हल्द्वानी, संयुक्त रक्षा सेवा (सीडीएस) परीक्षा में हल्द्वानी के रहने वाले हिमांशु पांडे ने पूरे भारत में पहला स्थान हासिल किया है। सीडीएस परीक्षा के टॉपर हिमांशु पांडे की कामयाबी ने पूरे उत्तराखंड को गौरवांवित महसूस कराया है। हिमांशु का चयन भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून के लिए हुआ है। हल्द्वानी के रहने वाले हिमांशु पांडे बचपन से भारतीय सेना का हिस्सा बनना चाहते थे। उन्होंने हल्द्वानी के एबीएम स्कूल से पढ़ाई की है।
हिमांशु पांडे बचपन से मेधावी छात्र रहे थे। उन्होंने इंटर में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। इसके बाद उन्होंने बीटेक करने के लिए स्व. विपिन चंद्र त्रिपाठी इंजीनियरिंग कॉलेज द्वाराहाट अल्मोड़ा में दाखिला लिया, हालांकि सेना में जाने की तैयारी उन्होंने बीटेक की पढ़ाई के दौरान जारी रखी थी। हिमांशु के पिता कमल पांडे कांट्रेक्टर के साथ सुपरविजन का काम करते हैं। मां दुर्गा पांडे गृहिणी हैं। हिमांशु की बड़ी बहन भावना एसबीआइ में प्रोविजनल आफिसर पद पर अहमदाबाद में कार्यरत हैं। छोटा भाई योगेश बीकाम की पढाई कर रहा है।
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने यूपीएससी कंबाइंड डिफेंस सर्विस एग्जामिनेशन II के फाइनल रिजल्ट शुक्रवार को जारी किए गए। नतीजे जानने के लिए यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर वीजिट करें। यूपीएससी फाइनल रिजल्ट, लिखित परीक्षा और एसएसबी इंटरव्यू के आधार पर तैयार किया गया है। मेरिट लिस्ट तैयार करने में मेडिकल टेस्ट के रिजल्ट को ध्यान में नहीं रखा गया है।
यूपीएससी द्वारा जारी रिजल्ट नोटिस के अनुसार, भारतीय सेना अकादमी, देहरादून; भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला, केरल और वायु सेना अकादमी, हैदराबाद (पूर्व-उड़ान) ट्रेनिंग कोर्स यानी नंबर 212 एफ (पी) कोर्स के 153वें (डीई) कोर्स एडमिशन के लिए कुल 142 (81 + 47 + 14) उम्मीदवारों को रिकमंड किया गया है। क्वालीफाई हुए उम्मीदवारों के रोल नंबर और नाम की लिस्ट आधिकारिक वेबसाइट अपलोड कर दिए गए हैं. इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) में 81 उम्मीदवार, इंडियन नवल एकेडमी (INA) में 47 उम्मीदवार, एयर फॉर्स एकेडमी (IFA) में 14 उम्मीदवारों का चयन किया गया है।
प्रशासन हुआ सख्त : अब चौफुला चौराहे से तीनमूर्ति मंदिर तक नहर कवरिंग क्षेत्र से ध्वस्त होगा अतिक्रमण
हल्द्वानी, शहर के चौफुला चौराहे से तीनमूर्ति मंदिर तक नहर को कवर कर सड़क के निर्माण को लेकर डीएम के आदेश पर एसडीएम मनीष कुमार ने निरीक्षण किया। विभागीय अधिकारियों के साथ निरीक्षण को पहुंचे एसडीएम ने लोगों से अतिक्रमण को तत्काल हटाने के निर्देश दिए। चेतावनी दी कि यदि खुद अतिक्रमण नहीं हटा तो प्रशासन द्वारा बल पूर्वक हटाया जाएगा। 2 जून को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधायक बंशीधर भगत के साथ चौफुला चौराहे से लेकर तीनमूर्ति मंदिर तक नहर कवरिंग क्षेत्र का निरीक्षण किया था। उन्होंने अधिकारियों से संयुक्त निरीक्षण कर नहर कवरिंग के कार्य में आ रही बाधाओं को दूर करने के निर्देश दिए थे।
