Monday, April 28, 2025
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एलिबेटेड रोड़ परियोजना में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन करे राज्य सरकार

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“बस्ती बचाओ आन्दोलन के बैनर तले प्रभावितों ने प्रर्दशन के माध्यम मुख्यमंत्री को 13 हजार हस्ताक्षरों का ज्ञापन दिया”

देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), ‘बस्ती बचाओ आन्दोलन’ के वैनर तले प्रभावितों द्वारा बुधवार को जिला मुख्यालय पर आयोजित प्रदर्शन के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम 13 हजार हस्ताक्षरों का ज्ञापन प्रेषित किया । ज्ञापन जिलाधिकारी की ओर से उपजिलाधिकारी सदर श्री हरिगिरी ने लिया तथा प्रदर्शनकारियों को आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया । प्रदर्शनकारियों ने बस्तिवासियों के पक्ष में न्यायोचित कार्यवाही कि मांग की ।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा धामी सरकार द्वारा एलिबेटेड रोड़ बनाने का फैसला, एनजीटी में कमजोर पैरवी तथा हाईकोर्ट में बस्तियों के पक्ष में समुचित पैरवी नहीं की जा रही है फलस्वरूप बस्तियों में रहने वाले लोग अपने भबिष्य के प्रति आंशकित है ।वक्ताओं ने कहा कि यह संज्ञान में है कि तरह तरह से भ्रम एवं बस्तिवासियों को सही जानकारी नहीं दी जा रही है ।
वक्ताओं ने कहा सरकार को प्रभावितों के बिस्थापन ,पुनर्वास तथा मुआवजा के सन्दर्भ में सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए किन्तु सरकार ऐसा करती हुई नहीं दिख रही है
वक्ताओं ने कहा जनता की भावनाओं के विपरीत सरकार ने देहरादून की बिन्दाल ,रिस्पना तथा अनेक स्थानों में बस्तियों के बिस्थापन का ऐलान किया है ,जिसके तहत बिन्दाल,रिस्पना के ऊपर 4 लाईन एलिवेटेड रोड़ स्वीकृत की गई है ।आज हजारों परिवारों पर बिस्थापन खतरा मण्डरा रहा है ।वहीं सरकार की कमजोर पैरवी के परिणामस्वरूप एनजीटी द्वारा बस्तियों की वैधता पर प्रश्नचिन्ह लगाये गये हैं ,जिसके तहत भी उन्हें हटाने हेतु चिन्हीकरण किया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा है कि बस्तियों के सन्दर्भ में हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है । गरीब बस्तियों के सन्दर्भ में सरकार ,प्रशासन तथा याचिकाकर्ताओं के रवैया उचित नहीं है, जिन्हें केवल गरीब लोग दिखते हैं जब चाहें तब बल प्रयोग कर उन्हें बेदखल किया जाय तथा उनकी अमीरों के अकूत कब्जों पर सभी तरफ से आंखें बन्द हैं ।
वक्ताओं ने कहा है कि वोट के समय आपने, विधायकगण तथा पार्षदगण जनता के पास आकर बड़े -बड़े वायदे किये तथा बस्तियों को मालिकाना हक का वायदा किया गया । किन्तु चुनाव जीतने के कुछ दिन बाद ही गैर जरूरी एलिबेटेड रोड़ बनाने की घोषणा की जो कि देहरादूनवासियों के हितों के अनुरूप नहीं है ।
वक्ताओं ने कहा है कि सरकार प्रभावशाली लोगों के लिए मुआवजे एवं समुचित बिस्थापन की घोषणा पहले ही की जाती है ,आढ़त बाजार इसका जिता जागता उदाहरण है ।
वक्ताओं ने कहा है कि एलिवेटेड रोड़ के प्रभावितों के सन्दर्भ में सरकार एवं जनप्रतिनिधि चुपचाप हैं ।
वक्ताओं ने कहा कि जरूरी हो गया है कि सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी भी योजना को लागू करने से पहले प्रभावितों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान कि ओर सरकार को याद दिलाया जाये । वक्ताओं ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने कई मामलों में सरकार एवं आथरिटि को यह सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि सरकारी योजनाऐं, नीतियां प्रभावित व्यक्तियों और समुदायों के अधिकारों और हितों का सम्मान करें।सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिये ,जब कोई योजना या परियोजना लोगों को विस्थापित कर सकती है, तो सरकार को पुनर्वास और पुनर्स्थापन नीतियों को लागू करना चाहिए ताकि प्रभावित व्यक्तियों के जीवनस्तर में सुधार सुनिश्चित हो सके ,सरकार द्वारा प्रभावित समुदायों को योजनाओं और परियोजनाओं के बारे में पर्याप्त जानकारी और परामर्श प्रदान किया जाना चाहिए, जिससे वे अपने विचार और चिन्ताऐं व्यक्त कर सकें।सर्वोच्च न्यायालय ने प्रभावित समुदायों की सहमति और सहभागिता की आवश्यकता पर जोर दिया है, खासकर जब परियोजनाऐं उनकी जमीन, जीवन शैली या पर्यावरण को प्रभावित कर रही हों ।
वक्ताओं ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विकास और प्रगति की आड़ में नागरिकों के अधिकारों का हनन न हो और उनकी आजीविका और जीवन शैली की रक्षा हो सके ।
वक्ताओं ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी भी योजना को लागू करने से पहले सरकार को प्रभावितों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना आवश्यक है ,लेकिन सामान्य तौर पर, सर्वोच्च न्यायालय ने कई मामलों में यह सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि सरकारी योजनाऐं और नीतियां प्रभावित व्यक्तियों और समुदायों के अधिकारों और हितों का सम्मान करें। जब कोई योजना या परियोजना लोगों को विस्थापित करती हो तो सरकार को पुनर्वास और पुनर्स्थापन नीतियों को लागू करना चाहिए जो प्रभावित व्यक्तियों के जीवन स्तर में सुधार सुनिश्चित करें।
मान्यवर, सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के अनुसार सरकार, ज्ञापन में उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड तथा एनजीटी नई दिल्ली को प्रभावित नागरिकों के साथ मानवीय व्यवहार कि अपेक्षा कि है :
(1) एलिवेटेड रोड़ से उत्पन्न समस्याओं का माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के अनुरूप अक्षरश: पालन किया जाये ।
(2)सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप प्रत्येक प्रभावित को समुचित मुआवजा तथा पुर्नवास सुनिश्चित किया जाये ।
(3)एनजीटी के बेदखली के फैसले पर रोक लगाई जाये ।
(4)बस्तियों आदि के खिलाफ हाईकोर्ट उत्तराखण्ड में दायर याचिका पर सरकार जोरदार पैरवी कर बस्तियों की बेदखली रोके ।
(5)सरकार अपने वायदे के अनुरूप बस्तीवासियों को मालिकाना हक प्रदान करे ।
इस अवसर बस्ती बचाओ आन्दोलन के संयोजक अनन्त आकाश ,सीआईटियू जिलामहामन्त्रि लेखराज कांग्रेस के मण्डल अध्यक्ष मौ अल्ताफ,संजय भारती ,शम्भूप्रसाद ममगाई आदि ने विचार व्यक्त किये समापन पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवप्रसाद देवली ने किया ।इस अवसर पूर्व प्रमुख राजेन्द्र पुरोहित, नवनीत गुसांई ,प्रभात, सुरेश कुमार, विप्लव अनन्त ,राजेन्द्र शर्मा, किरन यादव ,सोनूकुमार ,बिन्दा मिश्रा, भगवन्त पयाल ,अन्जु भारती, प्रभा, सुधा देवली,सुरैशि नेगी,तमरेज,अर्जुन रावत,विनिता ,अचला ,सुमन लता ,मिना देवी,उमादेवी ,दलिप सिंह ,रामसिंह, गुरूप्रसाद,राखी ,अनिक शर्मा,सरबरी,उपेंद्र ,मुस्कान ,सुनिता ,रूकसाना, पंकज कुमार,दुर्गा ध्यानी आदि बड़ि संख्या में प्रदर्शनकारी मौजूद थे ।

