Monday, November 25, 2024
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उत्‍तराखंड विधानसभा का बजट सत्र 14 से, तैयारियां पूरी, सत्र पहले सीएम धामी विधायक की लेंगे शपथ

देहरादून, मंगलवार 14 जून से उत्तराखंड़ विधानसभा सत्र प्रारंभ होने जा रहा है, इस बजट सत्र से एक दिन पहले सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विधायक के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण उन्हें शपथ दिलाएंगी। राज्य में हुये विधानसभा उप चुनाव में धामी ने हाल में ही चम्पावत सीट से चुनाव लड़ा और रिकार्ड मतों से जीत दर्ज की। विधायक के रूप में उनके शपथ ग्रहण समारोह में मंत्रिमंडल के सदस्य, विधायक, भाजपा के प्रांतीय पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।

विधानसभा के 14 जून से होने वाले बजट सत्र के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। सत्र के पहले दिन वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया जाएगा। सत्र के मद्देनजर सोमवार को कार्यमंत्रणा समिति और विधानमंडल दल के नेताओं की बैठक बुलाई गई है। उधर, बजट सत्र को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष भी अपनी -अपनी तैयारियों में जुटे हैं।
उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा का यह दूसरा सत्र है। बजट सत्र पहले सात जून से ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में प्रस्तावित था, लेकिन चारधाम यात्रा, राज्यसभा चुनाव जैसे कारणों को देखते हुए इसे बाद में देहरादून में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। सत्र के लिए 14 से 20 जून की अवधि तय की गई है। अभी तक के प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार सत्र के पहले दिन 14 जून को वित्त मंत्री बजट पेश करेंगे। विनियोग विधेयक 20 जून को पारित होगा।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने बताया कि सत्र के लिए विधानसभा सचिवालय ने अपनी तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। उन्होंने बताया कि संसदीय एवं विधायी कार्यों के मद्देनजर सोमवार को शाम साढ़े चार बजे विधानसभा भवन में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक होगी। इससे पहले चार बजे विधानमंडल दल के नेताओं की बैठक होगी। उन्होंने बताया कि कार्यमंत्रणा में बजट सत्र के विधायी कार्यों के एजेंडे पर चर्चा होगी। विधानमंडल दल के नेताओं के साथ बैठक में पक्ष-विपक्ष से सदन के शांतिपूर्ण एवं सुचारू संचालन के लिए सहयोग की अपेक्षा की जाएगी।
पांचवीं विधानसभा के पहले सत्र के दौरान कार्यमंत्रणा समिति में कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि नहीं था। कारण यह कि तब तक कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं हो पाया था और न उसने अपना कोई प्रतिनिधि नामित किया था। अब विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति में कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और विधायक प्रीतम सिंह बतौर सदस्य शामिल होंगे। समिति के अन्य सदस्यों में संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक मोहम्मद शहजाद (बसपा) व खजानदास (भाजपा) शामिल हैं।

 

राज्य आंदोलनकारियों का 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की मांग : अगर जल्द निस्तारण न हुआ तो अनशन पर बैठेंगी सुशीला बलूनीराज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी की तबीयत बिगड़ी - State agitator Sushila  Baluni admitted to hospital

