Tuesday, November 26, 2024
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छावला दुष्कर्म-हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट फिर से विचार करने को तैयार, तीन न्यायाधीशों की पीठ करेगी सुनवाई

नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 2012 के छावला सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में मौत की सजा पाने वाले तीन दोषियों को बरी करने के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए तीन सदस्यीय पीठ गठित करने पर बुधवार को सहमति जताई। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने इस मामले में तीन दोषियों को बरी करने के अदालत के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया।

मेहता ने कहा कि एक 18 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार किया गया और क्रूरता से उसकी हत्या कर दी गई और अब, मामले के एक आरोपी ने एक ऑटो चालक का गला काट दिया है। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से ओपन कोर्ट में सुनवाई के लिए सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ गठित करने का अनुरोध किया।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह मामले की जांच के लिए खुद और जस्टिस रवींद्र भट और बेला त्रिवेदी की एक बेंच का गठन करेंगे। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह ओपन कोर्ट में सुनवाई के अनुरोध पर भी विचार करेगी।

दलील में कहा गया है: अदालत के सामने यह लाना महत्वपूर्ण है कि एक आरोपी विनोद ने अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में बरी होने के बाद लूटपाट का विरोध करने पर एक निर्दोष ऑटो चालक की हत्या कर दी। विनोद को ऑटो चालक की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

समीक्षा आवेदन में आगे कहा गया है कि बरी होने के बाद उसके ऊपर हत्या का मामला इस ओर संकेत करता है कि वह आदतन अपराधी है, जिसपर दयाभाव करना व्यर्थ है। आवेदन में मामले में रिकॉर्ड पर अतिरिक्त दस्तावेज रखने की भी मांग की गई है। बता दें, पिछले साल नवंबर में, शीर्ष अदालत ने छावला बलात्कार और हत्या मामले में तीन लोगों को बरी कर दिया था।

दिल्ली के उपराज्यपाल (एल-जी) वी.के. सक्सेना ने इस फैसले के खिलाफ एक समीक्षा याचिका दायर करने की मंजूरी दी थी और पिछले साल दिसंबर में शीर्ष अदालत ने फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया था।

 

कैसे हर कारोबार में सफल हो जाते हैं गौतम अडाणी? लोकसभा में राहुल ने केंद्र पर जमकर साधा निशानाRahul Gandhi's Speech In Lok Sabha, He Targeted Bjp Over Adani Group, Ajit  Doval, Agniveer Scheme, 10 Highlights | Rahul Gandhi In Lok Sabha: जहाज से  फॉरेन पॉलिसी तक, अडानी को लेकर

नई दिल्ली, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान लोक सभा में विपक्ष की तरफ से पहले वक्ता के तौर पर बोलते हुए राहुल गांधी ने अडानी मसले को उठाते हुए केंद्र सरकार और सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। भाजपा ने पलटवार करते हुए राहुल गांधी पर बिना सबूत के हवा में आरोप लगाने का आरोप लगाते हुए उनसे माफी मांगने की मांग की। राहुल गांधी ने अडानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुराने संबंधों का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि इस सरकार ने देश के अंदर और देश के बाहर भी अडानी समूह को फायदा पहुंचाने के लिए काम किया। राहुल गांधी ने एक के बाद एक कई आरोपों की झड़ी लगाते हुए हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि शेल कंपनियों का जो पैसा आ रहा है, वो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा है और भारत सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए।

राहुल ने कहा कि केरल, तमिलनाडु और पूर हिंदुस्तान सभी जगह एक नाम सुनने को मिला और वह था सिर्फ अडानी। इस नाम के बारे में जब लोग मुझसे बोलते थे तो दो-तीन सवाल पूछते थे, यह जो अडानी थे। वह किसी भी बिजनेस में घुस जाता था और सफलता प्राप्त करता है, यह कैसे हो रहा है। युवा भी मुझसे पूछते थे कि हम भी जानना चाहता हैं कि यह कैसे इतने सक्सेस हो रहे हैं।

इसके बाद वह पूछ रहे थे कि यह अडानी है। वह 8 से 10 बिजनेस में काम करते हैं। सीमेंट, पोर्ट, एनर्जी और बहुत से लोग पूछते थे कि अडानी का नेटवर्थ जो 2014 से 2022 इतना ज्यादा कैसे आगे बढे। 8 बिलियन से 108 में कैसे पहुंच गए। 2014 में यह 609वें नंबर पर थे। हिमाचल में सेब की बात होती है अडानी जी, कश्मीर में सेब की बात होती है अडानी जी, एयपोर्ट की बात होती है अडानी जी, सडक पर चल रहे है तो अडानी जी, यह इतने बिजनेस में कैसे घुस गए और कैसे सफल हो जाते हैं और इसके साथ ही इनका हिंदुस्तान के पीएम के साथ क्या रिश्ता है। राहुल गांधी के भाषण के दौरान अलग-अलग मौकों पर खड़े होकर केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, किरेन रिजिजू एवं अर्जुन राम मेघवाल के अलावा भाजपा सांसदों रविशंकर प्रसाद और निशिकांत दुबे सहित अन्य कई नेताओं ने लोक सभा में कड़ा ऐतराज भी जताया।

प्रल्हाद जोशी ने कहा कि राहुल गांधी गलत आरोप लगा रहे हैं, उन्हें सबूतों के साथ बोलना चाहिए। किरेन रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी सदन के बाहर कुछ भी बोले , उन्हें रोक नहीं सकते लेकिन सदन के अंदर उन्हें पूरी जिम्मेदारी, गंभीरता, सबूतों और तथ्यों के साथ अपनी बात रखनी चाहिए। अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि राहुल गांधी बिना किसी सबूत के हवा में अनाप शनाप आरोप लगा रहे हैं, उन्हें सदन में इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। रविशंकर प्रसाद और निशिकांत दुबे ने भी राहुल गांधी के आरोपों को पूरी तरह से गलत और झूठ बताते हुए उन्हें साबित करने की चुनौती दी। प्रसाद ने राहुल गांधी को याद दिलाया कि वो भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले में अभी भी जमानत पर है तो वहीं निशिकांत दुबे ने कांग्रेस की पिछली सरकारों पर बिरला, डालमिया और टाटा को बनाने का आरोप लगाया।