अब 30 जून तक हटेगा बिंदाल नदी से अतिक्रमण, हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने पेश किया शपथ पत्र

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देहरादून, उत्तराखंड़ राज्य में नदी नालों और सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के खेल में राज्य बनने के बाद से काफी इजाफा हुआ, जिसको लेकर समय समय पर जनहित याचिकायें हाई कोर्ट में लगाई गयी, इसी को मध्यनजर राज्य हाईकोर्ट ने राजधानी दून सहित राज्य के अन्य क्षेत्रों की नदियों, नालों और खालों पर हो रहे अतिक्रमण के मामलों पर सख्ती दिखाई है। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने देहरादून की बिंदाल नदी से अतिक्रमण हटाने के लिए राज्य सरकार द्वारा दाखिल शपथ पत्र पर संज्ञान लिया। सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि 30 जून 2025 तक बिंदाल नदी से अतिक्रमण पूरी तरह हटा दिया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक कुमार मेहरा की खंडपीठ के समक्ष प्रमुख सचिव वन आर. के. सुधांशु, प्रमुख सचिव सिंचाई डॉ. राजेश कुमार, सचिव शहरी विकास नीतीश कुमार झा और सचिव राजस्व एस. एन. पांडे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए।
नैनीताल हाई कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए कि देहरादून क्षेत्र में नदियों और नालों पर बिना मानचित्र स्वीकृति के किए जा रहे सभी अवैध निर्माणों को तत्काल प्रभाव से रोका जाए। इसके अलावा, जनपद के विकासनगर क्षेत्र में प्रशासन द्वारा की गई ध्वस्तीकरण कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट 21 अप्रैल तक कोर्ट में पेश करने को कहा गया है वहीं अतिक्रमण वाले चिन्हित क्षेत्रों के मानचित्र भी कोर्ट में दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले में दायर जनहित याचिकाओं में अजय नारायण शर्मा, रेनू पाल और उर्मिला थापर ने अदालत का ध्यान दिलाया कि देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र में जलमग्न भूमि पर बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य हो रहे हैं, जिससे जल स्रोतों के सूखने और पर्यावरण को गंभीर खतरा पैदा हो रहा है।
वहीं दूसरी याचिका में ऋषिकेश में नालों, खालों और ढांग क्षेत्रों में हो रहे अवैध निर्माण और अतिक्रमण की ओर इशारा किया गया है। तीसरी याचिका के अनुसार, देहरादून में लगभग 100 एकड़, विकासनगर में 140 एकड़, ऋषिकेश में 15 एकड़ और डोईवाला में करीब 15 एकड़ क्षेत्र नदियों की भूमि पर अवैध कब्जों के अधीन है, राज्य सरकार की ओर से सचिव शहरी विकास ने कोर्ट को जानकारी दी कि एक विशेष कमेटी बनाकर इन अतिक्रमणों की पहचान की गई है। चिन्हित अतिक्रमणकारियों को नोटिस भेजे जा चुके हैं और हटाने की प्रक्रिया शुरू है। अगली सुनवाई के लिए 21 अप्रैल 2025 की तिथि निर्धारित की है, जिसमें सरकार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट और मानचित्रों का अवलोकन किया जाएगा।

