराज, संस्कृति, धर्मस्व, ग्रामीण निर्माण, जलागम प्रबंधन एवं भारत नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजनाऐं मंत्री सतपाल महाराज ने बुधवार को अपने अधीनस्थ मंत्रालयों के क्रियाकलापों की जानकारी देते हुए में कार्य संस्कृति विकसित करने के साथ-साथ तेजी से विकास कार्यों को प्राथमिकता देने की बात कही है।

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड को पर्यटन की दृष्टि से उत्कृष्ट डेस्टिनेशन बनाने का प्रयास किया जाएगा। शाक्त, शैव, वैष्णव, गोलज्यू देवता, नाग देवता, नवग्रह सर्किट के अलावा अन्य सर्किटों का विस्तार किया जाएगा और कोरोनाकाल के दौरान सर्किट के निर्माण में आई धीमी रफ्तार में तेजी लाएगी जायेगी। चार धाम के साथ-साथ अन्य धार्मिक स्थलों को भी विकसित किया जाएगा।

पर्यटन मंत्री श्री महाराज ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के कि सपनों को साकार करते हुए उनके विचारों के अनुरूप समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक योजनाएं पहुंचाने का काम किया जाएगा। सीमांत क्षेत्रों के गांव में पर्यटन गतिविधियां बढ़ाकर पलायन को रोकने का प्रयास किया जाएगा।

पंचायती राज मंत्री ने कहा कि भारत गांवों में बसता है इसलिए प्रदेश में पंचायती राज, त्रिस्तरीय पंचायत (ग्राम पंचायत, विकासखण्ड, जिला पंचायत) को सुदृढ बनाने हेतु मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जायगी। उन्होने कहा कि पंचायतों में अवर अभियन्ता, ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास, अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी के रिक्त पदों को शीघ्र भरा जायगा। पंचायतों में डाटा एण्ट्री ऑपरेटरों की नियुक्तियां की जाएगी। पंचायतों में अच्छे आदर्श स्कूल, अस्पताल खोले जाएंगे, जिससे पलायन पर रोकथाम हो सके। पंचायत में आजीविका संवर्धन हेतु आवश्यक कदम उठाये जाएंगे, जिसमें कौशल एवं क्षमता विकास के प्रशिक्षण कराए जाएंगे। भौगोलिक क्षेत्रों के अनुसार पंचायतों में मूल-भूत आधारभूत ढाचा विकसित किया जाएगा। प्रदेश के सभी विकासखण्डों, ग्राम पंचायतों को पूर्णरूप से नेटवर्किंग सुविधा से परिपूर्ण किया जाएगा।

लोक निर्माण मंत्री श्री महाराज ने कहा कि प्रदेश में सड़कों के निर्माण एवं सुधारीकरण कार्यों में तेजी लाई जाएगी गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाएगा और अधूरे कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाएगा।

संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश में सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ ढोल सागर को “गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड” में लाने का प्रयास किया जाएगा।

पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड़ अशोक कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण से की शिष्टाचार भेंट

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देहरादून, उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने आज विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण से विधानसभा परिसर स्थित उनके कार्यालय कक्ष में शिष्टाचार भेंट की साथ ही बधाई एवं शुभकामनाएं दी| इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने बेहतर काननू व्यवस्था के लिए पुलिस की तारीफ की, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा के लिए और कड़े कदम उठाने की बात कही।
उत्तराखंड राज्य की प्रथम महिला विधानसभा अध्यक्ष ने पुलिस महानिदेशक के साथ बातचीत में कहा कि महिला सुरक्षा हमारी सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। महिला अपराधों को लेकर अधिक सतर्कता बरतने की अवश्यकता है|इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महिलाओं से जुड़े मामलों में कोई लापरवाही न बरती जाए, महिलाओं की ओर से की गई छोटी से छोटी शिकायत को संज्ञान में लेकर संवेदनशीलता के साथ त्वरित कार्रवाई की जाए| वहीं पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने भी विधानसभा अध्यक्ष से महिलाओं के लिए कानून व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए आश्वस्त किया|