Monday, April 28, 2025
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पं. जयतीर्थ मेवुंडी का दून पुस्तकालय में हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन और व्याख्यान

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देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र एवं स्पिक मैके की और से मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम में हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन और उस विषय पर व्याख्यान के रूप में पं. जयतीर्थ मेवुंडी ने शानदार प्रस्तुति दी. यह कार्यक्रम दून पुस्तकालय के सभागार में किया गया. इस कार्यक्रम में पं. जयतीर्थ मेवुंडी के साथ संगतकार के तौर पर हितेंद्र दीक्षित ने तबले पर और अदिति गराडे ने हारमोनियम पर साथ दिया l
पं. जयतीर्थ मेवुंडी ने बहुत सुंदर राग में …’रे मन भज राम नाम…. निश दिन’, झप ताल पर दस मात्रा की ताल में एक बंदिश, और दो भजन ‘जागो मोहन प्यारे’ व सांवली सूरत तोरे मन में भावे’ सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया, कार्यक्रम के आरम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के अध्यक्ष प्रोफेसर बी के जोशी ने कलाक़ारों व उपस्थित लोगों का स्वागत किया और आभार व्यक्त किया l
उल्लेखनीय है कि डॉ. जयतीर्थ मेवुंडी जी किराना घराने के अग्रणी गायकों में से एक हैं और वर्तमान में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में अग्रणी व्यक्ति हैं। हुबली-धारवाड़, कर्नाटक की पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले डॉ. जयतीर्थ मेवुंडी का पालन-पोषण सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जीवंत वातावरण में हुआ। उनकी संगीत यात्रा पंडित अर्जुनसा नाकोद के अधीन शुरू हुई और पंडित श्रीपति पडेगर द्वारा परिष्कृत की गई, जो महान भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी के प्रमुख शिष्य थे। ये आकाशवाणी और दूरदर्शन के ‘ए टॉप’ ग्रेड के कलाकार हैं।
इन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, संतवाणी और दसवाणी में अपनी शक्तिशाली तथा भावपूर्ण प्रस्तुतियों के लिए अच्छी खासी प्रशंसा अर्जित की है।
इनका साथ तबले पर साथ देने वाले हितेन्द्र दीक्षित आकाशवाणी और दूरदर्शन के ए-ग्रेड कलाकार हैं। वहीं हारमोनियम पर अदिति गराडे एक समर्पित और बहुमुखी संगीतकार हैं.इन्हें विविध प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं में मान्यता मिली है।
यहां बताते चलें कि स्पिक मैके युवाओं में भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए स्वैच्छिक आंदोलन है चलाता रहता है,जिसकी स्थापना 1977 में आईआईटी-दिल्ली के प्रोफेसर-एमेरिटस डॉ. किरण सेठ ने की थी, जिन्हें 2009 में कला में उनके योगदान के लिए ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया था। पिछले 47 वर्षों से, स्पिक मैके ने स्कूलों, कॉलेजों और व्यावसायिक संस्थानों में प्रसिद्ध कलाकारों के संगीत कार्यक्रमों, व्याख्यान प्रदर्शनों के माध्यम से हजारों छात्रों को भारतीय शास्त्रीय संगीत, नृत्य, लोक कला, शिल्प और लोक रंगमंच के विभिन्न रूपों से अवगत कराया है।
उत्तराखंड में स्पिक मैके व्याख्यान और कार्यशाला प्रदर्शन के माध्यम से 750 से अधिक प्रोग्रामर तक पहुँच चुके हैं। देहरादून के लगभग सभी स्कूलों ने एक या एक से अधिक कार्यक्रम किए हैं और हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक स्कूल इसमें भाग लें।
अंजलि भरथरी, महासचिव, स्पिक मैके, उत्तराखंड ने कहा कि यह युवाओं के लिए एक आंदोलन है और दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के माध्यम से हम अपने शास्त्रीय कला रूपों को युवाओं तक पहुँचाना चाहते हैं l
स्पिक मैके की अध्यक्ष विद्या वासन ने कहा कि यह आंदोलन अपने कार्यक्रताओं के कंधों पर ही टिका है जो कार्यक्रमों के आयोजन में निस्वार्थ भाव से काम करते हैं l
कार्यक्रम के दौरान दून पुस्तकालय के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी, बिजू नेगी, हिमांशु आहूजा, नरेन्द्र सिंह रावत, सुन्दर सिंह बिष्ट, शैलेन्द्र नौटियाल, जगदीश सिंह महर, आलोक सरीन, दर्द गढ़वाली, भरत सिंह रावत सहित शहर के अनेक प्रबुद्ध लोग,संगीत प्रेमी,रंगकर्मी, लेखक, युवा पाठक व स्कूली छात्र उपस्थित रहे l

