Monday, December 23, 2024
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने की शिष्टाचार भेंट

देहरादून, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उत्तराखंड की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने शिष्टाचार भेंट की। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने उन्हें बरेली में होने जा रहे 108 शिवलिंगों की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सम्मिलित होने का निमंत्रण दिया।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्री को शुभकामनाएं और बधाई दी, साथ ही कहा कि यह कार्य कहीं न कहीं सनातन धर्म को बढ़ाने का कार्य है और उनकी पूरी कोशिश रहेगी कि वह इस कार्यक्रम में सम्मिलित हों।

 

कैंसर मरीजों को मिलेगी राहत : मैक्स अस्पताल पटपड़गंज ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में शुरू की ऑन्कोलॉजी ओपीडी

+हल्द्वानी में बृजलाल अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर के साथ मिलकर शुरू की गई ओपीडी

+आसपास के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कैंसर मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत

(चंदन सिंह बिष्ट हल्द्वानी)

हल्द्वानी, हेल्थकेयर सर्विस के क्षेत्र में अग्रणी दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल (पटपड़गंज) ने कैंसर मरीजों को राहत देने के मकसद से अपनी ऑन्कोलॉजी सेवा को विस्तार दिया है. अस्पताल ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में बृजलाल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के साथ मिलकर ऑन्कोलॉजी ओपीडी सेवा की शुरुआत की है, हल्द्वानी में ये अपने तरह की पहली ओपीडी होगी, जिससे आसपास के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों के मरीजों को भी राहत मिलेगी |May be an image of 1 person, sitting and standing

हल्द्वानी में नैनीताल रोड स्थित बृजलाल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में इस ओपीडी में मरीज जा सकेंगे और डॉक्टर को दिखा सकेंगे. महीने के हर तीसरे शनिवार को दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक यहां डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे. इससे न सिर्फ इलाके के लोगों को कहीं और जाकर इलाज कराने से मुक्ति मिलेगी, बल्कि उनका पैसा भी कम खर्च होगा.

इस ओपीडी सेवा की शुरुआत मैक्स अस्पताल पटपड़गंज में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी-हेड एंड नैक कैंसर के डायरेक्टर डॉक्टर सौरभ अरोड़ा की मौजूदगी में की गई. डॉक्टर अरोड़ा ने इस मौके पर बताया कि कैंसर का सही वक्त पर पता लगना और फिर उसका बेहतर इलाज कितना जरूरी है |

भारत में कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो प्री-मैच्योर मौत का सबसे बड़ा कारण है. पुरुष और महिलाएं दोनों को ही ये कैंसर लील रहा है. ग्लोबाकैन के 2020 के डाटा के मुताबिक, 13.24 लाख केस में से 11.42% मरीजों को ओरल कैंसर के कारण जान गंवानी पड़ी. जबकि सिर और गर्दन के कैंसर, खासकर पुरुषों के होंठ, मुंह और गले की नलिका के कैंसर से होने वाली मौतों का आंकड़ा दूसरे नंबर पर रहा. इस तरह के कैंसर केस के कारण करीब 25 फीसदी मौतें हो रही हैं. पिछले साल की बात की जाए तो भारत में नए कैंसर पेशंट्स की संख्या में 18 फीसदी का इजाफा हुआ है, मैक्स अस्पताल पटपड़गंज में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी-हेड एंड नैक कैंसर के डायरेक्टर डॉक्टर सौरभ अरोड़ा ने बताया, हेड और नैक कैंसर में- चीक, जीभ, गला, वॉइस बॉक्स, खाने की नलिका और थायराइड के कैंसर केस भारत में सबसे ज्यादा पाए जाते हैं. इस तरह के कैंसर का सबसे अहम कारण तंबाकू का सेवन होता है और इनका इलाज भी संभव है. अगर शुरुआती स्टेज में ही इन कैंसर का पता लगाया जा सके और वक्त रहते इलाज शुरू करा दिया जाए तो इनसे बचा जा सकता है. इस तरह का कैंसर होने पर मुंह में सफेद या लाल धब्बे हो जाते हैं या अल्सर हो जाता है, आवाज बदल जाती है, खाना चबाने में दिक्कत होने लगती है, गर्दन में मोटी गांठ हो जाती है जो सामान्य इलाज से 2-3 हफ्तों में भी ठीक नहीं होती है. ये कैंसर अगर एडवांस स्टेज में भी हो तो एडवांस टेक्नोलॉजी जैसे प्लास्टिक सर्जरी, रोबोटिक सर्जरी और लेटेस्ट रेडियोथेरेपी मशीनों के जरिए सफलता से इनका इलाज किया जा सकता है. इसके साइड इफेक्ट भी नहीं होते और मरीज इलाज के बाद खुशहाल जिंदगी गुजार सकता है | कैंसर के मरीजों को ध्यान में रखते हुए हल्द्वानी में ओपीडी सेवा का आगाज किया गया और इस दौरान लोगों को अपनी रुटीन लाइफ सुधारने और रेगुलर हेल्थ चेकअप्स की सलाह दी गई. डॉक्टर्स ने बताया कि अगर किसी को मुंह में सफेद या लाल निशान हो जाते हैं या अल्सर हो जाता है और ये समस्या 3 हफ्तों से ज्यादा तक रहती है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं |

डॉक्टर सौरभ अरोड़ा ने कहा, आमतौर पर लोग बीमारी को समझ नहीं पाते और वो एडवांस स्टेज में कैंसर पहुंचने के बाद अस्पताल का रुख करते हैं. लिहाजा, कैंसर के इलाज और इसके बचाव को लेकर लोगों में अवेयरनेस लाने की जरूरत है. अगर किसी को ये घातक रोग हो भी जाता है तो आजकल एडवांस तकनीक मौजूद है जिससे सफल इलाज किया जा सकता है, इसलिए लोगों को ये भी समझने की जरूरत है कि कैंसर के लक्षणों को इग्नोर न करें. कुछ लक्षण बहुत आम हैं जिन्हें लोग यूं ही टाल देते हैं. अगर मुंह में छाले पड़ जाते हैं और ठीक नहीं हो पाते, चबाने में मुश्किल आए और दर्द हो, मुंह के अंदर सफेद या लाल पैच पड़ जाएं तो इस तरह के लक्षणों को बिल्कुल भी दरकिनार न करें. नहीं तो ये बड़ी गांठ का रूप ले सकते हैं और कैंसर हो सकता है | कैंसर एक ऐसा रोग जो शहरों से लेकर ग्रामीण आबादी तक फैला हुआ है, बड़े शहरों में इलाज पाना फिर भी आसान होता है लेकिन छोटे शहरों या सुदूर दुर्गम क्षेत्रों में मरीज को कैंसर जैसे रोगों के लिए अच्छे डॉक्टर्स नहीं मिल पाते. इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के पटपड़गंज मैक्स अस्पताल ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में बृजलाल हॉस्पिटल के साथ मिलकर ऑन्कोलॉजी ओपीडी शुरू की है, ताकि हल्द्वानी और आसपास के इलाकों के मरीजों के साथ ही कुमाऊं क्षेत्र के सुदूर क्षेत्रों के मरीज भी यहां आकर कैंसर के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को दिखा सकें और मैक्स अस्पताल के माध्यम से बेस्ट इलाज पा सकें |

 

 

नैनीताल हाईवे में नाले का पानी आना बंद नहीं हुआ तो वह जल समाधि लेने से भी पीछे नहीं हटेंगे : बल्यूटियाMay be an image of 1 person and sitting

(अतुल अग्रवाल)