देहरादून, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों का 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की बहाली की मांग को लेकर क्रमिक अनशन के दूसरे दिन शहीद स्मारक में वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सुशीला बलूनी ने उत्तराखंड पीड़ित राज्य आंदोलनकारी मंच के सूर्यकांत शर्मा बमराडा तथा चिन्हितराज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय प्रवक्ता लाखन सिंह चिलवाल को माल्यार्पण कर अपना आशीर्वाद दिया, श्रीमती बलूनी ने भरोसा दिलाया कि वह शीघ्र मुख्यमंत्री से इस मामले का निस्तारण कराने की अपील करेंगी।
पीड़ित राज्य आंदोलनकारी अध्यक्ष क्रांति कुकरेती के तत्वाधान में पिछले 12 दिन से चल रहे इस धरने को समर्थन देने पहुंची श्रीमती सुशीला बलूनी उत्तराखंड आन्दोलन के 1994 को याद करते हुए कहा कि 22 साल बाद आज ऐसा महसूस होने लगा कि उस दिन अनशन में बेठना शायद मेरी जिंदगी कि सबसे बड़ी भूल थी | उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले को जल्द से जल्द निस्तारित करने की अपील करते हुए कहा कि अगर वह इस मसले को नहीं निपटाते हैं तो उन्हें भी मजबूरन अनशन में बैठने को मजबूर होना पड़ेगा |
ऋषिकेश से पहुंचे आन्दोलनकारी विक्रम भंडारी ने प्रदेश सरकार से उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण मामले का समाधान कर शीघ्र बहाल करने की मांग का पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि यदि इसमें हीला हवाली होती है तो समस्त आन्दोलनकारियों के साथ एक वृहद आंदोलन भी किया जाएगा|
आज धरने को समर्थन देने वालों में अम्बुज शर्मा , नवीन नैथानी केंद्रीय महामंत्री चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति, पंकज सिंह, महिला मंच की कमला पन्त, आन्दोलनकारी मंच के महामंत्री रामलाल खंडूरी, ऋषिकेश से विक्रम भंडारी, सरोजनी थपलियाल,रेनू नेगी,बीना बहुगुणा, टेहरी से शेर सिंह रावत, शैलेंद्र सिंह, जबर सिंह पावेल, वीरेंद्र रावत, सत्येंद्र नौगाई, रामलाल , लोक बहादुर थापा, विनोद असवाल, शिवप्रसाद, सुमित थापा आदि थे |

 

सीटें फुल होने पर भी जिद पर अड़ा सचिवालय अधिकारी, चार घंटे रोकी वाल्वो बस, साथियों के साथ किया हंगामा

देहरादून, उत्तराखंड़ सरकारी अधिकारी अपने हनक दिखाने में पीछे नहीं हैं, अगर ऐसा न होता तो एक अधिकारी के रौब पर चार घंटे बस न रूकती, वाकया दून के आईएसबीटी का है जहां खुद को सचिवालय में तैनात समीक्षा अधिकारी बता रहे नशे में धुत एक व्यक्ति और उसके तीन साथियों ने शुक्रवार देर रात खूब हंगामा किया। आरोप है कि कथित अधिकारी हल्द्वानी जा रही वाल्वो बस में बैठने की जिद कर रहा था, जबकि सभी सीटें फुल थीं। परिचालक के मना करने पर कथित अधिकारी व उसके साथियों ने बस को रोक दिया और चालक-परिचालक से अभद्रता कर नौकरी से निकलवाने की धमकी दी। चालक ने आइएसबीटी चौकी पुलिस को सूचना दी तो पुलिस ने शराबियों पर कार्रवाई के बजाय चालक-परिचालक को ही चौकी में बैठा लिया।

सूचना मिलने पर रोडवेज के एजीएम केपी सिंह चौकी पहुंचे और चालक-परिचालक को छोडऩे का आग्रह किया, लेकिन पुलिस नहीं मानी।
मिली जानकारी के अनुसार रात करीब ढाई बजे पुलिस ने चालक, परिचालक और कथित अधिकारी का दून अस्पताल में मेडिकल कराया। तब चालक व परिचालक छोड़े गए और करीब चार घंटे की देरी से बस हल्द्वानी रवाना हुई। वहीं, कथित अधिकारी के नशे में होने की पुष्टि होने पर पुलिस ने चालान कर इतिश्री कर ली। घटना शुक्रवार देर रात करीब सवा 11 बजे की है। आइएसबीटी से हल्द्वानी जाने वाली वाल्वो (यूके07-पीए-3594) अपने निर्धारित समय पर प्लेटफार्म से निकल रही थी, तभी चार व्यक्ति वहां पहुंचे और बस जबरन रोक ली। परिचालक लोकेश दानू ने बताया कि इनमें से एक व्यक्ति बस में जबरन बैठने की जिद करने लगा। परिचालक ने उससे बस के फुल होने की बात कही तो आरोप है कि संबंधित व्यक्ति ने खुद को सचिवालय में समीक्षा अधिकारी बताकर रौब गालिब करना शुरू कर दिया। आरोप है कि चारों व्यक्ति शराब के नशे में धुत थे। उसने धमकी दी कि जब तक उसे सीट नहीं मिलेगी, वह बस नहीं जाने देगा।