शॉर्ट टर्म बिजली खरीद पर रोक बनी चुनौती, समाधान की तलाश में जुटा यूपीसीएल

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देहरादून, विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी नए टैरिफ ऑर्डर के तहत यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड) को शॉर्ट टर्म अवधि के लिए बाजार से बिजली खरीदने पर पांच प्रतिशत की सीमा तय कर दी गई है। यूपीसीएल अब बाजार से कुल आवश्यक बिजली का केवल 5% ही शॉर्ट टर्म बेसिस पर खरीद सकेगा। इससे अधिक बिजली खरीदना प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिससे निगम की लचीलापन क्षमता प्रभावित हो सकती है। खासकर गर्मी और सर्दी के पिक सीजन में जब बिजली की खपत अचानक बढ़ जाती है, तब यह सीमा बड़ी चुनौती बन सकती है। नियामक आयोग का मानना है कि शॉर्ट टर्म खरीद की अधिकता से बिजली की दरें बढ़ती हैं, जिससे उपभोक्ताओं पर भार पड़ता है। यूपीसीएल अधिकारियों के अनुसार यह सीमा निगम के लिए वित्तीय और आपूर्ति दोनों स्तर पर चुनौतीपूर्ण हो सकती है। वर्तमान में निगम बाजार से समय-समय पर बड़ी मात्रा में शॉर्ट टर्म बिजली खरीदता रहा है, खासकर जब हाइड्रो उत्पादन कम होता है या मांग अचानक बढ़ जाती है। अब निगम इस बाधा से बाहर निकलने के लिए दीर्घकालिक समझौतों की समीक्षा और बिजली मांग के पूर्वानुमान को और सटीक बनाने की रणनीति पर काम कर रहा है।
आपको बता दे कि यूपीसीएल इस साल 1804.6 करोड़ यूनिट बिजली आपूर्ति करेगा। हर साल आमतौर पर 80 प्रतिशत बिजली तो राज्य, केंद्रीय पूल, दीर्घकालीन अवधि, लघु अवधि के टेंडर से उपलब्ध कराई जाती है। बाकी 20 प्रतिशत बिजली शॉर्ट टर्म अवधि की होती है जिसकी आपूर्ति इंडियन एनर्जी एक्सचेंज या शॉर्ट टर्म टेंडर से की जाती है। नियामक आयोग ने इस 20 प्रतिशत को घटाकर पांच प्रतिशत यानी करीब 90 करोड़ यूनिट कर दिया है। बाकी 15 प्रतिशत यानी करीब 270 करोड़ यूनिट बिजली की उपलब्धता अब यूपीसीएल के लिए मुसीबत बन सकता है।

किस वर्ष कितनी बिजली शॉर्ट टर्म में खरीदी गयी,
वर्ष बिजली करोड़ यूनिट में

2022-23- 272.26
2023-24- 360.56
2024-25- 230.39 (दिसंबर 24 तक)

यूपीसीएल ने इस वर्ष 261 करोड़ की जताई थी जरूरत

वर्ष बिजली करोड़ यूनिट में
2025-26- 261.29
2026-27- 308.29
2027-28- 372.53

टेंडर बार-बार, कंपनियों को नहीं ऐतबार :

नियामक आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह बिजली 25 वर्ष के दीर्घकालीन पीपीए या 10 वर्ष के लघु अवधि के टेंडर से ली जाए। यूपीसीएल के निदेशक परियोजना अजय कुमार अग्रवाल जनसुनवाई में बता चुके हैं कि नौ बार दीर्घकालीन अवधि की खरीद के लिए टेंडर निकाले गए, लेकिन कोई कंपनी आने को तैयार नहीं हुई। लघु अवधि के लिए भी यूपीसीएल को कंपनियां नहीं मिल रही हैं। बीते दिनों में केवल एक 200 मेगावाट का सौर ऊर्जा परियोजना का पीपीए ही हो पाया है, जो कि टीएचडी के पीएसपी प्रोजेक्ट के लिए है।

आई.आई.टी. दिल्ली, बिगशिप टेक्नोलॉजीज एवं जी.आर. डी. मिलकर करेंगे बौद्धिक संपदा नवाचार और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य

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देहरादून  – राजधानी के प्रतिष्ठित मैनेजमेंट एवं इंजीनियरिंग कॉलेज गुरु राम दास इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी देहरादून में बौद्धिक संपदा नवाचार और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया ! जिसमे विभिन्न कॉलेजो एवं रिसर्च इंस्टिट्यूट के लगभग 100 प्रतिभागियो ने हिस्सा लिया !

कार्यशाला का उद्घाटन संस्थान के वाईस चेयरमैन सरदार इंदरजीत सिंह, सरदार प्रबजी ओबेराय, महा निदेशक डॉ. पंकज चौधरी, आई.आई.टी. रूडकी के मैनेजमेंट विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ. रजत अग्रवाल, बिगशिप टेक्नोलॉजीज के संस्थापक श्री अंकित जैन, गौरव जैन, मुख्य वित्त अधिकारी, नवाचार और प्रौद्योगिकी फाउंडेशन, आई.आई.टी. दिल्ली, श्री अंकित सक्सेना, निदेशक, डी.एस.सी.ई. फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, आई.आई.टी. दिल्ली, सुश्री रीमा मेहंदीरत्ता, पेटेंट एजेंट, आर. टी. टी. पी. ने दीप प्रज्वलित करके किया एवं बौद्धिक संपदा नवाचार और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के क्षेत्र में अपने विचार रखे एवं अनुभव साझा किये !

 

 

संस्थान के वाईस चेयरमैन सरदार इंदरजीत सिंह ने एकेडेमिया, इंडस्ट्री एवं बौद्धिक संपदा नवाचार और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को समय की जरूरत बताया !

