Monday, June 9, 2025
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प्रबंधन से वार्ता विफल, आंदोलन जारी रहेगा….

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“प्रबंधन पूर्णतः एकतरफा कार्यवाही कर रहा है, एसोसिएशन के पक्ष को बिल्कुल नहीं सुना जा रहा : पवन रावत”

(एल मोहन लखेड़ा)

देहरादून, ऊर्जा निगम में नियमों एवं माननीय न्यायालय के आदेशों को दरकिनार करते हुए सहायक अभियंताओं की वर्ष 2009 की ज्येष्ठता सूची में वर्ष 2010 के सीधी भर्ती के सहायक अभियंताओं को रखे जाने जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ऊर्जा निगम मुख्यालय पर जारी रहा।
सदस्यों ने प्रबंधन के विरोध जोरदार नारेबाजी की। जिला प्रशासन द्वारा एसोसिएशन के सदस्यों को मुख्यालय में प्रवेश करने से रोक दिया गया जिससे सभी लोगों द्वारा ऊर्जा भवन के गेट पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया गया एवं धरना दिया गया।
एसोसिएशन के केन्द्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन रावत ने कहा कि प्रबंधन पूर्णतः एकतरफा कार्यवाही कर रहा है, एसोसिएशन के पक्ष को बिल्कुल नहीं सुना जा रहा है, एसोसिएशन की मांग है कि हाईकोर्ट के आदेश के अवहेलना करते हुए जारी की गयी वरिष्ठता सूची को अविलंब निरस्त किया जाए एवं तदनुसार नई सूची तैयार की जाए।उन्होंने सदस्यों से पूर्ववत कार्यक्रम के अनुसार आंदोलन को सफल बनाने की अपील की।
केन्द्रीय अध्यक्ष रविन्द्र सैनी ने जिला प्रशासन को अवगत कराया कि उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन एक जिम्मेदार एसोसिएशन है जो उपभोक्ता सेवा एवं निगम की बेहतरी के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य करती है। एसोसिएशन का उद्देश्य आम जनमानस को किसी भी प्रकार से परेशान करना नहीं है।एसोसिएशन हमेशा सकारात्मक वार्ता के द्वारा समाधान का पक्षधर रहा है, परन्तु यूपीसीएल के मानव संसाधन विभाग के कुछ चुनिंदा अधिकारियों जिन पर निष्पक्ष रूप से माननीय न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए ज्येष्ठता सूची जारी करने की जिम्मेदारी थी उनके द्वारा नियमों के संशोधनों को छुपाते हुए सरकार एवं शासन को भ्रमित करते हुए ज्येष्ठता सूची जारी की गई है।
एसोसिएशन ओर पदोन्नत सहायक अभियंताओं को उनका पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया गया। पूर्व में 2017, 2018 एवं 2023 में जो ज्येष्ठता सूचियां निगम ने जारी की थी उनमें पदोन्नत सहायक अभियंताओं को उनके सही स्थान पर रखा गया था परन्तु मानव संसाधन विभाग के अधिकारियों ने कमेटी को सहायक अभियंताओं के प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किये जिसके कारण ही आज एसोसिएशन को बाध्य होकर आंदोलन करना पड़ रहा है इसकी संपूर्ण निगम प्रबंधन की है।
यूपीसीएल में माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश को कमेटी से छिपाया और सीधी भर्ती के सहायक अभियंताओं को नियुक्ति से पूर्व विज्ञापन की तिथि से ज्येष्ठता दे दी गई।
“जिला प्रशासन के द्वारा मध्यस्थता में प्रबंध निदेशक यूपीसीएल की अध्यक्षता में एसोसिएशन के पदाधिकारियों की वार्ता हुई परंतु निगम प्रबंधन हठधर्मिता पर उतारू है और निगम प्रबंधन के एकपक्षीय रवैए के कारण कोई समाधान नहीं निकला। एसोसिएशन का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 11 जून 2025 से क्रमिक अनशन ऊर्जा भवन मुख्यालय में जारी रहेगा।”
निगम के तानाशाही रवैए के विरोध में एसोसिएशन के कार्यक्रम को विद्युत डिप्लोमा संघ द्वारा भी समर्थन दिया गया। कार्यक्रम स्थल पर प्राविधिक संघ के अध्यक्ष सुनील मोघा, ऊर्जा कामगार संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष सूर्यप्रकाश पुरोहित द्वारा पत्र भेजकर एसोसिएशन के आंदोलन कार्यक्रम को समर्थन दिया गया।
आज कार्यक्रम में पवन रावत, रेनू जोशी,नवनीत चौहान,सुनील उनियाल,जगपाल सिंह, राहुल अग्रवाल, राजीव खर्कवाल,संजय कुमार,आनंद रावत,विकास चौहान,विजय जैन,गौरव नाथ, शशिकांत, मनोज कंडवाल, अश्वनी, अवनीश कुमार शर्मा आदि उपस्थित रहे।