आरवीएनएल ने बनाई भविष्य की राह, सबसे लंबी रेल सुरंग में बड़ी कामयाबी: केंद्रीय रेल मंत्री  

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–  ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक कुल 125 किमी लंबी रेल परियोजना
–   भारत में सबसे लंबी सुरंग उत्तराखंड के देवप्रयाग सौड़ से जनासु तक 14.49 किमी का हुआ ब्रेकथ्रू
देहरादून(आरएनएस)।  भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग का आज सफलतापूर्वक ब्रेकथ्रू हो गया है। इस अवसर पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे। रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह उत्तराखंड की 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ब्रॉड गेज रेल परियोजना से जुड़ी है। यह रेल परियोजना 105 किलोमीटर सुरंग के अंदर बनी है। इसमें ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक कुल 16 सुरंग हैं।
इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संयुक्त रूप से सुरंग स्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्यों का जायजा लिया और अधिकारियों से सुरंग की जानकारी ली। केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सुरंग के सफल ब्रेकथ्रू पर खुशी जताते हुए कहा कि यह उत्तराखंड के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए सभी रेलवे अधिकारियों, कर्मचारियों और श्रमिकों को बधाई दी। रेल मंत्री ने यह भी कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है और जल्द ही इस रेल लाइन पर संचालन शुरू होने की उम्मीद है। यह परियोजना राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों को रेल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि यह (देवप्रयाग सौड़ से जनासु तक) 14.57 किलोमीटर लंबी रेलवे सुरंग उत्तराखंड की ही नहीं बल्कि  पूरे भारत में सबसे लंबी सुरंग है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की पहल पर यह पहली बार है जब देश के पहाड़ी इलाकों में रेल सुरंग बनाने के लिए टीबीएम तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। कहा कि 9.11 मीटर व्यास वाली इस सिंगल-शील्ड रॉक टीबीएम ने काम में जो तेजी और सटीकता दिखाई है, वह वैश्विक स्तर पर एक नया मापदंड स्थापित करती है। रेल मंत्री ने कहा कि  ऋषिकेश-कर्णप्रयाग परियोजना उत्तराखंड के ऋषिकेश,  देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गौचर और कर्णप्रयाग जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगी।
रेल मंत्री ने कहा कि इस परियोजना से ऋषिकेश से कर्णप्रयाग का सफर सात घंटे से घटकर सिर्फ दो घंटे का हो जाएगा। यह हर मौसम में दूरदराज के इलाकों तक पहुंच आसान करेगा और उत्तराखंड में पर्यटन व आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। यह चार धाम रेल परियोजना को पूरा करने की दिशा में भी बड़ा कदम है। इस उपलब्धि के साथ आरवीएनएल ने भारत के सबसे मुश्किल इलाकों में आधुनिक निर्माण तकनीक में अपनी मजबूत जगह बनाई है। यह सफलता न सिर्फ एक सुरंग की कहानी है, बल्कि एक नए, मजबूत और कनेक्टेड भारत की शुरुआत है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सुरंग उत्तराखंड के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना राज्य के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में एक अहम भूमिका निभाएगी। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए आवागमन को सरल बनाएगी, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन, व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को भी एक नई गति देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को नई दिशा और गति मिली है। देवप्रयाग-सोड़ से श्रीनगर जनासु तक की यह सुरंग तकनीकी दृष्टि से भी एक बड़ी उपलब्धि है और यह दिखाती है कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हम विकास के कार्यों को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना का सर्वे भी हो चुका है जल्द ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
इस मौके पर केबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, जिलाधिकारी टिहरी मयूर दीक्षित, आरवीएनएल के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप गौर, अपर जिलाधिकारी अनिल सिंह गर्ब्याल, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक राम चंद्र शेट, जीएम उत्तर रेलवे  अशोक कुमार वर्मा, प्रबंधक निदेशक भानु प्रकाश, मुख्य परियोजना प्रबंधक आरवीएनएल अजित यादव, जीएम आरवीएनएल सुमित जैन सहित अन्य उपस्थित थे।

