Friday, March 29, 2024
HomeStatesUttarakhandहोटल निर्माण में लगे मजदूरों के टेंट में पहाड़ी से भारी मलबा...

होटल निर्माण में लगे मजदूरों के टेंट में पहाड़ी से भारी मलबा गिरा, दो महिला और एक बच्ची की मौत

कोटद्वार, उत्तराखंड में बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है। बारिश के कारण आए मलबे में दबने की वजह से कोटद्वार में दो महिला, एक बच्ची और चंपावत में एक महिला की मौत हुई है।

कोटद्वार में मजदूरों के परिवार के लिए यह बारिश काल बनकर आई है। सोमवार को लैसडौन के पास होटल निर्माण में लगे मजदूरों के टेंट में पहाड़ी से भारी मलबा आ गया। हादसे में दो महिलाओं और एक बच्ची की मौत हो गई। वहीं दो गंभीर घायल हैं।

 

मृतकों के नाम:
-समूना पत्नी नियाज उम्र 50 साल, निवासी नेपाल
-सपना पत्नी लिंगडा उम्र 40 साल, निवासी नेपाल
-अबीसा पुत्री सपना उम्र चार साल, निवासी नेपाल

घायलों के नाम:
-नियाज पुत्र मुमताज उम्र 56 साल, निवासी नेपाल
-राबिया पुत्री नियाज उम्र 16 साल, निवासी नेपाल

 

केपी छत्रावास भवन भी भूस्खलन के खतरे में, छत्रावास का बरामदा तक टूटकर नैनी झील में समा गया

नैनीताल की ठंडी सड़क में केपी छत्रावास भूस्खलन के चलते खतरे की जद में आ चुका है । रविवार से लगातार बारिश के चलते दोबारा भूस्खलन से छत्रावास का बरामदा तक टूटकर नैनी झील में समा गया है।
बता दें कि बीते दिनों नैनीताल की ठंडी सड़क में केपी हॉस्टल के नीचे भूस्खलन होने से पहाड़ी का मलबा झील में समा गया था। डीएम के आदेश के बाद लोनिवि ने क्षेत्र का स्थायी ट्रीटमेंट शुरू कर दिया था। टीम ने पहाड़ी पर पाइप और जियो वायर गेट व जियो बैग की दीवार लगाना शुरू ही किया था कि तेज बारिश के चलते अस्थाई जियो बैग की दीवार ढह कर झील में जा गिरी।
इसके चलते आई दरार छात्रावास के भवन की बुनियाद तक पहुंच चुकी है। लोनिवि द्वारा एक बार फिर काम शुरू किया गया था, लेकिन रविवार से लगातार तेज बारिश के चलते फिर एक बार केपी छत्रावास भवन खतरे की जद में आ गया है। छत्रावास का बरामदा भूस्खलन के चलते झील में गिया गया है। लगातार तेज बारिश में भवन के टूटने की भी आशंका जताई जा रही है।

लोनिवि सहायक अभियंता प्रकाश चन्द्र उप्रेती ने बताया कि तेज बारिश के चलते छत्रावास के आंगन तक भूस्खलन हो चुका है। जिस क्षेत्र में कार्य चल रहा था वह ठीक है। लेकिन उसके पास से भूस्खलन हो गया है। फिलहाल छात्रावास भवन सुरक्षित है। लेकिन उसकी बुनियाद तक भूस्खलन हो चुका है। छात्रावास पहले ही खाली कराया जा चुका है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments