Monday, June 16, 2025
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 रुद्रप्रयाग हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त के जांच के आदेश, लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

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– हेली उड़ानों के बेहतर समन्वय के लिए “कमांड एवं कोऑर्डिनेशन सेंटर” की होगी स्थापना
देहरादून(आरएनएस)।  सोमवार तक चार धाम के लिए हेली सेवा पूर्ण रूप से बंद रहेगी। चार धाम में लगे सभी हेली ऑपरेटरों एवं पायलटों के उच्च हिमालय क्षेत्रों में उड़ान अनुभवों की जांच होगी एवं सभी हेली ऑपरेटरों के साथ बैठक के बाद ही पुनः हेली सेवा को सुचारु किया जाएगा। राज्य में अब हेली उड़ानों के बेहतर समन्वय और सुरक्षित संचालन के लिए  देहरादून में एक कॉमन “कमांड एवं कोऑर्डिनेशन सेंटर” की स्थापना की जाएगी, जिसमें डीजीसीए, आपदा विभाग, सिविल एविएशन, यूकाडा, हेली आपरेटर कम्पनी के अधिकारियों की तैनाती होगी। यह निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास में हुई बैठक के दौरान दिए।
मुख्यमंत्री ने सचिव गृह उत्तराखंड की अध्यक्षता में  एक समिति गठित किए जाने के निर्देश दिए। जिसमें डीजीसीए, यूकाडा, नागरिक उड्डयन विभाग भारत सरकार, ATC के प्रतिनिधि सदस्य के रूप में रहेंगे। यह समिति जन सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए मानक प्रचालन नियमावली का प्रारूप बनाएगी। समिति अपनी रिपोर्ट सितंबर माह से पूर्व प्रस्तुत करेगी। मुख्यमंत्री ने आगामी समय के लिए प्रदेश में हेली सेवाओं के संचालन के लिए सख्त एडमिनिस्ट्रेटिव एंड टेक्निकल एसओपी तैयार किए जाने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग में दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के संबध में उच्च स्तरीय जांच के भी आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है, उन्हें चिन्हित कर उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा आम जन के जीवन की रक्षा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। किसी भी कीमत में जिंदगियों के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हीं पायलटों को अनुमति दी जाएगी जिनका उच्च हिमालय क्षेत्रों में हेली उड़ाने का दीर्घकालीन अनुभव होगा। उन्होंने कहा डीजीसीए द्वारा निर्धारित गाइडलाइन को और सख्त बनाया जाए, जिसका अनुपालन शत प्रतिशत किया जाए। मुख्यमंत्री ने हिमालय क्षेत्रों में अधिक संख्या में मौसम पूर्वानुमान के अत्याधुनिक उपकरण लगाने के भी निर्देश दिए,  जिससे मौसम की और सटीक जानकारी प्राप्त की जा सके। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग को दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से संपर्क कर उनके पार्थिव शरीर को संबंधित राज्यों में भेजने की समुचित व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव नागरिक उड्डयन समीर कुमार सिन्हा, डीजीसीए (DGCA) के महानिदेशक फैज अहमद किदवई , सचिव शैलेश बगौली, सचिव सचिन कुर्वे,   सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन,  सीईओ युकाडा सोनिका, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ( एएआईबी) के अधिकारी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

चहेते हेली सर्विस कम्पनियों पर डीजीसीए की गाइडलाइंस को सख्ती से लागू करानी चाहिए-अमन गर्ग

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हरिद्वार। महानगर कांग्रेस अध्यक्ष अमन गर्ग ने प्रेस को बयान जारी करते हुए कहा कि यात्रा सीजन को लेकर उत्तराखंड सरकार के सभी दावे फेल हो गए हैं। हरिद्वार प्रशासन यात्रा सीजन और चारधाम यात्रा को लेकर सिर्फ बैठकों की खानापूर्ति तक ही सीमित है जबकि धरातल पर तीर्थयात्रियों को और शहरवासियों को जाम के झाम से जूझना पड़ रहा है। इतना ही नहीं बीते दिनों से बिजली पानी से पूरे शहर को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
केदारनाथ यात्रा में पांचवीं दुर्घटना से पूरा उत्तराखंड गमगीन हैं लेकिन सरकार को अपने चहेते हेली सर्विस कम्पनियों पर डीजीसीए की गाइडलाइंस को सख्ती से लागू करानी चाहिए, जिससे आम श्रद्धालुओं के जीवन के साथ खिलवाड़ न हो।

