Monday, November 25, 2024
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जमीन धंसने और घरों की दीवारों में दरार से दहशत में स्थानीय लोग, प्रभावितों का फूटा गुस्सा, निकाला मशाल जलूस

चमोली, उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने और घरों की दीवारों में दरार आने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। भूधंसाव का दायरा बढ़ने से स्थानीय लोग दहशत में हैं। लोग डर के साए में जीने को मजबूर है। उधर, स्थानीय लोगों की सरकार को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है। लोगों का विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया है।भूधंसाव को लेकर गुरुवार को प्रभावितों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने बद्रीनाथ हाईवे जाम कर दिया है। जाम की वजह से गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई है। इसके अलावा लोकल बाजारों को भी बंद कर दिया गया है। लोगों ने अब चक्का जाम का एलान किया है। इससे पहले बीती शाम बड़ी संख्या में लोगों ने मशाल जलाकर विरोध प्रदर्शन भी किया

सीएम धामी जल्द ही जोशीमठ का दौरा भी करेंगे। धामी ने कहा, “मैं कुछ दिनों में जोशीमठ का दौरा करूंगा। स्थिति को संभालने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। मैंने स्थिति की निगरानी के लिए नगर निगम के अध्यक्ष शैलेंद्र पवार से बात की है।”

धामी ने इस क्षेत्र के दोबारा अध्ययन के लिए विशेषज्ञों की आठ सदस्यीय टीम गठित की है। यह टीम गुरुवार से जोशीमठ में डेरा डालेगी और दो दिन तक भूधंसाव वाले क्षेत्रों का निरीक्षण करेगी। साथ ही समस्या के समाधान के लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक उपायों के दृष्टिगत सरकार को सुझाव देगीराज्य सरकार ने बीते साल अगस्त में भी विशेषज्ञों के दल को जोशीमठ भेजा था। दल ने सितंबर में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। रिपोर्ट में बताया गया कि जोशीमठ मुख्य रूप से पुराने भूस्खलन क्षेत्र के ऊपर बसा है। ऐसे क्षेत्रों में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था न होने की स्थिति में भूमि में समाने वाले पानी के साथ मिट्टी बहने से कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। रिपोर्ट में जोशीमठ में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था करने, अलकनंदा नदी से हो रहे भूकटाव की रोकथाम को कदम उठाने, नालों का चैनलाइजेशन व सुदृढ़ीकरण करने, धारण क्षमता के अनुरूप निर्माण कार्यों को नियंत्रित करने के सुझाव दिए गए थे।

नगर निगम के चेयरमैन शैलेंद्र पवार ने कहा कि मारवाड़ी वार्ड में जमीन के अंदर पानी का रिसाव होने से घरों में दरारें आ गईं। उन्होंने बताया कि जोशीमठ के 576 घरों के 3 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा, “नगर पालिका द्वारा सभी घरों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। कई लोगों ने अपना घर भी छोड़ दिया है। विरोध प्रदर्शन के चलते औली रोड पर एक किलो मीटर का लगा लंबा जाम लग गया है। भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। जोशीमठ संघर्ष समिति के आह्वान पर बुधवार को भी देर शाम लोगों ने हाथ में मशाल जलूस लेकर बदरीनाथ स्टैंड से मारवाड़ी चौक तक सरकार और एनटीपीसी के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में प्रभावित परिवार भी शामिल हुए। अभी तक जोशीमठ क्षेत्र से 27 परिवारों के 120 लोग शिफ्ट किए जा चुके हैं ।

इन परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया :
– नगर पालिका गेस्ट हाउस में – दिगंबर सिंह, रजनी देवी, देवेंद्र सिंह, हेमलता रावत, अजय रावत, प्रेमा देवी, देवेंद्र सिंह व गजेंद्र सिंह।
– खंड विकास कार्यालय में प्रेमा देवी, मनोहर बाग वार्ड के मिलन केंद्र में उत्तरा देवी।
– नगर पालिका हॉल जोशीमठ – संजय, दुर्गा, राकेश लाल, दिनेश, राकेश चंद्र व चंद्र प्रकाश
प्राथमिक विद्यालय सिंहधार- गिरीश लाल, दिनेश लाल और हरीश लाल
– आशीष व अखिलेश को उनके ही दूसरे मकान में शिफ्ट किया गया है।
– बीना देवी और शंभू प्रसाद सती अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं।
– प्रभावित सुषमा देवी अपने दो बच्चों के साथ रिश्तेदारी में रविग्राम चली गई हैं।
– गांधीनगर वार्ड में किराये पर रह रहे देवेंद्र, यतेंद्र व जितेंद्र को भी उनके रिश्तेदारों के यहां भेज दिया गया है।

 

नाराज लोगों ने दी घेराव की धमकी :
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के नेता अतुल सती का कहना है कि सरकार का रवैया यदि इसी प्रकार निराशाजनक रहा तो शुक्रवार को जल विद्युत परियोजना एनटीपीसी का काम रुकवा कर परियोजना का घेराव किया जाएगा, उन्होंने कहा कि अगर सरकार प्रभावितों की उचित व्यवस्था नहीं करती है तो प्रभावित परिवारों के साथ पूरा जोशीमठ नगर सड़कों पर उतरेगा |

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