चालक लोकेंद्र कुमार व परिचालक लोकेश दानू ने संबंधित व्यक्ति को समझाना चाहा, लेकिन आरोप है कि उसने और उसके साथियों ने उनसे बदसलूकी शुरू कर दी। परिचालक ने एजीएम ग्रामीण डिपो को फोन कर सूचना दी। इसके बाद चालक और परिचालक ने आइएसबीटी पुलिस चौकी पहुंचकर शिकायत की। इस बीच चारों व्यक्ति भी चौकी पहुंच गए। वहां भी आरोपित ने खुद को सचिवालय अधिकारी बताकर पुलिस पर रौब गालिब किया।

आरोप है कि आरोपितों पर कार्रवाई करने के बजाय चौकी प्रभारी ओमबीर चौधरी ने चालक व परिचालक को ही चौकी में बैठा लिया। पुलिस ने करीब तीन घंटे बाद चालक, परिचालक और खुद को समीक्षा अधिकारी बताने वाले का दून अस्पताल में मेडिकल कराया। कार्रवाई के नाम पर पुलिस ने संबंधित व्यक्ति का सिर्फ चालान कर इतिश्री कर ली, जबकि उसकी वजह से न केवल बस चार घंटे देरी से गई बल्कि यात्रियों को मानसिक व शारीरिक कष्ट भी झेलना पड़ा।
चालक व परिचालक को पुलिस चौकी में बैठाने का कुछ यात्रियों ने विरोध भी किया। बस में महिला, बच्चे और बुजुर्ग यात्री भी थे। कुछ यात्रियों ने पुलिस चौकी पहुंचकर चालक व परिचालक को निर्दोष बता उन्हें छोडऩे की मांग की। उन्होंने पुलिस को पूरी घटना भी बताई, मगर चौकी प्रभारी उनकी बात सुनने को राजी नहीं हुए। एजीएम ने चौकी पहुंचकर बताया कि रात को दूसरे चालक व परिचालक उपलब्ध नहीं हो पा रहे। लिहाजा बस को जाने दें, लेकिन तब भी चौकी प्रभारी अड़े रहे।

 

गंगा के घाट पर अवैध खनन को लेकर मुखर हुये स्वामी शिवानंद, लिखा पत्र, पर नहीं हुई कार्रवाही

हरिद्वार, मातृसदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद ने कहा कि हाईकोर्ट के स्टे के बावजूद बिशनपुर में गंगा के घाट पर अवैध खनन कर उपखनिज निकाला जा रहा है। इस संबंध में जिलाधिकारी और एसएसपी को पत्र भेजकर अवगत कराया जा चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

स्वामी शिवानंद ने आरोप लगाया कि 2011 में एक बहुत बड़े आपराधिक षडयंत्र के तहत स्वामी निगमानंद सरस्वती की हत्या कर दी गई थी। मातृसदन प्रत्येक वर्ष 13 जून को स्वामी निगमानंद की पुण्यतिथि मनाता है। इस वर्ष निगमानंद की पुण्यतिथि पर दो दिवसीय गोष्ठी और सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है।

जिसमें जल पुरुष राजेंद्र सिंह, अनिल गौतम, प्रो. मानसी बाल भार्गव, अनीता नौटियाल, संजय सिंह आदि मौजूद रहेंगे। वहीं दूसरी ओर स्वामी शिवानंद ने बताया कि मातृसदन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका देकर गंगा को राष्ट्रीय नदी वर्णित किया है, जो करोड़ों हिन्दुओं की आस्था की प्रतीक है। लेकिन प्रमुख सचिव ने शपथ पत्र देकर इस तथ्य का खंडन किया गया है। इसके जवाब में मातृसदन मख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर जवाब की मांग करेगा।

 

एजीएम ने कहा कि अगर मेडिकल ही कराना है तो पुलिस ब्रीथ एनेलाइजर से जांच कर ले, पर चौकी प्रभारी इसके लिए भी तैयार नहीं हुए। बस की रवानगी में देरी होती देख छह यात्रियों ने अपने स्वजन को बुलाया और वापस लौट गए। पूरे मामले में आइएसबीटी चौकी प्रभारी की कार्यप्रणाली भी संदिग्ध मानी जा रही। मामला सचिवालय से जुड़ा होने के चलते पुलिस घटना को दबाने में जुटी रही। चौकी प्रभारी आरोपित व्यक्ति का नाम तक बताने को तैयार नहीं हुए। आखिर में पटेलनगर थानाध्यक्ष के जरिये उसके बारे में जानकारी मिली। हालांकि, उन्होंने इसकी जानकारी नहीं दी कि आरोपित सचिवालय में वास्तव में तैनात है या नहीं। उसका नाम जीवन सिंह बताया गया।

