‘अग्निवीर जैसी रोजगारपरक और रक्षा ताकत बढाने वाली योजना के खिलाफ बना रही वातावरण’
देहरादून, भाजपा ने कहा कि अग्निवीर योजना पर लगातार भ्रामक वातावरण बनाने की फिराक में लगी कांग्रेस की सच्चाई यह है कि लगातार 70 सालों से सेना को हाशिये पर रखकर उनकी जरूरत और रक्षा क्षेत्र की अनदेखी करती रही। लेकिन जिस तरह से रक्षा क्षेत्र में देश और सैनिकों की ताकत मे इजाफ़ा करने की दिशा मे मोदी सरकार लगातार कार्य कर रही है उससे कांग्रेस विचलित है और उसे कुछ नही सूझ रहा है।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि अग्निवीर योजना की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इस योजना से युवाओं को रोजगार के चौगुने अवसर हासिल होंगे। इससे सैन्य क्षमता में वृद्धि के साथ ही अधिक सक्षम जवानों और जागरूक नागरिक देश को मिलेंगे। सेना की औसत आयु को कम कर यह योजना भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि करने वाली है। अग्निवीर योजना को लेकर भी बिना किसी तथ्यात्मक जानकारी, तकनीकी ज्ञान और व्यवहारिक अनुभव के कांग्रेस महज हौव्वा खड़ा करने की फिराक में है। विशेषज्ञों के लंबे विमर्श के बाद इस योजना को अमल में लाया गया है और अभी इसके नतीजे आने है।
भट्ट ने कहा कि अग्निवीर जैसी योजनाएं यूरोप, अमेरिका, चीन आदि तमाम देशों में लागू है और किसी भी आधुनिक सैन्य मजबूती की अहम कड़ी है । निर्णायक सैन्य सुधार की जरूरत को कांग्रेस की सरकारों में भी महसूस किया गया था लेकिन उनमें नैतिक बल नहीं था।
प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन के 70 वर्षों में कभी वन रैंक वन पेंशन को लागू नही किया। भारतीय सेना आज साधन संपन्न और हथियारों से सुस्सजित होने के साथ निर्णय लेने में भी सक्षम है। शरहदों पर रहने वाले सैनिकों को लेकर सरकार फ़िक्रमंद है। परिजनों को तमाम सुविधाएं देने की दिशा में जमीनी स्तर पर कार्य होता है, जबकि पूर्व में सैनिकों को वह सम्मान नही मिलता था जिसके वह हकदार थे। कांग्रेस ने एक नही कई मौकों पर सैनिकों का अपमान और मनोबल को तोड़ने का कार्य किया। आज यही वजह है कि सैनिकों और देश सहित पूरे विश्व मे भारत का सम्मान बढ़ा है। कांग्रेस इस उपलब्धि को पचा नही पा रही है और देश की छवि को खराब करने के लिए हथकंडे अपना रही है। जनता इसे स्वीकार नही करेगी। कांग्रेस को देश की रक्षा से जुड़े मामलों को राजनीति की परिधि से बाहर रखना चाहिए
आप ने किया गांधी पार्क में पौधा रोपण, आमजन को भी वितरित किये पौधे
देहरादून, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गाँधी पार्क पर लोकपर्व ‘हरेला’ के अवसर पर पौधारोपण किया गया। जिसके उपरांत समस्त कार्यकर्ताओं द्वारा आमजन को पौधे वितरित कर अपने क्षेत्रों में रोपने की अपील की गई।
