“देव सेनापति भगवान कार्तिकेय मंदिर में आयोजित 11 दिवसीय महा शिवपुराण कथा के दसवें दिन जलकलश यात्रा में पहुंचे हजारो की संख्या मे भक्त गण, बुधवार को पूर्णाहुति के बाद होगा महायज्ञ का समापन”।
(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग-क्रौंच पर्वत पर स्थित देव सेनापति भगवान कार्तिक स्वामी मंदिर में आयोजित 11 दिवसीय महाशिव पुराण कथा के दसवें दिन आज भब्य जलकलश यात्रा का आयोजन किया गया 101 जल कलशो से भगवान कार्तिकेय का जलाभिषेक किया गया हजारों की संख्या में पहुंचे भक्तों के जयकारे के बीच विषम पहाड़ी रास्तों से जल कलशों को कार्तिकेय मंदिर तक पहुचाया गया।भगवान कार्तिकेय के जलाभिषेक के पश्चात भव्य जल कलश यात्रा सम्पन्न हुई।
क्रौंच पर्वत पर स्थित प्रसिद्ध भगवान कार्तिकेय मंदिर में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी 11 दिवसीय महायज्ञ का आयोजन किया गया है आज महायज्ञ के दशवें दिन जलकलश यात्रा का आयोजन किया गया इस पावन अवसर पर क्षेत्र के विभिन्न गॉवो से आये भक्तों द्वारा भण्डारे का आयोजन किया गया। बुधवार को महायज्ञ का पूर्णाहुति के साथ समापन होगा ।
इससे पहले मंगलवार को ब्रह्म बेला पर भगवान कार्तिक स्वामी का प्रतीक चिह्न स्कन्द नगरी से कार्तिक स्वामी तीर्थ के लिए रवाना हुआ तथा भगवान कार्तिक स्वामी के प्रतीक चिह्न के कार्तिक स्वामी तीर्थ पहुंचने पर विद्वान आचार्यों ने पंचाग पूजन के साथ साथ परम्परागत पूजाये सम्पन्न की गई । इस अवसर पर कथावाचक वासुदेव थपलियाल द्वारा जल कलश यात्रा की महत्ता का विस्तृत वर्णन किया गया। कार्तिकेय धाम में पहुंचे भक्तो के लिये क्षैत्र के सामाजिक कार्यकर्ता डा0 कुलदीप नेगी आजाद के सौजन्य से भण्डारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्तिकेय सेवा समिति के पदाधिकारी सहित हजारों की संख्या में क्षैत्र की जनता व जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
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