Wednesday, November 27, 2024
HomeTrending Nowबालश्रम व भिक्षावृति से मुक्त हुए बच्चों का अपने परिवारों में ही...

बालश्रम व भिक्षावृति से मुक्त हुए बच्चों का अपने परिवारों में ही पुनर्वास को प्राथमिकता दी जाए : राधा रतूड़ी

जल्द से जल्द बने बालश्रम, भिक्षावृति तथा बाल विवाह समाप्त करने हेतु ठोस एक्शन प्लान : एसीएस

राज्य में आउट ऑफ स्कूल बच्चों का एक सटीक डाटाबेस जल्द तैयार किया जाएगा

शासन स्तर पर एक हाई पॉवर कमेटी के गठन पर भी चर्चा

कमजोर परिवारों (वलरेनबल फैमिली) को सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करवा कर ही भिक्षावृति एवं बालश्रम का स्थायी समाधान संभव : एसीएस

देहरादून, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सम्बन्धित विभागों को एनजीओ के साथ मिलकर राज्य से जल्द से जल्द बालश्रम, भिक्षावृति तथा बाल विवाह समाप्त करने हेतु सटीक एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि बालश्रम व भिक्षावृति से मुक्त हुए बच्चों का संस्थागत पुनर्वास के स्थान पर अपने परिवारों में ही पुनर्वास को प्राथमिकता दी जाए। बालश्रम व बाल भिक्षावृति को रोकने के लिए सम्बन्धित विभागों व एनजीओं को स्थायी समाधान (सस्टेनबल सोल्यूशन) पर काम करना होगा। मंगलवार को अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिव समाज कल्याण, सचिव विद्यालयी शिक्षा, सचिव श्रम, पुलिस अधिकारियों सहित राज्य में बाल संरक्षण एवं कल्याण के लिए कार्य कर रहे विभिन्न गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के प्रतिनिधियों के साथ राज्य में बालश्रम, भिक्षावृति एवं बाल विवाह को समाप्त करने के लिए एक ठोस कार्ययोजना बनाने के सम्बन्ध में बैठक लेते हुए निर्देश दिए कि प्रदेश में ऐसे कमजोर परिवारों (वलरेनबल फैमिली) को चिन्हित किया जाना जरूरी हैं जिनकी खराब आर्थिक स्थिति के कारण बच्चें बालश्रम व भिक्षावृति की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे चिन्हित परिवारों को सरकार द्वारा संचालित सभी सामाजिक एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करवाया जाना चाहिए। इसके साथ ही एसीएस ने स्कूलों से ड्रॉप आउट बच्चों, स्कूलों में गैरहाजिर रहने वाले बच्चों, आउट ऑफ स्कूल बच्चों का एक सटीक डाटाबेस भी जल्द ही तैयार करने के निर्देश दिए।ब्रेकिंग: उत्तराखंड में जल्द बनेगा बाल विवाह (Child marriage), बालश्रम व  भिक्षावृत्ति समाप्त करने को ठोस एक्शन प्लान - Mukhyadhara

बैठक के दौरान राज्य में बालश्रम, भिक्षावृति एवं बाल विवाह को जल्द से जल्द समाप्त करने के लिए शासन स्तर पर एक हाई पॉवर कमेटी के गठन पर भी चर्चा की गई। इस कमेटी में बाल संरक्षण के लिए कार्य कर रहे गैर सरकारी संगठनों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसके साथ ही बैठक में भिक्षावृति में लिप्त आउट ऑफ स्कूल बच्चों के लिए स्पेशल स्कूलों व मोबाइल स्कूलों को प्रोत्साहित करने पर भी विचार किया गया।

बैठक में सचिव श्रीमती राधिका झा, डा. रविनाथ रमन, मेजर योगेन्द यादव, विशेष सचिव गृह श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल, अपर सचिव गृह श्रीमती निवेदिता कुकरेती, अपर सचिव श्रीमती अमनदीप कौर, श्री आनंद स्वरूप, डीआईजी श्रीमती पी रेणुका देवी, बचपन बचाओं आंदोलन से श्री मनीष शर्मा, श्री सुरेश उनियाल तथा विभिन्न एनजीओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments