रुद्रप्रयाग, पिछले दो वर्ष से चिरबिटिया में बंद पड़े राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान को संचालित करने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने शनिवार से क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है।
आंदोलनकारियों ने जल्द आईटीआई के शुरू न होने पर सांकेतिक चक्काजाम और भूख हड़ताल शुरू करने का निर्णय लिया है। जखोली के चिरबिटिया में आईटीआई संघर्ष समिति के बैनर तले स्थानीय लोगों ने क्रमिक-अनशन के पहले दिन संघर्ष समिति के अध्यक्ष सैंन सिंह मेहरा, जन विकास संस्थान चिरबिटिया के अध्यक्ष बैसाखी लाल,प्रधान लुठियाग दिनेश सिंह कैंतुरा,पूर्व प्रधान प्रेम सिंह,सामाजिक कार्यकर्ता कमल सिंह ने अनशन पर बैठते हुए कहा कि वर्ष 1992 में आईटीआई की स्थापना हुई थी।
29 वर्षों से स्थापित आईटीआई को वर्ष 2019 में सरकार ने बंद कर दिया है,जबकि स्थानीय लोगों ने लुठियाग-चिरबिटिया में करीब 20 नाली जमीन भी संस्थान को दी है। संघर्ष समिति का कहना है कि सरकार ने भवन न होने की बात कहकर आईटीआई को बंद कर दिया,जबकि चिन्हित जमीन पर भवन के लिए पैसा भी स्वीकृत हो गया था। जन विकास संस्थान चिरबिटिया के अध्यक्ष बैसाखी लाल का कहना है कि उन्होंने आईटीआई भवन बनने तक अपना मकान संस्थान चलाने के लिए निःशुल्क दिया है। प्रधान लुठियाग दिनेश सिंह कैंतुरा का कहना है कि लगातार शासन से पत्राचार के बावजूद आईटीआई शुरू नहीं किया गया। आखिरकार आंदोलन का निर्णय लिया गया है। इस अवसर पर उत्तराखंड क्रांति दल के मोहित डिमरी सहित अन्य ने भी आंदोलन स्थल पर पहुंच कर अपना पूरा समर्थन दिया है।
इस मौके पर पूर्व प्रधान प्रेम सिंह,सामाजिक कार्यकर्ता कमल सिंह,प्रधान त्यूंखर दर्शनी पंवार,वक्रिम पंवार,बीरेंद्र कंडवाल,अर्जुन मेहरा,गुमान सिंह कैंतुरा,प्रधान पालकुराली कमला देवी,प्रधान प्रतिनिधि रतन सिंह रावत,अमर सिंह कैंतुरा,प्रधान तितराना वीरेन्द्र सिंह,कोषाध्यक्ष कुंवर सिंह,व्यवस्थापक सम्पूर्ण सिंह कैंतुरा,रूप सिंह मेहरा,प्रेम सिंह मेहरा,भाग सिंह,कर्ण सिंह, केदार सिंह,बचन सिंह,त्रिलोक सिंह,गजेंद्र सिंह,गुमान सिंह,कीरत सिंह,पूर्वा देवी सहित कई लोग मौजूद थे।
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