नई दिल्ली । दो सप्ताह के भारी हंगामे के बाद केंद्र सरकार महंगाई पर चर्चा के लिए तैयार हो गई है। सोमवार को लोकसभा में महंगाई के मुद्दे पर बहस होगी। लोकसभा में नियम 193 के तहत मूल्य वृद्धि पर सोमवार, 1 अगस्त को चर्चा होगी और इसके लिए शिवसेना नेता विनायक राउत और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की ओर से एक नोटिस प्राप्त हुआ है। इस दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण विपक्ष के सवालों के जवाब देंगी।
गौरतलब है कि राज्यसभा की बैठक शुक्रवार को अलग-अलग मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्ष संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहा है।
इस महीने की शुरुआत में जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जून में भारत की वार्षिक खुदरा मुद्रास्फीति एक साल पहले के 6.26प्रतिशत से बढक़र जून में 7.01प्रतिशत हो गई। यह महंगाई दर केंद्रीय बैंक (आरबीआई) के 2 से 6 फीसदी के तय दायरे से भी ज्यादा है। इसके अलावा विपक्ष आवश्यक वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने को लेकर भी विरोध प्रदर्शन कर रहा है। कई ऐसी चीजों को त्रस्ञ्ज के तहत लाया गया है जो पहले इसके दायरे से बाहर थीं।
संसद में विपक्ष ने कहा कि इन मुद्दों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए और बाकी सभी को अलग रखा जाना चाहिए। सरकार ने बार-बार दावा किया कि वह सभी मुद्दों पर बहस करने के लिए तैयार है, लेकिन सीतारमण की अनुपस्थिति का हवाला देते हुए कहा कि वह इसीलिए मूल्य-वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा नहीं कर सकी।
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संदर्भ में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणी को लेकर उठा विवाद थम नहीं रहा है और इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष एवं कांग्रेस सदस्यों के परस्पर आरोप-प्रत्यारोप एवं हंगामे के कारण शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक शुरू हुई तो पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत कराए। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य ‘सोनिया गांधी माफी मांगो’ के नारे लगा रहे थे। भाजपा के सदस्य बृहस्पतिवार से ही चौधरी की ‘राष्ट्रपत्नी’ वाली टिप्पणी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष से माफी की मांग कर रहे हैं।
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