थलसेना की भर्ती प्रक्रिया 1 जुलाई से, वायुसेना की भर्ती प्रक्रिया 24 जून से और नौसेना की भर्ती प्रक्रिया 25 जून से शुरू होगी।‘
नई दिल्ली, अग्निपथ स्कीम को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में थल सेना की ओर लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा, नौसेना की तरफ से वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और एयरफोर्स की ओर से एयर मार्शल सूरज झा शामिल हुए. जानिए इस पीसी की 10 बड़ी बातें.अग्निपथ स्कीम को लेकर मचे बवाल के बीच रविवार को तीनों सेनाओं ने प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा कि ‘अग्निवीर’ को सियाचिन और अन्य जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती है। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।
सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी (Lt General Anil Puri) और तीनों सेना के एचआर हेड प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे |
तीनों सेना के एक संयुक्त बयान में कहा गया कि अग्निपथ स्कीम वापस नहीं होगा। सेना ने कहा कि कोचिंग संस्थान छात्रों को भड़का और उकसा रहे हैं। अनिल पुरी ने कहा कि सेना में जाने वाले उम्मीदवारों को हिंसा और प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेना चाहिए। सेना ने तीनों सेनाओं में भर्ती प्रक्रिया की तारीखों का ऐलान करते हुए बताया कि थलसेना की भर्ती प्रक्रिया 1 जुलाई से, वायुसेना की भर्ती प्रक्रिया 24 जून से और नौसेना की भर्ती प्रक्रिया 25 जून से शुरू होगी।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं। किसी ने कभी उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि वे सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे।
अनिल पुरी ने कहा कि जो भी युवा इधर-उधर, भटक रहे हैं वह अपना समय बर्बाद नहीं करें क्योंकि किसी के लिए भी फिजिकल टेस्ट पास करना उतना आसान नहीं होता है। उनसे गुजारिश है कि वह अपना पूरा ध्यान अगले महीनों में होने वाले टेस्ट पर लगाएं।’
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि ये रिफॉर्म काफी पहले से होना था. 1989 में ये काम शुरू हुआ था. हमारी तमन्ना थी कि ये काम शुरू हो, इस पर लगातार काम चल रहा था. जिसमें कमांडिंग ऑफिसर की उम्र कम की गई. ऐसे ही कई बदलाव हुए. हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं. कभी किसी ने उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि रिटायरमेंट के बाद वे क्या करेंगे ?
अग्निपथ योजना पर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि ‘अग्निवर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है. सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा.
देश की सेवा में अपना जीवन कुर्बान करने वाले ‘अग्निवर’ को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा |
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अग्निपथ योजना वापस नहीं ली जाएगी. अब सेना में भर्ती इसी योजना के तहत होगी.
विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा अग्निवीरों के लिए आरक्षण के संबंध में घोषणाएं पहले से तय थी. ये घोषणाएं अग्निपथ स्कीम की घोषणा के बाद हुई हिंसा की वजह से नहीं की गई.
थल सेना की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा ने कहा कि दिसंबर के पहले सप्ताह तक, हमें 25,000 ‘अग्निवर’ का पहला बैच मिलेगा और दूसरा बैच फरवरी 2023 के आसपास शामिल किया जाएगा, जिससे ये संख्या 40,000 हो जाएगी.
एयर मार्शल एसके झा ने कहा कि IAF में 24 जून से भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 24 जून से अग्निवीर बैच नंबर 1 की पंजीकरण प्रक्रिया और 24 जुलाई से चरण 1 ऑनलाइन परीक्षा प्रक्रिया शुरू होगी. पहला बैच दिसंबर तक एनरोल होगा और पहले बैच की ट्रेनिंग 30 दिसंबर से शुरू होगी.
नौसेना की तरफ से वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि हमने अपनी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है. 25 जून तक हमारा एडवरटाइजमेंट सूचना और प्रसारण मंत्रालय में पहुंच जाएगा. एक महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 21 नवंबर को हमारे पहले अग्निवीर हमारे ट्रेनिंग संस्थान में रिपोर्ट करेंगे. नौसेना में हम महिला अग्निवीर भी ले रहे हैं. उसके लिए हमारी ट्रेनिंग में जो संशोधन करना है उसके लिए काम शुरू हो चुका है. मुझे आशा है कि महिला और पुरुष अग्निवीर आईएनएस चिल्का पर रिपोर्ट करेंगे |
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अनुशासन ही भारतीय सेना की नींव है. आगजनी, तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं है. प्रत्येक व्यक्ति एक प्रमाण पत्र देगा कि वो विरोध या बर्बरता का हिस्सा नहीं था. फौज में पुलिस वेरिफिकेशन के बिना कोई नहीं आ सकता. इसलिए प्रदर्शन कर रहे छात्रों से अनुरोध है कि अपना समय खराब न करें. यदि किसी के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज की जाती है, तो वे सेना शामिल नहीं हो सकते |
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि हमें यूथफुल प्रोफाइल चाहिए. 2030 में हमारे देश में 50 फीसदी लोग 25 साल की उम्र से कम के होंगे. क्या ये अच्छा लगता है कि देश की सेना जो रक्षा कर रही है वो 32 साल की हो. बाहरी देशों की भी स्टडी की गई. सभी देशों में देखा गया कि उम्र 26, 27 और 28 साल थी. इस योजना के तहत अगले 4-5 वर्षों में 50,000-60,000 सैनिकों की भर्ती करेंगे. बाद में ये संख्या बढ़ाकर 90,000-1 लाख हो जाएगी. हमने योजना का विश्लेषण करने के लिए 46,000 की संख्या से छोटी शुरुआत की है, भविष्य में हम ये संख्या 1.25 लाख तक लेकर जाएंगे |
बता दें कि बिहार में अग्निपथ योजना को लेकर रविवार को पांचवें दिन भी विरोध प्रदर्शन देखने को मिले। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राजधानी पटना में उपद्रवियों ने आज सुबह जीआरपी के आसपास वाहनों को आग के हवाले कर दिया। वहीं, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने सरकार से अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग की है।
इस बीच, ‘अग्निपथ’ भर्ती योजना के विरोध में रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर कांग्रेस नेताओं ने ‘सत्याग्रह’ किया। इस दौरान पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य अन्य नेता मौजूद रहे। वाड्रा ने मीडिया से कहा, “देश की सेवा करने के लिए पूरे जीवन भर सेना में भर्ती होना चाहते हैं। ये जो भी हो रहा है गलत हो रहा है। इस योजना को वापस लेना चाहिए।” वहीं, राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले पार्टी नेता सचिन पायलट बोले- कोविड के बहाने से आपने (सरकार) 2 साल से भर्तियां रोक रखी थी। 1.25 लाख भर्तियां केवल फौज में खाली है। आप सिर्फ भ्रमित कर लोगों का भविष्य खराब करने की कोशिश कर रहे हैं हम सत्याग्रह कर सरकार को यह योजना वापस लेने के लिए मजबूर करेंगे।
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