देहरादून, राजधानी में कारों से मोबाइल और कीमती सामान उड़ाने वाला ठक-ठक गैंग फिर सक्रिय हो गया है। गैंग के सदस्यों ने रिस्पना और धर्मपुर चौक के ट्रैफिक सिग्नल के पास दो कारों को रुकवाकर अंदर से मोबाइल उड़ा लिए। पुलिस ने दोनों मामलों में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मोबाइल लोकेशन के आधार पर आरोपियों की तलाश की जा रही है। मामले में पत्रकार अतुल चौहान ने शिकायत की है। चौहान का कहना है कि वह बृहस्पतिवार शाम को कारगी चौक से रिस्पना की ओर जा रहे थे। इसी बीच सिग्नल पर रेड लाइट हुई तो उन्होंने कार रोक दी। वहां पर जाम लगा था। एक व्यक्ति पैसेंजर साइड की तरफ आया और शीशा पीटने लगा।
उन्होंने शीशा नीचे किया तो इसी बीच ड्राइवर साइड की तरफ का शीशा भी एक अन्य व्यक्ति खटखटाने लगा। उसके हाथ में पैसों की गड्डी थी। उन्हें लगा कि शायद उनकी कार से किसी को टक्कर लग गई है। उन्होंने इस तरफ का शीशा भी नीचे कर दिया और सारा ध्यान इसी व्यक्ति पर चला गया। तभी दूसरी तरफ खड़े व्यक्ति ने उन्हें जाने के लिए कह दिया। उन्होंने कुछ देर बाद देखा कि कार की आगे की सीट पर रखा उनका आईफोन गायब था। उन्होंने नेहरू कॉलोनी पुलिस को शिकायत की। पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल करने लगी। तहरीर देने थाने पहुंचे तो वहां एक व्यक्ति पहले से ही इस तरह की शिकायत लिए बैठा था।
नेहरू कॉलोनी थाने में विशेष नौटियाल निवासी रिंग रोड ने शिकायत की है। उन्होंने बताया कि वह बृहस्पतिवार शाम को कार से धर्मपुर की ओर जा रहे थे। इसी दौरान वह धर्मपुर चौक स्थित ट्रैफिक सिग्नल पर रुके। यहां एक व्यक्ति उनकी कार के पास आया और चिपककर झुकने लगा। नौटियाल का ध्यान इस व्यक्ति पर गया। उन्होंने सोचा कि शायद उनकी गाड़ी से इस व्यक्ति को चोट लग गई है। इसी बीच दूसरी तरफ के शीशे पर एक व्यक्ति ठक-ठक करने लगा। झुककर खड़े हुए व्यक्ति ने कुछ ही देर में कहा कि जाओ। जिस तरफ से ठक-ठक की आवाज आई वह शीशा खुला हुआ था। सात मिनट बाद नौटियाल घर पहुंचे तो देखा कि कार की आगे की सीट पर रखा मोबाइल गायब था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
राजधानी में ठक-ठक गैंग दो साल बाद सक्रिय हुआ है। इससे पहले 2021 में गैंग के सदस्यों ने एक के बाद एक कई घटनाओं को अंजाम दिया था। सहारनपुर रोड, कारगी चौक, प्रिंस चौक ऐसे कई ट्रैफिक सिग्नल थे, जहां पर इस तरह की वारदात हुईं। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने ठक-ठक गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था। फिर शहर में इस तरह की घटनाएं देखने को नहीं मिली थीं। लेकिन, अब आशंका जताई जा रही है कि यह गैंग कुछ और वारदातों को अंजाम दे सकता है।
यह गैंग भीड़भाड़ वाली जगह या ट्रैफिक सिग्नल पर इस तरह की वारदात करता है। जाम लगने पर भी गैंग के सदस्य कार के आसपास सक्रिय रहते हैं। कई बार एक तो कभी-कभी दो या तीन लोग इसमें शामिल होते हैं। वह गाड़ी के साथ चलते हुए यह देख लेते हैं कि मोबाइल या कीमती सामान डेश बोर्ड और सीट पर रखा है। इसके बाद गाड़ी रुकवाते हैं और कार का शीशा ठक-ठक करते हैं। गैंग का एक सदस्य कहता है कि पीछे उन्होंने किसी को टक्कर मार दी है। कार चालक उसकी बातों में उलझ जाता है। इसी बीच दूसरा सदस्य डेश बोर्ड या सीट से मोबाइल व कीमती सामान उड़ा लेता है।
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