देहरादून, कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के गांवों को शहीद धाम का दर्जा देकर उत्तराखंड़ में भावी पीढ़ियों में देशभक्ति के जज्बे की लौ जलाए रखने की मांग संयुक्त नागरिक संगठन ने की है, गांधी पार्क स्थित कारगिल युद्ध स्मारक पर आयोजित श्रद्धासुमन कार्यक्रम में पूर्व सैन्य अधिकारियों, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, सेवानिवृत्त राज्य सरकार के अधिकारियों, दून बुद्धिस्ट सोसाइटी की तिब्बती बहिनो और राज्य आंदोलनकारियों ने शहीदों के सम्मान में पुष्पांजलि अर्पित करते हुए 2 मिनट मौन रखकर श्रद्धांजली दी।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि युद्ध में तिरंगे में लिपट कर आए जवानों के गांवों को शहीदधाम का दर्जा देकर उत्तराखंड़ सरकार उनके परिवारों की कठिनाइयों को दूर करने के साथ हर माह उनके परिवार से मुलाकात करने हेतु स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। इस मौके पर वरिष्ठजनों का कहना था कि शहीदों के परिवारों के प्रति सम्मान और सहयोग की भावना को धरातल पर उतारे जाने की जरूरत है केवल औपचारिक भाषणों से इनका भला नही होगा।
इस अवसर पर लै.कर्नल विक्रम सिंह थापा, ब्रिगेडियर केजीबहल, लै.कर्नल बीएम थापा, डा. ब्रजमोहन शर्मा, जीएस जस्सल, मधु त्यागी, परमजीत कक्कड़, खुशबीर सिंह, प्रदीप कुकरेती, रुचि त्यागी, प्रकाश नागिया,अवधेश शर्मा,सुशील त्यागी, जगदीश बावला, ओमप्रकाश उनियाल, लेफ्टिनेंट कर्नल जीएस गंभीर, आशा टम्टा, अमर सिंह धुन्ता, सुशील सैनी, जयपाल सिंह, मोहन खत्री, सत्य प्रकाश चौहान, गिरीशचंद्र भट्ट, चौ.चंद्रपाल सिंह, जसमीतकौर जस्सल तथा तिब्बती वूमेन फेडरेशन की महिलाएं भी शामिल थी।
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