Saturday, April 20, 2024
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घनसाली में अतुल क्रिकेट एकेडमी का शुभारंभ, क्षेत्र से प्रतिभावान बच्चों को क्रिकेट के गुरु सिखाने की शुरूआत

‘विधायक शक्तिलाल शाह ने किया क्रिकेट एकेडमी का शुभारंभ’

(राजेन्द्र चौहान)

टिहरी (घनसाली), घनसाली के श्रीराम होटल के निकट अतुल क्रिकेट एकेडमी का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक शक्तिलाल शाह ने किया, इस अवसर पर व्यापार मंडल घनसाली के अध्यक्ष डा. नरेंद्र डंगवाल भी मौजूद रहे |

इस पहल के लिए क्षेत्रीय विधायक शक्तिलाल शाह (MLA Shaktilal Shah) और व्यापार मंडल अध्यक्ष नरेंद्र डंगवाल ने क्रिकेट एकेडमी खोलने के लिए संचालक को अपनी शुभकामनाएं दी. क्रिकेट एकेडमी के संचालक अतुल ने बताया कि अभी घनसाली में यह छोटी सी शुरुआत क्षेत्र से प्रतिभावान बच्चों को क्रिकेट के गुरु सिखाने के लिए की गई है |

अतुल ने कहा कि यहां प्रतिभाओं की कमी नहीं है लेकिन जरूरत उन्हें उनकी रुचि के अनुसार सही ट्रेनिंग और अवसर उपलब्ध कराने की है. इसलिए अतुल ने कहा कि मैंने देहरादून में खुद करीब 8 सालों तक अकादमिक क्रिकेट खेला है और मैं इस अनुभव को बांट कर मेरी तमन्ना है कि घनसाली के बच्चे भी क्रिकेट में जिला, राज्य और बड़े टूर्नामेंट में प्रतिभाग कर क्षेत्र का नाम रौशन करें. उन्होंने कहा कि यहां एकेडमी में नेट प्रैक्टिस, फिजिकल एक्टिविटी के साथ क्रिकेट से जुड़े हर पहलू की ट्रेनिंग दी जाएगी. एकेडमी में 12 साल से ऊपर के युवा ट्रेनिंग ले सकते हैं |

 

डा.सौरभ गहरवार बने टिहरी के डीएम, अक्तूबर 2018 में गंगोलीहाट तहसील में बतौर संयुक्त मजिस्ट्रेट कर चुके कार्य

(राजेन्द्र चौहान)

नई टिहरी, टिहरी गढ़वाल के नवनियुक्त जिलाधिकारी डा.सौरभ गहरवार 2016 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। अक्तूबर 2018 में गंगोलीहाट तहसील में बतौर संयुक्त मजिस्ट्रेट उनकी तैनाती हुई थी। पूर्व में रेडियोलॉजिस्ट रह चुके डा.गहरवार ने प्रशासनिक कार्यों के साथ ही गंगोलीहाट क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक दशक से बंद पड़ी अल्ट्रासाउंड मशीन का संचालन कर क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं और अन्य बीमारों के अल्ट्रासाउंड किए। उनके इस प्रयास से यहां की महिलाओं को अल्ट्रासाउंड के लिए एक सौ किमी दूर जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ नहीं जाना पड़ा।

आपको बता दें कि पिछले साल जून माह में शासन ने उनका स्थानांतरण चमोली कर दिया था। इससे नाराज होकर क्षेत्र की जनता सड़क पर उतर आई थी। जनता के विरोध के बाद झुकी सरकार को आखिरकार उनका तबादला आदेश रद्द करना पड़ा था।

अब उत्तराखंड सरकार ने आईएएस डॉ सौरभ गहरवार को टिहरी गढ़वाल का जिलाधिकारी बनाकर भेजा है। उम्मीद है कि उनके कार्यकाल में टिहरी जिले का विकास होगा।

 

खास खबर : टिहरी जिले में तहसीलदारों की कमी से कामकाज हो रहा प्रभावित

(राजेन्द्र चौहान)

“जिले की 12 तहसील, दो उप तहसील में से केवल टिहरी, गजा और नैनबाग में हैं स्थायी तहसीलदार”

टिहरी, जिले की अधिकांश तहसीलों में लंबे समय से प्रशासनिक अधिकारियों का टोटा बना हुआ है। जिले में संचालित 12 तहसील और दो उप तहसीलों में केवल तीन में ही नियमित तहसीलदार हैं। बाकी तहसीलें प्रभारी तहसीलदारों के भरोसे चल रही है। नायब तहसीलदारों के भी 17 पद सृजित हैं, लेकिन आठ ही कार्यरत हैं। जबकि राज्य बनने के बाद सरकार ने तहसीलों की संख्या तो दोगुना कर दी लेकिन सात तहसीलों में एसडीएम के पदों का सृजन नहीं किया। अधिकारियों की कमी के चलते लोगों के प्रमाणपत्र से लेकर अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
सरकार की योजनाओं, समस्याओं के निराकरण, आय, जाति, मूल, स्थायी, राजस्व, भूमि संबंधी कार्य, विभिन्न जांचों से लेकर अन्य कार्यों के निपटारे के लिए तहसीलों में एसडीएम, तहसीलदार की मुख्य भूमिका होती है, लेकिन जिले की अधिकांश तहसीलों में दोनों महत्वपूर्ण पदों पर अधिकारियों की कमी बनी हुई है। जिले की 12 तहसील, दो उप तहसील में से केवल टिहरी, गजा और नैनबाग में स्थायी तहसीलदार हैं।
नायब तहसीलदार के 17 पद सृजित हैं, लेकिन केवल नौ तहसीलों में ही नायब तहसीलदार हैं। अन्य तहसीलों में रजिस्ट्रार कानूनगो ही अपने कार्यों के साथ ही नायब और तहसीलदार की जिम्मेदारी देख रहे हैं। पूरे जिले में केवल छह एसडीएम ही 12 तहसील समेत विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी की जिम्मेदारी देख रहे हैं। लोगों को जरूरी प्रमाणपत्र, दाखिला खारिज, राजस्व वादों का निपटारा नहीं हो रहा है।
एसडीएम के पदों का नहीं हुआ सृजन
राज्य गठन के बाद जिले में तहसीलों की संख्या छह से बढ़कर 12 हुई, लेकिन इनमें उपजिलाधिकारियों के पदों का सृजन नहीं हुआ है। गजा, बालगंगा, कंडीसौड़, धनोल्टी, नैनबाग, जाखणीधार, देवप्रयाग तहसीलें तो सरकार ने बनाई, लेकिन इनमें उपजिलाधिकारियों के पद सृजित नहीं किए हैं। अभी तक केवल पांच एसडीएम और एक विशेष भूमि अध्यापित अधिकारी का पद सृजित हैं।
तहसीलदार, नायब तहसीलदार, एसडीएम, स्टेनों के रिक्त पदों को भरने के लिए शासन से पत्राचार किया जा रहा है। जिले में विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी समेत छह पद एसडीएम के सृजित हैं। अन्य तहसीलों में पदों का सृजन नहीं हो पाया है।

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