कलयुग में हरिनाम स्मरण ही भव से पार पाने का एकमात्र उपाय: रविन्द्र पुरी

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धर्म स्थापना और भक्तों की रक्षा को अवतार लेते हैं भगवान: रामेश्वरानंद
हरिद्वार(कुलभूषण)। भगवान शिव की ससुराल कनखल संयास मार्ग स्थित श्री रामेश्वर आश्रम में श्रीमद् भागवम कथा का रसपान कराते हुए कथा व्यास महामण्डलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव के प्रसंग का सुंदर वर्णन कर श्रोत्राओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कथा में श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज की भी उपस्थिति रही। उन्होंने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए उनके कल्याण की कामना की।
इस अवसर पर श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहाकि कथा सुनने की सार्थकता तभी है, जब श्रवण के साथ उस पर मनन भी किया जाए। उन्होंने कहाकि कलयुग में केवल हरिनाम की भव से पार पाने का एकमात्र उपाय है। इसलिए प्रत्येक स्थित में भगवन नाम स्मरण करते रहना चाहिए।
कथा का रसपान कराते हुए कथा व्यास महा मण्डलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहाकि धर्म की स्थापना और श्रेष्ठ पुरूषों की रक्षा के लिए भगवान इस धरा धाम पर अवतार लेते हैं और अपनी लीलाओं के माध्यम से समाज को संदेश देकर जन-जन के कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करते हैं। उन्होंने कहाकि यह भगवान की लीला की थी कि भगवान के जन्म के समय पहरेदार और महल के सभी लोग निद्रा में चले गए। नन्द बाबा की बहन सुनन्दा ने गोकुल में नन्द बाबा को सूचना दी। भगवान के निर्देश पर वसुदेव श्रीकृष्ण को गोकुल में नन्द बाबा के घर ले गए।
कार्यक्रम में श्रीकृष्ण जन्म की मनोरम झांकी प्रस्तुत की गई। पंडाल जय कन्हैया लाल के जयकारों से गूंज उठा।
कथा व्यास ने भक्त प्रहलाद और गजेंद्र मोक्ष की कथाएं सुनाईं। उन्होंने समुद्र मंथन की गाथा का वर्णन किया। साथ ही अजामिल और मोहिनी अवतार की कथाओं का भी वर्णन किया।
श्रीमती कमलेश की स्मृति में आयोजित भागवत कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा का श्रवण किया। जन्मोत्सव के बाद माखन-मिश्री का प्रसाद व भगवान के जन्म की खुशी में उपहार वितरित किए गए।

मेला चिकित्सालय कैंपस में निकला विशालकाय अजगर

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हरिद्वार(कुलभूषण) मेला चिकित्सालय हरिद्वार के कर्मचारियों के कैंपस में निकला अजगर कर्मचारी नेता दिनेश लखेडा ने संतन सिंह नेगी को दूरभाष पर सूचना दी वन विभाग के संतन सिंह नेगी, तत्काल मौके पर पहुंचे और उनके साथ स्वास्थ्य विभाग के नितिन ठाकुर, मूल चंद चौधरी, अमन, शीशपाल, अर्पित ने संतन सिंह का सहयोग विशालकाय अजगर को जंगल में छोड़कर आए।
कर्मचारी नेता दिनेश लखेड़ा ने कहा कि गर्मियों के मौसम में खतरा बढ़ गया है कर्मचारियों के परिवारों में दहशत का माहौल है सभी कर्मचारियों और उनके परिवार के लोगों ने संतन सिंह नेगी का आभार व्यक्त किया है।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा ने यह भी बताया कि वन विभाग के अधिकारियों को पहले भी अवगत कराया गया था कि कर्मचारियों के आवासों के पीछे एक बहुत बड़ा पेड़ सुखा खड़ा है और आज कल आंधियों का समय है अगर आधी आती है तो कर्मचारी के परिवारों को बहुत खतरा है इसके लिए जल्द ही जिलाधिकारी हरिद्वार और आपदा प्रबंधन अधिकारी को लिखा जाएगा।
अगर कोई भी दुर्घटना होती है तो इसका उत्तरदायित्व वन विभाग का अधिकारियों का होगा।

बार बार चेताने पर भी नहीं चेत रही सरकार, मुख्यमंत्री की चेतावनी बंदर घुड़की साबित हो रही : धस्माना

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“केदार घाटी में फिर शनिवार को हुई हैली दुर्घटना में सात लोगों की मौत, अब तक चार धाम यात्रा में पांचवीं हैली दुर्घटना”

 

देहरादून, उत्तराखंड की चार धाम यात्रा शुरू हुए अभी एक महीना कुछ दिन ही हुए हैं लेकिन आज पांचवीं हैलीकॉप्टर दुर्घटना हो गई जिसमें पांच लोगों की जान जाने की सूचना है जो अत्यंत दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण है और इसके लिए पूरी तरह से उत्तराखंड की भाजपा सरकार की लचर व लापरवाह हवाई सेवा नियमावली है यह बात उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने आज सुबह तड़के हुई हैली दुर्घटना की सूचना मिलते ही रुद्रप्रयाग से आधिकारिक जानकारी प्राप्त करने के बाद जारी अपने बयान में कही।
धस्माना ने कहा कि विगत दिनों प्रदेश में चल रही हैली सेवाओं के बारे में उन्होंने राज्य सरकार से प्रदेश में एयर ट्रैफिक कंट्रोल नियमावली कड़ाई से लागू करने की मांग की थी और बाकायदा इस बात पर पार्टी द्वारा सख्त आपत्ति दर्ज करवाई गई थी कि हैली कंपनियां पैसा कमाने की आपाधापी और प्रतिस्पर्धा में नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं जिससे यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
धस्माना ने कहा कि आज केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़े हैली ने खराब मौसम के बावजूद उड़ान भरी और पांच मिनट में जंगल में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। श्री धस्माना ने कहा कि उनको जानकारी मिली कि इसकी उड़ान के बाद दो हैली और उसी जगह से उड़े किंतु इस हैली के दुर्घटनाग्रस्त होते ही वो वापस हो गए और सुरक्षित लैंड हो गए। धस्माना ने कहा कि हैली सेवाओं के बारे में मुख्यमंत्री ने जो आदेश निर्देश दिए वो मात्र बंदर घुड़की साबित हो रहे हैं क्योंकि मुख्यमंत्री की चेतावनी के मात्र दो दिन बाद खराब मौसम में हैली उड़ाना यही साबित कर रहा है कि हैली कंपनियां पैसा कमाने के लिए कोई भी जोखिम उठने के लिए तैयार हैं।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष धस्माना ने एक बार फिर राज्य सरकार से मांग करी कि वो हैली सेवाओं के मामले में सख्ती से और ट्रैफिक नियमावली को लागू करवाए व यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि हेलिकॉप्टर्स की सफाई ऑडिट व उनके अन्य सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू किया जाए।

मुख्यमंत्री महिला सतत् आजीविका योजना में गड़बड़झाला : ट्रेनिंग के 3 साल बाद भी धरातल पर नहीं उतर पाई योजना

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-महिलाओं की आजीविका सुधारने के लिए योजना के तहत 2022 में दी गई थी ट्रेनिंग

-अब तक लाभार्थियों को नहीं मिल पाया 50-50 हजार अनुदान, दर-दर भटकने को मजबूर महिलाएं