 

 

संस्थान के महा निदेशक डॉ. पंकज चौधरी ने सभी वक्ताओं का स्वागत किया एवं बौद्धिक संपदा नवाचार और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के क्षेत्र में उनकी कड़ी मेहनत, योगदान एवं लगन की तारीफ की ! उन्होंने प्रतिभागियो से अपने नवाचार के माध्यम से देश को 2047 तक विश्वगुरु बनाने के संकल्प में सहभागिता करने का आह्वान किया एवं उत्तराखंड के सुदूर ग्रामीण एवं पर्वतीय क्षेत्रों के आम जन मानस को भी आधुनिक भारत में हो रही टेक्नोलॉजी क्रांति में सम्मलित करने हेतु दिन रात मेहनत करने की शपथ दिलवाई !

 

 

इस अवसर पर संसथान के वाईस चेयरमैन सरदार इंदरजीत सिंह ओबेराय, सरदार प्रबजी ओबेराय, महा निदेशक डॉ. पंकज चौधरी, आई.आई.टी. रूडकी के मैनेजमेंट विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ. रजत अग्रवाल, बिगशिप टेक्नोलॉजीज के संस्थापक श्री अंकित जैन, गौरव जैन, मुख्य वित्त अधिकारी, नवाचार और प्रौद्योगिकी फाउंडेशन, आई.आई.टी. दिल्ली, श्री अंकित सक्सेना, निदेशक, डी.एस.सी.ई. फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, आई.आई.टी. दिल्ली, सुश्री रीमा मेहंदीरत्ता, पेटेंट एजेंट, आर. टी. टी. पी. शिक्षक एवं छात्र छात्राये उपस्थित रहे !

छांदस रस का सक्षम गीतकार शिवमोहन सिंह : शुक्ल

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गीतकार शिवमोहन सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित पुस्तक ‘लोकमंगल का गीत सर्जक- शिवमोहन सिंह’ का हुआ लोकार्पण

 

देहरादून, सुप्रसिद्ध गीतकार शिवमोहन सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित पुस्तक ‘लोकमंगल का गीत सर्जक- शिवमोहन सिंह’ का सोमवार को हिंदी भवन में लोकार्पण किया गया। उद्गार साहित्यिक एवं सामाजिक मंच देहरादून के तत्वावधान में मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी, मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूड़ी, हिंदी-संस्कृत की विदुषी डॉक्टर सुधारानी पांडे

वरिष्ठ साहित्यकार एवं प्रख्यात ऑर्थोपेडिक सर्जन पद्मश्री डॉ. बी.के.एस. संजय, विमोचित ग्रंथ के संपादक और वरिष्ठ साहित्यकार असीम शुक्ल एवं हिंदी साहित्य समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. रामविनय सिंह ने इस पुस्तक का लोकार्पण किया।

कार्यक्रम की शुरुआत कवयित्री महिमा श्री ने मां सरस्वती की वंदना से की। इसके बाद अतिथियों ने शिव मोहन सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा की। इस मौके पर इस ग्रंथ के संपादक और वरिष्ठ साहित्यकार असीम शुक्ल ने कहा कि हिंदी साहित्य जगत को छांदस रस का एक और गीतकार शिव मोहन सिंह के रूप में मिल गया है। कहा कि जितने भी विद्वानों ने शिवमोहन जी के गीत संग्रहों की अपनी वैचारिकता से विवेचना की है उन्होंने गीत के विविध पक्षों, आयामों और काव्य के लक्षणों की कसौटी पर गीत के धर्म पक्ष को दृढ़ता प्रदान की है। ‘तन्मे मन:शिव संकल्पमस्तु’ से संकल्पित शिव सरीखे शिवमोहन की कविताएँ सामाजिक संदर्भों में बड़ी प्रासंगिक हैं। वह समाज के अनछुए प्रसंगों को अपनी कल्पना के उड़ान से बहुत दूर तक ले जाने में समर्थ हैं। यह अभिनंदन ग्रंथ हिंदी के प्रबुद्ध पाठकों तथा शोधार्थियों के लिए निश्चित रूप से उपयोगी सिद्ध होगा।

मुख्य अतिथि अनिल रतूड़ी ने कहा कि शिवमोहन सिंह की कविताएँ सामाजिक संदर्भों में प्रासंगिक हैं। यह पुस्तक पाठकों के लिए अवश्य उपयोगी सिद्ध होगी। राधा रतूड़ी जी ने कहा कि शिवमोहन निरंतर अपनी लेखनी के माध्यम से समाज को एक सकारात्मक संदेश दे रहे हैं। पद्मश्री डॉ. बी. के. एस. संजय ने कहा कि शिव मोहन जैसे प्रतिभाशाली साहित्यकार के विषय में लिखा जाना स्वाभाविक और आवश्यक भी है। विद्वान लेखकों समीक्षकों के विचारों से परिपूर्ण आलेखों का संकलन एवं संरक्षण किया जाना एक सराहनीय कार्य है ।

प्रोफेसर डॉ. राम विनय सिंह ने कहा कि शिव मोहन सिंह का रचना धर्म अत्यंत संयत, सुव्यवस्थित और सतत् उत्कर्षाभिमुख है । निस्संदेह आपने अपनी रचनाशीलता से हिंदी साहित्य को समृद्ध किया है और नई पीढ़ी को चिंतन के लिए अभिनव मार्ग दिए हैं। अनेक युवा रचनाकार आपके द्वारा प्रशस्त पथ पर अपने सृजन को गति दे रहे हैं।

अध्यक्षता करते हुए डॉ. सुधारानी पांडे ने कहा कि शिवमोहन सिंह घर परिवार समाज और राष्ट्र के साथ जीवन धर्म निर्वाह करते हुए ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की युक्ति को भी सार्थक करने में सफल रहे हैं। नई आशाओं संवेदनाओं संभावनाओं के स्वरों का संधान करने वाले शिवमोहन सिंह नई सदी के कृति साधक शिवमोहन सिंह की साहित्य साधना अविराम गतिमान रहे।

इससे पहले गीतकार शिव मोहन सिंह ने कहा कि जिन विद्वानों ने अपना बहुमूल्य समय निकालकर मेरी पुस्तकों को पढ़ा और अपने विचारों को लिपिबद्ध किया है उनका मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ । उनके शब्द मेरे लिए मूल्यवान हैं। यशस्वी संपादक असीम शुक्ल तथा उद्गार साहित्यिक एवं सामाजिक मंच के सचिव श्री पवन शर्मा जी के प्रति भी हार्दिक आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में देहरादून शहर के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राकेश बलूनी, डॉ विद्या सिंह, केडी शर्मा, जसवीर हलधर ,श्रीकांत श्री, डॉ. उषा झा रेणु, महेश्वरी कनेरी , डॉली डबराल, डॉ. क्षमा कौशिक, दर्द गढ़वाली, डाॅ. सोमेश्वर पांडे, डॉ. सत्यानंद बडोनी, करुणा अथैया, अर्चना झा सरित, शादाब अली, डॉ. राजीव पाण्डेय, पवन कुमार सूरज, आनंद सिंह आनंद’ सहित वरिष्ठ साहित्यकार तथा गणमान्य जन उपस्थित रहे।

जयंती पर कांग्रेसजनों ने किया बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण

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(के एस बिष्ट) देहरादून, संविधान निर्माता बाबा साहेब भारत रत्न डाक्टर भीम राव अंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर आज प्रदेश कांग्रेस के दर्जनों नेताओं व कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन व प्रशासन सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में घंटाघर स्थित बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन व प्रशासन सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब भारत रत्न डाक्टर भीम राव अंबेडकर ने भारत को एक ऐसा पवित्र ग्रंथ संविधान के रूप में दिया है जिसे भारत के सभी एक सौ चालीस करोड़ लोग मानते हैं ।

उन्होंने कहा कि भारत एक बहु धर्मी बहु भाषाएं बहु संस्कृति अलग अलग खान पान अलग अलग रंग रूप वाला देश है और ऐसी विषम परिस्थितियों वाले देश के सारे जनमानस को एक सूत्र में पिरो के रखने वाला संविधान संविधान निर्माता बाबा साहेब भारत रत्न डाक्टर भीम राव अंबेडकर जैसे विलक्षण गुण वाले व्यक्ति ही बना सकते थे।

इस अवसर पर धस्माना ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब भारत रत्न डाक्टर भीम राव अंबेडकर ने जो संविधान भारत को दिया है आज कुछ विघटनकारी शक्तियां उस संविधान को बदलना ही नहीं बल्कि समाप्त हो करना चाहती हैं लेकिन कांग्रेस के कार्यकर्ता ऐसा कभी होने नहीं देंगे चाहे उसके लिए अपने प्राण न्यौछावर ही क्यों न करने पड़ें।

इस अवसर पर कांग्रेसजनों ने बाबा साहेब के बनाये हुए संविधान की रक्षा करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया।

इस अवसर पर श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष मदन लाल, सी पी सिंह, देवेंद्र सिंह, दिनेश सिंह कौशल, गगन छाछर, करण घाघट, आशीष देसाई, कैलाश वाल्मीकि, एस पी यादव आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए डॉ. बी.आर. अंबेडकर महामंच द्वारा सम्मानित किया गया

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*संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर हरिद्वार में किया गया सम्मानित* 

 

*मुख्यमंत्री के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में चिलचिलाती धूप में पहुंचे हजारों लोग।*

 

*हरिद्वार में बाबा साहब समरसता स्थल का होगा निर्माण।* 

 

*उत्तराखण्ड के दलित/अनुसूचित वर्ग/अनुसूचित जनजाति वर्ग के समाज सुधारकों के नाम पर बनेंगे बहुद्देशीय भवन।*

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए डॉ. बी.आर. अंबेडकर महामंच द्वारा हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।

 

संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर हरिद्वार में बी.एच.ई.एल मैदान में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें कि चिलचिलाती धूप में बङी संख्या में स्थानीय जनता की जोशपूर्ण मौजूदगी रही।

 

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सम्मान के लिए आभार जताते हुए कहा कि इतनी बङी संख्या में उमङी जनता से जाहिर है कि जनता ने इस साहसिक फैसले पर अपना भरोसा जता दिया है।

 

उन्होंने कहा कि यह सम्मान सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि उस विचारधारा को था जिसने वर्षों से भारतीय समाज में न्याय और समानता की आवाज़ बुलंद की है।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री धामी ने बाबा साहेब को एक युगदृष्टा बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर इस बात में विश्वास रखते थे कि जब तक देश के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार प्राप्त नहीं होते, तब तक समाज में सच्ची समानता संभव नहीं है। यही सोच थी, जिसने उन्हें समान नागरिक संहिता जैसी क्रांतिकारी अवधारणा को संविधान में स्थान देने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड सरकार ने सिर्फ एक कानून नहीं लागू किया, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।

 

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वर्षों तक बाबा साहेब की उपेक्षा की गई, उनके विचारों को हाशिए पर रखा गया, जबकि आज का भारत उनके सपनों को अपनाने की ओर अग्रसर है। यह नया भारत है — जो न सिर्फ अपनी विरासत को सम्मान देता है, बल्कि साहसिक निर्णय लेकर नए मानदंड भी स्थापित करता है।

 

सीएम ने कहा कि हरिद्वार में उमड़ी यह भीड़ केवल उपस्थित लोगों का जमावड़ा नहीं है— यह एक जनआवाज़ है, जो कह रही है कि मुख्यमंत्री धामी के फैसलों पर जनता का भरोसा है और अब यह गूंज उत्तराखंड से निकलकर पूरे देश में सुनाई दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और हमारी दृढ़ इच्छाशक्ति ने मिलकर यह ऐतिहासिक निर्णय संभव किया है।

 

उत्तराखंड आज एक बार फिर देश को दिशा दिखा रहा है — जहां समानता अब सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि कानून की शक्ल में ज़मीन पर उतर चुकी है। यह सिर्फ एक कानून लागू करने की बात नहीं, यह एक नए भारत की ओर बढ़ाया गया निर्णायक कदम है।

 

मुख्यमंत्री धामी ने आने वाले पीढ़ी को अनुसूचित समाज का उद्धार करने वाले समाजसेवकों के जीवन चरित्र और इतिहास के साथ-साथ भारतीय संविधान के बारे में जानकारी देने के लिए हरिद्वार में बाबा साहब समरसता स्थल का निर्माण किए जाने। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाने वाली एससीपी/टीएसपी योजनाओं के अन्तर्गत अनुसूचित समाज की बाहुल्यता वाले क्षेत्रों में उत्तराखण्ड के दलित/अनुसूचित वर्ग/अनुसूचित जनजाति वर्ग के समाज सुधारकों के नाम पर बहुद्देशीय भवन बनाये जाने एवं अनुसूचित समाज के कल्याण संबंधी योजनाओं व अधिकारों के प्रति हमारी आने वाली पीढ़ी को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में विशेष जन-जागरुकता कार्यक्रम अनुसूचित जाति आयोग के माध्यम से आयोजित किए जाने की घोषणा की।

 

कार्यक्रम से पूर्व बीएचईएल मैदान से केंद्रीय विद्यालय परिसर तक आयोजित रैली में हजारों की संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री पर पुष्प वर्षा कर उनका आभार व्यक्त किया।

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने डॉ बी.आर अम्बेडकर को नमन करते हुए कहा कि डॉ बी.आर अम्बेडकर ने हमारे समाज को समानता, समरसता और न्याय का मार्ग दिखाया। आज भी बाबा साहेब हमारी सामूहिक चेतना का अभिन्न हिस्सा हैं। उनका संपूर्ण जीवन ही हमारे लिए एक संदेश है। उन्होंने गुलाम भारत में जन्म लेकर अपने ज्ञान और संकल्प से स्वयं के साथ करोड़ों लोगों के जीवन को भी बलदने का काम किया है। उन्होंने अन्य लोगों को न्याय की राह दिखाई। उन्होंने कहा समाज के वंचित वर्ग को मुख्य धारा में लाने के लिए बाबा साहेब का संघर्ष हम सभी के लिए प्रेरणा है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा भारतीय संविधान के निर्माण में बाबा साहेब के योगदान के लिए हर देशवासी सदैव उनका आभारी रहेगा। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना में न्याय, स्वतंत्रता, समानता भारतीय गणराज्य के मूल स्तंभ को रखा। बाबा साहब ने ऐसे भारत की परिकल्पना की जिसमें सभी वर्गों को समान अधिकार, समान अवसर और समान गरिमा प्राप्त हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने आजादी के बाद उत्तराखंड में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू कर बाबा साहेब के सपनों के भारत के निर्माण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी ने संविधान निर्माता के रूप में समान नागरिक संहिता को संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों में सम्मिलित किया था। वो भली भांति जानते थे कि भारत और भारतीय समाज के लिए समान नागरिक संहिता बेहद आवश्यक है। उन्होंने समान नागरिक संहिता को कानूनी, सामाजिक आवश्यकता के साथ नैतिक आवश्यकता भी माना। बाबा साहेब ने हमेशा सभी जाति, धर्म के लोगों के लिए एक समान कानून की बात को प्राथमिकता दी थी। मुख्यमंत्री ने कहा समान नागरिक संहिता का उद्देश्य समाज में समुदायों के लिए अलग-अलग व्यक्तिगत कानूनों के कारण भेदभाव, असमानता और अन्याय की स्थिति खत्म करना है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब ने हमेशा समाज की प्रगति में महिलाओं की भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा राज्य में यूसीसी लागू होने के बाद महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा यूसीसी के माध्यम से उत्तराखंड की मुस्लिम बहन-बेटियों को इद्दत, बहुविवाह, बाल विवाह और तीन तलाक जैसी कुरीतियों से मुक्ति मिली है। अब किसी भी महिला को उत्तराधिकार या संपत्ति के अधिकार में भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की नीतियों और कार्यशैली में बाबा साहब के विचार दिखाई देते हैं। बाबा साहेब की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर प्रधानमंत्री ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है। सरकार द्वारा बाबा साहेब की स्मृतियों से जुड़े प्रमुख स्थलों को राष्ट्र चेतना के पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा आज़ादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ही सच्चे मन से दलितों और वंचितों के उत्थान के साथ उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का कार्य किया है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अनुसूचित वर्ग के कल्याण हेतु आम बजट में वृद्धि की है। आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। दलित उत्पीड़न कानून 1989 को केंद्र सरकार ने संशोधित कर और सख्त बनाया है। स्टैंडअप इंडिया योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, हर घर नल से जल, आयुष्मान भारत जैसी अनेकों योजनाओं में भी गरीबों, शोषितों, वंचितों, आदिवासियों और दलितों को प्राथमिकता देते हुए उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है। प्रदेश के साथ खिलवाड़ करने वाले घृणित मानसिकताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा हाल के दिनों में कुछ असामाजिक तत्व अपने राजनैतिक स्वार्थों के चलते समाज को क्षेत्रवाद और जातिवाद के नाम पर बांटने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा उत्तराखंड की एकता, अखंडता और सामाजिक समरसता पर किसी भी प्रकार की कोई आँच नहीं आएगी।