सरकार की उच्चवर्गीय हितैषी एलिवेटेड रोड़ के कारण गरीबों के उत्पीड़न के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में किया परिवाद दाखिल

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देहरादून, बस्ती बचाओ आन्दोलन की ओर से संयोजक अनन्त आकाश द्वारा उच्च वर्ग हितैषी एलिवेटेड रोड़ के लिए गरीब परिवारों की उत्पीड़न की शिकायत राज्य मानवाधिकार आयोग से की । इस सन्दर्भ में बस्ती बचाओ आन्दोलन की ओर से राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष 7 बिन्दुओं को रखा, जो निम्न हैं :
-मानवाधिकार आयो ग को अवगत कराया गया कि एलिवेटेड रोड़ के रिस्पना-बिन्दाल के भूमि अधिग्रहण हेतु 7 मई को एसएलओ द्वारा सार्वजनिक विज्ञप्ति जारी की गई ।
-यह कि बिन्दाल-रिस्पना के आसपास के गरीबों को पिछले दो सालों से उत्पीड़न की कार्यवाही हो रही है ,यह भी संज्ञान में है कि रिस्पना-बिन्दाल के प्रभावित लोग इस योजना गैर जरूरी समझते हैं,और यह योजना उच्च वर्ग हितैषी है ।
-यह कि एलिवेटेड योजना से पूर्व राज्य सरकार सैकड़ों नोटिसों को भेजकर बड़ी संख्या में लोगों बेदखली की तैयारी कर रही है ।
-यह कि लोगों को बेदखल कर सरकार मुआवजे एवं प्रतिकर से बच रही है ।
-यह कि राज्य सरकार नागरिकों के जिने का अधिकार का हनन कर रही है।सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप बिस्थापितों को मुआवजे एवं पुर्नवास का अधिकार है ।
-यह कि एलिवेटेड रोड़ का सर्वे अमीरों एवं सरकारी सम्पत्ति को छोड़कर केवल गरीबों को टारगेट कर किया जा रहा है ।
-यह कि 2016 के अधिनियम का उल्लंघन है तथा बिना मुआवजे एवं पुर्नवास के इन्हें बिस्थापित करने कि साजिश चल रही है ।
बस्ती बचाओ आन्दोलन ने मानवाधिकार आयोग से अनुरोध किया है कि रिस्पना-बिन्दाल के आस पास तभी विस्थापन हो जब सरकार यह सुनिश्चित करे कि प्रभावितों के लिऐ समुचित मुआवजा, पुर्नवास तथा नागरिक सुविधाएं हासिल हो ।

मोहल्ला समिति में 90 करोड़ के भ्रष्टाचार की निगम तत्काल रिकवरी करे : अभिनव थापर

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देहरादून, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अभिनव थापर के नेतृत्व में कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल ने मेयर सौरभ थपलियाल व मुख्य नगर अधिकारी नमामि बंसल से भेंट कर मोहल्ला समिति में हुए फर्जीवाड़े पर दोषियों पर कानूनी कार्यवाही व करोड़ों की लूट की रिकवरी हेतु ज्ञापन प्रेषित किया।
उल्लेखनीय है की कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने देहरादून नगर निगम के भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान में मोहल्ला समिति का भ्रष्टाचार प्रमुखता से उठाया था।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर ने कहा कि हमने आरटीआई व पत्राचार के माध्यम से 2019 से 2024 तक मोहल्ला समिती में भारी अनियमितता व भ्रष्टाचार का खुलासा किया, जिस पर निगम को जाँच बैठानी पड़ी। कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने मेयर सौरभ थपलियाल को इस विषय पर 17 फरवरी को तथ्यों सहित शिकायती पत्र दिया था, जिसपर जांच उपरान्त नगर निगम ने FIR हेतु पुलिस को 6 जून 2025 को पत्र जारी कर दिया। जांच में 99 कर्मचारियों को फर्जी पाया गया और 90 करोड़ का सरकारी धन का भ्रष्टाचार हुआ किन्तु अभी तक न जाँच रिपोर्ट सार्वजनिक करी गयी है और न ही कोई रिकवरी हुई है। यह निगम में न सिर्फ सरकारी धन की लूट हुई बल्कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के हक पर डाका डालने का काम किया गया। हमने मेयर से अनुरोध किया है कि पुलिस की कार्यवाही भले ही गतिमान हो किंतु दोषियों सरकारी धन की उनसे ब्याज सहित रिकवरी करने कार्य निगम नियम का है, जिसको तत्काल किया जाना चाहिए, अन्यथा हम सड़क से लेकर न्यायालय तक इस भ्रष्टाचार के विषय पर संघर्ष करेंगे।
मेयर सौरभ थपलियाल ने नियमानुसार कहा कि इस विषय पर हमने कांग्रेस की शिकायत पर जांच करवाई और दोषियों के खिलाफ पुलिस को एफआईआर हेतु निगम ने आदेश दे दिया है और अब रिकवरी के विषय पर पुनः जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही करेंगे।
कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल में कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर के साथ युवा कांग्रेस महानगर अध्यक्ष मोहित मेहता मोनी, युवा कांग्रेस उपाध्यक्ष व वार्ड 83 प्रत्याशी नवीन रमोला, वार्ड 25 प्रत्याशी गगन छाछर, वार्ड 24 प्रत्याशी नितिन चंचल, रोहित अरोड़ा , आशीष, इन्द्रपाल सिंह व अन्य नेताओं ने प्रतिभाग किया ।

एमडीडीए ने फिर चलाया अवैध प्लाटिंग पर ध्वस्तीकरण डंडा

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देहरादून, मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा लगातार अवैध निर्माण और अवैध प्लाटिंग पर शिकंजा कसा जा रहा है, इस कड़ी में सोमवार को हरिद्वार रोड़ निकट विंडलास रीवर वैली कुंआवाला में मनीष सहगल , नितिन सहगल द्वारा लगभग 12 बीघा में की जा रही अवैध प्लॉटिंग पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की गयी।
वहीं एक अन्य प्रकरण जहां प्रदीप आनंद द्वारा लक्ष्मण एन्क्लेव दिल्ली फार्म मियावाला में लगभग 07 बीघा में की जा रही अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त किया गया ध्वस्तीकरण की कार्यवाही में सहायक अभियंता प्रमोद कुमार मेहरा, अवर अभियंता मनीष मेहर, विक्रम सिंह सुपरवाइजर मौजूद रहे।

उत्तराखण्ड के लोक साहित्य को डिजिटल स्वरूप में किया जाएगा संरक्षित – मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ने कहा दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान प्रदान करेगी राज्य सरकार