देहरादून, सीएम धामी सरकार की महत्वकांक्षी उत्तराखंड मुख्यमंत्री महिला सतत् आजीविका योजना सवालों के घेरे में है, योजना में गड़बड़झाले का अंदेशा जताया जा रहा है, महिलाओं को रोजगार दिलाने के लिए शुरू की गई इस योजना में ट्रेनिंग देने के कई साल बाद भी लाभार्थियों को 50 हजार रुपए अनुदान अब तक नहीं मिल पाया है. यही कारण है कि गत तीन वर्षों से पात्र महिलाएं अनुदान के लिए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग व संबंधित एनजीओ के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. जबकि, विभाग का कहना है कि पैसा एनजीओ को दे दिया गया है, बाकायदा, इसको लेकर रिमांडर तक भेजा जा चुका है, ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि अनुदान का लाखों रुपए गया कहां.. एक रिपोर्ट..!

3 साल बाद भी नहीं मिला 300 महिलाओं को अनुदान :
दरअसल, मामला दून जिले के रायपुर ब्लाक का है, जहां लाभार्थी महिलाओं को मुख्यमंत्री सतत् आजीविका योजना के तहत 50 हजार रुपए तक का अनुदान दिया जाना है. दून शहर से लगे रायपुर ब्लॉक के बजेत, सिरकी, रामनगर डांडा, मीडावाला, दुधियावाला व डांडी क्षेत्रों में करीब 300 महिलाओं को ट्रेनिंग भी दी गई. जिनका अनुदान करीब 1.50 करोड़ रुपए बैठता है, यह तो एक ब्लाक के कुछ गावों का मामला है l पूरे जिले व राज्य में यह कई सौ करोड़ की योजना है. ख़ास बात यह है कि योजना के तहत डेयरी व मधुमक्खी पालन कराया जाना था, इसके लिए सरकार की ओर से चयनित एनजीओ देवभूमि फाउंडेशन को काम सौंपा गया था, इसके तहत एनजीओ ने वर्ष 2022 में चयनित महिला पात्रों को ट्रेनिंग भी दी, इसके बाद मालदेवता क्षेत्र में डेयरी पालन के लिए 100 महिलाओं और थानों क्षेत्र की 200 महिलाओं से मधुमक्खी पालन कराया जाना था. लेकिन, ट्रेनिंग के 3 साल बाद भी योजना धरातल पर नहीं उतर पाई l

25-25 महिलाओं का बनाया गया था कलस्तर :
योजना के मुताबिक ट्रेनिंग के लिए एनजीओ की ओर से 25-25 महिलाओं का गु्रप बनाकर 2022 में एक सप्ताह से लेकर एक महीने तक की ट्रेनिंग दी गई. लेकिन, अभी तक गाय खरीदने के लिए धनराशि नहीं मिल पाई. ऐसे में अब कई लाभार्थी आरोप लगा रही हैं कि या तो विभागीय अधिकारी झूठ बोल रहे हैं या फिर एनजीओ गोलमाल कर रहा है. बावजूद इसके अभी भी लाभार्थी धनराशि मिलने को लेकर उम्मीद लगाए बैठे हैं l

अब मांगी जा रही स्थलीय निरीक्षण रिपोर्ट :
बताया जा रहा है कि उत्तराखंड मुख्यमंत्री महिला सतत् आजीविका योजना के तहत राज्यभर में 97 एनजीओ का चयन किया गया था. ये भी बताया जा रहा है कि इस बारे में गत 22 अप्रैल 2025 को राज्य परियोजना अधिकारी मोहित चौधरी की ओर से 9 एनजीओ को पत्र जारी किया गया. जिसमें लाभार्थियों को दिए जाने वाले अनुदान के बावत स्थलीय जांच निरीक्षण रिपोर्ट मांगी है l

इन 9 एनजीओ को भेजा रिमाइंडर :

