देहरादून, हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में राहत नहीं मिलने के बाद सीनियर आईएएस अफसर राम विलास यादव को प्रदेश सरकार ने निलंबित कर दिया है। अब से कुछ देर पहले उनके निलंबन के आदेश जारी हुए। इस बीच आज दोपहर को वे विजिलेंस के सामने पेश हुये, वे पौने एक बजे स्विफ्ट कार से कारगी ग्रांट स्थित विजिलेंस मुख्यालय पहुंचे और सीधे अंदर चले गए। बाहर कार में उनके वकील और ड्राइवर मौजूद थे। इस दौरान विजिलेंस दफ्तर में तैनात पुलिस कर्मियों ने मीडिया कर्मियों और अन्य लोगों को परिसर से बाहर कर दिया, बाहर उनके अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के पालन में राम विलास यादव विजिलेंस दफ्तर में बयान दर्ज करने आए हैं। संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने आए हैं। गिरफ्तारी पर रोक लगाने के संबंध में अभी सुनवाई होनी है। उन्होंने कहा कि जब विजिलेंस की ओर से उनसे पत्राचार किया गया, उन्होंने उसका जवाब दिया और पेश नहीं होने का कारण बताया है।
बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट में मंगलवार को मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने सरकार से 23 जून तक स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने यादव से कहा है कि वह बुधवार तक अपने बयान विजिलेंस के सामने दर्ज कराएं। मामले की अगली सुनवाई 23 जून की तिथि नियत की है।
मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिका कर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उन पर आय से अधिक सम्पति अर्जित करने के आरोप लगाए गए हैं, जो पूरी तरह गलत हैं। उनकी बेटी विदेश में, लड़का सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता है और उनकी पत्नी कॉलेज की प्रबंधक और खुद वह आईएएस अधिकारी है। यह सम्पति इनकी मेहनत से अर्जित की है। जिस व्यक्ति ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की उसके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं।
इस मामले में उनको अपना पक्ष रखने का मौका तक नही दिया गया। सरकार ने जो कमेटी गठित की थी उनको उसके सामने अपना पक्ष रखने से पहले ही भंग कर दिया गया। वहीं सरकार की तरफ से कहा गया कि विजिलेंस टीम ने आईएएस रामविलास यादव को कई बार अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया। परंतु वह आने के बजाय मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव और कई मंत्रियों से मिले,
मामले के अनुसार, आईएएस राम विलास यादव उत्तराखंड सरकार में समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव के पद पर कार्यरत हैं। पूर्व में यादव उत्तर प्रदेश सरकार में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव भी रह चुके है। इनके खिलाफ लखनऊ में एक व्यक्ति द्वारा आय से अधिक सम्पति रखने की शिकायत दर्ज की थी। इसके आधार पर उत्तराखंड सरकार ने जांच शुरू की।
विजिलेंस टीम ने इनके लखनऊ, देहरादून और गाजीपुर ठिकानों पर छापा मारा, जिसमे संपत्ति संबंधित कई दस्तावेज मिले। जांच करने पर इनके खिलाफ आय से 500 गुना अधिक संपत्ति मिलने की बात सामने आई है। इसके आधार पर सरकार ने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
Recent Comments