उत्तराखण्ड की बोलियों का एक भाषाई मानचित्र बनाएगा उत्तराखण्ड भाषा संस्थान

प्रदेश में भेंट स्वरूप बुके के बदले बुक का प्रचलन शुरु करने पर जोर

उत्तराखण्ड की बोलियों, लोक कथाओं, लोकगीतों एवं साहित्य के डिजलिटीकरण की दिशा में कार्य किये जाएं। इसके लिए ई-लाइब्रेरी बनाई जाए। लोक कथाओं पर आधारित संकलन बढ़ाने के साथ ही इन पर ऑडियो विजुअल भी बनाये जाएं। स्कूलों में सप्ताह में एक बार स्थानीय बोली भाषा पर भाषण, निबंध एवं अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाए। उत्तराखण्ड भाषा एवं साहित्य का बड़े स्तर पर महोत्सव किया जाए, इसमें देशभर से साहित्यकारों को बुलाया जाए। उत्तराखण्ड की बोलियों का एक भाषाई मानचित्र बनाया जाए।
यह बात मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की साधारण सभा एवं प्रबन्ध कार्यकारिणी समिति बैठक के अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि भेंट स्वरूप बुके के बदले बुक के प्रचलन का राज्य में बढ़ावा दिया जाए।

बैठक में निर्णय लिया गया कि उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान की राशि 05 लाख से बढ़ाकर 05 लाख 51 हजार की जायेगी। राज्य सरकार द्वारा दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान भी दिया जायेगा, जिसकी सम्मान राशि 05 लाख रूपये होगी। राजभाषा हिन्दी के प्रति युवा रचनाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए युवा कलमकार प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। इसमें दो आयु वर्ग में 18 से 24 और 25 से 35 के युवा रचनाकारों को शामिल किया जायेगा। राज्य के दूरस्थ स्थानों तक सचल पुस्तकालयों की व्यवस्था कराने के साथ ही पाठकों के लिए विभिन्न विषयों से संबंधित पुस्तकें एवं साहित्य उपलब्ध कराने के लिए बड़े प्रकाशकों का सहयोग लेने पर सहमति बनी। भाषा संस्थान लोक भाषाओं के प्रति बच्चों की रूचि बढ़ाने के लिए छोटे-छोटे वीडियो तैयार कर स्थानीय बोलियों का बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करेगा।

बैठक में निर्णय लिया गया कि जौनसार बावर क्षेत्र में पौराणिक काल से प्रचलित पंडवाणी गायन ‘बाकणा’ को संरक्षित करने के लिए इसका अभिलेखीकरण किया जायेगा। उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा प्रख्यात नाट्यकार ‘गोविन्द बल्लभ पंत’ का समग्र साहित्य संकलन, उत्तराखण्ड के साहित्यकारों का 50 से 100 वर्ष पूर्व भारत की विभन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित साहित्य का संकलन और उत्तराखण्ड की उच्च हिमालयी एवं जनजातीय भाषाओं के संरक्षण एव अध्ययन के लिए शोध परियोजनों का संचालन किया जायेगा। राज्य में प्रकृति के बीच साहित्य सृजन, साहित्यकारों के मध्य गोष्ठी, चर्चा-परिचर्चा के लिए 02 साहित्य ग्राम बनाये जायेंगे।

भाषा मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पिछले तीन सालों में उत्तराखण्ड में भाषा संस्थान द्वारा अनेक नई पहल की गई है। भाषाओं के संरक्षण और संवर्द्धन के साथ ही स्थानीय बोलियों को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से प्रयास किये जा रहे हैं। भाषा की दिशा में लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक पुरस्कार दिये जा रहे हैं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव श्री वी.षणमुगम, श्री श्रीधर बाबू अदांकी, निदेशक भाषा श्रीमती स्वाति भदौरिया, अपर सचिव श्री मनुज गोयल, कुलपति दून विश्वविद्यालय डॉ. सुरेखा डंगवाल, कुलपति संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री एवं अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।

