चंपावत, हिन्दी साहित्य भारती के तत्वावधान में राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज चम्पावत के सभागार में बौद्धिक आत्मनिर्भरता, आत्मनिर्भर भारत हेतु आधारभूत आवश्यकता विषय पर प्रबुद्ध संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता हिन्दी साहित्य भारती, उत्तराखण्ड की प्रदेश अध्यक्ष डॉ० कविता भट्ट ” शैलपुत्री” ने और सन्चालन प्रदेश संयुक्त महामन्त्री श्रीमती मीनू जोशी ने किया।
कार्यक्रम में अपना पावन सानिध्य प्रदान करते हुए निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी डॉ० शाश्वतानन्द गिरी जी महाराज ने कहा कि स्वाधीन भारत में भी हम मानसिक रूप से गुलाम बने हुए हैं। भारत हमेशा साहित्य, संस्कृति, विज्ञान, गणित, खगोल शास्त्र आदि सभी क्षेत्रों में अग्रणी रहा है और हमने पूरे विश्व का मार्गदर्शन किया है। इसलिए हमें बौद्धिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है ताकि भारत पुनः विश्व गुरु बन सके।
मुख्य अतिथि, हिन्दी साहित्य भारती के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० रवीन्द्र शुक्ल ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत की प्राचीन ज्ञान परम्परा अत्यन्त समृद्ध रही है, इसलिए हमें पाश्चात्य संस्कृति की ओर भागने की आवश्यकता नहीं है। डॉ० शुक्ल ने कहा कि हमें अपनी युवा पीढ़ी को अपने संस्कृति और संस्कारों पर गर्व करना सिखाना होगा। उन्होंने कहा कि हिन्दी साहित्य भारती हिन्दी भाषा के सम्मान, साहित्यिक प्रदूषण दूर करने और माँ भारती की विश्व मे प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए कार्य कर रही है।
अति विशिष्ट अतिथि गन्ना मन्त्री उत्तराखण्ड सरकार सौरभ बहुगुणा ने हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक दर्जा दिलाये जाने के लिए हिन्दी साहित्य भारती के प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि भारत पुनः विश्व-गुरु बनने की ओर अग्रसर है।
विशिष्ट अतिथि हिन्दी साहित्य भारती के केन्द्रीय उपाध्यक्ष एवं ओ०एन०जी०सी०, देहरादून के पूर्व महाप्रबंधक डॉ० बुद्धिनाथ मिश्र ने कहा कि सैंकड़ो साल पहले अन्य देशों में मजदूरी के लिए जाने वाले अनपढ़ मजदूरों ने आज तक भारतीय संस्कारों और परम्पराओं को जीवित रखा है, जबकि पढ़े-लिखे युवा अन्य देशों में जाकर भारत और भारतीयता को भूल रहे हैं। डॉ० मिश्र ने कहा कि हमें आज की आधुनिक शिक्षा तो सीखनी है, लेकिन संस्कारों की कीमत पर नहीं।
केन्द्रीय महामन्त्री डॉ० अनिल शर्मा ने मंचासीन अतिथियों का भावाभिनन्दन करते हुए हिन्दी साहित्य भारती का परिचय, लक्ष्य-उद्देश्य और संगोष्ठी के विषय पर बीज व्यक्तव्य प्रस्तुत किया।
हिन्दी साहित्य भारती, उत्तराखण्ड की प्रदेश अध्यक्ष डॉ० कविता भट्ट “शैलपुत्री” ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि उत्तराखण्ड के समस्त 13 जनपदों में संगठन सक्रिय है। चम्पावत जैसे सुदूर और छोटे जिले में प्रबुद्ध संगोष्ठी का सफल आयोजन संगठन की सक्रियता का प्रमाण है। डॉ० भट्ट ने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी को अपनी ज्ञान-परम्परा और सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
इस अवसर पर गौरांग रघु जी महाराज, रानीखेत के लोकप्रिय विधायक डॉ० प्रमोद नैनवाल, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री पुष्कर सिंह काला, भाजपा नगर अध्यक्ष चम्पावत कैलाश अधिकारी, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ० कीर्ति बल्लभ सकटा, उत्तराखण्ड माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री जगमोहन सिंह रावत, जिलाध्यक्ष चम्पावत श्रीमती दीपा पाण्डेय, प्रदेश मंत्री जगदीश पन्त “कुमुद”, प्रदेश मीडिया प्रभारी ठाकुर मोहित सिंह आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
छात्रवृत्ति परीक्षाओं में भी भिलंगना के छात्र-छात्राओं ने लहराया परचम
टिहरी (घनसाली), नवोदय विद्यालय द्वारा प्रतियोगिता परीक्षाओं में अपना परचम लहराने के बाद भिलंगना विकास खंड के छात्र छात्राओं ने मानव विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित की जाने वाली छात्रवृत्ति परीक्षाएं जिसमें माध्यम रूप से कमजोर और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का चुनाव कर उन्हें आर्थिक रूप से सहायता प्रदान की जाती है। जिससे वे अपनी आगे की पढाई जारी रख सकें। यह छात्रवृत्ति केवल शासकीय अनुदान प्राप्त एवं स्थानीय निकायों के विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के लिए है।आपको बता दें Scert द्वारा 3 परीक्षाएं संयुक्त रूप से होती है जिसमे पहली राष्ट्रीय साधन सह योग्यता छात्रवृती, दूसरी डॉ शिवानन्द नौटियाल छात्रवृति, तीसरी श्रीदेव सुमन योग्यता छात्रवृत्ति, जिसमे क्रमश 1000₹;1500₹व 1000₹ की धनराशि कक्षा 9 से 12 तक 4 वर्षों तक प्राप्त होती है। इन परीक्षाओं में भिलंगना के कुल 53 छात्रों का चयन हुआ है। NMMS में जनपद में कुल 90 बच्चों में भिलंगना के 37 छात्र, जबकि डॉ SNNS परीक्षामें जनपद में 19 छात्रों में से 11 छात्रों का चयन जबकि श्रीदेव सुमन में 5 छात्रों का चयन हुआ है।
इस वर्ष 14 मार्च को हुई इस परीक्षा में 600 छात्रों द्वारा प्रतिभाग किया गया था, जिसके लिए विकसखण्ड स्तर पर 8 अभ्यास प्रश्न पत्रों की श्रृंखला के माध्यम से छात्रों की तैयारी करवाई गई।।इन्ही अभ्यास प्रश्न पत्रों के माध्यम से छात्रों को काफी मदद मिली। इन प्रश्न पत्रों के निर्माण व संकलन में शिक्षक आशुतोष सकलानी, विनोद बडोनी, श्रीमती सीमा रावत, राजेन्द्र रुक्कमनी, संदीप गैरोला की निर्णायक भूमिका रही। खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा इस सफलता का श्रेय विकासखण्ड भिलंगना के सभी ऊर्जावान व छात्रहित व विद्यालय हित के प्रति समर्पित शिक्षकों को दिया गया।
राजकीय इंटर कॉलेज डांगी नैलचामी के शिक्षक संजय गुसाई ने बताया कि प्रदेश के सबसे बड़े विकास खंड भिलंगना के शिक्षकों ने इस सफलता का श्रेय खंड शिक्षा अधिकारी भुवनेश्वर प्रसाद जदली को दिया है जिनके सफल दिशा निर्देशन में लगातार सतत प्रयास का परिणाम है की विकास खंड भिलंगना दिन प्रति दिन नई नई ऊंचाइयों को छू रहा है इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारी श्री जदली को बधाईयां दी है।
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