इस अवसर पर पूर्व प्रदेश महासचिव विशाल चौधरी जी ने कहा कि उत्तराखंड का लोकपर्व हरेला का जागरूकता व सजगता के दृष्टिकोण से अपना एक विशेष महत्व है। उत्तराखंड का नाम भारत के मानचित्र पर अपना एक अलग स्थान रखना है, यहां की लोह महिलाओं द्वारा जनहित में किये गये जनान्दोलन संपूर्ण राष्ट्र को एक संदेश देते है चाहे गौरा देवी जी हो या तीलू रौतेली व स्व• सुन्दरलाल बहुगुणा ऐसी महान विभूतियों से सदैव समाज को प्रेरणा मिलती है। मेरा राज्य के मुख्यमंत्री धामी जी से अनुरोध है कि देवभूमि मे परियोजनाओं के नाम पर हो रहे अनियोजित विकास के कारण निरंतर पर्यावरण का ह्रास हो रहा है जिसकी वजह से आऐ दिन राज्य मे भूस्खलन व देवीय आपदाऐं विकराल रूप लेती दिख रही है। सरकार को हरेला पर जागरूकता अभियान चलाने चाहिए जिससे भविष्य में राज्य का नागरिक पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत आगे आकर कार्य कर सके।
इस अवसर पर पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ डाॅ. अंसारी ने कहा कि हरेला पर्व हमें पर्यावरण को सुरक्षित व संतुलित रखने की प्रेरणा देता है, राज्य का नागरिक सदैव से अपनी नैतिक जिम्मेदारियों से सभी को प्रेरित करता रहा है। सरकार को भी हरेला के दृष्टिगत प्रकृति संरक्षण की मुहिम चलाई जानी चाहिए।
इस अवसर पर जिला महासचिव शरद जैन, श्यामलाल नाथ, जितेन्द्र पंत, मनोज चौधरी, संजीव शर्मा,श्यामबाबू पाण्डे, राजेन्द्र सिंह, मनीष छाछरा, मुकुल बिडला, योगेन्द्र चौहान, थाॅमस मैसी हरीसिमरन, एडवोकेट आशा राजवंशी, कासिम, ऊषा शर्मा, रोशनी रावत, अर्शी, भरत थपलियाल, आरती राणा, महिपाल, पंकज अरोड़ा, जसबीर सिंह, राघव दुआ, हारून मिर्जा, विक्की ठाकुर, ऋतु डिमरी, जसबीर सिंह, प्रवेश कुमार, संदीप गागट, एम एल कनौजिया,हरिसीमरन सिंह, महिपाल सिंह,सुशांत थापा,प्रकाश शर्मा,सुमित महारथी, सतीश कुमार, नैनीताल राजौरिया आदि उपस्थित रहे।
महिला आयोग की अध्यक्षा ने महिलाओं के साथ वीरभद्र मंदिर में भगवान शिव को जल चढ़ा कर बांटा प्रसाद
ॠषिकेश, उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा ने सावन के पवित्र माह के दूसरे सोमवार व अमावस्या के अवसर पर ऋषिकेश स्थित प्राचीन सिद्धपीठ महादेव के वीरभद्र मंदिर में वीरभद्र जनकल्याण समिति की महिलाओं के साथ पूजा अर्चना कर भगवान शिव के शिवलिंग पर जल चढ़ाया और सभी भक्तजनों को श्रावण माह के दूसरे सोमवार व सोमवती अमावस्या की शुभकामनाएं दी तथा इस अवसर पर समस्त प्रदेशवासियों के हित की मंगलकामना की।
पूजा अर्चना के बाद महिला आयोग की अध्यक्षा ने मन्दिर पहुंचे सभी भक्तजनों को वीरभद्र जनकल्याण समिति की ओर से खीर वितरण कर भंडारे की शुरुआत की गई।
महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमती कण्डवाल ने कहा कि हमें अपने संस्कृति और संस्कारों से जुड़े रहना चाहिए और उन्होंने कहा कि हमारा धर्म हमे सिखाता है कि हमें समाज से जुड़ कर समाज सेवा का कार्य भी लगातार करते रहना चाहिए।
इस अवसर पर वीरभद्र जनकल्याण समिति की सदस्य और मीरा नगर पार्षद सुन्दरी कंडवाल ने बताया कि समिति अपनी संस्कृति अपने धर्म के उत्थान व जनसेवा के लिए लगातार प्रयासरत है।
कार्यकर्म में अरविंद चौधरी, रमेश चंद शर्मा, वेद प्रकाश कपरवान, रविंद्र कश्यप, दिनेश शर्मा, विवेक चतुर्वेदी, लता राणा, विनता, शशि राणा, शोभा कोठियाल, पार्वती रनाकोटी, चंद्रकांता देवी, रीना उनियाल, भावना भट्ट, सुनीता बिष्ट, जानकी देवी, राजी देवी आदि का ने धर्मलाभ उठाया।
श्रावणी मेले का विधिवत् शुभारंभ : जागेश्वर धाम राज्य ही नहीं सम्पूर्ण देश में प्रसिद्ध धाम है : सांसद अजय टम्टा
