हरिद्वार 29 मई( कुलभूषण) भारत विकास परिषद मंदाकनी शाखा हरिद्वार एवं दर्शन शास्त्र विभाग गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में वेद एवं गीता में ज्ञान कर्म और उपासना की अवधारणा विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया।
वेबिनार की अध्यक्षता भारत विकास परिषद मंदाकनी शाखा के अध्यक्ष रोटेरियन राजीव राय ने की गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय हरिद्वार के कुलपति प्रो रूप किशोर शास्त्री ने मुख्य अतिथि बतौर वेद गीता में ज्ञान कर्म उपासना की अनेक श्लोकों द्वारा व्याख्यान करते हुये कहा कि सही ज्ञान वह है जो व्यक्ति को परमात्मा के नजदीक ले जाए अर्थात मोक्ष की प्राप्ति करायेद्य उन्होने कहा उपासना ज्ञान कर्म एक दूसरे के पूरक है ये तीनों एक दूसरे के पूरक व सहयोगी हैंद्य इनका परस्पर अन्योन्याश्रित सम्बन्ध है
केवल स्तुति केवल प्रार्थना व केवल उपासना से लाभ नहीं मिलता हैद्य स्तुतिए प्रार्थनाए उपासना का एक और अर्थ ज्ञान कर्म उपासना भी लेते हैंद्य जे एस पी जी कालेज अमरोहा के डा0 अशोक कुमार आर्य ने विशिष्ट अतिथि बतौर कहा कि वेद ज्ञान का भंडार हैद्य वेद का पढ़ना पढाना सुनना सुनाना सब आर्यों का परम धर्म है द्य
भारत विकास परिषद मंदाकनी शाखा के संरक्षक इं0 मधुसूदन आर्य ने वेबिनार का संचालन करते हुये कहा कि व्यक्ति को ज्ञानपूर्वक न्याय पूर्वक तथा त्याग पूर्वक संसार का भोग करना चाहिए। मनुष्य जिस भी स्थिति में रहे ज्ञान कर्म व उपासना के साथ रहे तो निश्चित ही जीवन की नौका पार हो जाएगी।
प्राच्य संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो ब्रह्मदेव ने कहा शास्त्रों के अध्ययन मात्र से व्यक्ति या समाज का कल्याण नहीं हो सकताद्य अपितु वेद एवं गीता आदि अध्यात्म के द्वारा बताए गए सिद्धांतों के अनुसार आचरण करने से ही व्यक्ति एवं समाज का कल्याण हो सकता हैद्य राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित प्रो जयदेव वेदालंकार ने कहा कि वेदों में समस्त ज्ञान विज्ञान विद्यमान हैं वैदिक जीवन पद्धति के द्वारा व्यक्ति वर्तमान की सभी समस्याओं का समाधान आसानी से कर लेता है
वेबीनार में पंकज कौषिक हेमन्त नेगी रेखा नेगी हरभजन सिंह ममता विकास राणा विमल कुमार गर्ग मीरा त्यागी मनोज तवंर सहित विभिन्न प्रतिभागियो ने प्रतिभाग किया
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