स्कूलों में अनियमितता की शिकायत, डीएम के निर्देशों पर जांच जारी

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 – माउंट लिट्रा, स्कॉलर्स होम स्कूल की फीस जांच में मानक से अधिक, फीस होगी कम, निर्देश जारी,
 – अभिभावकों को मिलेगी राहत, अधिक वसूली फीस, अगली किस्त में स्कूल करें समायोजित।
 – सोशियल बलूनी और चैतन्य टेक्नो स्कूल संचालक समीक्षा से रहे गायब, नोटिस जारी।
 – पूर्व निर्देशों का अनुपालन आख्या नहीं देने पर समर वैली स्कूल संचालक तलब।
 – किसी भी दुकान से खरीदें किताबें और ड्रेस, स्कूल अभिभावकों को जारी करें स्पष्ट एडवाइजरी-सीडीओ।
देहरादून।  देहरादून जनपद में संचालित निजी विद्यालयों के संबंध में सीएम हेल्पलाइन, टोल फ्री नम्बर और विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हो रही शिकायतों के निस्तारण हेतु जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशों पर सुनवाई जारी है। मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा एक-एक कर निजी स्कूलों में फीस स्टेक्चर की समीक्षा करते हुए शिकायतों का समाधान किया जा रहा है। मंगलवार को छः निजी स्कूल संचालकों को शिकायतों के निस्तारण के लिए बुलाया गया था। जिसमें सोशियल बलूनी और चैतन्य टेक्नो स्कूल द्वारा प्रतिभाग न करने पर दोनों स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है। वही समर वैली स्कूल को फीस में अधिकतम 06 प्रतिशत तक की वृद्धि के संबंध में पूर्व में जारी निर्देशों की अनुपालन आख्या उपलब्ध नहीं कराने पर स्कूल संचालक को तलब किया गया है।
स्कूल के संबंध में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण हेतु आयोजित सुनवाई में क्राइस्ट स्कूल माजरी ग्रांट डोईवाला, माउंट लिट्रा, संत कबीर और फ्लॉवर डेल स्कूल के संचालक उपस्थित रहे। इन चारों स्कूलों में शुल्क विवरण की जांच की गई। जिसमें माउंट लिट्रा स्कूल में शैक्षिक सत्र 2025-26 में मानक से अधिक फीस बृद्वि मिलने पर स्कूल संचालकों को फीस बढ़ोत्तरी अधिकतम 10 प्रतिशत तक करने की सख्त हिदायत दी गई। जबकि अन्य तीनों स्कूलों में फीस बृद्वि मानक के अनुरूप पाई गई। वही सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से स्कॉलर्स होम स्कूल की मानक से अधिक फीस बढ़ाने की शिकायत मिली। जिस पर जांच करने से पता चला कि स्कूल ने इस बार मानक से अधिक 12 प्रतिशत फीस बृद्वि की है। इस पर विद्यालय को फीस कम करने के निर्देश जारी किए गए है। साथ ही अभिभावकों से 10 प्रतिशत से अधिक वसूली गई फीस को अगली किस्त में समायोजित करने की हिदायत दी गई है। मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देशित किया कि स्कूल फीस के लिए आरटीई एक्ट और प्रोविजन के अनुसार तीन वर्षों  में अधिकतम 10 प्रतिशत तक ही फीस बढ़ाई जा सकती है। कोई भी निजी विद्यालय आरटीई एक्ट और प्रोविजन का उल्लंघन न करें।
सुनवाई के अवसर पर उपस्थित विद्यालयों को विद्यालय में प्रचलित पाठ्य पुस्तकों की सूची तथा छात्र गणवेश का व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर उसकी सूची चस्पा करने और सर्कुलर जारी करने हेतु निर्देशित किया गया, जिसमें विद्यालय की पाठ्य-पुस्तक सामग्री तथा गणवेश बाजार में अधिकतम दुकानों के माध्यम से कम दरों पर उपलब्ध हो सके। बैठक में उप जिलाधिकारी हरिगिरी, मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार ढौंडियाल एवं निजी स्कूलों के संचालन मौजूद थे।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आयकर कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन

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रुड़की(आरएनएस)।  अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामले में आरोप पत्र दाखिल किए जाने के विरोध में कांग्रेसियों द्वारा बुधवार को आयकर कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज दबाने और अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए उल्टे सीधे हथकंडे अपना रही है। इस अवसर पर एनएसयूआई जिलाध्यक्ष आशीष चौधरी,भूषण त्यागी, सतीश कुमार, विकास सैनी,अनिल पुंडीर, सुशील कश्यप मीरहसन, शमशाद अहमद, हरविंदर सिंह, वीना आनन्दी, यास्मीन खान, अजय राठौर, रिजवान, गगनदीप, मुराद आदि लोग उपस्थित रहे।

7th All India P.C. Batta Memorial Inter School Cricket Tournament 2025 Kicks Off at Kasiga School

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Dehradun:The 7th edition of the prestigious All India P.C. Batta Memorial Inter School Cricket Tournament was inaugurated today at Kasiga School, Dehradun, amidst great enthusiasm and a gathering of sports lovers.
The tournament, a tribute to the late Shri Prakash Chand Batta, was founded by Mr. Ramesh Batta, the Chairman of Kasiga School and an esteemed figure in Indian cricket with over 47 years of experience. The initiative continues to grow each year and now stands as a beacon of school-level cricket excellence.
The opening ceremony was graced by the presence of Mr. Ramesh Batta, Director Mr. Siddharth Batta, Headmaster Mr. Rashid Sharffuddin, Bursar Mr. Kamal Jindal, along with respected coaches, umpires, and enthusiastic student-athletes.
Eleven premier schools from across Uttarakhand, Maharashtra, Madhya Pradesh, and Haryana are participating this year. Group A includes Welham Boys’ School, Kasiga School, Wynberg Allen School, Tula’s School (all from Dehradun), and Woodstock School from Mussoorie. Group B features K. Birla Centre of Education, Gyan Ganga School from Pune, Scindia School from Gwalior, MNSS from Rai, and SelaQui International School (Team B).
The matches are being played on the BCCI-approved Kasiga Cricket Oval, a spectacular venue that has hosted numerous national and international matches — a fact that elevates the tournament’s significance.
In his address, Chairman and Chief Guest Mr. Ramesh Batta expressed his deep passion for cricket and urged the youth to embrace sports. He also acknowledged the advantage day schools and cricket academies have over boarding schools due to their large student strength, making team selection easier. He applauded the commitment of boarding schools and emphasized that “this tournament remains a celebration of true sportsmanship.”
Headmaster Mr. Rashid Sharffuddin, a keen advocate of student athletics, extended his appreciation to all participants. He also reminded the players that “cricket is a gentleman’s game, and we must always honour its values on and off the pitch.”
The tournament commenced with two thrilling matches — Welham Boys’ School vs. SelaQui International School in which SelaQui International School won by 44 runs, and Kasiga School vs. Woodstock School, Mussoorie. Kasiga School Beat Woodstock by 81 runs.
Man of the match Vikramaditya of Kasiga School for scoring 69 runs and taking 3 wicket
The 15-day cricketing extravaganza promises fierce competition, unforgettable moments, and the spirit of camaraderie.

