“पर्यावरण को बचाने के लिए निकली विशाल जन जागरूकता अभियान रैली”
देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), दून शहर में विकास के नाम पर सड़कों के चौड़ीकरण के नाम पर पेड़ों के कटान से दूनवासी गुस्से में हैं, इसी गुस्से का इजहार करते हुये रविवार की सुबह हजारों पर्यावरण प्रेमी सड़क पर उतर आये और दिलाराम चौक से मुख्यमंत्री आवास तक रोड़ चौडीकरण के दौरान काटे जाने वाले 244 वृक्षों को बचाने और दून घाटी के पर्यावरण को बचाने के लिए आज एक विशाल जन जागरूकता अभियान चलाया गया, रविवार सुबह 7 बजे पदयात्रा शुरू होने से पहले सिटीजंस फॉर ग्रीन दून के हिमांशु अरोडा ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि पर्यावरण बचाओ आांदोलन /पदयात्रा हमारे नेताओं और नीति निर्माताओं को समग्र रूप से जागरूक करने का एक सामूहिक प्रयास है साथ ही आम जनमानस को सामान्य रूप से जागरूक करने का भी प्रयास है | देहरादून घाटी के पर्यावरण को सुरक्षित रखने और बचाने के लिए एक जंग जागरूकता अभियान के रूप में शुरू किया गया है |
यहां यह भी कहना जरूरी है कि दूनघाटी का जनमानस पर्यावरण, जल संसाधनों की बर्बादी के साथ साथ हमारे प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचा कर आया और उन्हें क्षति पहुंचाकर विकास नहीं चाहता है | बल्कि विकास की प्रक्रिया में आम जनमानस के हितों और पर्यावरण का ध्यान रखना अनिवार्य होगा, इसलिए उत्तराखंड़ के मूल निवासियों के हितों और सुझावों के आधार पर ही विकास होना चाहिए, ना ही ऐसे लोग हमारे राज्य के विकास का सुझाव दें जिनका इस राज्य की मूल भावना से कोई लेना देना नहीं है, जनता सतत् और स्थाई विकास चाहती है। डॉ. रवि चोपडा, जगमोहन मेहंदी रत्ता, विजय भट्ट, अनूप नौटियाल , ईरा चौहान, हिमांशु अरोड़ा, तन्मय ममगाईं , हिमांशु चौहान, अभिजय नेगी , जया सिंह, कमला पन्त ने भी अपनी बात जनता के सामने रखी। समूह ने बल्लुपुर से पांवटा साहिब, आशारोडी से झाझरा, भानियावाला से ऋषिकेश और सुद्दोवाला से मसूरी के लिए बनने वाले मार्गों पर काटे जाने वाले हजारों पेड़ पौधों को बचाने का आह्वान किया |
जन जागरूकता के इस कार्यक्रम में जयदीप सकलानी और सतीश धौलाखंडी ने जनगीत गाये, मैड संस्था, पराशक्ति और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया, पराशस्ति, आगाज़ फैडरेशन, यूथ क्लब के सदस्यों ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किये और नाटकों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के सन्देश दिए |
कार्यक्रम के अंतिम चरण में ऋतू चटर्जी ने पर्यावरण सुरक्षा की शपथ दिलवाई, कार्यक्रम का संचालन ईरा चौहान ने किया ।
कार्यक्रम में आरटीआई क्लब देहरादून, सिटीजंस फॉर ग्रीन दून, दून सिटिजन फोरम, फ्रेंड्स ऑफ़ दून, संयुक्त नागरिक संगठन, एसएफआई, एसडीसी धाद, बीटीडीटी, आर्यन ग्रुप के फैजी अलीम, अनीश लाल, रूचि सिंह राव, नेचर्स बड़ी, जे पी मैठाणी, हैरी, हिमांशु चौहान और शहर के कई वरिष्ठ नागरिकों और संगठनों ने भाग लिया |
जितना जरूरी है उतना सड़क का चौड़ीकरण होगा, लेकिन बिना पेड़ काटे : मुख्यमंत्री
देहरादून, उत्तराखण्ड़ राज्य बनने के बाद से देहरादून में जहां जमीनों की खरीद फरोख्त का धंधा खूब चलने लगा वहीं राज्य की अस्थायी राजधानी दून को जाम से निजात दिलाने और स्मार्ट दून बनाने कवायद भी जोरशोर से चल रही है, सुन्दर दून बनाने के चक्कर में सड़कों का चौड़ीकरण और इस हजारों की संख्या में खड़े पेड़ों के कटान की दून के नागरिक आक्रोशित हैं, कैंट रोड व खलंगा में हरे पेड़ काटे जाने पर बेशक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रोक लगा दी हो, लेकिन पर्यावरण प्रेमियों की चिंता अभी कम नहीं हुई है। दून में हरे पेड़ों को विकास की भेंट चढ़ने से कैसे रोका जाए, इसी संकल्प के साथ आज दिलाराम बाजार से सेंट्रियो मॉल तक पर्यावरण बचाओ पदयात्रा निकाली गई।
पदयात्रा में कई विभिन्न संगठनों के पर्यावरण प्रेमी एकत्रित हुए। पर्यावरण प्रेमियों ने कहा कि हरियाली को होने वाले नुकसान से देहरादून का तापमान लगातार बढ़ रहा है। यहां के बाग-बगीचे खत्म हो गए और जलस्रोत सूख गए हैं। पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि नदी-नालों पर अतिक्रमण हो गया है। सड़कों के चौड़ीकरण के लिए पेड़ों को काटा जा रहा है। सरकार को पेड़ों को काटने से बचाना होगा। पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा कहते हैं, अगर इसी तरह पेड़ों काे काटा जाता रहा तो 2047 में विकसित भारत बनने का सपना तो छोड़िए 2037 तक ये दून घाटी हरियाली विहीन हो जाएगी। यह पदयात्रा इसी संकल्प के साथ निकाली गई है।
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फिर कहा कि न्यू कैंट रोड का चौड़ीकरण होगा लेकिन बिना पेड़ काटे। मीडियाकर्मियों ने उनसे सड़क के चौड़ीकरण में पेड़ों को काटे जाने के संबंध में प्रश्न किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि जितना जरूरी है उतना सड़क का चौड़ीकरण होगा, लेकिन बिना पेड़ काटे।
Recent Comments