Saturday, April 27, 2024
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धामी सरकार दो वर्षों में हर मोर्चे पर विफल, राज्यवासियों कर रही है गुमराह : करन माहरा

देहरादून, राज्य की धामी सरकार के दो वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर भाजपा द्वारा राज्य सरकार की उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटा जा रहा है पर हकीकत यह है कि राज्य की धामी सरकार इन दो वर्षों में हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है।
राज्य की भाजपा सरकार के दो वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर एक बयान जारी करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि इन दो वर्षों के कार्यकाल में राज्य की धामी सरकार की कोई ऐसी उपलब्धि नहीं है जिस पर राज्यवासियों को गर्व हो सके। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल में केवल महिलाओं, युवाओं, किसानों, गरीबों का उत्पीड़न करने, जनता को धर्म के नाम पर गुमराह करने तथा मंहगाई, भ्रष्टाचार व बरोजगारी बढ़ाने के अलावा कोई भी ऐसा काम नहीं किया है। भाजपा सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल में राज्य में हत्या, चोरी, डकैती, मासूमों से बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है। अंकिता भण्डारी जघन्य हत्याकाण्ड, हेमा नेगी हत्याकाण्ड, पिंकी हत्याकाण्ड, जगदीश चन्द हत्याकाण्ड, विजय वात्सल्य हत्याकाण्ड, केदार भण्डारी तथा विपिन रावत हत्याकाण्ड यहां तक कि राज्य के मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में नाबालिग से बलात्कार की जैसी घटनाओं से गिरती कानून व्यवस्था उजागर होने के साथ-साथ राज्य की अस्मिता पर भी चोट पहुंची है। राज्य सरकार के कई विभागों में हुए भर्ती घोटालों और भारी भ्रष्टाचार से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा सरकार इन दो वर्षों के कार्यकाल में भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी रही है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि चाहे वह अंकिता भण्डारी हत्याकांड हो, हेमा नेगी हत्याकांड हो, पिंकी हत्याकांड, जगदीश चन्द हत्याकांड, विजय वात्सल्य हत्याकाण्ड, केदार भण्डारी तथा विपिन रावत हत्याकाण्ड इन सारे जघन्य हत्याकाण्डों में सरकार द्वारा केवल अपराधियों को संरक्षण देने का काम किया है। अंकिता भण्डारी हत्याकांड में शामिल वीआईपी का नाम सरकार अभी तक उजागर नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती घोटाला, लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाला, पुलिस भर्ती घोटाला, फारेस्ट गार्ड भर्ती घोटाला, सहकारिता भर्ती घोटाला, पटवारी भर्ती घोटालो में कई गिरफ्तारियां हुईं जिनमें अधिकतर भाजपा नेता संलिप्त थे जिसके चलते राज्य की धामी सरकार ने केवल भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का काम किया।

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष एस.राजू द्वारा अपने त्यागपत्र में आरोपित घोटाले मे लिप्त सफेदपोश नेता कौन है इस पर भाजपा सरकार अभी तक मौन है। भर्ती घोटालों में आरोपित हाकम सिंह किस पार्टी का पदाधिकारी है तथा हरिद्वार के संजय धारीवाल तथा नितिन चौहान मण्डल अध्यक्ष व महामंत्री हैं इससे स्पष्ट है कि दो साल के कार्यकाल में सरकार के संरक्षण में भ्रष्टाचार का उद्योग फल-फूल रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि राज्य में बेरोजगारों की फौज में रोज इजाफा हो रहा है तथा रोजगार मांगने पर बेरोजगारों पर निर्मम लाठी चार्ज हुए। प्रदेशभर में निर्माण सम्बन्धी कार्यों में खुलेआम कमीशनखोरी, निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में कमी तथा छोटे ठेकेदारों का शोषण किया गया। मलिन बस्तियों के विनियमितीकरण की सरकार कोई नीति नहीं बना पाई। प्रदेश में स्थापित लघु उद्योग लगातार बंद होते गये तथा बड़े उद्योगों का पलायन रोकने में विफल सरकार पूरी तरह विफल रही है। इन दो वर्षों में राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ध्वस्त रही तथा महिलाएं शौचालयों में प्रसव को मजबूर होती रही।
उन्होंने कहा जोशीमठ त्रासदी के प्रभावित परिवार सरकार से विस्थापन की मांग करते रहे परन्तु राज्य की धामी सरकार आपदा पीडितों के विस्थापन तथा पुर्ननिर्माण के लिए ठोस निर्णय लेने में विफल साबित हुई।
करन माहरा ने कहा कि प्रदेश में शराब माफिया और खनन माफिया हावी है। सरकारी संरक्षण में शराब की तस्करी तथा खनन में हो रहे भ्रष्टाचार के कारण सरकार को करोड़ों रूपये के राजस्व की हानि हो रही है। गन्ना किसानों का पिछला बकाया भुगतान तो सरकार नहीं कर पाई है नई फसल के समर्थन मूल्य में भी कोई वृद्धि नहीं कर किसानों का शोषण किया गया। पानी, बिजली के दामों में लगातार बढ़ोतरी कर आम आदमी पर लगातार महंगाई का बोझ डाला गया।
अपनी साल की विफलताओं पर पश्चाताप करने की बजाय राज्य की धामी सरकार झूठी उपलब्धियों का फटा हुआ ढोल पीटने पर लगी हुई है।

 

