नई दिल्ली, पीटीआइ। बीमा कंपनियां अपने पॉलिसीधारकों को डिजिटल पॉलिसी जारी करने और इनका उपयोग करने का तरीका बताएं। बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बीमा कंपनियां को यह निर्देश दिया है। इरडा का कहना है कि इससे न सिर्फ लागत कम होगी, बल्कि दावे को निपटाने की प्रक्रिया भी तेज करने में मदद मिलेगी।
इरडा ने एक सर्कुलर जारी कर कहा कि डिजिलॉकर से लागत में कटौती होगी। यह पॉलिसी कॉपी की डिलीवरी न होने से संबंधित ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने, बीमा सेवाओं के तेज प्रोसेसिंग, दावों का तेज निपटान, धोखाधड़ी पर लगाम, विवादों में कमी, उपभोक्ताओं तक बेहतर पहुंच समेत कई सुधारों का के लिए आगे रास्ता खोल देगा। इरडा का कहना है कि इससे उपभोक्ताओं को बेहतर अनुभव मिलेंगे। इरडा ने इससे जीआईसी आरई, लॉयड्स (इंडिया) और एफआरबी (विदेशी री-इंश्योरेंस ब्रांच) को अलग रखा है।
मालूम हो कि आप जल्द ही सरकार के डिजीलॉकर का उपयोग अपने बीमा पॉलिसी दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए कर सकेंगे। IRDAI ने कहा है कि बीमाकर्ता उस प्रक्रिया के बारे में भी बताएं जिसके द्वारा पॉलिसीधारक अपनी पॉलिसी को डिजिलॉकर में रख सकते हैं। डिजीलॉकर में नागरिक अपने मोबाइल फोन में सुरक्षित रूप से अपने सभी दस्तावेजों की कॉपी रख सकते हैं।
डिजीलॉकर एक ऐप’ है। ऐप को Google/Apple Play/ App Store से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। डिजीलॉकर में आप अपने मोबाइल फोन में सुरक्षित रूप से अपने सभी दस्तावेजों की कॉपी रख सकते हैं। हाल के समय में आप कार रजिस्ट्रेशन, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, स्कूल और कॉलेज प्रमाणपत्र और सरकार द्वारा जारी किए गए कई अन्य दस्तावेजों को डिजिटल तौर पर सेव कर सकते हैं। भौतिक दस्तावेजों के उपयोग को कम करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा यह सुविधा शुरू की गई है।
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