Tuesday, May 21, 2024
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वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ़ डिज़ाइन के उभरते आर्किटेक्ट्स ने जागेश्वर धाम के लिए तैयार किया मास्टरप्लान

• दस्तावेज़ का लक्ष्य यह है कि इस स्थल को एक फूलते-फलते सांस्कृतिक एवं आर्थिक केंद्र में तब्दील किया जाए

• अब यूनिवर्सिटी स्थानीय लोगों के साथ प्रस्तावित मास्टरप्लान के लाभ और हानियों का अन्वेषण करने का योजना बना रही है।

देहरादून, स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन (डब्ल्यूयूडी), सोनीपत में अध्ययनरत 52 छात्रों के एक समूह ने, उत्तराखंड में अल्मोड़ा के पास स्थित प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ शहर जागेश्वर धाम के पुनर्विकास हेतु एक व्यापक मास्टरप्लान तैयार किया है। जागेश्वर को शैव परंपरा के प्रमुख धामों में गिना जाता है। प्रस्तावित मास्टरप्लान को छात्रों और तीन प्रोफेसरों द्वारा एक वर्ष से अधिक समय तक विस्तृत क्षेत्रअध्ययन और साइट के सम्पूर्ण दस्तावेज़ीकरण के बाद मिलाकर तैयार किया गया था।
मास्टर प्लान के फायदे व नुकसान की पड़ताल करने के लिए अब विश्वविद्यालय, स्थानीय हितधारकों के साथ चर्चा करने की योजना बना रहा है। समीक्षा और संभावित क्रियान्वयन के लिए इस दस्तावेज़ को स्थानीय सरकार के समक्ष भी प्रस्तुत किया जाएगा, जहां जागेश्वर धाम के लोगों की जरूरतों व आकांक्षाओं के अनुरूप संशोधन व संवर्द्धन करने का आधिकारिक समर्थन मांगा जाएगा।
विश्वविद्यालय स्थानीय लोगों के साथ चर्चाओं में शामिल होने का इरादा रखता है ताकि प्रस्तावित योजना पर प्रतिक्रिया जुटा सके। यह प्रक्रिया इस सुनिश्चित करने का उद्देश्य रखती है कि जगेश्वर धाम में किए गए किसी भी संशोधन या सुधार समुदाय की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के साथ मेल खाते हों। छात्र आशावादी हैं कि उनका दस्तावेज़ इस साइट पर विकास के लिए उपयोगी आधार योजना प्रदान करेगा, जब भी यह संभावित हो।
परियोजना के बारे में बात करते हुए, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ़ डिज़ाइन में स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर के डीन प्रोफेसर शालीन शर्मा ने कहा: “जागेश्वर धाम अपने विविधता भरे ऐतिहासिक मंदिरों और अनोखे लैंडस्केप के लिए प्रसिद्ध है, जहां सदियों के कालखंड में फैली स्थापत्य शैली देखने को मिलती है। इस परियोजना का लक्ष्य यह है कि एक सहज परिवेश में फूलने-फलने वाले स्थानीय लोगों के बारे में गहरी समझ पैदा की जाए, साथ ही इस स्थल के वास्तुशिल्प से जुड़े तत्वों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक व्यापक अध्ययन किया जाए। छात्रों व शिक्षकों ने समूचे मंदिर परिसर का बारीक विश्लेषण किया, तथा इसके ऐतिहासिक, वास्तुशिल्प संबंधी और सांस्कृतिक पहलुओं का अध्ययन भी किया। हमने स्थानीय समुदायों के नजरिए को समझने के लिए उनको अपने साथ जोड़ा और उनके इनपुट को मास्टरप्लान में शामिल भी कर लिया है।“
वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ़ डिज़ाइन में स्कूल ऑफ़ आर्किटेक्चर के एसोसिएट प्रोफेसर रजत वर्मा ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा: “जागेश्वर धाम के सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाने, इसकी विरासत को संरक्षित करने और स्थानीय समुदायों को लाभान्वित करने के लिए, हमारे मास्टरप्लान ने उन्नत मार्गों और भू-दृश्यों का निर्माण करके मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार करने की बात कही है ताकि इसके वास्तुशिल्प का वैभव उजागर किया जा सके। सामुदायिक भागीदारी के लिए पंडाल और मार्केट स्टॉल जैसे समर्पित स्थान, स्थानीय जुटान को प्रोत्साहित करेंगे। हमने स्थानीय पंडितों के घर संरक्षित करने और देशी पेड़-पौधे प्रदर्शित करने वाला एक वनस्पति उद्यान लगाने को तरजीह दी है। निर्दिष्ट पार्किंग, पर्यटक सुविधाएं और आवास जैसी सुख-सुविधाएं, सुलभ व टिकाऊ पर्यटन को सुनिश्चित करेंगी। इस योजना के तहत, ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों व त्योहारों में निवासियों को शामिल करने की पहल शामिल होंगी, जो जागेश्वर की अनूठी विरासत का जश्न मनाते हैं और उसे बढ़ावा देते हैं। हमारा सर्वांगीण दृष्टिकोण इस स्थल की विरासत का आदर करता है, साथ ही मेहमानों को इस बेमिसाल सांस्कृतिक उपलब्धि का अनुभव करने और उसे सराहने के लिए बेहतर सुख-सुविधाएं प्रदान करता है।“

वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ़ डिज़ाइन में स्कूल ऑफ़ आर्किटेक्चर के असिस्टेंट प्रोफेसर आरज़ू कादियान का कहना है: “जागेश्वर की मौजूदा शहरी शक्लसूरत, पारंपरिक और अनौपचारिक बस्ती का एक मिला-जुला पैटर्न दर्शाती है, जिसमें मंदिर-केंद्रित गतिविधियों और पर्यटन से संबंधित बुनियादी ढांचे पर जोर दिया गया है। लेकिन इस इलाके को निवासियों व पर्यटकों के लिए सीमित बुनियादी ढांचे, अपर्याप्त सुख-सुविधाओं और अनियंत्रित विकास के संभावित दबाव जैसी चुनौतियां जल्द ही झेलनी पड़ सकती हैं। हमारा मास्टरप्लान आधुनिक सुख-सुविधाओं के साथ विरासत के संरक्षण को संतुलित करने वाले उपाय प्रस्तावित करके, इन शहरी मुश्किलों को दूर कर देता है। हमने मंदिर-केंद्रित विकास को प्राथमिकता देने, बुनियादी ढांचे को उन्नत करने तथा आवास व तरोताजा बनाने वाली जगहों जैसी बेहतर सुख-सुविधाएं प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया है।“
स्थानीय स्तर पर जागेश्वर की पहचान को पुनर्परिभाषित करने के संदर्भ में, यह योजना इस स्थल को एक फूलते-फलते सांस्कृतिक व आर्थिक केंद्र में बदल देने की कल्पना करती है। योजना का लक्ष्य यह है कि बुनियादी ढांचे, सुख-सुविधाओं और पर्यटन सुविधाओं को बेहतर बना कर, स्थानीय उद्यमिता व रोजगार के अवसर पैदा करते हुए अलग-अलग किस्म के पर्यटकों को लुभाया जाए। यह पुनरुद्धार जागेश्वर को न केवल एक तीर्थस्थल के रूप में, बल्कि ऐसे गतिशील स्थल के रूप में भी परिभाषित करेगा, जो आधुनिकता को गले लगाते हुए अपनी विरासत का जश्न मनाता है।
छात्र अभिनव और छात्रा अर्शिना ने बताया, “जागेश्वर में हुए अनुभव ने हमारा कायापलट कर दिया। स्थानीय समुदायों के साथ जुड़ने, विस्तृत शोध करने और एक मास्टरप्लान विकसित करने से, हम इस स्थल की समृद्ध विरासत को सराह पाए तथा अपने अकादमिक ज्ञान को वास्तविक दुनिया के संदर्भ में लागू कर सके। इस अनुभव ने वास्तुकला के बारे में केवल हमारी समझ ही नहीं बढ़ाई, बल्कि देश का सांस्कृतिक संरक्षण करने को लेकर हमारी सहानुभूति और सराहना भी गहरी कर दी।”
जागेश्वर में अपने अध्ययन के दौरान, छात्र स्थानीय निवासियों के साथ बातचीत करके तथा सामुदायिक जरूरतों व परिप्रेक्ष्यों की अंतर्दृष्टियां इकट्ठा करके प्रत्यक्ष अनुसंधान में लगे रहे। इसके अलावा, इस स्थल के बारे में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और वास्तुशिल्प संबंधी जानकारी जुटाने के लिए उन्होंने ऑनलाइन रिसर्च की। फील्डवर्क में विभिन्न आवासों और मकानों की माप लेना शामिल था, जो मास्टरप्लान की वास्तुशिल्प से जुड़ी योजनाएं तैयार करने और एलीवेशन में उपयोगी थी। छात्रों ने इस इलाके की जनसांख्यिकी और सामाजिक-आर्थिक स्थितियों को समझने के लिए एक अध्ययन भी किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रस्तावित उपाय समुदाय की जरूरतों और आकांक्षाओं के अनुरूप हों। हमारा उद्देश्य एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करना था, स्थल की विरासत का सम्मान करते हुए यात्रियों के लिए सुविधाओं की प्रदान करके इस अद्वितीय सांस्कृतिक प्रतीक का अनुभव और समझने का माध्यम प्रदान करना।

 

डीपीएसजी फुटबॉल कप प्रतियोगिता में पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय आईएमए का शानदार प्रदर्शन, ट्राॅफी पर किया कब्ज़ा

देहरादून, दिल्ली पब्लिक स्कूल ग़ाज़ियाबाद,सेलाकुई द्वारा आयोजित खेलकूद प्रतियोगिता में फुटबॉल बालिका वर्ग के निर्णायक मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करते हुए पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय भारतीय सैन्य अकादमी* ने के.वि. एफ.आर.आई. को 3-0 से परास्त कर एक तरफ़ा जीत हासिल की तथा विजयी ट्राॅफी पर कब्ज़ा किया। मुख्य अतिथि श्री अजय मांक, विभागाध्यक्ष, मुख्य खेलकूद प्रशिक्षक ने शुभकामनाएँ देते हुए खेल प्रशिक्षक श्री अजय गुसाईं तथा विजयी खिलाडियों को सम्मानित किया।