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी अनुसूचित समाज को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने हेतु हरसंभव प्रयास कर रही है। राज्य सरकार द्वारा कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चों को छात्रवृत्ति एवं राज्य में निशुल्क 15 छात्रावास, 5 आवासीय विद्यालय और 3 आईटीआई का संचालन किया जा रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग की निःशुल्क व्यवस्था भी की गई है। राज्य सरकार ने प्रदेश में जातीय भेदभाव को समाप्त करने और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अनुसूचित जाति के युवक या युवती से अंतर-जातीय विवाह करने पर 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।

 

इस अवसर पर श्री निर्मल दास महाराज, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, श्री विनोद दास, श्री उमेश कुमार, श्री रामपाल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री किरण चौधरी, मेयर किरण जैसल, दर्जा मंत्री श्री विनय रुहेला, श्री जयपाल चौहान, श्री देशराज कर्णवाल, बीजेपी जिलाध्यक्ष श्री आशुतोष शर्मा, पूर्व विधायक श्री संजय गुप्ता, श्री कुंवर प्रणव चैंपियन, पूर्व जिलाध्यक्ष श्री संदीप शर्मा, मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से कर्णप्रयाग (चमोली) में आयोजित बैशाखी धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक एवं विकास मेला-2025 को किया संबोधित

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कर्णप्रयाग (चमोली)  श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय, देहरादून से वर्चुअल माध्यम से कर्णप्रयाग (चमोली) में आयोजित बैशाखी धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक एवं विकास मेला-2025 को संबोधित किया।

 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कर्णप्रयाग में सरस्वती शिशु मन्दिर से बाजार की ओर पिण्डर नदी पर बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य करवाए जाने। कर्णप्रयाग में बाजार के समीप एक पार्किंग का निर्माण किए जाने। नंदा देवी राजजात यात्रा को देखते हुए कनखुल टैक्सी स्टैण्ड के समीप बहुमंजिला पार्किंग का निर्माण किए जाने। शिमली में मोटर पुल के समीप पार्किंग का निर्माण किए जाने। राजकीय इंटर कॉलेज से सांकरीसेरा, पलेठी एवं पाडली तक सड़क का निर्माण कराए जाने की घोषणा की।

 

मुख्यमंत्री ने डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती एवं वैशाखी पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वो स्वयं सभी के मध्य उपस्थित होकर इस विशिष्ट मेले का साक्षी बनना चाहते थे, लेकिन पूर्व निर्धारित शासकीय व्यस्तताओं के कारण वर्चुअल माध्यम से ही जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा इस प्रकार के मेले क्षेत्र की आर्थिकी को मजबूत करने के साथ प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने का काम करते हैं। मेले हमारे समाज को जोड़ने के साथ ही लोक कलाकारों को एक सम्मानित मंच भी प्रदान करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार आपदा पीड़ित परिवारों के साथ हर कदम पर खड़ी है। उन्होंने कहा आपदा पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।

 

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश के चहुँमुखी विकास हेतु निरंतर कार्य कर रही है। चारधाम सड़क परियोजना, विभिन्न पर्वतीय नगरों को हेली सेवा से जोड़ना, सरकारी हेली एंबुलेंस की शुरुआत, एवं प्रदेश के कोने-कोने में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और पेयजल से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कार्य तेजी से आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के पूर्ण होने से पहाड़ों में रेल पहुंचाने का सपना भी साकार होने जा रहा है। जिससे कर्णप्रयाग सहित पूरे क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं बढ़ेंगी।

 

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार विकास कार्यों के साथ प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में कार्य कर रही है। केदारनाथ धाम में करोड़ों की लागत से वृहद स्तर प पुनर्विकास के कार्य किए जा रहे हैं । बद्रीनाथ धाम में 424 करोड़ रूपए की लागत से मास्टर प्लान के अंतर्गत विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। बाबा केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे निर्माण की भी स्वीकृति भारत सरकार से प्रदान हो गई है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष कर्णप्रयाग के नौटी गांव से मां नंदा देवी की राजजात यात्रा प्रारंभ होगी, जिसके लिए राज्य सरकार अभी से तैयारियों में जुट गई है। उन्होंने कहा इस बार की राजजात यात्रा को हम सब मिलकर और अधिक भव्य और दिव्य रूप में मनाएंगे। पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य गतिमान है। एक जनपद-दो उत्पाद योजना, लखपति दीदी योजना के माध्यम से प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं, एवं पर्यटन और कृषि क्षेत्र में भी नई संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं।

संस्कृत व संस्कृति के संवर्द्धन को समर्पित रहा स्वामी शंभूदेव जी महाराज का जीवन : मदन कौशिक

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हरिद्वार, (कुलभूषण)। उत्तरी हरिद्वार की प्रख्यात धार्मिक संस्था श्री जगदीश आश्रम में संस्था के परमाध्यक्ष महंत स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री के संयोजन में ब्रह्मलीन स्वामी पं. शंभूदेव जी महाराज की 50वीं पुण्यतिथि श्रद्धाभाव के साथ आयोजित की गयी। तीन दिवसीय गुरुजन स्मृति समारोह की अध्यक्षता म.मं. स्वामी अनन्तानन्द जी महाराज व संचालन रविदेव शास्त्री ने की।
इस अवसर पर आचार्य गरीब दास जी की अखण्ड वाणी का पाठ व संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। संत सम्मेलन में संत समाज ने स्वामी शंभू देव महाराज को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जगदीश आश्रम के वर्तमान महंत स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री के प्रति मंगलकामनाएं प्रकट की।
पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, विधायक मदन कौशिक ने कहा कि स्वामी पं. शंभूदेव जी महाराज का समूचा जीवन संस्कृत व संस्कृति के संवर्द्धन को समर्पित रहा। उन्होंने कहा कि स्वामी पं. शंभूदेव जी महाराज की स्मृति को चिरस्थायी बनाने हेतु उनके शिष्य ब्रह्मलीन स्वामी शांतानंद जी महाराज ने उनकी स्मृति में स्वामी शम्भुदेव संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना की। स्वामी शंभू देव जी महाराज संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान थे। उन्होंने संस्कृत के प्रचार-प्रसार में जो योगदान दिया, वह अविस्मरणीय रहेगा। उन्हांेने सदैव सनातन संस्कृति के उन्नयन हेतु कार्य किया।
अध्यक्षीय सम्बोधन में म.मं. स्वामी अनन्तानन्द जी महाराज ने कहा कि स्वामी पं. शंभूदेव जी महाराज व स्वामी शातानन्द शास्त्री जैसी विभूतियों ने इस संस्था को परोपकार व धार्मिक कार्यों के लिए सदैव समर्पित रखा। उनके सुयोग्य शिष्य स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री पूर्ण मनोभाव से सेवा प्रकल्पों का संचालन कर रहे हैं।
स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज व म.मं. स्वामी ललितानन्द गिरी जी महाराज ने कहा कि अपने गुरुजनों की परम्परा पर चलते हुए स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री निरन्तर धार्मिक, सामाजिक गतिविधियों व सेवा प्रकल्पों का संचालन कर रहे हैं। उन्होंने अपनी कुशल कार्यशैली से संस्था को ऊंचाईयों तक पहुंचाने का कार्य किया है।
इस अवसर पर भाजपा नेता अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि श्री जगदीश आश्रम की धार्मिक परंपराओं व समाजहित के कार्य को आगे बढ़ाने का काम स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री महाराज निरन्तर कर रहे हैं। उन्होंने अपने गुरुदेव स्वामी शांतानंद जी महाराज के पद चिन्हों पर चलते हुए सेवा कार्यों की मिसाल कायम की है। वर्तमान में प्रतिदिन निराश्रित लोगों को भोजन वितरण करने का जो महान कार्य कर रहे हैं, वह जगदीश आश्रम की समाज सेवा की परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य है।
गुरुजन स्मृति समारोह में आए हुए श्रद्धालु भक्तों, संत समाज का स्वागत करते हुए जगदीश आश्रम के वर्तमान गद्दी नशीन महंत स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री महाराज ने कहा कि गुरुदेव ने अपने जीवन काल में धर्म संस्कृति के प्रचार-प्रसार में जो कार्य किया है वह आने वाली पीढ़ी के लिए प्रकाश स्तम्भ बनकर उनका मार्गदर्शन करेगी। उन्होंने स्वामी पं. शम्भुदेव जी महाराज व स्वामी शांतानंद शास्त्री महाराज के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि सद्गुरुदेव स्वामी शांतानंद शास्त्री जी महाराज के जीवन काल में संस्था ने उत्तरोत्तर वृद्धि की है। मीरा चेतन आतिथेयम्, श्री स्वामी शंभु देव संस्कृत महाविद्यालय सहित हरियाणा, पंजाब में अनेकों संस्थाएं स्थापित की गई, जो धर्म सेवा का कार्य कर रही है। अपने गुरुजनों द्वारा स्थापित उच्च परम्पराओं का वह सदैव निर्वाह करेंगे।
इस अवसर पर महंत दुर्गादास, स्वामी आनन्द बल्लभ शास्त्री, महंत मोहन सिंह, स्वामी विवेकानन्द, आचार्य सूर्यदेव, महंत नित्यानन्द, स्वामी कमलानन्द, स्वामी धर्मदास, स्वामी रामानन्द, स्वामी कमल मुनि, स्वामी अमृतानन्द, महंत शुभम, महंत शिवम वशिष्ठ, स्वामी चिदविलासानन्द सरस्वती, महंत जमुनादास, महंत सुतीक्ष्ण मुनि, स्वामी केशवानन्द, संत हिमांशु, स्वामी ओमानन्द, स्वामी कृष्णदेव जी महाराज, महंत दिनेश दास, स्वामी प्रकाशानन्द जी महाराज, प्रहलाद दास जी, विदित शर्मा, पार्षद आकाश भाटी, व्यापारी नेता सुनील सेठी, डॉ. डी. एन. बत्रा, दीपांशु विद्यार्थी, सुखेन्द्र तोमर, हरपाल सिंह उप्पल, राहुल बंसल, राघव ठाकुर समेत ट्रस्टीगण व देश भर से आये हुए श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।

2 मई को खुलेंगे भगवान तुंगनाथ के कपाट, 30 अप्रैल को मक्कू से करेगी डोली प्रस्थान

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रुद्रप्रयाग(देवेंन्द्र चमोली)- पंच केदारों में एक तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ जी के कपाट खुलने की तिथि आज बैशाखी के पावन पर्व घोषित हो गयी। भगवान तुंगनाथ के कपाट 2 मई को देश विदेश के श्रद्धालुओं के लिये खोल दिये जायेगें।

बैसाखी के पावन पर्व पर मर्केटेश्वर मन्दिर मक्कूमठ मैं तुंगनाथ जी के तीर्थ पुरोहितों के द्वारा पंचाग गणना के उपारान्त ग्रीष्म काल के लिये तुंगनाथ के कपाट खुलने की तिथि घोषित की गयी।

कार्यक्रम के अनुशार भगवान जी की चल विग्रह उत्सव डोली 30 अप्रैल 2025 को मर्केटेश्वर मन्दिर प्रांगण से भूतनाथ मन्दिर मक्कू मैं रात्रि विश्राम करेगी। इस अवसर पर पुणखी नामक स्थान पर सभी गाँव वासियों के द्वारा भगवान जी के लिये भोग बनाया जाता हैं जिसमें पूरी,पकोड़ी,लाल चावलों का भात, चौंसा आदि बनाया जाता हैं इस दिन मेला भी लगता हैं। 1मई को डोली चोपता रात्रि विश्राम के लिये रवाना होगी, 2 मई को बाबा के कपाट सभी भक्तों के लिये शुभ मुहूर्त में लग्नानुशार वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बाबा तुंगनाथ के कपाट खोले जायेंगे। ग्रीष्म काल मे 6 माह तक बाबा की पूजा अर्चना यही पर होगी।

स्मार्ट मीटर लगने के बाद 12 दिन का बिल आया 46.60 लाख, विभाग ने मानी गलती, जांच शुरू

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नैनीताल, उत्तराखंडं उर्जा विभाग के कारण एक उपभोक्ता बिल इतना अधिक आया कि वह हकबका रहा गया, एक ओर जहां विभाग स्मार्ट मीटर को लेकर लोगों को जागरुक कर रहा है वहीं दूसरी तरफ स्मार्ट मीटर के कारण लोगों का समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला हल्द्वानी मे सामने आया है। यहां स्मार्ट मीटर लगाने के बाद एक उपभोक्ता का 10 दिन का बिल 46 लाख 60 हजार रुपए आया जिसे देखकर उपभोक्ता दहल गया। मामले की शिकायत जब विभाग से की गयी तो उनके द्वारा दलील दी गयी कि ऐसा पुराने मीटर की रीडिंग एलईडी के फॉल्ट के वजह हुआ है। जिसकी जांच करायी जा रही है।

आपको बता दें कि हल्द्वानी नगर निगम के वार्ड संख्या 43 अरावली वाटिका छड़ैल निवासी हंसा दत्त जोशी ने 24 मार्च को स्मार्ट मीटर लगाया। लेकिन 12 दिन बाद 8 अप्रैल को जब स्मार्ट मीटर से पहला बिल आया तो वह दहल गये। क्याेंंकि मात्र 12 दिनों का बिल 46 लाख 60 हजार रुपए का था। जबकि पुराने मीटर के हिसाब से उनका बिल करीब 800 रुपए मासिक आता था। हंसा दत्त जोशी ने मामले की शिकायत ऊर्जा निगम के अधिकारियों से की। हंसा दत्त जोशी ने बताया कि महीना भर पहले ही कुछ कर्मचारी उनके घर पर आकर स्मार्ट मीटर लगा गए थे। जब उनका ऑनलाइन बिजली का बिल आया। यह बिल 46 लाख 60 हजार से अधिक था। मामले में अधीक्षण अभियंता विघुत विभाग नवीन मिश्रा ने बताया कि 24 मार्च को पुराना विघुत मीटर बदलकर स्मार्ट मीटर लगाया गया था। पुराने मीटर की एलईडी खराब होने के चलते मीटर रीडिंग में गड़बड़ी हुई है। पुराने बिल में 339 रीडिंग थी जिसे एलईडी खराब होने के कारण 7 लाख 339 दर्ज किया गया और उसी आधार पर 46 लाख का बिल जेनरेट हो गया। विभाग ने कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है।