नई दिल्ली. वस्तु व सेवा कर अधिकारियों (GST Officials) ने वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में 7,421 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता लगाया है. वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी (MoS Pankaj Choudhary) ने एक सवाल के जवाब में राज्यसभा (Rajya Sabha) को लिखित उत्तर में बीते तीन साल के भीतर हुई जीएसटी चोरी का ब्योरा उपलब्ध कराया. उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 के दौरान 40,853.27 करोड़ रुपये के 10,657 जीएसटी चोरी के मामलों का पता चला. इसमें से 18,464 करोड़ रुपये की वसूली (Tax Recovery) हुई.
वित्त वर्ष 2021 में 12 हजार से ज्यादा मामले पकड़े
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वर्ष 2020-21 में जीएसटी के 12,596 मामलों में 49,384 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता चला. इसमें से 12,235 करोड़ रुपये की वसूली हुई. वहीं, चालू वित्त वर्ष में जून तक 7,421.27 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी के 1,580 मामले पकड़ में आए. इसमें से 1,920 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है. पिछले वित्त वर्ष के दौरान जीएसटी चोरी में चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील जैसे 14 पेशेवर समेत 426 लोगों को गिरफ्तार किया गया. सीजीएसटी जोन और जीएसटी इंटेलीजेंस डायरेक्टरेट के प्रयासों से इस चोरी को पकड़ने में कामयाबी मिली.
इनपुट टैक्स क्रेडिट के दुरुपयोग से होती है कर चोरी
जीएसटी की चोरी मुख्य रूप से इनपुट टैक्स क्रेडिट प्रावधानों के दुरुपयोग के तहत की जा रही थी. टैक्स इंटेलीजेंस एजेंसियों की सर्तकता का असर राजस्व वसूली पर भी दिख रहा है. चालू वित्त वर्ष में जून महीने को छोड़कर हर महीने जीएसटी वसूली 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रही है. ज्यादातर राज्यों में जीएसटी चोरी और आईटीसी में हेरफेर से राजस्व को चूना लगाने के खेल पर अब लगाम लगाने की तैयारी है. हालांकि, बीते दो-तीन महीनों के दौरान कोविड महामारी की वजह से अभियान सुस्त पड़ गया था. अब लॉकडाउन खुलने से राष्ट्रीय स्तर पर फिर से अभियान शुरू कर दिया गया है.
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