Thursday, November 21, 2024
HomeStatesUttarakhandराज्य में संचालित बाह्य सहायतित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाई जाए:...

राज्य में संचालित बाह्य सहायतित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाई जाए: सीएम

देहरादून(आरएनएस)।   मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में बाह्य सहायतित परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में संचालित बाह्य सहायतित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में  तेजी लाई जाए। जो परियोजनाए केन्द्र स्तर पर गतिमान हैं, उनमें तेजी लाने के लिए केन्द्र स्तर पर अच्छी तरह पैरवी हो सके, संबंधित विभागों द्वारा ऐसे प्रस्ताव रेजिडेंट कमिश्नर को भेजे जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रांश एवं राज्यांश की 90 और 10 के अनुपात वाली योजनाओं पर शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर कार्य किये जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि केन्द्र सरकार के लिए जो भी प्रस्ताव बनाये जा रहे हैं, उनका गहनता से अध्ययन एवं परीक्षण के साथ परियोजना के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए भेजा जाय। उन्होंने निर्देश दिये कि विभागों को अपनी परियोजनाओं को केन्द्र सरकार में जिस विभाग को भेजा जा रहा है, संबंधित विभाग से नियमित समन्वय बना कर रखें, इसके लिए सभी विभागीय सचिव स्वयं जिम्मेदारी लें।
बाह्य सहायतित परियोजनाओं के अन्तर्गत ऊर्जा, आपदा प्रबंधन, ग्राम्य विकास एवं वित्त विभाग में संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बैठक के दौरान जो भी निर्णय लिये जा रहे हैं, कार्यों में तेजी लाने के लिए विभागीय सचिव यथा शीघ्र निर्णयों के अनुपालन में विभागीय आदेश जारी करें और कार्य प्रगति की भी नियमित समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय जल आयोग द्वारा राज्य में मौजूद बांध एवं बैराजों की मजबूती के लिये विश्व बैंक की सहायता से 274 करोड़ की संचालित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से बांधों एवं बैराजों के संचालन एवं प्रबंधन में सुधार के साथ नियन्त्रण एवं निगरानी प्रणाली के आधुनिकीकरण एवं विद्युत उत्पादन में वृद्धि होगी। उन्होंने इस परियोजना को शीघ्रता के साथ धरातल पर उतारने के लिये सभी संबंधित विभागों से आपसी समन्वय एवं समयबद्धता के साथ कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड लोक वित्तीय प्रबंधन सुदृढ़ीकरण परियोजना की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि राज्य की वित्तीय रिपोर्ट समय पर तैयार करने, राज्य के आंतरिक लेखापरीक्षण प्रणाली को और बेहतर बनाने, बजट एवं क्रय संबंधी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाये जाने के साथ शहरी क्षेत्रों के वार्षिक वित्तीय विवरण तैयार करने तथा शहरी स्थानीय निकायों के संपति कर संग्रह की वृद्धि के लिये भी समेकित प्रयासों की जरूरत बतायी। उत्तराखंड सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन सुदृढ़ीकरण परियोजना की कुल लागत 274.6 करोड़ रुपये है। जिसके अन्तर्गत सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन के सुदृढ़ीकरण के अतिरिक्त राजस्व प्रबंधन प्रणाली के सुदृढ़ीकरण, शहरी स्थानीय निकायों और राज्य के स्वामित्व वाले उद्यम में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन को मजबूत बनाने व परियोजना प्रबंधन और निगरानी एवं मूल्यांकन के कार्य किये जाने हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रोक्योरमेंट प्रोसेस तथा फंडिंग एजेंसी के स्तर पर प्राप्त होने वाली वित्तीय सहायता प्रक्रिया के सरलीकरण पर भी ध्यान देने को कहा, ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में सुगमता हो सके।
ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना (रीप) की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना ग्रामीण परिवारों की आय को दोगुना करने के साथ पलायन रोकने में मददगार होगी। आजीविका से संबंधित गतिविधियों को बढावा देने फार्म मशीनरी बैंकों में महिलाओं की भागीदारी के साथ किसानों को आधुनिक कृषिकरण से जोड़ने में इससे मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जनहित से जुड़ी सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में सभी संबंधित विभागों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने राज्य में संचालित उत्तराखण्ड आपदा तैयारी से संबंधित परियोजना की समीक्षा करते हुए कहा कि 1640 करोड़ की 06 साल की इस योजना से राज्य में जलवायु परिवर्तन एवं आपदा के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी। वनाग्नि को रोकने, आपदा प्रबंधन केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण  एवं इससे संबंधित अवस्थापना सुविधाओं के विकास में इससे मदद मिलेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री ने प्रभावी कार्य योजना समयबद्धता के साथ तैयार कर उसके क्रियान्वयन पर ध्यान देने को कहा।
इस अवसर पर सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम,   राधिका झा, दिलीप जावलकर, डॉ. रंजीत सिन्हा, नीरज खेरवाल, अपर सचिव मनुज गोयल, ऊर्जा के तीनों निगमों के प्रबंध निदेशक एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments