Thursday, November 21, 2024
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कांग्रेस ने घोषणा पत्र “न्याय पत्र” जारी किया पांच प्रमुख बिंदुओं पर जोर दिया

देहरादून। अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सोशल मीडिया चेयरमैन और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत का कांग्रेस के घोषणा पत्र “न्याय पत्र” पर वक्तव्य: ये घोषणा पत्र कमरे में बैठकर पूंजी पतियों की लिस्ट पर नहीं बना है यह घोषणा पत्र कुछ विशेषज्ञ या जानकारों से बात करके नहीं बना है। यह घोषणा पत्र इस देश की आवाज है इसकी जो वेबसाइट है उसका नाम भी है “आवाज भारत की।”और यह घोषणा पत्र भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान जिन करोड़ों करोड़ लोगों से हम इस देश के मिले जिनकी आशाओं को, अपेक्षाओं को, आकांक्षाओं को और आशंकाओं को भी, उनके दुख, कष्ट और तकलीफों को भी हमने सुना यह उसका प्रतिबिंब है और इस घोषणा पत्र के पांच प्रमुख बिंदु है नारी न्याय, युवा न्याय किसान, न्याय
श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय 10 साल से देश बहुत सारी परेशानियां झेल रहा है और उन सारी परेशानियों का इस घोषणा पत्र में समाधान है। इस देश में बेरोजगारी अपने 45 साल की चरम सीमा पर है इस देश में बेरोजगार जब अपनी नौकरी की बात करता है तो उसको सड़कों पर लाठियों से पीटा जाता है इस देश में बेरोजगारी का यह आलम है कि हर घंटे दो युवा अपनी जान ले रहे हैं। और इसलिए जब हमने युवा न्याय की बात करी तो हमने साफ तौर पर कहा सर्वप्रथम 30 लाख रिक्त सरकारी पद भरे जाएंगे।

खास तौर से एक योजना उत्तराखंड के युवाओं के लिए है सारे देश को पता है कि उत्तराखंड के तमाम युवा इस देश की सेना में अपनी शौर्य और पराक्रम की सेवाएं देते हैं और इस सरकार ने सेना की मनोबल को तोड़ने के लिए उनके शौर्य और पराक्रम का उपहास उड़ाया जब इन्होंने 4 सालों के लिए ठेके पर अग्नि वीर रखने शुरू कर दिए अग्निपथ योजना के माध्यम से हमारी पार्टी का संकल्प है कि हम इस अग्निवीर योजना को पूरी तरह से खत्म कर देंगे और पूर्व की भांति सेना को उसका खोया हुआ गौरव लौटाएंगे। अब नारी न्याय की बात कहा जाता है कि यदि एक महिला शिक्षित होती है तो उसका पूरा परिवार पर शिक्षित हो जाता है हमारा मानना है कि यदि एक महिला के हाथ में पैसा आएगा तो उसके परिवार की ही तरक्की होगी इसलिए हम महालक्ष्मी योजना के तहत गरीब परिवार की मुखिया के अकाउंट में ₹100000 सालाना डालेंगे। वहीं किसान न्याय की उत्तराखंड की उपज आज पूरे देश और विश्व में जानी जाती है पिछले 10 सालों में किसानों ने जब-जब अपने हक की बात की तब, तब उनके ऊपर बर्बरता की गई और जब वह दिल्ली आना चाहते थे तो किसी तानाशाह ने दिल्ली को अपनी बपौती समझते हुए उनके लिए कीलें तक बिछा दीं। साड़ी 700 किसानों ने अपनी शहादत दे दी किसान आंदोलन में पर किसी तानाशाह का दिल नहीं पिघला और एमएसपी पर कानून आज तक नहीं बदला। हमने अपने न्याय पत्र में वादा किया है कि हम किसानों को एमएसपी की पूर्ण कानूनी गारंटी देंगे हम किसानों का कर्ज माफ करेंगे। मनरेगा और सभी मज़दूरी का न्यूनतम मानदेय बढ़ा कर 400 रुपये प्रतिदिन किया जाएगा।

ज़ोमैटो, स्वीगी जैसी कंपनी में काम करने वालों की क़ानून से मिलेगी। सामाजिक सुरक्षा 25 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य योजना – जिसमें इलाज, टेस्ट, दवाई सब मिलेगा। देश के लोगों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए आर्थिक और जातिगत जनगणना होगी। जल, जंगल, ज़मीन का क़ानूनी हक़ – वन अधिकार क़ानून वाले पट्टों का 1 साल में फ़ैसला वन अधिकार अधिनियम लागू किया जाएगा। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र अधिसूचित होंगे। पत्रकार वार्ता में उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन महारा अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा नियुक्त मीडिया प्रभारी डॉक्टर चयनिका उनियाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष (संगठन) मथुरादत्त जोशी,चीफ कोऑर्डिनेटर राजीव महर्षि, मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी, राजनीतिक एवं मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, उत्तराखंड सोशल मीडिया अध्यक्ष विकास नेगी, सुनीता प्रकाश प्रदेश संयोजक सोशल मीडिया विशाल मौर्य उपस्थित रहे।

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