देहरादून, उत्तराखंड़ की राजधानी देहरादून में भू-माफिया की सक्रियता इतनी बढ़ गई कि वे वे बेरोक टोक नदी नालों यहां तक सरकारी भूमि पर भी कब्जा कर प्लाॕटिंग करने में लगे हैं, जिस पर कई बार आवाज भी उठायी गई, परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई, इसी मुद्दे को लेकर दून के अजय नारायण शर्मा नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर माननीय हाईकोर्ट ने एमडीडीए और डीएम देहरादून को लगाई फटकार और कहा स्वयं जाकर मौका मुआयना करने का निर्देश दिया |
नैनीताल हाईकोर्ट ने नदी, नालों और खालों को बंजर भूमि में परिवर्तित कर प्लॉटिंग करने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इसके बाद कोर्ट ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण(एमडीडीएम) व जिलाधिकारी देहरादून को फटकार लगाते हुए नदी-नालों की जमीन पर किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगाने के निर्देश देने के साथ ही न्यायालय ने डीएम देहरादून को यह भी कहा है कि जिन क्षेत्रों में अवैध रूप से प्लॉटिंग की जा रही है, उन क्षेत्रों का स्वयं जाकर मौका मुआयना करें और जहां पर प्लॉटिंग की जा रही है, उस पर रोक लगाई जाए।
मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार देहरादून निवासी अजय नारायण शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर कहा था कि देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र में नदी क्षेत्र की भूमि को बंजर भूमि में परिवर्तित कर प्लॉटिंग की जा रही है। याचिका में कहा कि पूर्व में हाईकोर्ट ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण को सात अप्रैल 2021 तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
कोर्ट ने यह भी बताने को कहा था कि अतिक्रमण कहां हुआ है, किन अधिकारियों की सह पर हुआ है और उन पर क्या कार्रवाई की जा रही है। आज जब मामला फिर से सुनवाई पर आया तो मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने ऐसी कोई रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल नहीं की। प्रशासन ने माना कि जिले में 30 हजार से ज्यादा निर्माण ऐसे हैं, जो नदी के खतरे की जद में हैं। इसमें मलिन बस्तियां, निजी और सरकारी भवन शामिल हैं। यह सभी भवन ऐसे हैं, जो नदी में पानी बढ़ने पर बाढ़ की जद में आ सकते हैं। सरकारी भवनों में मुख्य तौर पर राज्य विधानसभा शामिल है। इसके अलावा जिला जेल परिसर, उत्तरांचल तकनीकी विश्वविद्यालय, दून विश्वविद्यालय, मत्स्य निदेशालय, भूतत्व एवं खनिज कर्म निदेशालय, राजस्व अभिलेखागार, पुलिस थाने समेत कई अन्य कार्यालय नदी किनारे बने हुुए हैं।
देहरादून जनपद में केवल सहस्त्रधारा ही नहीं बल्कि शहर के कई इलाके ऐसे हैं, जहां नदी-नालों को पाटकर बड़े पैमाने पर अवैध प्लॉटिंग हो रही है। मसूरी रोड, रायपुर रोड, धर्मपुर, बंजारावाला समेत कई इलाकों में नदी-नालों को मिट्टी से पाटकर वहां अवैध प्लॉटिंग की गई है। कई जगह नदियों के किनारे बड़े भवन खड़े हो चुके हैं।
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