गजब प्रेम की अजब कहानी : सासू पर आया दामाद का दिल, बेटी की शादी से पहले दोनों फरार

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अलीगढ़/देहरादून, प्रेम शब्द ही एक शब्द है जो अपने आप में कई रिशतों को अपने जेहन में समाहित कर लेता है, यह ऐसा गहरा रिश्ता है जो दो लोगों को एक-दूसरे के प्रति आकर्षित करता है। प्रेम जहां एक सार्थक अनुभूति है जिसके कई किस्से आपने सुने होंगे, जिसमें दोनों प्रेमी एक-दूसरे के प्यार में फागल हो जाते हैं, और एक-दूसरे के साथ खुश रहना चाहते हैं।
ऐसे ही एक ‘प्रेम’ की कहानी यूपी के अलीगढ़ जिले से सामने आई है, जनपद के मडराक थाने के अन्तर्गत घटित इस प्यार के घटनाक्रम ने सबको हैरान कर दिया है, मामला सास और दामाद के प्रेम से जुड़ा बताया जा रहा है और दोनों घर से फरार हैं।

अलीगढ़ के मडराक के एक गांव के रहने वाले जितेन्द्र की बेटी की शादी से 9 दिन पहले याने 6 अप्रैल को उसकी सगी मां अनीता देवी अपने होने वाले दामाद राहुल के साथ फरार हो गई. अब इस चर्चित सास-दामाद की जोड़ी को लेकर नई बात सामने आई है. दोनों के ठिकाना बदलने की जानकारी कल सामने आई थी, मगर, अब ये किस राज्य में छिपे हुए हैं वो भी सामने आया गया है, लेकिन अभी तक सास और दामाद का कुछ पता नहीं लग पाया ।

एक नजर प्रेम की इस कहानी पर :

मामला अलीगढ़ के मडराक थाने का है, यहां के एक गांव में रहने वाले जितेंद्र कुमार बेंगलुरु में काम करते हैं । कुछ माह पूर्व उन्होंने अपनी बेटी शिवानी का रिश्ता राहुल के साथ तय किया था, इस शादी के लिए पिता ने 5 लाख का जेवर तैयार करवाया और 3 लाख 50 हजार रुपये का भी इंतजाम किया था, मगर इस बीच दूल्हे का दिल तो अपनी सासू मां पर आ गया था. ऐसे में दोनों ने प्लान बनाया और फरार हो गए. भागने से पहले महिला ने अपनी बेटी की शादी के लिए बनवाए गहने और जमा किए धन को भी साथ ले गये। परिवार की ओर से थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई है l
पुलिस इन दोनों की तलाश में लगी है, उनकी लोकेशन को लगातार ट्रैस किया जा रहा है इस बीच पता चला था कि ये लोग उत्तराखंड के रुद्रपुर में रह रहे है, लेकिन भी यह प्रेमी जोड़ा पुलिस के हाथ नहीं लगा पाया, पुलिस लगातार तलाश में जुटी है l परन्तु यह सास दामाद का प्रेमी जोड़ा अपनी लोकेशन को बदलता जा रहा है, इस बीच मीडिया रिपोर्ट की माने तो सास दामाद की जोड़ी रुद्रपुर से भागकर गुजरात पहुंच गई है l सास और होने वाले दामाद को पकड़ने के लिए पुलिस की एक टीम गुजरात भेजी गई है, बताया जा रहा है कि सास और दामाद की बात राहुल के जीजा योगेश के जरिए ही शुरु हुई थी इसलिए राहुल के जीजा को पुलिस ने हिरासत में लिया है, उससे पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में पुलिस को कई अहम सुराग भी मिले हैं. जानकारी यह भी है कि दोनों को भगाने में राहुल के दोस्तों ने साथ भी दिया था. पुलिस उन्हें भी खोज रही है.

*पुलिस लगातार कर रही तलाश :
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वहीं पुलिस अब उत्तराखण्ड़ के बाद सास और दामाद की इस गुजरात में भी तलाश कर रही है, पुलिस के मुताबिक, सपना का होने वाला दामाद राहुल का जीजा योगेश गुजरात में काम करता था. इसलिए उसे हिरासत में लिया गया है. पुलिस को शक है कि योगेश ने उन्हें गुजरात भेज दिया होगा. पुलिस की एक टीम गुजरात भेजी गई है वहीं दोनों के ठिकाना बदलने की जानकारी से पुलिस सतर्क हो गयी और जल्द ही यह सास दामाद का प्रेमी जोड़ा पुलिस गिरफ्त में होगा l

