Saturday, April 27, 2024
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मसूरी शिफनकोर्ट : बेदखल किये गये मजदूर परिवारों का मामला पहुँचा राज्य मानवाधिकार आयोग

देहरादून, मसूरी के शिफनकोर्ट से रोपवे प्रोजेक्ट के मद्देनजर बेदखल किये गये 85 परिवारों का मामला अब राज्य मानवाधिकार आयोग पहुंच गया है. मामले को लेकर भाजपा नेता व राज्य निर्माण आन्दोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष रविन्द्र जुगरान ने आयोग के अध्यक्ष जस्टिस विजय कुमार बिष्ट से भेंट की व इस सम्बन्ध में कार्यवाही करने की मांग की. जिस पर जस्टिस बिष्ट ने उचित कार्यवाही का भरोसा दिया व तत्काल आयोग के सचिव से मामले में रिपोर्ट तलब की.

बता दें प्रशासन द्वारा रोपवे प्रोजेक्ट के मद्देनजर मसूरी के शिफनकोर्ट से 10 सितम्बर को 85 परिवारों को बिना आवास की व्यवस्था किये बेदखल कर दिया गया था. जिसके बाद से इन पीड़ित परिवारों में से अधिकांश परिवार अभी हवाघर व अन्य जगहों पर परिवार सहित रह रहे हैं. पीड़ित तब से दर दर भटक रहे हैं, लेकिन शासन प्रशासन द्वारा अभी तक इन परिवारों के आवास की व्यवस्था नही की गयी है.

अब राज्य निर्माण आन्दोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष रविन्द्र जुगरान मामले को लेकर राज्य मानवाधिकार आयोग गये हैं. उन्होंने इस सम्बन्ध में गुरुवार को आयोग के अध्यक्ष जस्टिस विजय कुमार बिष्ट से भेंट की व उनको पूरे घटनाक्रम से अवगत करवाया. उन्होंने जस्टिस बिष्ट से अभी तक आयोग द्वारा मामले में कोई कार्यवाही नही करने पर नाराजगी भी जताई व कहा कि कई हफ्ते गुजर जाने व विभिन्न समाचार पत्रों में शासन प्रशासन के इस अमानवीय कृत्य की खबरें प्रकाशित होने के बाद भी आयोग द्वारा इसका संज्ञान न लेना खेदजनक है. उन्होंने जस्टिस बिष्ट को जानकारी देते हुए बताया कि जिस प्रकार से इन परिवारों को पुलिस फ़ोर्स का भय दिखाकर जबरन उनके आवासों से बेदखल किया गया है, यह अमानवीय है. उन्होंने कहा कि तब से अधिकांश परिवार कोरोना संक्रमण के बीच खुले आसमान के निचे अपने बीमार, वृद्ध व दुध्मुहें बच्चों के साथ रहने को मजबूर हैं. जिस प्रकार वे रह रहे हैं उसमे कोविड 19 के मानकों का भी पालन नही हो पा रहा है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा भी बना हुआ है. उन्होंने कहा कि आयोग इस प्रकार की घटनाओं का सज्ञान लेने के लिए ही बनाया गया है और आयोग ऐसी घटनाओ का सज्ञान लेता भी रहा है, किन्तु आयोग द्वारा इस घटना का अभी तक सज्ञान नहीं लेना दुर्भ्ग्यपूर्ण है | जुगरान ने आयोग से मांग की है कि जब तक शिफनकोर्ट के पीड़ित परिवारों की रहने की स्थाई व्यवस्था नही होती तब तक जल्द से जल्द उनके अस्थाई आवास की व्यवस्था सुनिश्चित करवाई जाय |

इस पर राज्य मानवाधिकार के अध्यक्ष जस्टिस विजय कुमार बिष्ट ने उनको मामले में उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया व आयोग की सचिव से घटना के सम्बन्ध में रिपोर्ट तलब की |

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