‘विकास एवं रोजगार की योजनाओं के प्रस्ताव बनाते समय निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की सलाह न लेने पर भड़के पंचायत प्रतिनिधि
पिथौरागढ़, जिले में बन रही विकास एवं रोजगार की योजनाओं के प्रस्ताव बनातें समय निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की सलाह नहीं लेने पर पंचायत प्रतिनिधियों भड़क गए है। उन्होंने कहा कि अगर विकास विभाग चेता नहीं तो वे धरना प्रदर्शन कर अपनी आवाज को बुलंद करेंगे।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि जिले में विभिन्न योजनाओं में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के सलाह नहीं लिए जाने पर ग्रामीण विकास विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर विभाग ने अपनी आदत नहीं बदली तो वह मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय के आगे धरना प्रदर्शन करेंगे।
जिला पंचायत सदस्य मर्तोलिया ने कहा कि जिले में बीएडीपी, मुख्यमंत्री बीएडीपी, जिला योजना के अलावा अन्य योजनाओं के प्रस्ताव तैयार करते समय निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की राय तक नहीं ली जा रही है।इन योजनाओं के लिए प्रस्ताव तैयार करने के लिए बैठकों को आयोजित तक नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उक्त विशेष योजनाओं के साथ-साथ हर विभाग की प्रकार योजना के प्रस्ताव जनप्रतिनिधियों के सुझाव के आधार पर तैयार की जानी चाहिए।पंचायत एक्ट भी इस बात को प्रमाणित करता है।
जिले के भीतर एक्ट का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। राज्य सरकार के अधिकारी तथा नौकरशाह आपस में बैठकर योजनाओं को तैयार कर रहे है। उन्होंने कहा कि बीएडीपी में करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके है। जिले के मूनाकोट, कनालीछीना, धारचूला तथा मुनस्यारी विकासखंड में एक भी योजना दिखाने लायक नहीं है। जिसने सीमा क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा किए हों।
उन्होंने कहा कि सरकारी महकमे केवल अपने फायदे के लिए योजनाओं का प्रस्ताव तैयार करते है। निजी लाभ के लिए इन योजनाओं को बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जिले के विधायक सांसद तथा त्रिस्तरीय पंचायती में जनप्रतिनिधि व्यवस्था के आगे घुटने टेक चुके है।
उन्होंने कहा कि इस परंपरा को बदलने के लिए श्री त्रिस्तरीय पंचायत के गठन के समय से लेकर आज तक दर्जनों पत्र जिलाधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी को दिए जा चुके है।
लेकिन किसी को इन पत्रों का संज्ञान लेने का समय तक नहीं है।
उन्होंने कहा कि पंचायती व्यवस्था कथा त्रिस्तरीय पंचायत के साधनों का अपमान किया जा रहा है। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही जिले के त्रिस्तरीय पंचायतों के जनप्रतिनिधि बैठक आयोजित इस मसले पर गहन विचार विमर्श किया जाएगा।
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