-पौष्टिक ग्रामोद्योग संस्था, प्रेमनगर, देहरादून
-देवभूमि फाउंडेशन, सुभाष रोड, देहरादून
-लोकप्रिय सेवा समिति, हरिद्वार
-पर्यावरण एवं जन कल्याण समिति, यूएसनगर
-इम्पार्ट, ऊधमसिंहनगर
-इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल डेवलपमेंट, यूएसनगर
-महिला प्रेणा एवं उत्थान समिति, अल्मोड़ा
-पर्वतीय महिला कल्याण समिति, पिथौरागढ़
-ग्रामीण क्षेत्र विकास समिति, टिहरी गढ़वाल

ट्रेनिंग हुई, कुछ नहीं मिला :
रायपुर के रामनगर डांडा के प्रधान रविंद्र सिंह ने बताया कि एनजीओ की ओर से क्षेत्र की महिलाओं को मार्च 2022 में ट्रेनिंग दी गई, लेकिन आज तक न तो गाय दी गई और न हीं मधुमक्खी पालन ही शुरू कराया गया है. पैसा उपलब्ध कराया जाता, तो लाभार्थी खुद ही पशु खरीद लेती, यदि योजना का तीन-तीन चार-चार साल बाद भी लाभ न मिले, तो उसका औचित्य क्या है. कई महिलाओं ने अनुदान के चक्कर में गाय नहीं खरीदी, उनका बहुत नुकसान हो रहा है. बैजत मालदेवता की आरती खन्ना, अस्थल की गीतिका सकलानी, शेरकी की रवीना पंवार व विनेश आदि का भी कहना है कि सरकार गंभीरता से योजनाओं का संचालन करे, केवल नाम के लिए योजनाएं चलाकर महिलाओं का शोषण न किया जाए l

दूसरे जिलों में भी गड़बड़ी कि आशंका :
जानकारों की मानें तो ये असलीयत तो केवल दून के रायपुर ब्लाक की है पूरे राज्यभर में ऐसी संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे में ये योजना सवालों के घेरे में आ रही है. जानकार कहते हैं कि जब सरकार की ऐसी महत्वपूर्ण योजना का तीन-तीन, चार-चार साल में भी लाभ नहीं मिल पाएगा तो महिलाओं की आजीविका कैसे सुधर पाएगी l

योजना की पात्रता व लाभ :

-लाभार्थी निराश्रित, विधवा व निर्बल वर्ग से होनी चाहिये
– महिला की उम्र 18 वर्ष से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए.
– उत्तराखंड राज्य की मूल निवासी होनी चाहिए.
-लाभार्थी किसी अन्य योजना से सामान व्यवसाय से लाभान्वित नहीं होनी चाहिए.
– पात्र महिलाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
– चयनित महिलाओं को ट्रेनिंग अवधि के दौरान 1000 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी.
– ट्रेनिंग पूरी होने के बाद लाभार्थियों को 50 हजार रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा.

सचिवालय व विधानसभा से चल रहा षड़यंत्र :

सूत्रों की माने तो इस योजना को सचिवालय व विधानसभा में बैठे कुछ अफसर विभाग के साथ मिलकर पलीता लगा रहे हैं, मोटी कमीशन की डील का तानाबाना बुना जा रहा है, यही वजह है कि योजना धरातल पर नहीं उत्तर पा रही है. यह भी बतायाजा रहा है कि कई अधिकार्यों कि एनजीओ में भागीदारी है l

अनुदान के बदले गाय व मधुमक्खी खरीद :

लाभर्थियों को अनुदान के बदले विभाग की ओर से गाय व मधुमक्खी खरीदने की बात भी सामने आ रही है. किस नश्ल की गाय दी जाएगी इसका भी लाभार्थियों को ट्रेनिंग के दौरान कोई जानकारी नहीं दी गई है. कुल मिलाकर पूरी योजना में पूरी तरह झोल ही झोल नजर आए रहा है. यह भी बताया जा रहा है की योजना के क्रियान्वयन में गाइडलाइन का उल्लंघन किया जा रहा है. इससे योजना की पारदर्शिता भी सवालों के घेरे में है l