प्राचार्य श्री माम चन्द के कुशल नेतृत्व तथा खेल प्रशिक्षक श्री अजय गुसाईं के उचित मार्गदर्शन में तैयार पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय आईएमए की टीम ने संपूर्ण टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। दिनांक 04 मार्च 2024 को केवि एफआरआई के विरुद्ध मैच में विद्यालय टीम ने शुरुआत से ही मैच पर पकड बनाए रखी तथा खिलाड़ी साक्षी, इशिता एवं नेहा ने एक- एक गोल करके विद्यालय टीम को जीत दिलवाई। मैच में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब साक्षी रावत को मिला।

इससे पूर्व खेलकूद प्रतियोगिता में 1 मार्च 2024 को प्रथम मैच पीएम श्री केवि आईएमए एवं शिस्या के बीच हुआ, जिसे पीएम श्री केविआईएमए की खिलाड़ी अदिति, साक्षी, इशिता, ईशा ने गोल दागकर 3-0 से मैच में विजय दिलाई ।

2 मार्च 2024 को एशियन स्कूल के साथ हुए मुकाबले में साक्षी, ईशा, इशिता, नेहा के एक – एक गोल द्वारा 4-0 से एकतरफ़ा जीत दर्ज़ की।

दिनांक 03 मार्च 2024 हुए सेमीफाइनल मुकाबले में पीएम श्री केविआईएमए ने यूनिसन वर्ल्ड स्कूल को 4-0 से करारी शिकस्त दी। मैच में साक्षी ने 2 तथा ईशा तथा अदिति ने क्रमशः 1-1 गोल किया।

टीम भावना एवं आपसी समन्वय से प्रतियोगिता में विजय प्राप्त की।
विद्यालय टीम की ओर से प्रतिभागी खिलाड़ी अदिति, साक्षी, ईशा, नेहा, इशिता ने बेहतरीन खेल दिखाया।

खिलाड़ियों की इस उत्कृष्ट उपलब्धि का श्रेय खेल शिक्षक श्री जय कंवर, खेल प्रशिक्षक श्री अजय गुसाईं के अथक प्रयासों तथा खिलाड़ियों के निरंतर अभ्यास एवं परिश्रम को जाता है।

प्राचार्य श्री माम चन्द, उप प्राचार्य श्री रमेश चन्द, मुख्य अध्यापक श्री सरोज कुमार वर्मा एवं शिक्षकों ने प्रतिभागियों को बधाई देकर उज्ज्वल भविष्य हेतु शुभकामनाएँ दी।

 

अंडर 14 और अंडर 17 बालक और बालिकाओं को इंग्लैंड के क्लब में फ्री खेलने का मौका

“अपोलो टायर्स/इंटरनेशनल मैनचेस्टर यूनाइटेड एकेडमी एवं डीएफए दे रहा सुनहरा मौका”

देहरादून, उत्तराखंड के युवाओं के लिए खुशखबरी है। देहरादून फुटबाल एकेडमी (डीएफए) के संस्थापक अध्यक्ष हेड कोच डा. विरेन्द्र सिंह रावत द्वारा आयोजित फ्री ट्रायल पवेलियन ग्राउंड में 4 और 5 मई (शनिवार और रविवार) को दो दिन सुबह 7.30 बजे से 5 बजे सांय तक अंडर 14 ( डेट ऑफ़ बर्थ 1 जनवरी 2011 से 31 दिसम्बर 2013) और अंडर 17 ( 2 जनवरी 2008 से 31 दिसम्बर 2010) के जन्मे गर्ल्स और बॉयज खिलाडी प्रतिभाग करेगा।
सभी को ट्रायल से पहले अपना आधार कार्ड, बर्थ सर्टिफिकेट लाना होगा और ऑनलाइन और ऑफ़ लाइन रजिस्ट्रेशन भी करना होगा।
अपोलो टायर्स एवं इंग्लैंड के वर्ल्ड फेमस प्रोफेशनल फुटबाल क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड एकेडमी के द्वारा चुने गए 15 खिलाडियों को दिल्ली में आयोजित सेकंड राउंड का ट्रायल के लिए 7 मई को लिया जायेगा। उसके बाद फाइनल ट्रायल के लिए बेंगलोर मे आयोजित किया जायेगा जिसमें खिलाडी को आने जाने रहने खाने का सब व्यवस्था अपोलो टायर्स के द्वारा फ्री दी जाएगी।
फाइनल सिलेक्शन होने के बाद इंग्लैंड के वर्ल्ड फेमस मैंचेस्टर यूनाइटेड फुटबाल एकेडमी मे भेजा जायेगा। वो भी सब फ्री होगा। वहां चुनने पर प्रोफेशनल मैनचेस्टर यूनाइटेड क्लब में खेलने का सुनहरा अवसर मिलेगा।

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