अल्मोड़ा ( जागेश्वर), प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में लगने वाले श्रावणी मेले का शुभारंभ आज बड़ी धूमधाम से हुआ। शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्यातिथि सांसद अजय टम्टा समेत विधायक अल्मोड़ा मनोज तिवारी, जिलाध्यक्ष भाजपा रमेश बहुगुणा, जिलाधिकारी/अध्यक्ष जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति विनीत तोमर समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति रहे। इस दौरान शुभारंभ कार्यक्रम में पहुंचे अतिथिगणों ने जागेश्वर धाम में पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। इसके पश्चात सांसद अजय टम्टा समेत अन्य गणमान्यों ने रिबन कटकर श्रावणी मेले का विधिवत उद्घाटन किया। इस दौरान मा0 सांसद अजय टम्टा ने सभी प्रदेशवासियों को श्रावणी मेला एवं हरेला पर्व की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि जागेश्वर धाम राज्य ही नहीं सम्पूर्ण देश में प्रसिद्ध धाम है। देश विदेश से लोग यहां श्रद्धा के साथ आकर शीश झुकाते हैं। उन्होंने कहा कि मेले को भव्य बनाने के लिए जिलाप्रशासन तथा मंदिर समिति पूरे मंतव्य से तथा पूरी श्रद्धा से जुटी हुई है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद अजय टम्टा ने कहा कि जागेश्वर धाम सबकी श्रद्धा का केंद्र हैं। यहां आकर खोए हुए आत्मविश्वास को पुनर्जीवित करने की अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि मानसखंद मंदिर माला में भी जागेश्वर को रखा गया है तथा मास्टर प्लान के तहत जागेश्वर का विकास किया जाएगा। उन्होंने सभी श्रृद्धालुओं के लिए मंगलकामनें की।
इस दौरान मेले के शुभारंभ अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। जिसमे स्कूली बच्चों तथा सांस्कृतिक दलों ने विभिन्न सांस्कृतिक छटाओं से सभी को मंत्रमुग्ध किया।
मेले में श्रृद्धालुओं के लिए सुगम एवं सुलभ सुविधाओं को बनाए रखने की है पूरी व्यवस्था : जिलाधिकारी
जिलाधिकारी (अध्यक्ष मंदिर समिति) विनीत तोमर ने कहा कि मेले में आने वाले सभी भक्तगणों का स्वागत है। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान श्रृद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसके लिए साफ सफाई, कूड़ा प्रबंधन, पेयजल व्यवस्था तथा ट्रैफिक नियंत्रण की सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। मेला अवधि के दौरान जल संस्थान द्वारा पेयजल व्यवस्था के लिए टैंकर के द्वारा भी उपलब्धता सुनिश्चित की गई है तथा पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था में 7 कर्मचारी तैनात किए गए हैं।
हरेला पर्व के अवसर पर श्रावणी मेला शुभारंभ में वृक्षारोपण भी किया गया
इस दौरान जागेश्वर परिसर में भंडारा स्थल के किनारे सभी गणमान्यों द्वारा पौधारोपण भी किया गया। पौधारोपण कर सभी गणमान्यों ने सभी लोगों से वृक्षारोपण कर प्रकृति संरक्षण करने की अपील की गई।
इस दौरान उपजिलाधिकारी गोपाल सिंह चौहान, प्रबंधक जागेश्वर मंदिर समिति ज्योत्सना पंत,
बीजेपी जिला महामंत्री धर्मेंद्र बिष्ट समेत अन्य गणमान्य एवं अधिकारी तथा श्रृद्धालु गण उपस्थित रहे।
हरेला धरती के श्रृंगार और पर्यावरण संरक्षण का पर्व है : डाॅ. धन सिंह रावत
