देहरादून, उत्तराखण्ड़ में शुक्रवार की सायं से जारी बारिश ने पहाड़ों पर अपना कहर बरपा दिया, भारी बारिश को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने अतिसंवेदनशील के चलते पहाड़ों में सावधानी व सतर्कता बरतने की अपील भी की है। प्रदेश में हो रही भारी बारिश के चलते सभी व्यवस्थायें अस्त व्यस्त हो गईं हैं तो पहाड़ों के कई जिलों में बारिश से जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। कई जगह भूस्खलन व जलभराव की सूचना मिल रही है। पहाड़ों में कई जगह मलबा आने व सड़क कटाव से कई सड़क मार्ग बंद है।
इस दौरान संवेदनशील क्षेत्रों में बड़े भूस्खलन, चट्टाने खिसकने का खतरा है। पर्वतीय मार्गों पर अनावश्यक आवागमन करने से बचे। नदी-नालों में अचानक उफान आने की आशंका है।प्रदेश में शुक्रवार देर रात से पहाड़ों से लेकर मैदान तक हो रही बारिश ने परेशानी खड़ी कर दी है।
वहीं मौसम विभाग ने देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर में अगले 24 घंटे में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है। इन सभी जिलों में ज्यादातर इलाकों में तेज गर्जना के साथ भारी से बहुत अधिक बारिश की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि अगले 48 घंटे के भीतर मैदान से लेकर पहाड़ तक झमाझम बारिश की संभावना है। ऐसे में आपदा प्रबंधन के लिहाज से सतर्क रहने की जरूरत है, वहीं भारी बारिश की वजह से मलबा आने के कारण बदरीनाथ हाईवे फरासू और लामबगढ़ में बंद है। तीर्थयात्री हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, सिमली थराली मोटर मार्ग व कर्णप्रयाग गैरसैण मोटर मार्ग भी मलबा आने से बंद है। उधर, यमुनोत्री धाम सहित यमुना घाटी में रातभर से हो रही भारी बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं। यमुनोत्री हाईवे पर नासूर बने खनेडापुल स्लीपजोन के पास आधा दर्जन लोग रातभर जगे रहे। ऊपर से चट्टानें खिसकने व तलहटी से यमुना नदी के कटाव के भय में पूरी रात जागकर काटी।
यही हाल कुमाऊ मंडल का भी है। नैनीताल जनपद में पिछले 3 दिन से लगातार हो रही भारी बरसात की वजह से भवाली नैनीताल मार्ग पर पूरा पहाड़ टूट कर नीचे सड़क पर आ गिरा गनीमत यह रही कि कोई इसकी चपेट में नहीं आया। नहीं तो बड़ा जान माल का नुकसान हो सकता था। फिलहाल आने जाने वाले वाहन का रास्ता बंद हो गया है। सभी गाड़ियों को ज्योलीकोर्ट के रास्ते भेजा जा रहा है।
वहीं पिथौरागढ़ जनपद के धारचूला में मलवा और बोल्डर गिरने से दो मकान जमीदोज हो गए। शुक्रवार शाम से हो रही भारी बरसात के बाद पहाड़ से मलबे के साथ साथ बोल्डर भी गिरने शुरू हो गए। वहीं कुदरत के इस कहर का रोंगटे खड़े कर देने वाला वीडियो भी वायरल हो रहा है। जहां एक बाइक सवार इसकी चपेट में आने से बाल-बाल बचा |
लगातार हो रही भारी बारिश के बीच लामबगड़ नाला उफान पर आने के कारण शुक्रवार से बंद बदरीनाथ हाईवे 22 घंटे बाद शनिवार को सुचारू हुआ। शुक्रवार को हाईवे का कुछ हिस्सा बह गया था। उस पर बड़े-बड़े पत्थर और बोल्डर अभी भी हैं। जिसके चलते हाईवे तो खुल गया लेकिन यात्री जोखिम उठाकर आवाजाही कर रहे हैं।
खचड़ा और लामबगड़ नाले में उफान आने से बंद हाईवे के दोनों ओर शाम तक वाहनों की लंबी लाइन लगी रही। पुलिस ने करीब 650 तीर्थयात्रियों को जगह-जगह रोक लिया था। वहीं, आज दोपहर हाईवे खुलने के बाद पांडुकेश्वर से यात्रियों के करीब 100 वाहन बदरीनाथ धाम के लिए रवाना किए गए।
जोशीमठ, मारवाड़ी और गोविंदघाट में अभी भी कई जगह यात्री रुके हुए हैं। बीआरओ के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया कि लामबगड़ नाला क्षेत्र में हाईवे खोल दिया गया है। वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो गई है। वाहनों को एहतियात के साथ चलने के लिए कहा गया है। भूस्खलन और बोल्डर आने से प्रदेश में 186 से ज्यादा सड़कें अभी भी बंद हैं।
वहीं, नौगांव में रात भर हुई तेज बारिश से देवलसारी गदेरा उफान पर है। जिससे यमुनोत्री हाइवे पर आवाजाही नही हो पा रही है। यहां 108 वाहन सहित कई प्राइवेट वाहन दोनों और फंसे हैं। ड्यूटी करने जा रहे कई अध्यापकों सहित नगर क्षेत्र के स्कूलों में पढ़ने जा रहे बच्चे भी फंसे हुए हैं, जो मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं, खेतों से काम कर लौट रहे स्थानीय लोग सड़क खोलने में लगी जेसीबी मशीन की बकेट में बैठकर सड़क पार कर रहे हैं। जेसीबी मशीन जैसे ही मलबा साफ कर रही है पानी के बहाव के साथ दोबारा मलबा आ रहा है।
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