Thursday, May 2, 2024
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मौसम विभाग की चेतावनी : प्रशासन हाई अलर्ट, नदी-नालों के किनारे बसे लोगों को हटाने के आदेश

हरिद्वार में एनडीआरएफ की टीम 30 सदस्यीय टीम तैनात, नैनीताल के वीर भट्टी में मलबा आने से कार और ट्रक दबे

देहरादून, उत्तराखंड़ में पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिणी पूर्वी हवाओं की सक्रियता के चलते मौसम के बदले मिजाज की वजह से अगले 24 घंटे में भारी से बहुत भारी बारिश के संभावना है। मौसम विभाग ने 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की चेतावनी दी है। वहीं आपदा से निपटने को लेकर जिला प्रशासन ने भी तैयारियां पूरी कर ली हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी आपदा की स्थिति में सूचनाओं का आदान प्रदान तत्काल किया जाए, ताकि संबंधित विभागों के अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे।
आपदा प्रबंधन आईआरएस प्रणाली के लिए नामित सभी नोडल अधिकारी हाई अलर्ट पर रहेंगे। राजस्व उपनिरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में रहेंगे। जिले के सभी पुलिस चौकी, थाने भी अलर्ट पर रहेंगे। आपदा में फंसे लोगों को चिकित्सा सुविधा तत्काल मुहैया कराने के साथ ही उन्हें रेस्क्यू किया जा सके। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग समेत तमाम विभाग के अधिकारी हाई अलर्ट मोड पर रहेंगे। किसी भी प्रकार की लापरवाही बरती गई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने नेशनल हाईवे, पीडब्ल्यूडी, पीएमजीएसवाई, एनडीडीबी, बीआरओ और सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को हिदायत दी है।

नदी, नालों के किनारे बसे लोगों को हटाने के आदेश

जिलाधिकारी ने सदर, मसूरी, ऋषिकेश, डोईवाला, विकासनगर, कालसी, चकराता, त्यूनी के उपजिलाधिकारियों को आदेश जारी किया है कि संभावित आपदा के मद्देनजर उनके क्षेत्रों में नदी नालों के किनारे जितने भी लोग रह रहे हैं उनको तत्काल सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए। यदि नदी नालों के किनारे बसे लोग शिफ्ट करने में आनाकानी करें तो पुलिस प्रशासन की मदद ली जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए यदि कहीं भी किसी भी प्रकार का हादसा होता है तो उसके लिए संबंधित उप जिलाधिकारी सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे और उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

मोबाइल फोन बंद किए तो कड़ी कार्रवाई
जिलाधिकारी ने हिदायत दी है कि अधिकारी अपना मोबाइल फोन किसी भी सूरत में बंद नहीं रखेंगे। यदि किसी भी अधिकारी का मोबाइल फोन बंद पाया गया तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। वहीं जिलाधिकारी ने जिला आपूर्ति अधिकारी, जिला पर्यटन अधिकारी एवं खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि भारी बारिश के चलते यदि चारधाम यात्रा बाधित होती है और पर्यटकों को होटलों, रेस्टारेंट में विशेष परिस्थितियों में रुकना पड़ा तो संचालक किसी भी सूरत में ओवररेटिँग न करने पाएं। यदि होटलों, रेस्टारेंट संचालकों द्वारा ओवररेटिंग की गई तो ऐसी संचालकों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। साथ ही आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाए।

एनडीआरआई अलर्ट, डीएम ने सेनानायक को भेजा पत्र
भारी बारिश और तेज हवाओं से संभावित आपदा से निपटने में किसी प्रकार की दिक्कत ना हो इसके लिए एनडीआरएफ को भी अलर्ट कर दिया गया है। जिलाधिकारी की ओर से एनडीआरएफ के सेनानायक को पत्र भेजकर कहा गया है कि किसी भी आपदा से निपटने को लेकर एनडीआरएफ की मदद दी जा सकती है। ऐसे में झाझरा स्थित यूनिट को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

पूर्ति विभाग ने तैयार कराए खाने, राशन के पैकेट
आपदा के दौरान खाने-पीने का संकट न हो इसके लिए जिलाधिकारी के आदेश पर पूर्ति विभाग के अधिकारियों की ओर से खाने और राशन के पैकेट तैयार कराए गए हैं। जिलाधिकारी का कहना है कि यदि कहीं पर भी आपदा की जानकारी मिलती है तो वहां तत्काल सभी विभागों के अधिकारी मौके पर पहुंचेंगे। लोगों को खाने पीने की दिक्कत न हो इसके लिए खाने और राशन की पर्याप्त मात्रा में पैकेट तैयार कराए गए।
संभावित आपदा के दौरान घायलों को तत्काल चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराई जा सके इसके लिए जिलाधिकारी के आदेश पर स्वास्थ विभाग की दो दर्जन से अधिक टीमों को भी एंबुलेंस के साथ तैनात किया गया है। जिलाधिकारी कहना है कि त्यूनी, विकासनगर, चकराता, जैसे पर्वतीय इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की टीम को अलर्ट पर रखा गया है यदि कहीं से भी आपदा की जानकारी मिलती है तो तत्काल स्वास्थ विभाग की टीम भी मौके पर पहुंचेंगे।