राहुल गांधी ने बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की समस्या को बड़ी समस्या बताते हुए आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, गृह मंत्रालय और एनएसए अजीत डोभाल ने देश की सेना पर अग्निवीर योजना को थोपने का काम किया है जिससे भविष्य में देश में बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने खड़े होकर राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देने का प्रयास किया। राहुल गांधी के भाषण के दौरान कई बार सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोक-झोंक भी हुई। इस दौरान कांग्रेस सांसदों के अलावा डीएमके, टीएमसी और बसपा के कई सांसद भी लोक सभा में राहुल गांधी का साथ देते नजर आए।

 

 

हाकम सिंह को जमानत मिलना सरकार की कमजोर पैरवी का ही नतीजा : करन माहरा

Congress President Karan Mahra accused uttarakhand government not taking  action against politicians uksssc paper leak - कांग्रेस ने सरकार पर जमकर  बोला हमला, UKSSSC पेपर लीक पर अध्यक्ष करन माहरा ने ...

देहरादून, उत्तराखंड में भर्ती घोटालों को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य में सभी भर्ती परीक्षाओं को रोकने की मांग की है। करन माहरा ने कहा है कि किसी को नहीं पता कि कौन सा पेपर लीक हो चुका है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने की भर्ती परीक्षाएं रोकने की मांग
मंगलवार को मीडिया से बातचीत में करन माहरा ने सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा है कि फिलहाल सरकार को कोई भी परीक्षा आयोजित नहीं करनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हाकम सिंह को जमानत मिलना सरकार की कमजोर पैरवी का ही नतीजा है।
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार कुछ लोगों के लाभ के लिए जल्दबाजी में परीक्षाएं आयोजित करवा रही है। भर्ती घोटाला मामले पर करन माहरा ने सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि भर्ती परीक्षा कराने वाले अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आयी है। ऐसे में अभी परीक्षाएं नहीं होनी चाहिए।
परीक्षाओं के आयोजन में इतनी जल्दबाजी क्यों
करन महारा ने कहा है कि पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली और अन्य परीक्षाओं में धांधली चिंता का विषय है। उन्होंने परीक्षाएं रोकने के पीछे की वजह ये बताई कि जब मेंस परीक्षा के पेपर बन रहे थे तो भर्ती घोटला मामले में गिरफ्तार सचिव स्तर और गोपन विभाग के अधिकारी अपने पद पर ही थे। उस समय इनकी गिरफ्तारी नहीं हुई थी।
ऐसे में सवाल ये उठता है कि सरकार इन परीक्षाओं को कराने में इतनी जल्दबाजी क्यों दिखा रही है। उन्होंने मांग की है कि जांच पूरी होने के बाद ही परीक्षाएं करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या भरोसा है कि गोपन विभाग के किसी अधिकारी ने इस परीक्षा पेपर आउट नहीं करवाए हैं। परीक्षा होने के बाद अगर ये सामने आता है कि इसके भी पेपर लीक हो गए हैं तो ऐसे में इस परीक्षा को भी रद्द करना पड़ेगा।

 

खरगे के बयान पर राज्यसभा में भारी हंगामा, पीयूष गोयल बोले- आरोप सिद्ध हो जाए तब बिठाई जाती है जेपीसी

खरगे के बयान पर राज्यसभा में भारी हंगामा, पीयूष गोयल बोले- आरोप सिद्ध हो  जाए तब बिठाई जाती है JPC - uproar in rajya sabha over kharge statement jpc  only if allegations

नई दिल्ली, कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि हर मुद्दे को सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “हमेशा चुनाव के मूड में हैं” और उन्हें संसद में अधिक समय बिताना चाहिए। खड़गे ने पूछा, “प्रधानमंत्री को सदन में अधिक समय बिताना चाहिए। पीएम इतने चुप क्यों हैं? खरगे ने अडानी मुद्दो को लेकर भी जेपीसी जांच की मांग की। वहीं खरगे के बायन पर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ है।

राज्सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि एक व्यक्ति जिसकी संपत्ति ढ़ाई साल में 13 गुना बढ़ गई। 2014 में 50,000 करोड़ की थी वह 2019 में एक लाख करोड़ की हो गई। अचानक ऐसा क्या जादू हुआ कि दो साल में 12 लाख करोड़ बढ़ गई। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट तो है ही जिसे वे(बीजेपी) नहीं मानते हैं। जिसका जवाब देते हुए राज्यसभा में पीयूष गोयल ने कहा कि वे विदेश रिपोर्टों(हिंडनबर्ग रिपोर्ट) पर बातें कर रहे हैं, यह तो कांग्रेस का तारीका है। मैं स्पष्ट कहता हूं कि इनके खुद के नेता जिनके कहने के बगैर ये कुछ नहीं करते हैं उनकी संपत्ति ही देखें कि 2014 में इनके नेता की कितनी संपत्ति थी और आज कितनी है।

मल्लिकार्जुन खरगे के संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बिठाए जाने और इस (अडानी मामले) की जांच पर जवाब देते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) तब बैठती है जब आरोप सिद्ध हो जाए। जब सरकार पर आरोप लगता है तब संयुक्त संसदीय समिति बिठाई जाती है किसी निजी व्यक्ति के मुद्दे पर नहीं।

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