मोदी सरकार के अन्य के खिलाफ जिला मुख्यालयों से गरजेंगे कांग्रेसी, करेंगे भ्रष्टाचार को बेनकाबBlog - Page 136 of 1702 - A Bit Far

देहरादून, उत्तराखंड़ कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने जानकारी देते हुए बताया कि कल उत्तराखंड के प्रत्येक जिला मुख्यालय में प्रेस वार्ता आयोजित की गई है जिसमें कांग्रेस के चिन्हित नेता मोदी सरकार में विपक्ष के साथ हो रहे अत्याचार/अन्याय और भ्रष्टाचार को बेनकाब करेंगे।
इसी कड़ी में अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के द्वारा उत्तराखंड की मीडिया प्रभारी नियुक्त हुई डॉक्टर चयनिका उनियाल काशीपुर में रक्षित जोशी के साथ, नैनीताल में एडवोकेट कमलेश तिवारी, चमोली गोपेश्वर में लखपत बुटोला, पौड़ी गढ़वाल में अद्वैत बहुगुणा ,उत्तरकाशी में मनीष राणा, रुद्रप्रयाग में नरेंद्र बिष्ट, टिहरी गढ़वाल में शांति प्रसाद भट्ट, ऋषिकेश में ज्येंद्र रमोला, हरिद्वार में महेश प्रताप राणा,अल्मोड़ा में तारु तिवारी और हल्द्वानी में मनोज जोशी प्रेस वार्ता को संबोधित करेंगे।
दसौनी ने कहा की दुनिया का सबसे बड़ा जबरन वसूली रैकेट चुनावी बॉन्ड के रूप में सामने आया है।
वर्ष2018 और 2024 के बीच, भाजपा को चुनावी बांड में कुल ₹16,518 करोड़ में से ₹8,252 करोड़ मिले। कांग्रेस पार्टी को केवल ₹1,950 करोड़ मिले, और इसे भी फ्रीज कर दिया गया है। जबकि भाजपा अपनी लूट को खर्च करने के लिए स्वतंत्र है।
दसौनी ने कहा की कई पार्टियों को चुनावी बांड के माध्यम से धन प्राप्त हुआ, क्योंकि सभी दानदाताओं ने गुमनाम रूप से देना पसंद किया। हालाँकि, भाजपा क्योंकि सरकार चला रही हैं जिसके कारण उसका ईडी/सीबीआई/आयकर जैसी जांच एजेंसियों पर नियंत्रण है। इसलिए भाजपा ही बड़े पैमाने पर कंपनियों को मजबूर और ब्लैकमेल कर सकती है।

दसौनी ने कहा की तीन स्पष्ट अवैध रास्ते हैं जिनका उपयोग भाजपा ने चुनावी बांड जुटाने के लिए किया :

हफ्ता वसूली (जबरन वसूली)
ईडी, सीबीआई या आयकर का उपयोग करके किसी कंपनी पर छापा मारना, और फिर कंपनी को छोड़ने के लिए हफ्ता (“दान”) मांगना। इस तरह 94 कंपनियों को निशाना बनाया गया, जिनमें शीर्ष 30 दानदाताओं में से 14 शामिल थीं।
द न्यूज़ मिनट और न्यूज़लॉन्ड्री की एक जांच में पाया गया कि पिछली चुनावी ट्रस्ट योजना के माध्यम से दान देने वाली 30 कंपनियों ने एजेंसियों द्वारा छापे जाने के बाद अपना दान दिया था।
चंदा दो, धंधा लो (प्रतिदान) कुछ मामलों में कंपनियों ने दान दिया और फिर ठेके प्राप्त किए, जबकि अन्य मामलों में उन्हें ठेके मिले और फिर दान के रूप में रिश्वत दी गई। 37 व्यापारिक समूहों ने चुनावी बांड दान दिया जिसके बाद उन्हें 4 लाख करोड़ रुपये की 243 परियोजनाएं सौंपी गईं। ₹4,000 करोड़ का चंदा पैदा हुआ ₹4 लाख करोड़ का धंधा।
अन्य सात दवा कंपनियों की खराब गुणवत्ता वाली दवाओं के लिए जांच की जा रही थी जब उन्होंने चुनावी बांड खरीदे थे। दवाओं में व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले उत्पाद जैसे कफ सिरप, रक्तचाप की दवा और सीओवीआईडी ​​​​-19 उपचार रेमेडिसविर शामिल हैं। भाजपा ने नकदी जुटाने के लिए भारतीयों के स्वास्थ्य के साथ तक समझौते कर लिए।
फ़र्ज़ी कंपनियाँ (शेल कंपनियाँ) 29 संदिग्ध शेल कंपनियाँ हैं जिन्होंने दान दिया। 19 को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) का उल्लंघन करने के “उच्च जोखिम” के कारण वित्त मंत्रालय की सूची में रखा गया था। उनकी गतिविधियों को मोदी सरकार की इस शर्त से मदद मिली कि किसी कंपनी के मुनाफे की कोई भी राशि चुनावी बांड के रूप में दी जा सकती है; पहले शुद्ध लाभ की 7.5% की सीमा थी।
दसौनी ने कहा कि जैसा कि राहुल गांधी ने कहा ही है की पीएम मोदी ने दुनिया में सबसे बड़ा जबरन वसूली रैकेट पैदा किया है। उन्होंने सरकार की पूरी मशीनरी को भाजपा के लिए नकदी पैदा करने वाली मशीन में बदल दिया है।
दसौनी ने कहा कि एक न एक दिन भाजपा का पाप का घड़ा जरूर फूटेगा।

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