Friday, December 27, 2024
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घास काटने की मशीन से महिलाओं के जीवन में आया नया सवेरा

सरकार से मिल रही सब्सिडी का उठाया फायदा

असौज या आश्विन तथा कार्तिक मास पहाड़ की महिलाओं के कंधों पर भारी बोझ लेकर आता रहा है। असौज में घास काटने में सुबह से शाम तक महिलाएं पालतू मवेशियों के लिए सालभर की घास काटती हैं। घास काटने के बाद सुखाकर उसके लूट्टे लगाए जाते हैं। करीब दो माह तक महिलाएं व बेटियां धूप में घास काटती हैं तो इससे उनको अत्यधिक श्रम करना होता है। मगर अबकी बार विकास खंड स्तर पर घास काटने वाली मशीनों ने मानो महिलाओं के जीवन को आसान बना दिया तो काम का बोझ भी एक तिहाई हो गया है। यह बोझ कम हुआ घास काटने की मशीन से।

चंपावत जिले के लोहाघाट ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत गंगनौला की प्रधान कमला जोशी व पूर्व प्रधान ललित मोहन जोशी के प्रयासों ने ग्राम पंचायत के तोक गांव चनोड़ा, गल्लागांव, रुपदे, अनुसूचित बस्ती बचकड़िया, गंगनौला की महिलाओं के जीवन में नया सवेरा आ गया।

पूर्व प्रधान ललित को पता चला कि ब्लॉक के माध्यम से समूहों को 90 प्रतिशत सब्सिडी में घास काटने की मशीन मिल रही है। जुलाई माह में उन्होंने उन पुरुषों के नाम से दो समुह बनाये, जो भूमिधर किसान हैं। इसके बाद समूहों के माध्यम से घास काटने की मशीन खरीदी गई। सब्सिडी के बाद घास काटने की मशीन के लिए प्रति चार हजार तो ट्रेक्टर के लिए 15 या 19 हजार जमा कराए गए। मशीन मिलने के बाद घास कटाई शुरू हुई तो महिलाओं के काम का बोझ 25 प्रतिशत से भी कम रह गया। हाथ से चलाने वाली मशीन को पुरुष चलाने लगे तो एक दिन में 20 महिलाओं के बराबर घास कटने लगी। अब तक ग्राम पंचायत में 40 मशीनें क्रय हो चुकी हैं तो 5 ट्रेक्टर आ गए हैं।

एक लीटर पेट्रोल से 20 महिलाओं की बराबरी
घास काटने की मशीन एक लीटर पेट्रोल की कटाई से एक दिन में 200 से अधिक तक घास की गठिया बन जाती हैं। जो 20 महिलाओं के बराबर श्रम है। गांव की लक्ष्मी जोशी, अनिता, भैरवी राय, कविता जोशी, उर्मिला आदि महिलाओं का कहना था कि इस मशीन ने उनके काम का बोझ बेहद कम हो गया है। पुरुष ही घास काटते हैं, उन्हें सिर्फ समेटना पड़ता है। जिन घरों में मशीन चलाने के लिए पुरूष नहीं हैं, आपसी सहभागिता से घास काटी जा रही है। पहले तक असौज माह हमारे लिए बेहद कष्टकारी होता था। अब घास के साथ खेत जुताई के लिए बैल पालने की जरूरत नहीं है। इससे बंजर खेतों को भी आबाद करने का अवसर मिल गया है। चनोड़ा के योगेश जोशी कहते हैं, पहले घास काटने में घर की महिलाओं को एक माह तक व्यस्त रहता पड़ता था, लेकिन अब उनका काम सीमित हो गया। जो पुरुष पहले कभी घास के खेतों तक नहीं जाते थे, अब मशीन लेकर घास काटकर महिलाओं के काम को कर रहे हैं। गंगनौला के साथ ही पास के गांव भूमलाई, ईड़ाकोट, कोयाटी में भी घास काटने की मशीन ने कामकाजी महिलाओं के जीवन में बड़ा सकारात्मक बदलाव आया है।

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने केंद्रीय कार्यकारिणी का किया विस्तार, बनाये गये तीन केन्द्रीय उपाध्यक्ष और तीन महासचिव