हल्द्वानी, शनिवार को हुई बारिश में एक बार फिर नैनीताल हाईवे जलमग्न रहा। पिछले 20 दिनों में बारिश के कारण तीसरी बार नैनीताल हाईवे नदी का रूप ले चुका है। इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दी है। उन्होंने यह भी ऐलान किया है कि यदि नैनीताल हाईवे में नाले का पानी आना बंद नहीं हुआ तो वह जल समाधि लेने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया का कहना है कि हल्द्वानी वालों के लिए जलभराव की समस्या दिन पर दिन नासूर बनती जा रही है। पिछले 20 दिनों में तीन बार नैनीताल हाईवे नाले का रूप ले चुका है। इससे पहले 9 जुलाई को टेढ़ी पुलिया के पास नाले का सारा पानी नैनीताल हाईवे में आने के कारण लोगों के दुपहिया वाहन बहने लगे थे। लोगों की कारों में पानी घुसने के कारण जाम हो गई थी। हाईवे में पैदल चलना खतरे से खाली नहीं था। मैंने इस समस्या को सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव अवगत कराया था। अधिकारियों ने मौका मुआयना भी किया था। शनिवार को एक बार फिर टेढ़ी पुलिया के पास से नाले का पानी नैनीताल हाईवे में फैल गया। दिन में लगभग 1:30 बजे अचानक नैनीताल हाईवे जलमग्न हो गया और लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। विशेषकर स्कूली बच्चे सड़क पार नहीं कर पाए। स्कूलों की छुट्टी होने का समय होने के कारण अभिभावक चिंता में पड़ गए। इस बीच भारी बारिश में ही अभिभावक आनन-फानन में अपने बच्चों को लेने के लिए दौड़ते दिखे। कई स्थानों में लोगों ने बच्चों और महिलाओं को टेंपो तथा कारों में बैठाकर रोड पार कराई। वही दुपहिया वाहन और रिक्शा आगे नहीं बढ़ पाए। जिस कारण नैनीताल हाईवे में जाम के हालात बने रहे। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने बताया कि ये वही नाला है जो बेरीखत्ता से शुरू होकर एलआईसी लालगली, हाइडिल गेट होते हुए टेढ़ीपुलिया से आगे को गोला नदी में निकलता है। टेढ़ी पुलिया के पास नाले में ब्लॉक होने के कारण सारा पानी नैनीताल हाईवे में बहता है। इस समस्या की पूरी वजह प्रशासन की जानकारी में है। फिर भी अधिकारी इस पर क्यों कार्यवाही नहीं करना चाहते यह अपने आप में बड़ा सवाल है। भविष्य में यहां कोई बड़ा हादसा ना हो इसके लिए चुप नहीं बैठा जा सकता। इसलिए अब भी लगातार नैनीताल हाईवे में इसी तरह नाले का पानी आता रहा तो प्रदेश सरकार, शासन और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। जरूरत पड़ने पर मैं जल समाधि लेने से भी पीछे नहीं हटूंगा।

 

उत्तराखंड सुरताल संग्राम (सीजन -6) : श्रीनगर की वसुधा प्रथम, द्वारीखाल पौड़ी के मनदीप सिंह द्वितीय रहेMay be an image of 4 people and people standing

नोएडा, इन्दिरा गांधी कला केन्द्र औडिटोरियम नोएडा में में उत्तराखंड सुरताल संग्राम सीजन 6 का ग्रैंड फिनाले सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। जिसमें गायन एवं नृत्य प्रतियोगिता आयोजित की गई। गायन में श्रीनगर गढ़वाल की वसुधा गौतम ने प्रथम स्थान प्राप्त कर सुरताल संग्राम सीजन 6 की विजेता बनी। द्वितीय स्थान द्वारीखाल पौड़ी के मनदीप सिंह ने प्राप्त किया। तृतीय स्थान द्वारहाट के अनित शर्मा ने प्राप्त किया। नृत्य में प्रथम स्थान पौड़ी की सृष्टि बडोला, द्वितीय स्थान रानीखेत के शुभम आर्य और नृत्य में तृतीय स्थान पौड़ी की निशा गोंड ने प्राप्त किया।

इस शुभ अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता गबर सिंह भण्डारी सरणा ने श्रीनगर की बालिका वसुधा गौतम का सुरताल संग्राम सीजन-6,की विजेता बनने पर हर्ष व्यक्त किया साथ ही उन्होंने सुरताल संग्राम के संयोजक राजेन्द्र चौहान और श्रीमती कल्पना चौहान जी के कायों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राजेंद्र चौहान प्रतिवर्ष इस प्रतियोगिता को सम्पन्न कराते हैं और दुरस्थ क्षेत्र को मंच प्रदान करते हैं और ग्रामीण पर्वतीय क्षेत्रों की प्रतिभाओं को अवसर मिलता है।

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