ॠषिकेश, राज्य भर में मनाए जा रहे हरेला पर्व के तहत एम्स ऋषिकेश परिसर में विभिन्न प्रजातियों के 100 से अधिक पौधे रोपे गए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्य के चिकित्सा स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा कि हरेला धरती के श्रृंगार और पर्यावरण संरक्षण का पर्व है। इस परम्परा को आगे बढ़ाना प्रत्येक राज्यवासी की जिम्मेदारी है।
सोमवार को एम्स ऋषिकेश परिसर में आयोजित हरेला पर्व पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि सूबे के स्वास्थ्य चिकित्सा और उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत की मौजूदगी में संस्थान के अधिकारियों तथा फेकल्टी सदस्यों द्वारा चम्पा, कीनू, कनेर, गोगनबेलिया आदि प्रजातियों के फलदार और छायादार पौधे रोपे गए। एम्स के मिलेट कैफे स्थल के निकट केबिनेट मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत द्वारा चम्पा का पौधा रोपा गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि धरती में पर्यावरण संतुलन और जीवन चक्र के लिए जरूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति पौधारोपण कर वृक्षों को संरक्षित करने का संकल्प ले। ताकि लोक परम्परा को जीवित रखा जा सके और हमारी नई पीढ़ी को इससे जुडी़ रहे।
उल्लेखनीय है कि राज्य में आम जनमानस को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से 16 जुलाई से 23 जुलाई तक हरेला सप्ताह मनाया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉक्टर) मीनू सिंह ने वृक्षों को प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि वृक्ष प्रकृति का वरदान है और इनसे हमें प्राण वायु प्राप्त होती है। उन्होंने पृथ्वी के पर्यावरण को सुरक्षित और बचाए रखने के लिए वृक्षों को अति महत्वपूर्ण बताया। केबिनेट मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने एम्स परिसर में की जा रही आर्गेनिक खेती का निरीक्षण भी किया। उन्होंने इसकी सराहना करते हुए कहा कि मोटा अनाज को बढ़ावा देने के लिए एम्स का यह प्रयास प्रशंसनीय है। बता दें कि एम्स परिसर में 5 बीघा से अधिक भूमि पर कोदा, मक्का और मंडुए की उपज की जा रही है।
इस मौके पर डीन एकेडेमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुुमार मित्तल, उप निदेशक (प्रशासन) कर्नल राकेश कुमार, रजिस्ट्रार राजीव चौधरी, विधि अधिकारी प्रदीप चन्द्र पाण्डेय, अधीक्षण अभियंता ले. कर्नल राजेश जुयाल, प्रशासनिक अधिकारी गौरव बडोला, काॅलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल प्रो. स्मृति अरोड़ा, नगर निगम महापौर अनीता ममगाईं, डाॅ. विनोद कुमार, डाॅ. अनीसा आतिफ सहित संस्थान के कई फेकल्टी मेम्बर और अधिकारीगण मौजूद रहे।
अगले 25 साल का रोडमैप तैयार करे एम्स