हल्द्वानी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने केंद्रीय कार्यकारिणी का विस्तार करते हुए 3 केंद्रीय उपाध्यक्ष, 3 महासचिव, केंद्रीय कोषाध्यक्ष, 5 केंद्रीय सचिवों समेत केंद्रीय कार्यकारिणी में 42 लोगों को शामिल करते हुए संगठन का पहला विस्तार किया।
इसी माह 7व 8 अक्टूबर को उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के छठे द्विवार्षिक महाधिवेशन में सर्व समिति से निर्वाचित हुए उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी एवं प्रधान महासचिव प्रभात ध्यानी ने संगठन का विस्तार करते हुए 11 केंद्रीय पदाधिकारियों समेत केंद्रीय कार्यकारिणी में 42 लोगों को नियुक्त किया है।
उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी एवं प्रधान महासचिव प्रभात ध्यानी की ओर से जारी विज्ञप्ति में पार्टी के वरिष्ठ नेता कुलदीप मधवाल (देहरादून), हरिद्वार के जेपी बड़ौनी के साथ पार्टी की सक्रिय नेत्री अल्मोड़ा की श्रीमती आनंदी वर्मा को केंद्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है।
पार्टी के केंद्रीय महासचिव के पद पर पौड़ी के नरेश नौड़ियाल, अल्मोड़ा के एडवोकेट नारायण राम एवं नैनीताल के दिनेश उपाध्याय को जिम्मेदारी दी गई है।
केंद्रीय कोषाध्यक्ष के रूप में पार्टी के पेशे से इंजीनियर शिक्षाविद् विनोद जोशी को नियुक्त किया है।
पार्टी ने इसके साथ ही चार केंद्रीय सचिवों की नियुक्ति भी की है जिसमें रुद्रप्रयाग के विक्रम सिंह फर्सवाण, रामगढ़ (नैनीताल) से गोपाल लोधियाल, कोटद्वार पौढ़ी से भूपाल सिंह रावत, अल्मोड़ा से अमीर्नुहमान एवं ट्रेड यूनियन कर्मचारी संगठनों में सक्रिय हल्द्वानी के दीवान सिंह खनी को जिम्मेदारी सौंपी है।
इसके साथ केंद्रीय कार्यकारिणी में पार्टी के वरिष्ठ नेता योधराज त्यागी (देहरादून), मनमोहन अग्रवाल (रामनगर), महेश फुलारा (द्वाराहाट), जसवंत सिंह, बी डी असनोड़ा (गैरसैंण), गीता सिंह (दिनेशपुर उधम सिंह नगर), भूपाल धपोला (हल्द्वानी), श्रीमती नंदी नैनवाल (भतरौजखान), विशन दत्त सनवाल (हल्द्वानी), हेम पांडे (पाटिया अल्मोड़ा), कौस्तुभानंद भट्ट (जागेश्वर), ज्ञानवीर त्यागी, किरन आर्या (सोमेश्वर अल्मोड़ा), गौतम भट्ट (उत्तरकाशी), देवेंद्र धामी (मुनस्यारी पिथौरागढ़),राजू गिरी (अल्मोड़ा), एडवोकेट रंजना सिंह (बागेश्वर), रतन सिंह किरमोलिया (बागेश्वर), गोविंद सिंह (थराली चमोली), किरन आर्या (रामनगर), चिंताराम (रामनगर), गिरधारी कांडपाल (कठपुड़िया अल्मोड़ा), जगदीश ममगई (देहरादून), जमन सिंह मनराल (चौखुटिया), प्रकाश चंद्र (चितई), भगवती तिवारी (द्वाराहाट), गोपाल राम (अल्मोड़ा), प्रकाश जोशी (द्वाराहाट), अनिल कार्की (मुआनी पिथौरागढ़),पृथ्वीपाल (पनुवाद्योखन)।
उपपा के कार्यकर्ताओं ने कहा कि जल्द ही केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर उत्तराखंड में राजनैतिक बदलाव की मुहिम को तेज़ किया जाएगा और पार्टी के सामाजिक ढांचे को व्यवस्थित व सुदृढ़ किया जाएगा। पार्टी उत्तराखंड राज्य के सपनों को साकार करेगी।

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