Friday, April 26, 2024
HomeTrending Nowगरीबी न दिखाए ऐसे दिन, मजबूरी में माता-पिता ने बेचा अपना बच्चा

गरीबी न दिखाए ऐसे दिन, मजबूरी में माता-पिता ने बेचा अपना बच्चा

मेरठ, एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में फिर से बच्चे की सौदेबाजी की घटना सामने आई है। यहां मात्र तीन दिन के नवजात की सौदेबाजी की गई। नवजात के असली माता पिता ने बच्चे को बेचने की बात कबूल की है। चार बच्चों की मां दीपा ने जन्म देने से पहले ही अपने पांचवें बच्चे का सौदा कर लिया। पुलिस की पूछताछ में दीपा कभी रिश्तेदार को बच्चा देना बता रही थी तो कभी परिचित को। बच्चे का सौदा कराने में अपनी बहन उमा का नाम भी दीपा ने बताया। पुलिस उमा और उसके पति को भी उठाकर थाने में लाई। बच्चा कहां है, इसका रात 1:30 बजे तक कोई सुराग नहीं लगा। तीन दिन का बच्चा बेचने की जानकारी लगने पर एसपी सिटी ने मेडिकल पुलिस के साथ एसओजी और सर्विलांस टीम भी लगा दी। दीपा का कहना है कि वह बहुत गरीब है और बच्चे को पालने में भी असमर्थ है। उसने माधवपुरम में बैंक के एक कर्मचारी को बच्चा देना बताया। बच्चे को गाजियाबाद की रहने वाली लता अपने साथ लेकर गई है।

पुलिस ने रात 3:00 बजे बैंक के कर्मचारी को भी पकड़ लिया। उसी ने पूछताछ में गाजियाबाद की महिला का नाम बताया। एसपी सिटी का कहना है कि महिला से इंस्पेक्टर मेडिकल अखिलेश कुमार की फोन पर बात हुई। महिला ने बच्चा अपने पास होने की बात कही। पुलिस तुरंत ही महिला के पास पहुंची और बच्चे को लाकर आज सुबह उसकी मां को सौंप दिया। महिला ने पुलिस को यह भी बताया है कि उन्होंने बच्चे को लिखापढ़ी, यानी नोटरी करा कर लिया था। जिसकी पुलिस जांच करेगी। फिलहाल पुलिस ने बैंक कर्मचारी समेत चार लोगों को हिरासत में लिया है।

पता चला कि दीपा का मायका माधवपुरम में है। दीपा की बहन उमा माधवपुरम में ही रहती है। उमा ने ही बैंक कर्मचारी से बच्चा देने की बात कहीं थी। एक लाख में बच्चा देने का सौदा हो गया था। 82 हजार दीपा के पास व 18 हजार उमा को मिले हैं। एसपी सिटी पीयूष सिंह का कहना है कि बैंक कर्मचारी व अन्य आरोपियों से पूछताछ के बाद सही जानकारी होगी।

गार्ड की सतर्कता से चला पता
मेडिकल कॉलेज के ईएमओ डॉ. दिवाकर ने बताया कि गायनिक वार्ड के बाहर गार्ड तरुण की ड्यूटी लगी हुई थी, उन्हें बच्चे के बेचने का संदेह हुआ तो उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। तरुण अर्धसैनिक बल से रिटायर्ड हैं। मेडिकल में इस तरह के 35 गार्ड तैनात हैं। घटना की जानकारी मेडिकल प्रबंधन को देर रात लगी। उनसे पहले इसकी सूचना पुलिस को थी।

नोट उछाले तो सब हैरान
कर्मचारियों ने बताया कि महिला का पति राजेश शराब के नशे में है और वो बार-बार नोटों को उछाल रहा था। जिस पर लोगों को शक हुआ कि बच्चा बेचकर ही पैसे आए हैं। गार्ड और कर्मचारियों ने महिला से बच्चे के बारे में पूछताछ की, तब जाकर पोल खुली।

पहले हो चुके हैं बच्चे चोरी
मेडिकल कॉलेज में इससे पहले भी नवजात गायब हुुए हैं। पुलिस उन्हें तलाश नहीं पाई है। मेडिकल कॉलेज में कोई सुरक्षा व्यवस्था भी नहीं है। कई घटनाएं होने के बावजूद डिस्चार्ज होने तक कोई सख्त निगरानी नहीं रखी जा रही है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments