Thursday, June 26, 2025
HomeSportsबजरंग पुनिया पीएम आवास के बाहर अपना पद्मश्री पुरस्कार छोडक़र चले गए

बजरंग पुनिया पीएम आवास के बाहर अपना पद्मश्री पुरस्कार छोडक़र चले गए

नई दिल्ली । बृजभूषण शरण सिंह के सहयोगी संजय सिंह की भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) प्रमुख के रूप में नियुक्ति के बाद पहलवान बजरंग पुनिया ने अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की घोषणा करते हुए पुरस्कार को यहाँ लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास के बाहर फुटपाथ के पास रख दिया।
बजरंग पुरस्कार लौटाने के लिए पीएम आवास की ओर बढ़े, जहां उन्हें दिल्ली पुलिस ने रोक दिया। पुनिया ने विरोध स्वरूप पद्मश्री पुरस्कार फुटपाथ पर रख दिया और वहां से चले गए। उन्होंने दिल्ली पुलिस से कहा, मैं पद्मश्री पुरस्कार उस व्यक्ति को दूंगा जो इसे पीएम मोदी तक लेकर जाएगा। आंसू भरी आंखों वाली साक्षी मलिक द्वारा खेल छोडऩे की घोषणा के एक दिन बाद बजरंग ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा, जिसमें डब्ल्यूएफआई चुनावों के बाद अपनी निराशा व्यक्त की गई। इससे पहले दिन में, प्रधानमंत्री को संबोधित एक पत्र में पुनिया ने प्रतिष्ठित पुरस्कार लौटाने के अपने फैसले के पीछे के कारणों को रेखांकित किया।
पिछले कुछ समय से जारी कुश्ती संघ का विवाद एथलीट के लिए चरम बिंदु पर पहुंच गया। जिस खेल से उन्हें प्यार था, उसके प्रबंधन और प्रशासन से असंतुष्ट होकर पुनिया को एक पक्ष लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने पत्र में लिखा, हम सम्मानित पहलवान कुछ नहीं कर सके। महिला पहलवानों का अपमान होने के बाद मैं अपना जीवन सम्मानजनक बनकर नहीं जी पाऊंगा। ऐसी जिंदगी मुझे आजीवन सताती रहेगी। इसलिए मैं यह सम्मान आपको लौटा रहा हूं।
खेल मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के रूप में संजय सिंह के चुनाव के विरोध में बजरंग पुनिया का पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का फैसला व्यक्तिगत है, लेकिन फिर भी उन्हें इस कदम पर पुनर्विचार के लिए मनाने की कोशिश की जाएगी। मंत्रालय के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया, पद्मश्री लौटाना बजरंग पुनिया का निजी फैसला है। डब्ल्यूएफआई के चुनाव निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से हुए हैं। उन्होंने कहा, हम इसके बावजूद बजरंग को पद्मश्री लौटाने के अपने फैसले को पलटने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments