देहरादून, उत्तराखंड़ में कोरोना की दूसरी लहर के चलते राज्य में मौतों का आंकड़ा बढ़ा है, जनपद दून में भी मृतकों की संख्या में इजाफा हुआ, इस दौरान कोरोना काल में अपने किसी स्वजन के निधन के बाद मृत्यु प्रमाण-पत्र लेने नगर निगम पहुंच रहे आम लोगों की परेशानी कम करने के लिए नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने गुरूवार से टोकन सिस्टम लागू कर दिया है। निगम में इन दिनों काफी भीड़ जुट रही है, जिसके कारण संक्रमण का खतरा बढ़ रहा था। ऐसे में नगर आयुक्त ने आवेदन करने वालों और प्रमाण-पत्र लेने आने वालों के लिए टोकन की अलग-अलग व्यवस्था कराई है। इसमें आवेदन के चौथे दिन मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के आदेश दिए गए हैं,
कोरोना काल में मृत्यु का आंकड़ा जिस तेजी से बढ़ा है, उसी के अनुसार निगम में मृत्यु प्रमाण-पत्र लेने वालों की भीड़ उमड़ रही है। स्थिति यह है कि बीती एक अप्रैल से अब तक नगर निगम दो हजार से ज्यादा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर चुका है।
पिछले दिनों निगम परिसर में भीड़ की स्थिति देख नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने स्वास्थ्य अनुभाग को चेतावनी दी थी। उनका कहना था कि भीड़ नियंत्रण न करने से कोरोना का खतरा बढ़ सकता है। गुरुवार की सुबह भी नगर आयुक्त ने स्वास्थ्य अनुभाग में जाकर स्थिति देखी और भीड़ नियंत्रण के लिए हर कार्य के लिए टोकन सिस्टम लागू करने के आदेश दिए। इसके बाद स्वास्थ्य अनुभाग ने मृत्यु प्रमाण-पत्र के आवेदन करने वालों के लिए 25-25 टोकन आधे-आधे घंटे के हिसाब से तय कर दिए। यानी, शुरुआत में पहुंचने वाले 25 व्यक्तियों के बाद पहुंचने वालों को टोकन लेने को आधा घंटा इंतजार करना होगा |
महापौर सुनील उनियाल गामा ने मृत्यु प्रमाण-पत्र की ज्यादा प्रतिलिपि बनाने पर लगने वाले शुल्क को माफ करने के आदेश दिए हैं। दरअसल, मृत्यु के 21 दिन बाद प्रमाण-पत्र आवेदन की स्थिति में कोई भी शुल्क नहीं लगता है, लेकिन ज्यादातर लोग मूल प्रति के साथ चार-पांच अतिरिक्त प्रति भी लेते हैं। बैंक या पेंशन आदि को लेकर जुड़े कार्यों में मूल प्रति ली जाती है। निगम में अतिरिक्त प्रति के लिए शुरुआती 30 दिन तक तीन रुपये एक प्रति, जबकि इसके बाद सात रुपये एक प्रति के देने पड़ते थे। चूंकि, इन दिनों कोरोना के कारण स्वजन की मृत्यु के चलते परिवारवालों को क्वारंटाइन रहना पड़ता है और इसके कारण देर से आवेदन कर पाते हैं। ऐसे में महापौर ने अतिरिक्त प्रति पर लगने वाला शुल्क माफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह खर्च निगम खुद वहन करेगा। साथ ही स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए गए कि मृत्यु प्रमाण-पत्र लेने आने वालों को किसी तरह की परेशानी न हो। इसके लिये अब मृत्यु प्रमाण पत्र लेने के लिए अब धूप में लाइन में नहीं लगना है। गुरुवार से आयुक्त के आदेश पर नई व्यवस्था बनाई गई। इसमें मृत्यु प्रमाण पत्र लेने आने वालों को टोकन देकर हाल में बैठाया जा रहा। वहां कुर्सियों व पंखे समेत पीने के पानी की व्यवस्था भी की गई है। इसके बाद नाम पुकारे जा रहे व प्रमाण पत्र सीधे संबंधित व्यक्ति के नजदीक पहुंचकर दिए जा रहे। इससे लाइन व भीड़ की समस्या से निजात मिल गई। निगम के वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरके सिंह ने बताया कि प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकतम तीन दिन का समय लिया जा रहा है। आवेदन के चौथे दिन संबंधित व्यक्ति को बुलाकर प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 24 मई तक के सभी आवेदनकर्ताओं को प्रमाण-पत्र जारी कर दिए गए हैं।
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