ऋषिकेश, पौधरोपण कार्यक्रम के बाद केबिनेट मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने एम्स के अधिकारियों के साथ बैठक की और हाल ही में देहरादून में संपन्न हुए स्वास्थ्य चिंतन शिविर के निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने काला ज्वर मुक्त भारत और एनीमिया मुक्त भारत बनाने के लिए राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय को भी लक्ष्य सौंपे हैं। इसके अन्तर्गत राज्य के प्रत्येक मेडिकल काॅलेज को कुछ जनपद सौंपे जाने हैं। जिसके तहत हरिद्वार जनपद की जिम्मेदारी लेने के लिए उन्होंने एम्स से अपेक्षा जताई। यह भी कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य को एम्स ऋषिकेश से बहुत अपेक्षाएं हैं। ऐसे में एम्स को चाहिए कि स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से वह अगले 25 वर्षों का रोडमैप तैयार करे। कहा कि राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज के छात्र- छात्राओं को लाभ मिले इसके लिए ई-ग्रंथालय की स्थापना तथा फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम तैयार किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने एम्स के सहयोग और इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आवश्यकता बताई। डाॅ. रावत ने नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) की सूची में देश के सभी एम्स संस्थानों में एम्स ऋषिकेश को चौथा स्थान मिलने पर राज्य के लिए गौरव की बात कही।
आईडीपीएल के अनशनकारियों ने पौधे रोप कर क्रमिक अनशन शुरू किया
ऋषिकेश, आईडीपीएल काली मंदिर के पास चल रहा धरना 31 वें दिन व क्रमिक अनशन 8वें दिन भी जारी रहा।
आज उत्तराखंड के पर्व हरेला पर्व पर धरने के 31वें दिन क्रमिक अनशनकारियो ने पौधे रोप कर क्रमिक अनशन शुरू किया ।अनशन पर बुद्धदेवी,गीता,माया,अरुणा,और सविता थापा बैठीं।
क्रमिक अनशन पर बैठी महिलाओं ने मांग की कि जिस भू माफिया,उद्योगपति या नेता की वजह से हमे घर से बेघर किया जा रहा है उसका नाम उजागर होना चाहिए,बारह सौ परिवारों को बेघर करने का जो कूकृत्य जिसके द्वारा किया जा रहा है उसका नाम ऋषिकेश की जनता के सामने आना ही चाहिए।
इस अवसर पर रामेश्वरी चौहान ,संदीप कुमार,सुनील कुटलैहडिया,हेमंत,सजल,सजीव,नन्दनी,सुकुमारी,सुचित्रा,कविता,सावित्री,हेमा पांडे आदि उपस्थित थे।
हरेला पर गोष्ठी : पर्यावरण पृष्ठभूमि में हरेला पर्व के औचित्य व उसकी प्रासंगिकता को विस्तार से किया गया रेखांकित
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से अपने कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज उत्तराखण्ड के लोक पर्व हरेला पर विविध कार्यक्रम आयोजित किये गये उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों विशेषकर कुमाऊं अंचल में हरेला मनाने की परम्परा सदियों से चली आ रही है उमंग और उत्साह के साथ मनाये जाने वाले इस पर्व को ऋतु उत्सवों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। हरेला पर्व सौरमास श्रावण के प्रथम दिन यानि कर्क संकान्ति को मनाया जाता है। परम्परानुसार हरेला पर्व से नौ अथवा दस दिन पूर्व पत्तों से के दोनों या रिंगाल की टोकरियों में पांच, सात अथवा नौ प्रकार के धान्य बीजों को बोकर घर के देवस्थान में रखा जाता है। हरेला पर्व के दिन टोकरियों में उगे इन हरेले के तृणों को काटकर देवताओं को चढ़ाने के बाद बाद घर-परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर रखा जाता है। इस दौरान सयानी महिलाएं अशीष के आंखर भी देती है हरेले के दिन विविध पहाड़ी व्यंजन यथा बड़े पूर्वे, पूरी, खीर आदि बनाये जाते हैं और पास-पड़ोस में प्रेम से इन्हें एक दूसरे के यहां बांटने की परम्परा है।