विकसित भारत के लिए पर्यावरण संरक्षण का लें संकल्प : प्रो.गणेश भारद्वाज

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नई दिल्ली, ललित महाजन विद्यालय वसंत विहार में रविवार को भारत संस्कृत परिषद द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर एक गोष्ठी आयोजित की, गोष्ठी में प्रकृति के सम्मान और प्रदूषण मुक्ति के लिए केवल सरकारों और स्वैच्छिक संस्थाओं की ओर न ताक कर प्रत्येक नागरिक को पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्पबद्ध होना होगा । उक्त विचार पर्वतीय लोक विकास समिति एवं भारत संस्कृत परिषद द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पर्यावरण गोष्ठी एवं सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिमाचल प्रदेश संस्कृत अकादमी के पूर्व निदेशक प्रो.गणेश भारद्वाज ने व्यक्त किए।
अतिविशिष्ट अतिथि दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म, दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्थापक निदेशक प्रो.जय प्रकाश दुबे ने कहा कि हमारी संस्कृति प्रकृति को पूज्य मानने वाली रही है। संस्कृत भाषा आज भी प्रकृति के सम्मान और पर्यावरण सुरक्षा का प्रभावी माध्यम है,इसको व्यवहार में लाने की आवश्यकता है। रक्षा मंत्रालय के पूर्व निदेशक और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. नीलांबर पांडे ने कहा कि हिमालय और गंगा की रक्षा का दायित्व देश के सभी जिम्मेदार नागरिकों को लेना होगा।
विशिष्ट अतिथि श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के डीन प्रो.देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि पर्यावरण आज एक वैश्विक चुनौती बन गया है,इसके समाधान के लिए ठोस प्रयास करने होंगे।
राष्ट्रीय गोष्ठी के मुख्य वक्ता और दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज में पर्यावरण विभाग के प्राध्यापक डॉ. राजेन्द्र कुमार जोशी ने कहा कि वैश्विक ताप,पिघलते ग्लेशियर और नदियों में निरंतर कम हो रहा पानी खतरे की घंटी है,इस सबसे बचने के लिए सबको मिल जुलकर ठोस प्रयास करने होंगे।
इस अवसर पर कुछ विशिष्ट व्यक्तियों को पद्मविभूषण सुंदरलाल बहुगुणा पर्यावरण सम्मान से सम्मानित किया गया, उनमें डीडीए के सेवानिवृत्त पूर्व अधिकारी रोशन बडोला, पूर्व प्राचार्य एवं शिक्षाविद डॉ. सूर्यमोहन भट्ट, वरिष्ठ पत्रकार चंद्रमोहन पपनै, गढ़वाली कुमाऊनी भाषाओं के लिए समर्पित वरिष्ठ साहित्यकार उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच दिल्ली के संयोजक दिनेश ध्यानी, महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल के प्राध्यापक डॉ. कृष्ण चंद्र पांडेय, राज्यसभा में बतौर निर्देशक निदेशक श्रीमती मीना कंडवाल, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय,नई दिल्ली के वास्तु विभाग के प्रो.अशोक थपलियाल, कमला नेहरू महाविद्यालय,डीयू के प्राध्यापक डॉ.ग्रीन अवस्थी,राज्य शैक्षणिक अनुसंधान परिषद, हरियाणा के प्राध्यापक अश्विनी शर्मा आदि को सम्मानित किया गया।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए पर्वतीय लोक विकास समिति के संरक्षक ले.ज.(से.नि.) ए.एस.रावत ने कहा कि हमारी सैन्य शक्ति हमेशा से मजबूत रही है और आज जब देश में राजनीतिक नेतृत्व शक्तिशाली और प्रभावी है तो सरकार के कार्य और उसकी बात पर संदेह की कोई संभावना नहीं हो सकती।
समारोह का संचालन करते हुए भारत संस्कृत परिषद के महासचिव और पर्वतीय लोक विकास समिति के अध्यक्ष प्रो.सूर्य प्रकाश सेमवाल ने कहा कि हिमालय हो अथवा गंगा यमुना या कोई भी नदी,इन प्राणदायी साधनों की रक्षा के लिए हरियाली और पौधरोपण को बढ़ावा देना होगा। पर्यावरण के नाम पर वातानुकूलित कमरों में चर्चा गोष्ठी अथवा सरकारी अनुदान वाली रिसर्च और प्रोजेक्ट काम नहीं करेंगे,इसके लिए तो आवश्यक है कि हम सभी युद्ध स्तर पर लगकर नदियों को पुनर्जीवित करने और वनों एवं जंगलों की रक्षा करें। विकसित भारत के संकल्प में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने जागृत पर्यावरण चेतना का आह्वान किया है,जो हम सबका कर्तव्य है।
पर्वतीय लोकविकास समिति के राष्ट्रीय महासचिव कवि बीर सिंह राणा ने सभी अतिथियों एवं सम्मानित विभूतियों का आभार व्यक्त किया।

