नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की सोमवार, 12 अक्टूबर को बैठक में तीसरी बार क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर चर्चा करेगी। इस बैठक में मुआवजा को लेकर आम सहमति बनाने के लिए एक मंत्रिस्तरीय समिति गठित करने के गैर-बीजेपी शासित राज्यों के सुझाव पर गौर किया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में राज्यों के वित्त मंत्रियों वाली जीएसटी परिषद की लगातार तीसरी बार जीएसटी राजस्व में कमी की क्षतिपूर्ति को लेकर चर्चा करने वाली है। दरअसल कुछ गैर भाजपा शासित राज्यों ने इस मामले में आम सहमति के लिए मंत्रिस्तरीय समिति के गठन का सुझाव दिया है। हालांकि, भाजपा शासित राज्यों ने केंद्र के मुआवजा विकल्प पर अपनी सहमति दे चुके हैं।
सूत्रों ने बताया कि जीएसटी परिषद की बैठक का एकसूत्रीय एजेंडा क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर आगे का रास्ता निकालना है। परिषद ने पिछले हफ्ते हुई बैठक में ये निर्णय लिया था कि कार, तंबाकू आदि जैसे विलासिता या अहितकर उत्पादों पर जून 2022 के बाद भी उपकर (सेस) लगाया जाएगा। हालांकि, उक्त बैठक में क्षतिपूर्ति के मसले पर आम सहमति नहीं बन पाई थी।
उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष में जीएसटी क्षतिपूर्ति राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी रहने का अनुमान है। केंद्र सरकार ने अगस्त में हुई जीएसटी परिषद की बैठक में राज्यों को दो विकल्प दिया था। पहले विकल्प के तहत रिजर्व बैंक से 97 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के लिए विशेष सुविधा दिए जाने और दूसरे विकल्प के तहत पूरे 2.35 लाख करोड़ रुपये बाजार से जुटाने का प्रस्ताव है। हालांकि, कुछ राज्यों की मांग के बाद पहले विकल्प के तहत उधार की विशेष ऋण व्यवस्था को 97 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। केंद्र के पहले प्रस्ताव पर ज्यादातर राज्यों ने अपनी सहमति पहले ही दे दी है।
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