 

उत्तराखंड में बढ़ते यौन उत्पीड़न के खिलाफ यूकेडी मुखर : आंदोलन का किया ऐलान

देहरादून, उत्तराखंड में नौकरशाही और राजनीति के क्षेत्र में भी यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल ने तीखे तेवर अपना दिए हैं यूकेडी के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने सरकार को साफ अल्टीमेटम दिया है कि आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न किए जाने पर सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है |
यूकेडी नेता शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय उन्हें प्रमोशन दे रही है |
सेमवाल ने कहा कि जब सरकार अपनी ही पार्टी संगठन और अपनी ही पार्टी के विधायकों पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की सही जांच नहीं कर रही है तो आम जनता की तो बात ही दूर है।

यूकेडी नेता शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग में यौन उत्पीड़न के आरोपी अयाज अहमद की जांच भी कनिष्ठ अधिकारियों से कराई गई तथा विशाखा गाइडलाइन का भी पालन नहीं किया गया। इसके अलावा विभागीय मंत्री सतपाल महाराज के बिना अनुमोदन के ही उनको प्रमुख अभियंता बना दिया गया,
उत्तराखंड क्रांति दल की महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के लिए बनाई गई समिति भी प्रभावशाली भूमिका नहीं निभा रही है, जिसके चलते कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामले बढ़ रहे हैं।उत्तराखंड क्रांति दल युवा मोर्चा के सचिव राजेंद्र सिंह गुसाई ने कहा कि यौन हिंसा की कई पीड़ितों को वर्ष 2013 से मुआवजा नहीं मिला है।

उत्तराखंड क्रांति दल ने सरकार से बढ रहे यौन उत्पीड़न के मामलों का संज्ञान लेते हुए विशाखा गाइडलाइन के अनुसार जांच समिति गठित करा कर कार्यवाही करने की मांग की है।यूकेडी की महिला मोर्चा की जिला उपाध्यक्ष सरोज रावत ने सरकार से मांग की है कि यौन उत्पीड़न के मामलों की त्वरित जांच के लिए विशेष व्यवस्था बनाई जाए।यूकेडी नेताओं ने यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को आगे आकर अपनी बात कहने के लिए कहा है, साथ ही हर संभव मदद का भी आश्वासन देते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न की घटनाओं के खिलाफ उत्तराखंड क्रांति दल मुखर आंदोलन करेगा।पत्रकार वार्ता में केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल, सुलोचना ईष्टवाल, सरोज रावत तथा राजेंद्र गुसाई शामिल थे।

 

वरिष्ट कांग्रेसी नेता मथुरा दत्त जोशी को प्रदेश उपाध्यक्ष (प्रशासन)की मिली जिम्मेदारी

देहरादून, वरिष्ट कांग्रेसी नेता मथुरा दत्त जोशी को उत्तराखंड कांग्रेस संगठन में अहम जिमेदारी मिली है। प्रदेश कांग्रेस संगठन में उन्हें पार्टी ने प्रदेश उपाध्यक्ष (प्रशासन) की अहम जिम्मेदारी से नवाजा है।

पिथौरागढ़ निवासी मथुरा दत्त जोशी का जहां उत्तर प्रदेश के समय से उत्तराखंड कांग्रेस संगठन में विभिन्न पदों के माध्यम से पार्टी को मजबूती प्रदान करने में अहम योगदान रहा है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में भारतीय राष्ट्र संगठन से लेकर युवक कांग्रेस में तमाम जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुके हैं।साथ ही राज्य गठन के बाद उत्तराखंड कांग्रेस संगठन के विभिन्न पदों पर रहकर अपने दायित्व का सफलता पूर्वक निर्वहन करते आ रहे है।

उत्तराखंड बनने के बाद कांग्रेस संगठन और सरकार में मुख्य प्रवक्ता समेत तमाम जिम्मेदारियों का निर्वाहन जोशी द्वारा किया गया है। आज प्रभारी के अनुमोदन के बाद प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखंड कांग्रेस ने उन्हें नई जिम्मेदारी देने की घोषणा की है। मथुरा दत्त जोशी अब उत्तराखंड कांग्रेस उपाध्यक्ष (प्रशासन) जैसे अहम पद पर आसीन हो कांग्रेस संगठन को उत्तराखंड को मजबूत करने का काम करेंगे।

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