घूमने जा रहे दो युवकों की कार खाई में गिरी, दोनों घायल

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देहरादून, मसूरी मार्ग पर रविवार को मैगी प्वाइंट के पास दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। जिसमें घूमने जा रहे दो युवकों की कार खाई में गिर गई। हादसे में दोनों युवक बुरी तरह घायल हो गए। मिली जानकारी के अनुसार, एसडीआरएफ को सूचना मिली थी कि एक कार (संख्या BR 06DH 3402) खाई में गिर गई है। पोस्ट सहस्त्रधारा से उप निरीक्षक सावर सिंह के नेतृत्व में एसडीआरएफ की टीम ने तुरंत रेस्क्यू शुरू किया।
पुलिस की टीम द्वारा कड़ी मशक्कत के बाद दोनों युवकों अनुराग चौधरी (28) पुत्र केदार सिंह चौधरी, निवासी पॉलिटेक्निक कॉलेज आमवाला देहरादून और नैतिक सिंह( 27) निवासी इंद्रेश बिहार ग्रेट नोएडा को स्ट्रेचर के माध्यम से घायल अवस्था में खाई से निकाला गया। टीम ने दोनों युवकों को एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल भेजा। दोनों की हालत अभी नाजुक बनी है ।

डंपर भागीरथी नदी में गिरा, चालक लापता

टिहरी, जनपद के थाना छाम के अंतर्गत सरोट के पास एक डंपर भागीरथी नदी में जा गिरा, हादसे में चालक लापता है, हादसे का कारण सड़क का पुस्ता धंसना बताया जा रहा है, पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई है. चालक के लिए सर्च अभियान जारी है l स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी, मौके पर पहुंची पुलिस और एसडीआरएफ ने घटना स्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन डंपर से चालक लापता बताया जा रहा है l एसडीआरएफ की टीम ने चालक के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है, लेकिन, खड़ी और रेतीली पहाड़ी होने के कारण सर्च ऑपरेशन चैलेंजिंग हो गया है l बता दें कि जिस मार्ग से वर्तमान में रेत कार्यों में लगे डंपर की आवाजाही हो रही है, वह मार्ग पहले टिहरी से उत्तरकाशी को जोड़ने वाले बॉर्डर रोड का हिस्सा था, लेकिन टिहरी बांध झील बनने के बाद इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई थी, तहसीलदार कंडीसौड़ राजकुमार शर्मा ने बताया कि डंपर गिरने की सूचना प्राप्त हुई है. राजस्व उपनिरीक्षक को मौके पर भेजा गया है. तहसील से टीम भी मौके के लिए रवाना हो चुकी है, 108 एंबुलेंस, थाना पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच चुकी है सर्च ऑपरेशन चल रहा है l