डेंगू-चिकनगुनिया के खिलाफ राज्यभर में बहुस्तरीय अभियान शुरू

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देहरादून, डेंगू एवं चिकनगुनिया जैसे घातक संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने एक ठोस और समग्र कार्ययोजना लागू कर दी है। गर्मी और बरसात के मौसम में डेंगू व चिकनगुनिया फैलने की संभावना अधिक रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी जिलों में इन रोगों से निपटने के लिए अंतरविभागीय समन्वय, सक्रिय चिकित्सा व्यवस्थाएं, जनजागरूकता, निगरानी और फील्ड एक्शन के लिए व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
इस संपूर्ण अभियान में नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, जल निगम, शिक्षा विभाग, ग्राम्य विकास, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग सहित कई विभागों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। स्वास्थ्य सचिव डाॅ आर राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत के दिशा- निर्देशों पर स्वास्थ्य विभाग सहित सभी विभागों को अर्लट कर दिया गया है। विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी गई है। स्वास्थ्य सचिव ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि डेंगू-चिकनगुनिया से जंग में हर नागरिक की भागीदारी जरूरी है।

स्वच्छता, लार्वा नियंत्रण और जनजागरूकता पर विशेष बल

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि, “डेंगू व चिकनगुनिया जैसे मच्छरजनित रोगों की रोकथाम का पहला कदम स्वच्छता है। जब तक हम स्रोत नियंत्रण यानी सोर्स रिडक्शन नहीं करते, तब तक मच्छरों को पूरी तरह नियंत्रित नहीं किया जा सकता। इसलिए सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे लगातार सफाई अभियान चलाएं और समुदाय को भी इस प्रयास में भागीदार बनाएं।”

ब्लॉक स्तर पर माइक्रो प्लान तैयार

स्वास्थ्य सचिव डाॅ. आर राजेश कुमार ने बताया कि नगर निगमों व नगर निकायों को निर्देशित किया गया है कि वे नियमित रूप से सफाई अभियान, नाले-नालियों की सफाई, जलजमाव हटाने तथा कचरा निस्तारण पर जोर दें। सोर्स रिडक्शन के तहत आशा कार्यकर्ताओं की टीमों को प्रशिक्षित कर फील्ड में सक्रिय किया जाएगा जो घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगी। जरूरत के अनुसार फॉगिंग की कार्यवाही भी की जाएगी ताकि वयस्क मच्छरों का सफाया किया जा सके। जनजागरूकता अभियान के लिए हैंडबिल, पोस्टर, बैनर, नुक्कड़ नाटक, स्कूलों में गोष्ठियों जैसे IEC संसाधनों का भरपूर उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। सभी ब्लॉकों को माइक्रो प्लान तैयार कर राज्य एनवीबीडीसीपी यूनिट को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

अलग डेंगू वार्ड और संसाधनों की उपलब्धता

स्वास्थ्य सचिव डाॅ. आर राजेश कुमार ने बताया कि राज्य व निजी अस्पतालों में डेंगू व चिकनगुनिया रोगियों के इलाज के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार व्यवस्थाएं लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिलों में अलग डेंगू आइसोलेशन वार्ड स्थापित किए जाएंगे, जिनमें मच्छरदानी युक्त पर्याप्त संख्या में बेड, प्रशिक्षित चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और जरूरी उपकरण मौजूद रहेंगे। गंभीर रोगियों (DHF/DSS) के लिए प्लेटलेट्स, ELISA जांच किट्स और अन्य औषधीय सामग्री की समय पर आपूर्ति अनिवार्य की गई है। फीवर सर्वेक्षण के जरिए संदिग्ध रोगियों की पहचान की जाएगी, और पॉजिटिव केस मिलने पर रोगी के घर से 50 मीटर की परिधि में स्पेस स्प्रे / फोकल स्प्रे की कार्रवाई की जाएगी। रैपिड रिस्पॉन्स टीम (RRT) को हर जिले में अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।

जन सहयोग और मीडिया की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि, “डेंगू और चिकनगुनिया से लड़ाई सिर्फ सरकार की नहीं, समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। जब तक आमजन तक सही जानकारी नहीं पहुंचेगी, तब तक रोकथाम के प्रयास अधूरे रहेंगे।” सभी जिलों में जनजागरूकता अभियान को शीर्ष प्राथमिकता दी जाएगी। आईएमए, निजी अस्पतालों, पैथोलॉजी लैब्स के साथ CME बैठकें कर समन्वय स्थापित किया जाएगा ताकि भ्रांतियों को दूर किया जा सके। सभी जनपदों में एक मीडिया स्पोक्सपर्सन नियुक्त किया जाएगा जो सकारात्मक सूचना का संप्रेषण सुनिश्चित करेगा।

हेल्पलाइन और कंट्रोल रूम व्यवस्था होगी मजबूत

स्वास्थ्य सचिव ने बताया किराज्य मुख्यालय पर क्रियाशील हेल्पलाइन 104 को पूरी तरह से जनता के लिए सक्रिय रखा गया है ताकि कोई भी व्यक्ति अपनी शंका या समस्या को साझा कर सके और तत्काल सलाह प्राप्त कर सके। डेंगू के संक्रमण काल के दौरान सभी जनपदों में कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे और उनके नंबर राज्य एनवीबीडीसीपी यूनिट को उपलब्ध कराए जाएंगे। सभी जिलों को निर्देशित किया गया है कि वे हर दिन शाम 4 बजे तक दैनिक रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें, चाहे कोई केस हो या न हो।

सभी विभाग निभाएं सक्रिय भूमिका

स्वास्थ्य सचिव डाॅ. आर राजेश कुमार ने बताया कि इस बार की कार्ययोजना में यह विशेष ध्यान दिया गया है कि केवल स्वास्थ्य विभाग ही नहीं, बल्कि अन्य विभाग भी जिम्मेदार भूमिका निभाएं। नगर विकास, पंचायती राज, जल संस्थान, विद्यालय शिक्षा, सूचना एवं जनसंपर्क जैसे विभागों को उनकी जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिससे डेंगू व चिकनगुनिया को रोकने के प्रयास सामूहिक रूप से मजबूत बनें।

