देहरादून, महिला उत्तरजन का अंकिता भण्डारी हत्याकांड के विरोध में आयोजित धरना आज दूसरे दिन भी जारी रहा। महिला उत्तरजन ने फिर पुरजोर मांग की कि हत्याकांड के दोषियों को सख्त सजा दी जाय और राजनेता – माफिया गठजोड़ को ध्वस्त किया जाय और पुलिस की बेहद लापरवाहियों के कारण अंकिता भंडारी मामले की न्यायिक जांच हो।
महिला उत्तरजन ने यह भी कहा कि विशेष रूप से सीमांत क्षेत्रों की महिलाएं या कहें कि दूरस्थ अंचलों की बेटियां सरल- सहज हैं और उनका एक्सपोज़र अधिक नही होता। इस वजह वे ऐसे लोगों के चंगुल में फंस जाती हैं। उत्तराखंड में ऐसी बहुत सी घटनायें होती आ रही हैं लेकिन प्रकाश में बहुत कम आ पाती हैं। अतः सरकार को इसके रूट कॉज़ तक पहुँचना चाहिये।
आज के धरना कार्यक्रम में अनेक प्रबुद्धजन और महिलाएं शामिल रहे। लोगों ने जबरदस्त आक्रोश प्रकट किया और नारे लगाए। उन्होंने अंकिता को न्याय दिलाने और हत्यारों के कठोर सजा की मांग की।
धरना स्थल पर अनेक संस्था के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे। आज के बंद के उपरांत धरना पर बंद समर्थक आंदोलनकारी भी धरना मे सम्मिलित हुए। धरने में *महिला उत्तरजन की अध्यक्ष, श्रीमती बिमला रावत, उपासना भट्ट श्रीनगर, उत्तमसिंह रावत , आकाश उप्रेती, कर्नल आनंद थपलियाल (से. नि.), प्रोफेसर विनय आनन्द बौड़ाई, प्रोफेसर हिमांशु बौड़ाई, कैप्टन सुधांशु धूलिया, अरुण शेखर बहुगुणा, प्रोफसर विनय आनंद बौड़ाई , नरेश बहुगुणा, लोकेश नवानी, एन.एस. अधिकारी, लायन वी के बहुगुणा, शुभम कण्डारी, ठाकुर सिंह नेगी,आभा बौड़ाई , सुशीला सेमवाल , विमला कठैत, उषा रावत, सरिता नेगी , सुशीला सेमवाल, सीमा बहुगुणा, प्रिया देवली, रीना पटवाल, शीला सिंह, सविता नौटियाल, विमला नौटियाल, लेखिका सुनीता चौहान, सुप्रिया सकलानी , कमला डिमरी, पंकज नवानी, डॉ विमल नौटियाल, सीमा थापा, ‘सैनिक शिरोमणि’ मनोज ध्यानी, डॉक्टर योगेश भट्ट, पंकज क्षेत्री, प्रदीप कुकरेती, स्वाति डोभाल, दिनेश उणियाल, ज्योत्सना कुकरेती, सरोजनी नौटियाल, कान्ता घिल्डियाल, राजेश्वरी परमार, आशा नौटियाल, विजय जुयाल, दिनेश बौड़ाई, त्रिलोचन भट्ट, मोहन खत्री आदि अनेक गणमान्य लोग शामिल रहे। धरने के दूसरे दिन शाम तक धरने में शामिल होने वालों की संख्या 100 से अधिक हो चुकी थी।
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