“मुख्यमंत्री सतत् महिला आजीविका योजना के तहत महिलाओं को ट्रेनिंग दी गई है. अनुदान का पैसा भी एनजीओ को जारी किया गया है, जिन एनजीओ ने परिसपित्तियों का लाभार्थियों को वितरण नहीं किया है, उन्हें रिमाइंडर भेजे गए हैं. उम्मीद है कि जल्द से जल्द अनुदान का वितरण किया जाएगा l
-मोहित चौधरी, स्टेट प्रोजेक्ट ऑफिसर, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग”

कैंचीधाम मेले और पर्यटकों की बढ़ती भीड़, नैनीताल-हल्द्वानी तक लगा जाम

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हल्द्वानी, पवित्र कैंचीधाम मेले में बाबा नीब करौरी के दर्शन को शनिवार को उमड़े भक्तों और वीकेंड पर नैनीताल घूमने आए पर्यटकों की भीड़ ने नैनीताल से हल्द्वानी तक भारी जाम लगा दिया। नैनीताल और भवाली में पार्किंग स्थल पूरी तरह भर गए, जिससे वाहनों का दबाव बढ़ा और हल्द्वानी तक ट्रैफिक रुका रहा। देर रात तक यातायात कर्मी जाम को नियंत्रित करने में जुटे रहे।
नैनीताल शहर में सुबह और दोपहर बाद जाम की स्थिति बनी रही। माल रोड पर वाहन रेंगते दिखे, जबकि तल्लीताल चुंगी के पास जाम सबसे गंभीर रहा। सूखाताल, किलबरी-पंगोट, नैनीताल-कालाढूंगी और नैनीताल-भवाली मार्गों पर भी वाहनों की लंबी कतारें लगीं। पर्यटकों को घंटों जाम में फंसने से भारी परेशानी हुई।
वीकेंड की वजह से दोपहर से पहले ही नैनीताल की प्रमुख पार्किंग—डीएसए, मेट्रोपोल, बीडी पांडे और सूखाताल—फुल हो गईं। इसके बाद पर्यटकों के वाहन शहर में धीमी गति से चलते रहे। भीड़ के कारण स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों को असुविधा का सामना करना पड़ा।
यातायात पुलिस ने जाम को कम करने के लिए वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी, लेकिन भारी भीड़ के आगे यह प्रयास नाकाफी रहे। कैंचीधाम मेले और पर्यटन सीजन के चलते अगले कुछ दिनों तक ऐसी स्थिति बने रहने की आशंका है। प्रशासन से बेहतर यातायात प्रबंधन की मांग की जा रही है।

केदारनाथ धाम से फाटा आ रहा हेलिकॉप्टर क्रैश; 7 की मौत

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रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान रविवार को बड़ा हादसा हुआ है। गौरीकुंड क्षेत्र में केदारनाथ धाम से फाटा आ रहा हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया है। दर्दनाक हादसे में 23 महीने के बच्चे समेत सात की मौत हो गई है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड क्षेत्र में बड़ा हादसा हुआ है। रविवार को सुबह-सुबह केदारनाथ रूट पर हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। हेलिकॉप्टर में कुल सात लोग सवार थे। दर्दनाक हादसे में सातों लोगों की मौत हो गई, मृतकों में 23 महीने का बच्चा भी शामिल है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों को मौके के लिए रवाना किया गया है। जानकारी के अनुसार, रविवार सुबह आर्यन कंपनी का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। गौरीकुंड क्षेत्र में यह हादसा हुआ है। घटना सुबह 5.30 बजे की बताई जा रही है। हेलिकॉप्टर के क्रैश होने की वजह खराब मौसम बताई जा रही है।

23 वर्ष की उम्र में प्रमोद ने एडवेंचर के क्षेत्र में बढ़ाया कदम

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देहरादून। एक ओर आजकल युवा नौकरी की तलाश में दर -दर भटक रहे है। तो वहीं दूसरी ओर उत्तरकाशी के 23 वर्षीय युवा प्रमोद पंवार ने अपनी कंपनी ट्रिप माई सोल एडवेंचर क़ो खोलकर युवाओ क़ो रोजगार दिया है।
प्रमोद पंवार कहते है कि वे उत्तरकाशी के दुरस्त गांव से आते है। उनके पिता भी एडवेंचर के क्षेत्र से जुड़े थे जिससे उन्हें भी एडवेंचर के क्षेत्र में कार्य करने के लिये प्रोत्साहन मिला।May be an image of 15 people, people smiling and text