संस्थान के सभागार में आयोजित कार्यक्रमों के तहत एक विचार गोष्ठी भी रखी गयी। इसमें कुमाउनी भाषा व संस्कृति की विशेषज्ञ श्रीमती कमला ने पर्वतीय खेती-बाड़ी और स्थानीय पर्यावरण पृष्ठभूमि में हरेला पर्व के औचित्य व उसकी प्रासंगिकता को विस्तार से रेखांकित किया। अपने वक्तव्य में श्रीमती पंत ने कहा कि हरेला पर्व सीधे तौर पर प्रकृति के साथ जुड़कर समन्वय बैठाने की भूमिका में नजर आता है। मानव समाज के तन-मन में हरियाली हमेशा से ही प्रफुल्लता का भाव संचारित करती रही है। उन्होंने कहा कि हरेला पर्व लोक विज्ञान और जैव विविधता से भी सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। हरेला बोने की प्रक्रिया को एक तरह से बीज परीक्षण के रूप में देखा जा सकता है। इससे यह सहज अनुमान लग जाता है आगामी फसल कैसी होगी। हरेले में मिश्रित बीजों के बोने की परम्परा भी मिश्रित खेती पद्धति के महत्व को भी दर्शाती है।
साहित्यकार व लोक संस्कृतिविद डॉ. नन्दकिशोर हटवाल ने हरेला पर्व के सामाजिक व सांस्कृतिक महत्व पर गहन प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि मानव के तन-मन में हरियाली हमेशा से ही प्रफुल्लता का भाव संचारित करती आयी है। परिवार व समाज में सामूहिक और एक दूसरे की भागीदारी से मनाये जाने वाला यह लोक पर्व सामाजिक समरसता और एकता का भी प्रतीक है। हरेला पर्व में लोक कल्याण की एक महान अवधारणा निहित है ऐसे में निश्चित तौर पर लोक के बीच मनाया जाने वाला यह पर्व हमें प्रकृति व समाज के करीब आने का सार्थक संदेश देता है।
विचार गोष्ठी में इतिहासकार डॉ. योगेश धस्माना ने हिमालय के परिवेश में हरेला पर्व को केन्द्रित करते हुए उसके पर्यावरण के अलावा घर-परिवार और गांव समाज में सामूहिक मान्यता और उसकी उपादेयता पर सार्थक जानकारी प्रदान की।
इसके बाद दूसरे सत्र में लोकगीत व संगीत के विविध कार्यक्रम हुए। जिसमें रामचरण जुयाल ने अपनी संगीत की प्रस्तुति दी। वरिष्ठ कुमाउनी कवि श्री गोपाल सिंह बिष्ट ने अपनी कविताओं के माध्यम से पहाड़ की संस्कृति और रितिरिवाज से जुड़े प्रसंगों को सुनाया। श्री सुरेन्द्र कोहली व श्रीमती अर्चना सती ने भी पहाड़ के जनजीवन व हरियाली से संबंधित कई लोकगीतों की बेहतरीन प्रस्तुति दी। श्रीमती शोभा शर्मा ने भी कविता पाठ किया जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा कार्यक्रम से पूर्व श्रीमती भारती पाण्डे व श्रीमती कमला पंत ने मंगल गीत व अंत में हरेले के आशीष के आंखर भी गाये। हरेले के इस कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध लोकगायक व संगीतकार गढ़रत्न श्री नरेंद्र सिंह नेगी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थिति रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री बिजू नेगी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के प्रोग्राम एसोसिएट श्री चन्द्रशेखर तिवारी ने दिया।
इस दौरान देहरादून के अनेक लेखक, साहित्यकार और संस्कृति प्रेमी, युवा पाठक सहित अतुल शर्मा,रविन्द्र जुगरान, ज्योतिष घिल्डियाल, सुंदर सिंह, मदन बिष्ट, जगदीश महर सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।