मुख्यमंत्री की घोषणा को सर्वाेच्च प्राथमिकता पर रखें विभाग : जिलाधिकारी

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देहरादून, जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि सभी विभाग मुख्यमंत्री की घोषणाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखें।
आज यहां जिलाधिकारी सविन बसंल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार कलेक्टे्रट में जनपद में मुख्यमंत्री की घोषणा की समीक्षा की गई, जिसमें समस्त विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सभी विभागीय अधिकारियों से मुख्यमंत्री घोषणाओं की अघतन प्रगति रिपोर्ट प्राप्त की और प्रत्येक बिंदु पर विस्तार से समीक्षा की। डीएम ने निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन शासन की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में है, सभी अधिकारी इसमें पूर्ण गंभीरता और उत्तरदायित्व के साथ कार्य करें। डीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री घोषणा के निस्तारण कार्यों से कोई समझोता नही किया जाएगा तथा इसमें किसी प्रकार का कोई तर्क वितर्क, देरी, लापरवाही क्षम्य नही नही है। डीएम ने कहा कि विभागों के मात्र कार्यवाही गतिमान; एचओडी /शासन पर लम्बित है जैस तर्क घोषणा पूर्ति हेतु नाकाफी है अपनी कार्यशैली में सुधार लाएं। निस्तेज विभागों सीएम घोषणा के सम्बन्ध में की गई विशिष्ट सटीक कार्यवाही का विवरण कलेक्टे्रट में आकर अघतन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि घोषणाएं मात्र संख्या न होकर क्षेत्र विशेष की जन आकांशाएं भी है तथा विकास का अधार है इसमें गंभीरता से कार्य करें। जनवरी से बगैर शासन की स्वीकृति घोषणाओं के अर्न्तविभागीय हस्तांतरण पत्र भेजने के पश्चात आनंदमय निद्रा में आए विभागों को डीएम ने निद्रा से बाहर किया। नगर निगम द्वारा घोषणाओं के विलोपन में दिए गए तर्क पर डीएम ने नाराजगी जाहिर की तथा कहा विलोपन तब तक अनुमन्य नहीं, जब तक शासन से अनुमति न मिले तथा दूसरे विभाग को हस्तांतरण न हो। दूसरे विभाग को 75 प्रतिशत् घोषणाओं के विलोपन इतिश्री कर उपेक्षा कर रहे निगम देहरादून को डीएम ने कड़ी फटकार लगाई तथा सख्त निर्देश यदि विलोपन/ हस्तांतरण की स्वीकृति 01 माह तक नही मिली; तो आप स्वंय घोषणा निष्पादित करने के लिए विभाग बाध्य हैं। बैठक में यह जानकारी दी गई कि जिले में मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2021 से अब तक कुल घोषणाओं की 138 घोषणाएं की गई हैं। जिस पर विभागों द्वारा जानकारी दी गई कि इनमें कई घोषणा पर कार्य कार्य प्रगति पर है। लोनिवि की 23, सिंचाई विभाग की 23, शहरी विकास की 16, समाज कल्याण 14, शिक्षा 8, पर्यटन 7, संस्कृति 8, वन 5, ऊर्जा 3, सैनिक कल्याण विभाग 6 सहित अन्य समस्त विभागों की घोषणाओं के सम्बन्ध में विस्तृत समीक्षा की गई। लोनिवि के अधिकारियों ने अवगत कराया कि 18 घोषणाओं पर कार्य गतिमान है जिनमें 12 डीपीआर शासन को भेजी गई हैं, 06 पर कार्यवाही गतिमान है तथा 05 लम्बित है। वहीं सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने अवगत कराया कि अधिकतर घोषणाओं पर कार्य गतिमान है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, प्रभागीय वनाधिकारी नीरज शर्मा, अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, उप नगर आयुक्त गोपालराम बिनवाल, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार ढौंडियाल, लोनिवि, यूपीसीएल, पेयजल के अधीक्षण अभियंता सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने ‘हिन्द दी चादर’ नाटक मंचन कार्यक्रम में किया प्रतिभाग

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-गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान वर्ष को समर्पित हुआ नाट्य मंचन

देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान वर्ष को समर्पित नाटक ‘हिन्द दी चादर’ के मंचन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उत्तराखण्ड सिक्ख कोऑर्डिनेशन कमेटी एवं श्री गुरू तेग बहादुर चैरिटेबल चिकित्सालय द्वारा नाटक ‘हिन्द दी चादर’ का मंचन कार्यक्रम दून मेडिकल कॉलेज में किया गया।
मुख्यमंत्री ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के अद्वितीय बलिदान और धर्मरक्षा के योगदान को श्रद्धापूर्वक स्मरण किया। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने उस समय प्राणों की आहुति दी, जब देश की संस्कृति, आस्था और आत्म सम्मान पर संकट गहराया हुआ था। उन्होंने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए जो बलिदान दिया, वह आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी को ‘हिन्द दी चादर’ यूं ही नहीं कहा गया। उन्होंने राष्ट्र की एकता, धर्म की स्वतंत्रता और सामाजिक समरसता के लिए सर्वाेच्च बलिदान दिया। उनका साहस, बलिदान और उनका संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है।
मुख्यमंत्री ने कह कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और राज्य सरकार सिख समाज के हितों की रक्षा तथा उनके धार्मिक स्थलों के विकास हेतु प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने करतारपुर कॉरिडोर, श्री हरमंदिर साहिब को एफसीआरए पंजीकरण, वीर बाल दिवस की घोषणा, 1984 दंगा पीड़ितों को न्याय और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना जैसे निर्णयों का उल्लेख करते हुए उन्हें ऐतिहासिक बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस को राज्यभर में भव्य रूप से मनाने हेतु दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि गोविंद घाट से हेमकुंड साहिब तक 12.5 किलोमीटर लंबे रोपवे का कार्य प्रगति पर है, जिससे श्रद्धालुओं को 45 मिनट में यात्रा सुलभ होगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नाटक के आयोजकों और कलाकारों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस मंचन के माध्यम से युवा पीढ़ी को हमारे गौरवशाली इतिहास से जोड़ने का एक सशक्त प्रयास किया गया है। यह नाटक केवल एक सांस्कृतिक प्रस्तुति नहीं, बल्कि एक सजीव प्रेरणा का स्रोत है।
इस अवसर पर दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री स. मनजिंदर सिंह सिरसा, विधायक श्री विनोद चमोली, श्री गुरूदेव सिंह, नाटक मंचन के आयोजक एवं कलाकार उपस्थित थे।

पायलटों से गधों की तरह करवाया जा रहा है काम : मोहित डिमरी

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-हेली कंपनियां हुई बेलगाम, विक्रम-ऑटो की तरह चल रहे हेलीकॉप्टर

देहरादून, उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के महासचिव और मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के संस्थापक संयोजक मोहित डिमरी ने हेलीकॉप्टर कंपनियों की मनमानी और लापरवाही को उजागर करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं। डिमरी ने कहा कि हेलीकॉप्टर सेवाएं पूरी तरह अव्यवस्थित हो चुकी हैं, जिसके चलते कई हादसे हो चुके हैं, जिसमें हाल ही में हुई एक घटना भी शामिल है।
मोहित डिमरी ने हेलीकॉप्टर संचालन को लेकर कई चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे। बार-बार हो रही घटनाएं इस बात का सबूत हैं कि कंपनियां सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज कर रही हैं। डिमरी ने हेलीकॉप्टर सेवाओं की तुलना ‘विक्रम-ऑटो’ से की, जो अनियंत्रित और असुरक्षित तरीके से चल रही हैं। पायलटों से “गधों की तरह” अत्यधिक काम लिया जा रहा है, जिससे उनकी थकान और तनाव बढ़ रहा है।
हेलीकॉप्टर उचित ऊंचाई बनाए रखने में विफल हो रहे हैं, जो हादसों का एक प्रमुख कारण बन रहा है और इससे वन्य जीवजन्तु प्रभावित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग आम बात हो गई है, जिससे यात्रियों का शोषण हो रहा है। इन समस्याओं का असर यात्रियों की सुरक्षा और उत्तराखंड के विमानन क्षेत्र की साख पर पड़ रहा है। थके हुए पायलट और ऊंचाई के नियमों का पालन न करना हादसों को न्योता दे रहा है। वहीं, टिकटों की कालाबाजारी से पर्यटकों और स्थानीय लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
डिमरी ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया कि केदारनाथ में एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) सिस्टम स्थापित करने के लिए डीजीसीए और उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UKADA) को इन मुद्दों के बारे में कई बार पत्र लिखकर सूचित किया गया है। वे सख्त नियम लागू करने, बेहतर निगरानी और टिकटों की कालाबाजारी रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है, जो चिंता का विषय है।
मोहित डिमरी ने इस मामले की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा, “स्थिति चिंताजनक है। हम इन मुद्दों को अब और नजरअंदाज नहीं कर सकते।
यात्रियों की सुरक्षा और हमारे विमानन क्षेत्र की अखंडता दांव पर है। जल्द ही कंपनी की मनमानी कब खिलाफ़ आंदोलन किया जायेगा” उनका यह बयान अधिकारियों के लिए एक जोरदार चेतावनी है कि अब कार्रवाई जरूरी हो गई है।