जिला आपदा परिचालन केंद्र में नोडल अधिकारी तैनात
संभावित आपदा के दौरान राहत कार्यों में किसी भी तरह की दिक्कत न आए इसके लिए जिलाधिकारी के आदेश पर आपदा परिचालन केंद्र में नोडल अधिकारी की भी तैनाती की गई है। आपदा परिचालन केंद्र में नोडल अधिकारी की अगुवाई में 24 घंटे अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम हाई अलर्ट पर रहेगी।

हरिद्वार में एनडीआरएफ की टीम 30 सदस्यीय टीम तैनात, नैनीताल के वीर भट्टी में मलबा आने से कार और ट्रक दबे

हरिद्वार/पौड़ी/नैनीताल, उत्तराखंड के पिछले 24 घंटे से लगातार बरसात हो रही है। भारी बारिश के बाद जारी किए गए बाद अलर्ट को देखते हुए हरिद्वार में एनडीआरएफ की टीम 30 सदस्यीय टीम को तैनात कर दिया गया है। एनडीआरएफ की टीम अत्याधुनिक बाढ़-बचाव उपकरण से लैस की गई है। इन टीमों में कुशल गोताखोर-तैराक और मेडिकल स्टाफ मौजूद हैं।
हरिद्वार में भी हाई अलर्ट जारी
उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में लगातार हो रही बारिश के चलते हरिद्वार में भी हाई अलर्ट जारी किया गया है। इसको देखते हुए एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स) की एक 30 सदस्यीय टीम हरिद्वार में तैनात कर दी गई है। सोमवार की सुबह गाजियाबाद स्थित एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन से निरीक्षक राजकिशोर के नेतृत्व में टीम रोशनाबाद स्थित पुलिसलाइन में पहुंची। टीम अपने साथ रेडियो सेट, सेटेलाइट फोन के अलावा लाइफ जैकेट, मोटर बोट, गोताखोरों के सारे सामान और दूसरे आधुनिक उपकरण लेकर पहुंची है। टीम में कई डीप डाइविंग की ट्रेनिंग लिए जवान भी हैं।
पौड़ी, मौसम विभाग की बारिश की चेतावनी सही साबित हुई प्रदेश के कई जिलों में रविवार सुबह से रूक-रूक कर बारिश जारी है। सोमवार 11 बजे जनपद की समस्त तहसीलों से प्राप्त सूचना के अनुसार जनपद की समस्त तहसीलों में पिछले दो दिनों से वर्षा हो रही है। बारिश के बाद पर्वतीय जिलों में ठंड बढने के साथ ही पारा नीचे गिर गया है। भारी बारिश की चेतावनी के बाद एसडीआरएफ भी अलर्ट हो गई है। वहीं रविवार सुबह से हो रही बारिश के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग 58 सिरों बगड़ में बाधित हो गया है। अलकनंदा का जलस्तर भी 532.58 मीटर पर पंहुच गया है। धारी देवी के समीप चमधार में पहाडों से राष्ट्रीय राजमार्ग पर पत्थर गिर रहे है। भारी बारिश और भूस्खलन के चलते कई जगहों पर सड़कें व मुख्य मार्ग अवरूद्ध हो गये हैं। तो कई जगह जल भराव हो गया है। नदी नाले उफान पर हैं। मौसम विभाग ने भारी बारिश के चलते भूस्खलन, ओेलावृष्टि,व नदियों में तेज बहाव में वृद्धि की आशंका जताते हुए यात्रा न करने की सलाह दी है। वहीं मौसम विभाग के भारी बारिश के अलर्ट के बाद प्रदेश सरकार ने सोमवार को सभी स्कूल,कालेज व चार धाम यात्रा पर स्थाई रोक लगा दी है।

कुमायूं मंडल से सूचना मिली है कि 5 राज्य मार्गों सहित एक मुख्य मार्ग बन्द हो चुके हैं। इन मार्गों को फ़िलहाल जेसीबी द्वारा खोलने का कार्य चल रहा है परंतु तेज़ बारिश की वजह से कार्य बाधित हो रहा है। नैनीताल बाईपास मोटर मार्ग,वीरभट्टी मार्ग,दुसबी रोड के समीप केपी छात्रावास,एरीज मार्ग,काठगोदाम हैड़ाखान मोटर मार्ग,गर्जिया बेतालघाट मार्ग,रामगढ़ मार्ग,रामनगर मार्ग,तल्ला बगड़ मार्ग,भुजान बेतालघाट मार्ग,राज्य मार्ग खुटानी न्याली राजमार्ग व अन्य कई मार्गों पर मलबा गिर रहा है राहत की खबर ये है कि भारी से अति भारी बारिश के बावजूद जिले में कोई अप्रिय घटना की सूचना सामने नही आई है।

