मसूरी। जब पूरे देश व प्रदेश के नागरिक कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं वहीं साइबर क्राइम करने वालों के लगातार हौंसले बुलंद हो रहे हैं। आये दिन साइबर ठगी का मामला प्रकाश में आता रहता है। इसी कड़ी में एक साइबर अपराधी ने एक सेना के अधिकारी की आईडी का प्रयोग कर एक अधिवक्ता के भानजे के खाते से धनराशि निकालने का प्रयास किया लेकिन वह समझ गया व बच गया।
मसूरी निवासी एक अधिवक्ता के भानजे को एक फोन आया कि वह सेना में अधिकारी है तथा उनका स्थानातंरण देहराूदन हो गया है उन्हें एक मकान किराये पर चाहिए। उन्होंने मकान का किराया तय होने के बाद प्रमाण के रूप में सेना के कैंटीन की आईडी के साथ ही पेनकार्ड व आधार कार्ड व्हाटसएप किया व अधिवक्ता के भानजे से अपना एकाउंट नबंर बताने को कहा ताकि वह उसमें एक रूपया डाल कर एकाउंट की जांच कर सके लेकिन अधिवक्ता के भानजे को उस पर उस समय शक हुआ जब एक बार उसने अपने को कैप्टन बताया व दूसरी बार मेजर बताया। इस उन्होंने एकाउंट नबंर नहीं दिया वरना उनका एकाउंट खाली जो जाता।
पर सवाल उठाता है कि आखिर साइबर अपराध करने वाले के पास सेना के अधिकारी की आईडी कहां से आयी। जिसमें उसका नाम संजय सिंह मूल निवास चामी जिला टिहरी गढवाल उत्तराखंड लिखा था। उन्होंने लोगों से ऐसे साइबर अपराध करने वालों से बचने व किसी को भी लालच में बिना प्रमाण के अपना एकाउंट नबंर न देने को कहा है। वरना किसी के साथ भी इस तरह की घटना घट सकती है।
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