ऋषिकेश, आज मंगलवार को ट्रांसपोर्टरों के प्रदेशव्यापी चक्का-जाम का मिलाजुला असर दिख रहा है। आज संभागीय परिवहन प्राधिकरण की ओर से 10 वर्ष की आयु सीमा पूर्ण कर चुके डीजल चालित तिपहिया वाहनों को सड़कों से हटाने के आदेश के खिलाफ स्वैच्छिक चक्का जाम का एलान किया गया है। देहरादून और ऋषिकेश में चक्का जाम का मिलाजुला असर देखा गया। वहीं टैक्सी और तिपहिया वाहनों की हड़ताल के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। यहां टैक्सी, मैक्सी और तिपहिया सेवाएं पूरी तरह बंद रहीं। पर्वतीय क्षेत्र में संचालित होने वाली बस सेवाएं जारी रहीं। बड़ी संख्या में वाहन चालक और स्वामी विधानसभा घेराव के लिए यहां से राजधानी देहरादून के लिए रवाना हुए।
उत्तराखंड परिवहन महासंघ के आह्वान पर राज्य परिवहन प्राधिकरण के संबंधित आदेश के खिलाफ मंगलवार को वाहनों का चक्का जाम और विधानसभा घेराव का निर्णय लिया गया था। ऋषिकेश क्षेत्र में गढ़वाल मंडल के विभिन्न मार्गों पर संचालित होने वाली बस सेवाएं इस चक्का जाम में शामिल नहीं है। टैक्सी और मैक्सी सेवाएं बंद रखी गई हैं। विक्रम और ऑटो सेवाएं भी बंद हैं। चारधाम यात्रा बस अड्डे से वाहन स्वामी और चालकों ने विधानसभा घेराव के लिए देहरादून के लिए कूच किया।
इससे पूर्व ऑटो रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष राजेंद्र लांबा और सचिव बेचन गुप्ता के नेतृत्व में चालकों ने यहां प्रदर्शन किया। ऋषिकेश और आसपास क्षेत्र में तिपहिया सेवाएं बंद होने से स्थानीय नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की व विकासनगर में डीजल चालित आटो-विक्रम पर प्रतिबंध के विरोध में वाहन संचालकों ने 29 नवंबर को विधानसभा घेराव की चेतावनी दी है।
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