Tuesday, December 24, 2024
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श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिवस भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन

हरिद्वार 6 अप्रैल ( कुलभूषण ) भावनगर गुजरात यहां पहुंचे नेट लिया परिवार की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के चौथे दिन कथा व्यास एवं श्रीराम महल वैदिक पाठशाला भावनगर के गुरुजी भाविक भाई सी मेहता ने भूपतवाला स्थित निर्धन निकेतन में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिवस भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की प्रत्येक बाल लीला के पीछे एक रहस्य छिपा है। उन्होंने कहा कि जब जब धरती पर पाप का नाश करने की जरूरत होती है भगवान किसी न किसी रूप में अवतरित होते हैं । कथाव्यास ने कहा कि बाल रूप में श्री कृष्ण कंस के राक्षसों से मुकाबले के लिए ब्रजवासी बालकों को बलवान बनाने के लिए उन्होंने माखन चोरी लीला की। इसी प्रकार गोपिकाओं को राक्षसों की कुदृष्टि से बचाने के लिए उन्होंने चीरहरण लीला की। कृष्ण ने जिस समय गोपियों संग चीरहरण लीला की, उस समय उनकी अवस्था 6 वर्ष की थी। 6 वर्ष का बालक किसी के वस्त्र चुरा करके क्या करेगा। बाल लीलाओं का श्रवण कराते हुए कथाव्यास ने गोवर्धन महोत्सव की कथा का भी श्रवण कराया।इससे पूर्व कथा शुभारंभ होने से पूर्व निधर्न निकेतन से गंगा तट तक शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। कथा के मुख्य यजमान श्रीमती मनोसेन पटेल, सह यजमान भारती सेन त्रिवेदी पूना महाराष्ट्र, भावेश भाई त्रिवेदी के अलावा संजय भाई मेहता,जातुभई पंड्या,नरेश भाई भट्ट, हरेन भाई मेहता सहित बड़ी संख्या में भाव नगर से श्रद्धालुओं का समूह कथा श्रवण करने पहुँच रहे है।

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