ट्रिप माई सोल क़ी दो राज्यों में है शाखा

ट्रिप माई सोल क़ी भारत में दो शाखा है एक देहरादून और दूसरी हैदराबाद में है। कंपनी ने अभी 30 कर्मचारी कार्यरत है कंपनी का कार्य ट्रेकिंग, कैंपिंग, ट्रेकिंग माउन्टरानिंग, आदि है।
ट्रिप माई सोल कंपनी उत्तराखंड, हिमांचल, एयर दक्षिण के शहरों में अपनी सेवा दें रहा है।May be an image of 5 people, people climbing, people skiing and text

कैसे करें कंपनी से संपर्क

ट्रिप माई सुल कंपनी से संपर्क वेबसाइट, इंस्ट्राग्राम, कंपनी के पेज तथा कंपनी के कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।

स्थानीय लोगों क़ो भी मिल रहा रोजगारMay be an image of 10 people, people skiing and text

ट्रिप माई सोल कंपनी से स्थानीय लोगों क़ो भी रोजगार मिल रहा है। इसके साथ साथ अन्य लोग जैसे घोड़े वाले, गाइड, पोर्टर, आदि लोगों क़ो भी रोजगार मिल रहा है।

आईटीबीपी के हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान-2025 को हरी झंडी दिखाकर मुख्यमंत्री ने किया रवाना

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान-2025 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद विमान दुर्घटना में दिवंगत हुए सभी यात्रियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। विमान दुर्घटना में दिवंगतों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आईटीबीपी के वीर जवानों, अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह अभियान न केवल साहस और संकल्प का प्रतीक है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों की सामरिक सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी का 45 सदस्यीय दल इस अभियान के अंतर्गत उत्तराखंड से हिमाचल प्रदेश होते हुए लद्दाख तक लगभग 1032 किलोमीटर की कठिन यात्रा करेगा। यह अभियान न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों की निगरानी सुनिश्चित करेगा, बल्कि धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों की पहचान तथा स्थानीय परंपराओं को प्रोत्साहित करने में भी सहायक सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि वीरभूमि उत्तराखंड से बड़ी संख्या में सेना और अर्धसैनिक बलों में सेवा करने वाले वीर जवान देश की रक्षा में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल, वर्ष 1962 से लगातार देश की सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ आपदाओं के समय भी राहत व बचाव कार्यों में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सशस्त्र बलों के सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारत ने एक बार फिर साबित किया कि देश की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किया गया है, वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को दी जाने वाली धनराशि में वृद्धि की गई है, और बलिदानियों के आश्रितों को सरकारी नौकरी में समायोजन की अवधि को दो वर्ष से बढ़ाकर पाँच वर्ष कर दिया गया है। वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और पूर्व सैनिकों को सरकारी बसों में निशुल्क यात्रा, संपत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट, और बेटियों के विवाह हेतु विशेष अनुदान जैसी योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं।
आईजी आईडीबीपी संजय गुंज्याल ने कहा कि हिमाद्री ट्रैकिंग अभियान के तहत आईटीबीपी का दल कुल 1032 किमी की दूरी तय करेगी। इसमें दल 27 घाटियों और 27 दर्रों को पार करेगा। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ ही वाइब्रेंट विलेज क्षेत्रों में एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि इस ट्रेकिंग रूट में कुल 84 वाइब्रेंट विलेज आयेंगे। इस दौरान अभियान दल द्वारा स्थानीय लोगों को 3.5 लाख फलदार पौधे भी वितरित किए जाएंगे।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव गृह शैलेश बगौली, डीजीपी दीपम सेठ, आईजी आईटीबीपी गिरीश चन्द्र उपाध्याय एवं आईटीबीपी के जवान मौजूद थे।