ऑल इंडिया मास्टर्स क्लासिक पावरलिफ्टिंग चौंपियनशिप 2023 में अपर पुलिस महानिदेशक अमित सिन्हा ने जीता स्वर्ण पदक
देहरादून, जीएमआर स्पोर्ट्स एरेना, राजम, विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में 12 से 16 जुलाई तक आयोजित ऑल इंडिया मास्टर्स क्लासिक पावरलिफ्टिंग चौंपियनशिप 2023 में श्री अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस दूरसंचार/वरिष्ठ उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड पुलिस स्पोटर्स कंट्रोल बोर्ड ने 120 किग्रा भार वर्ग में कुल 435 किलोग्राम वजन (180 स्क्वाट, 95 बेंच प्रेस, 160 डेड लिफ्ट) के साथ स्वर्ण पदक अर्जित कर प्रदेश और उत्तराखण्ड पुलिस का मान बढ़ाया है। प्रतियोगिता में 23 राज्यों से कुल 456 भारोत्तोलकों ने प्रतिभाग किया।
इसके साथ ही श्री अमित सिन्हा दिनांक 8-15 अक्टूबर 2023 तक उलान बातर मंगोलिया में आयोजित होने वाली विश्व चौंपियनशिप के लिए भी चयनित हो गये हैं।
श्री अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड ने श्री अमित सिन्हा की इस उपलब्धी के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी है।
हरेला पर्व पर लोक पर्यावरण शिक्षा संस्थान ने किया चंद्रभागा नदी के तट पर वृक्षारोपण
ॠषिकेश, चंद्रभागा नदी के तट पर हरेला पर्व पर लोक पर्यावरण शिक्षा संस्थान ने नदी के संरक्षण के लिए वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया। वृक्षारोपण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नगर आयुक्त ऋषिकेश और लोक पर्यावरण शिक्षा संस्थान के अध्यक्ष श्यामलाल भाई पर्यावरणविद् मौजूद रहे। संस्थान के द्वारा स्वच्छ गंगा नदी बचाओ अभियान के तहत चंद्रभागा नदी के संरक्षण में 1500 पौधों का रोपण विगत वर्ष भी किया था | आज ‘हरेला पर्व’ के उपलक्ष में 50 फलदार व औषधि पौधों का वृक्षारोपण किया गया | इस अलसर पर नगर आयुक्त द्वारा स्वच्छ गंगा नदी बचाओ अभियान के तहत चंद्रभागा नदी संरक्षण के प्रयास की सराहनीय करते हुए कहा कि हम सभी लोगों को चंद्रभागा नदी संरक्षण के लिए सहयोग करना होगा और नदी के तटों को स्वच्छ रखकर उन पर वृक्षारोपण करने का प्रण लेना होगा, स्वच्छ गंगा नदी बचाओ अभियान के प्रमुख श्यामलाल भाई पर्यावरणविद् ने नगर आयुक्त ऋषिकेश के समक्ष चंद्रभागा नदी संरक्षण आ रही कठिनाइयों की जानकारी दी और संस्था द्वारा किए गए प्रयासों से वृक्षारोपण स्थल का निरीक्षण करवाया | उन्होंने जनता से चंद्रभागा नदी के तट पर वृक्षारोपण करने की अपील की, ताकि चंद्रभागा नदी के तटों को प्लास्टिक कचरे से निजात मिल सके साथ ही नदी के तट का कटाव भी कम होगा और चंद्रभागा नदी के तटों पर कचरा नहीं होगा l संस्था चंद्रभागा नदी संरक्षण के लिए हम स्वच्छता अभियान के माध्यम से तो वर्ष 2016 से प्रयासरत हैं |
इस पुनीत कार्य के लिए सहयोग ORBIS Financial Corporation, वन प्रभाग नरेंद्र नगर, भारतीय स्टेट बैंक रेलवे रोड, नगर निगम ऋषिकेश, हेमंत गुप्ता, हितेंद्र सिंह पंवार गढ़वाल ज्वेलर्स, विनोद जुगरान,पर्यावरणविद् प्रीतम विश्वकर्मा, शशि पांडे, संगीता तिवारी, नवीन नेगी, दान स्वरूप आदि से सकरात्मक सहयोग प्राप्त हुआ है।
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