राज्य के सभी इलाकों में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। मसूरी में रविवार से रुक-रुककर बारिश हो रही है। बारिश के साथ यहां घना कोहरा छाया है। तापमान में भी काफी गिरावट आ गई है। चेतावनी के मद्देनजर फिलहाल चार धाम यात्रा रोक दी गई है। एहतियातन श्रद्धालुओं को अगले आदेश तक विभिन्न पड़ावों पर ही ठहरने को कहा गया है। वहीं, गंगोत्री व यमुनोत्री की पहाड़ियों सहित नेलांग घाटी में बर्फबारी हो रही है।
उत्‍तराखंड में मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार रुक रुककर बारिश हो रही है। देहरादून, टिहरी, चमोली, उत्‍तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, ऋषिकेश, कोटद्वार, मसूरी में रात्रि से बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अलर्ट के चलते तीर्थयात्रियों को विभिन्‍न पड़ावों पर रोका गया है। बदरीनाथ हाईवे सुचारु है। उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग चिन्यालीसौड के निकट नगुण में भूस्खलन होने से बाधित हो गया था, जिसे सुचारु कर दिया गया है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग खरादी और किसाला के पास अवरुद्ध हो गया है।
हरिद्वार और आसपास क्षेत्रों में भी लगातार बारिश जारी है। गंगा चेतावनी स्तर से करीब 3 मीटर नीचे बह रही है। चेतावनी स्तर 293 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 294 मीटर है। मौसम विभाग की चेतावनी के दृष्टिगत आपदा की स्थिति से निबटने के लिए एनडीआरएफ की 31 सदस्यीय टीम मय उपकरण हरिद्वार पहुंच चुकी है। टीम पुलिस लाइन रोशनाबाद में है। रुड़की और आसपास के क्षेत्र में भी हल्‍की बारि‍श हो रही है।
देहरादून स्थित राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि अरब सागर से उठे पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में यह बदलाव आ रहा है। उन्होंने बताया कि इसका असर पूरे प्रदेश में देखने को मिलेगा। मैदानी क्षेत्रों में 70-80 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चल सकती है। इसके अलावा ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात की संभावना है। इस बीच प्रदेश में पहाड़ से लेकर मैदान तक घने बादल छाए रहे और कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हुई। इसके अलावा बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में बूंदाबांदी के साथ ही चोटियों पर हिमपात की सूचना है।
बदरीनाथ और यमुनोत्री में बर्फबारी
बदरीनाथ और यमुनोत्री धाम में ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हुई है। धारचूला और मुनस्यारी के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जबरदस्त हिमपात हुआ है। गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर कई जगह मलबा आने से मार्ग बाधित है। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग कलियासौड़ और सिरोबगड़ में बंद हो गया है। इस वजह से वाहनों को पौड़ी चुंगी और श्रीकोट में रोका जा रहा है। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग में आठ जगह मलबा आने से बंद पड़ा हुआ है। नई टिहरी, श्रीनगर, बड़कोट, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली, टनकपुर, लोहाघाट, नैनीताल, पिथौरागढ़ सहित अधिकतर पहाड़ी और मैदानी इलाकों में सोमवार को भी बारिश का दौर जारी है। कोटद्वार में पौड़ी हाईवे पर नाले उफान पर आ गए हैं। श्रीनगर के चमधार में मार्ग बंद हो गया है। यहां लगातार पहाड़ी से मलबा गिर रहा है। इसके कारण श्रीनगर गढ़वाल में जाम लगा हुआ है।
यात्रा पड़ावों पर रोके गए हैं यात्री
वहीं चारों धामों में बेहद कम संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए चारधाम यात्रा पर पहुंचे यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रुकने को कहा गया है। हालांकि यात्रा पर रोक नहीं लगाई गई है। जिला प्रशासन के अधिकारियों को यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोकने के निर्देश दिए गए हैं। जानकीचट्टी पुलिस चौकी इंचार्ज गंभीर तोमर ने बताया कि यहां पर यमुनोत्री धाम जाने वाले करीब तीन सौ यात्री रुके हैं।

वीरभट्टी के पास और डीएसबी रोड से लगातार मलबा गिर रहा है जिसकी वजह से केपी छात्रावास में खतरा और बढ़ गया है। उधर वीरभट्टी मार्ग के अवरुद्ध हो जाने की वजह से गाड़ियां रास्ते मे ही फंस रही है आने जाने में खासी दिक्कत हो रही है यात्रियों को रानीखेत अल्मोड़ा जाने के लिए नैनीताल से होकर जाना पड़ रहा है। उधर सूचना मिली है कि भावली कैलाखांन मार्ग में भी भूस्खलन शुरू हो गया है। नैनीताल में भी भारी बारिश की वजह से नैनीझील का जलस्तर काफी बढ़ गया है सूचना के मुताबिक जल्द ही झील के गेट भी खोले जा सकते है।

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