बहुस्तरीय रणनीति से नियंत्रण का प्रयास

स्वास्थ्य सचिव डाॅ. आर राजेश कुमार ने बताया कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू एवं चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए बनाई गई यह समेकित कार्ययोजना न केवल मौजूदा संक्रमण पर नियंत्रण पाने में सहायक होगी, बल्कि भविष्य में संभावित रोग प्रसार को रोकने की दिशा में दीर्घकालिक समाधान के रूप में भी कार्य करेगी।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि “मच्छरजनित रोगों की रोकथाम के लिए व्यक्तिगत सतर्कता, सामुदायिक भागीदारी और सरकारी प्रयासों के बीच संतुलन आवश्यक है। आइए, हम सभी मिलकर इस चुनौती से लड़ें।”

मुख्य सचिव ने किया सभी विभागों में बायोमैट्रिक को अनिवार्य, सचिव समिति की बैठक के दौरान दिये निर्देश

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देहरादून, मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में सचिव समिति की बैठक आयोजित हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि 1 मई, 2025 से सभी विभागों में अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से बायोमैट्रिक से किये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। यदि विभाग में बायोमैट्रिक मशीनें स्थापित नहीं हैं अथवा पर्याप्त संख्या में नहीं है, इस हेतु समय से आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली जाय। पूर्व में स्थापित बायोमैट्रिक मशीनों में यदि कोई कमी है तो उसे ठीक करा लिया जाय l
उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि विभागों द्वारा जनहित एवं राज्यहित में आवश्यक, महत्त्वपूर्ण एवं प्राथमिकता वाली योजनाओं की सूची तैयार किये जाने के निर्देश दिये गये, ताकि व्यापक जनहित में इन योजनाओं हेतु धनराशि की व्यवस्था की जा सके तथा इनकी स्वीकृति हेतु समुचित कार्यवाही की जा सके। इन योजनाओं की सूची नियोजन विभाग को तथा उसकी प्रतिलिपि मुख्य सचिव कार्यालय को उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये।

महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर : मुख्य सचिव

मुख्य सचिव ने एक करोड़ से अधिक लागत की परियोजनाओं की समीक्षा पीएम गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। इसके लिये सभी विभागों को आवश्यक तैयारी किये जाने के निर्देश दिये गये। भविष्य में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली ई0एफ0सी0 पी0एम0 गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से की जायेगी। विभागीय सचिवगणों से भी विभागीय ई0एफ0सी0 पी0एम0 गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से कराये जाने हेतु निर्देश दिये गये।
साथ ही, उन्होंने सभी विभागों द्वारा तैयार की जाने वाली विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को ई-डीपीआर के रूप में तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि इससे योजनाओं के क्रियान्वयन में गति आएगी। कुछ राज्यों में ई-डी0पी0आर0 बनाये जाने का कार्य किया जा रहा है। एन0आई0सी0 के माध्यम से इसका अध्ययन कराते हुए भविष्य में परियोजनाओं हेतु ई-डी0पी0आर0 बनाये जाने हेतु समुचित व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये गये।
बैठक में सभी विभागीय सचिवगणों को सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा पूर्व में दिये गये निर्देशों के क्रम में वर्ष में न्यूनतम एक बार अनुभागाों का विस्तृत निरीक्षण किये जाने के निर्देश दिये गये। इसी प्रकार का निरीक्षण रोस्टर के अनुसार अपर सचिवों, संयुक्त सचिवों, उप सचिवों एवं अनुसचिवों को किये जाने के निर्देश दिये गये।
बैठक में सभी अधिकारियों को अपने विभाग से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार के कार्यों हेतु Annual Work Plan बनाये जाने के निर्देश दिये गये, ताकि सभी प्रकार के विभागीय कार्यों को समय से पूरा किया जा सके तथा विलम्ब से बचा जा सके।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपनी-अपनी परिसम्पत्तियों की सूची तैयार कर इस हेतु पूर्व में बनाए गए पोर्टल पर अपलोड किए जाने के निर्देश दिए हैं। इस बारे में पूर्व में काफी कार्य किया गया था तथा कई विभागों द्वारा अपनी विभागीय परिसम्पत्तियों की सूची Government Assets Inventory पर अपलोड किया गया था। पुनः सभी विभागों को अपनी-अपनी परिसम्पत्तियों की सूची इस पोर्टल पर अपलोड किये जाने के निर्देश दिये गये।

कार्मिकों को अपनी अचल सम्पत्ति का विवरण देना होगा

अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि के बारे में विवरण देते समय अनिवार्य रूप से अचल सम्पत्ति का विवरण दिया जाना अनिवार्य है। बैठक के दौरान यह संज्ञान में लाया गया कि कई विभागीय अधिकारियों द्वारा समय से अपनी वार्षिक अचल सम्पत्ति का विवरण अपने विभागों को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। वार्षिक गोपनीय आख्या के बारे में विवरण देते समय अचल सम्पत्ति का विवरण घोषित किये जाने को अनिवार्य बनाये जाने हेतु व्यवस्था बनाये जाने के निर्देश दिये गये। पदोन्नति के समय यह देखा जायेगा कि कार्मिक द्वारा अचल सम्पत्ति का विवरण प्रस्तुत किया गया है अथवा नहीं।
बैठक में देहरादून में राज्य संग्रहालय की आवश्यकता बतायी गयी। इस हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिये गये। कोलागढ़ में स्थित हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र का अधिक से अधिक उपयोग किये जाने हेतु कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिये गये। संस्कृति विभाग में पंजीकृत विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक दलों की आपस में प्रतियोगिता कराते हुए पारदर्शी तथा निष्पक्ष तरीके से इनको श्रेणी ए, बी, सी आदि में रखे जाने के निर्देश दिये गये, ताकि आवश्यकतानुसार इनका उपयोग किया जा सके।
सचिव समिति की बैठक में विशेष प्रमुख सचिव अमित कुमार सिन्हा, सचिव शैलेश बगोली, राधिका झा, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ. नीरज खैरवाल, विनोद कुमार सुमन, युगल किशोर पंत, रणवीर सिंह चौहान एवं धीराज सिंह गर्ब्याल उपस्थित थे।

पं. जयतीर्थ मेवुंडी का दून पुस्तकालय में हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन और व्याख्यान

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देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र एवं स्पिक मैके की और से मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम में हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन और उस विषय पर व्याख्यान के रूप में पं. जयतीर्थ मेवुंडी ने शानदार प्रस्तुति दी. यह कार्यक्रम दून पुस्तकालय के सभागार में किया गया. इस कार्यक्रम में पं. जयतीर्थ मेवुंडी के साथ संगतकार के तौर पर हितेंद्र दीक्षित ने तबले पर और अदिति गराडे ने हारमोनियम पर साथ दिया l
पं. जयतीर्थ मेवुंडी ने बहुत सुंदर राग में …’रे मन भज राम नाम…. निश दिन’, झप ताल पर दस मात्रा की ताल में एक बंदिश, और दो भजन ‘जागो मोहन प्यारे’ व सांवली सूरत तोरे मन में भावे’ सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया, कार्यक्रम के आरम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के अध्यक्ष प्रोफेसर बी के जोशी ने कलाक़ारों व उपस्थित लोगों का स्वागत किया और आभार व्यक्त किया l
उल्लेखनीय है कि डॉ. जयतीर्थ मेवुंडी जी किराना घराने के अग्रणी गायकों में से एक हैं और वर्तमान में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में अग्रणी व्यक्ति हैं। हुबली-धारवाड़, कर्नाटक की पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले डॉ. जयतीर्थ मेवुंडी का पालन-पोषण सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जीवंत वातावरण में हुआ। उनकी संगीत यात्रा पंडित अर्जुनसा नाकोद के अधीन शुरू हुई और पंडित श्रीपति पडेगर द्वारा परिष्कृत की गई, जो महान भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी के प्रमुख शिष्य थे। ये आकाशवाणी और दूरदर्शन के ‘ए टॉप’ ग्रेड के कलाकार हैं।
इन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, संतवाणी और दसवाणी में अपनी शक्तिशाली तथा भावपूर्ण प्रस्तुतियों के लिए अच्छी खासी प्रशंसा अर्जित की है।
इनका साथ तबले पर साथ देने वाले हितेन्द्र दीक्षित आकाशवाणी और दूरदर्शन के ए-ग्रेड कलाकार हैं। वहीं हारमोनियम पर अदिति गराडे एक समर्पित और बहुमुखी संगीतकार हैं.इन्हें विविध प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं में मान्यता मिली है।
यहां बताते चलें कि स्पिक मैके युवाओं में भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए स्वैच्छिक आंदोलन है चलाता रहता है,जिसकी स्थापना 1977 में आईआईटी-दिल्ली के प्रोफेसर-एमेरिटस डॉ. किरण सेठ ने की थी, जिन्हें 2009 में कला में उनके योगदान के लिए ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया था। पिछले 47 वर्षों से, स्पिक मैके ने स्कूलों, कॉलेजों और व्यावसायिक संस्थानों में प्रसिद्ध कलाकारों के संगीत कार्यक्रमों, व्याख्यान प्रदर्शनों के माध्यम से हजारों छात्रों को भारतीय शास्त्रीय संगीत, नृत्य, लोक कला, शिल्प और लोक रंगमंच के विभिन्न रूपों से अवगत कराया है।
उत्तराखंड में स्पिक मैके व्याख्यान और कार्यशाला प्रदर्शन के माध्यम से 750 से अधिक प्रोग्रामर तक पहुँच चुके हैं। देहरादून के लगभग सभी स्कूलों ने एक या एक से अधिक कार्यक्रम किए हैं और हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक स्कूल इसमें भाग लें।
अंजलि भरथरी, महासचिव, स्पिक मैके, उत्तराखंड ने कहा कि यह युवाओं के लिए एक आंदोलन है और दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के माध्यम से हम अपने शास्त्रीय कला रूपों को युवाओं तक पहुँचाना चाहते हैं l
स्पिक मैके की अध्यक्ष विद्या वासन ने कहा कि यह आंदोलन अपने कार्यक्रताओं के कंधों पर ही टिका है जो कार्यक्रमों के आयोजन में निस्वार्थ भाव से काम करते हैं l
कार्यक्रम के दौरान दून पुस्तकालय के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी, बिजू नेगी, हिमांशु आहूजा, नरेन्द्र सिंह रावत, सुन्दर सिंह बिष्ट, शैलेन्द्र नौटियाल, जगदीश सिंह महर, आलोक सरीन, दर्द गढ़वाली, भरत सिंह रावत सहित शहर के अनेक प्रबुद्ध लोग,संगीत प्रेमी,रंगकर्मी, लेखक, युवा पाठक व स्कूली छात्र उपस्थित रहे l