देहरादून, उत्तरकाशी जिले के पुरोला टोंस वन प्रभाग में सूखे पेड़ों की आड़ में देवदार के सैकड़ों हरे पेड़ काटे जाने के आरोप में शासन ने डीएफओ, एक प्रभारी एसडीओ और तीन रेंजरों को निलंबित किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुमोदन के बाद प्रमुख सचिव वन आर के सुधांशु ने आदेश जारी किए हैं। प्रकरण के सामने आने के बाद प्रमुख वन संरक्षक ने जांच के आदेश दिए थे।
जांच रिपोर्ट आने के बाद डीएफओ सहित कई अन्य कर्मचारियों पर कार्रवाई की संस्तुति की गई थी। मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलने के बाद प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु ने डीएफओ सुबोध काला, प्रभारी एसडीओ विजय सैनी, सांद्रा रेंज में तैनात रेंजर रामकृष्ण कुकसाल, कोटीगाड़ रेंज के रेंजर गोविंद सिंह चौहान और देवता रेंज के प्रभारी वन क्षेत्राधिकारी ज्ञानेंद्र मोहन जुवाड़ा को निलंबित करने के आदेश जारी किए।
आदेश के अनुसार उप वन संरक्षक कुंदन कुमार को टोंस वन प्रभाग में प्रभागीय वनाधिकारी का जिम्मा सौंपा गया है। कुंदन हल्द्वानी में तैनात थे। डीएफओ काला को नैनीताल और एसडीओ सैनी को शिवालिक वृत्त देहरादून में अटैच किया गया है। रामकृष्ण को पिथौरागढ़ और चौहान को चंपावत कार्यालय में अटैच किया गया है। वन विकास निगम के एमडी की ओर से तत्कालीन डीएलएम रामकुमार सहित आठ अधिकारी-कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई के आदेश एक दिन पहले जारी किए जा चुके थे। गौरतलब हो कि पूर्व में टोंस वन प्रभाग में वन विकास निगम को जारी किए गए लॉट में 790 आवंटित सूखे पेड़ों की आड़ में 115 अतिरिक्त हरे पेड़ काटे गए थे।
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