Sunday, November 24, 2024
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‘डीप वेन थ्रोम्बोसिस’ बीमारी क्या है, बचाव और लक्षण के बारे डा. प्रवीण जिंदल ने साझा की जानकारी

देहरादून, भागदौड़ भरे इस जीवन में इंसान तनाव में कई तरह की बीमारियों से ग्रसित हो जाता है | इसी तरह की एक बीमारी है जिसमें रोगी का खून गहरी नाड़ियों में जमने लगता है, इस रोग को डीप वेन थ्रोम्बोसिस कहते हैं | दून के वरिष्ठ वैस्कुलर एवं एन्डोवास्कुलर सर्जन डा. प्रवीण जिंदल ने उक्त बीमारी कैसे बचे और उसके लक्षण के बारे में पत्रकारों को बातचीत की और अपने अनुभव साझा किये | डा. जिंदल ने बताया कि जब आप निष्क्रिय होते हैं तो इस रोग की संभावना अधिक होती है, जैसे कि अधरंग या अपंगता के कारण आपको लम्बे समय तक बिस्तर पर रहना पड़े या लम्बी यात्रा, आपरेशन या चोट जो आपकी नाड़ियो को खराब कर दे या फिर कैंसर भी इस रोग का कारण हो सकता है, कई लोगों में यह अनुवांशिक भी हो सकता है | वहीं इस रोग का तुरंत उपचार कारगर रहता है | डा. जिंदल का कहना है कि खून पतला करने की दवा, टांगे ऊंची रखना, लम्बी यात्रा के समय अपने पैरों का व्यायाम करना, मौजा पहनना वगैरह से इससे होने वाली परेशानियां व समस्याओं को कम किया जा सकता है |
दून के जाने माने सर्जन डा. प्रवीण का कहना कि कभी कभी इस बीमारी से जानलेवा स्थित उत्पन्न हो सकती है, इसलिए इसका जल्द इलाज जरूरी है | इस रोग की आशंका पर डा. जिंदल कहते हैं बढ़ती उम्र, मोटापा, खून संचार की कमी और खून पतला करने की दवा न लेना जिन्हें इसकी हिदायत दी गयी हो आदि शामिल है | डा. जिंदल का कहना कि आधे से ज्यादा लोगों को कोई परेशानी नहीं होती इसलिए इस रोग से सचेत होना आवश्यक है, अगर आपको शक है कि आपको यह रोग हो सकता है तो तुरन्त अपने चिकित्सक को दिखाना चाहिये | डा. जिंदल ने डीप वेन थ्रोम्बोसिस रोग से लोगों को सचेत रहने की कई जानकारी जनहित में साझा की ताकि इस बीमारी से समय रहता बचा जा सके |

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