इसी क्रम में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल के निर्देश पर एसडीएम मनीष कुमार सिंह ने अधिशासी अभियंता जल संस्थान संजय श्रीवास्तव, अधिशासी अभियंता सिंचाई केएस बिष्ट व अधिशासी अभियंता ग्रामीण विद्युत डीपी पांगती, सहायक अभियंता नगर निगम नवल नौटियाल, तहसीलदार संजय कुमार व राजस्व निरीक्षक के साथ नहर कवरिंग क्षेत्र के सड़क चौड़ीकरण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान मार्ग में हुए अतिक्रमण को चिह्नित किया गया। साथ ही मार्ग में सरकारी भूमि पर किए गए अतिक्रमण को लोगों से तत्काल हटाने के निर्देश दिए गए। कहा गया कि यदि मार्ग में हुए अतिक्रमण को लोगों ने स्वयं नहीं हटाया तो उसे प्रशासन स्वयं ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि नहर कवरिंग क्षेत्र में सड़क के चौड़ीकरण से हल्द्वानी शहर में मार्गों पर यातायात का दबाव कम होगा। यह मार्ग भविष्य में शहर के लिए बाईपास का कार्य करेगा। शहर में बढ़ते अतिक्रमण को लेकर अब जिला प्रशासन सख्त रूख अख्तियार किये हुये है |
कंस्ट्रक्शन कंपनी ने की 5.60 करोड़ रुपए की चोरी, एसजीएसटी ने मारा छापा
देहरादून, जनपद केमरेस्टकैंप स्थित एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के दफ्तर पर राज्य कर विभाग (एसजीएसटी) की विशेष अनुसंधान शाखा की दून इकाई ने
छापा मारा। शुक्रवार को मारे गये इस छापे में जांच के दौरान 5.60 करोड़ की कर चोरी पकड़ी गई। राज्यकर की विशेष अनुसंधान शाखा सरकारी विभागों से ठेकेदारों को किए जा रहे भुगतान का सत्यापन कर रही है। इस दौरान पाया गया कि दून इंफ्रास्ट्रक्चर वास्तविक कर से कम जमा करा रही थी। पिछले पांच साल में फर्म को सरकारी विभागों से प्राप्त भुगतान, उन पर देय और वास्तविक रूप से जमा कर में विसंगतियां पाई गईं और सर्च वारंट के आधार पर फर्म के कार्यालय में छापा मारा गया। जांच दल में विशेष अनुसंधान शाखा के उपायुक्त यशपाल सिंह, सहायक आयुक्त जयदीप सिंह रावत और निरीक्षण संगीता बिजल्वाण शामिल थे। फर्म ने कर कम अदा करना स्वीकारते हुए करीब एक करोड़ 62 लाख रुपये का जीएसटी जमा कराई। शेष करीब चार करोड़ की राशि जमा कराने को लेकर कार्रवाई चल रही है। उपायुक्त यशपाल सिंह ने बताया कि जीएसटी लागू होते समय ठेकेदारों के टीडीएस काटने की व्यवस्था नहीं थी। यह व्यवस्था अक्तूबर 2018 में लागू हुई। इसका फायदा उठाकर कई ठेकेदारों ने 15 महीने की समयावधि में सरकारी विभागों से मिली राशि को उजागर नहीं करते हुए जीएसटी जमा नहीं कराई। ऐसे मामलों की जांच चल रही है। जल्द और भी मामले उजागर किए जाएंगे।
जीएसटी लागू होने के शुरुआती 15 माह में टीडीएस कटौती की व्यवस्था न होने का ठेकेदारों ने खूब फायदा उठाया। इस समयावधि में सरकारी कर संग्रह को करोड़ों की चपत लगने का अनुमान है। सूत्र बताते हैं कि अगर गहनता से जांच हो तो सैकड़ों ठेकेदार पकड़ में आ सकते हैं। जीएसटी अधिकारियों के मुताबिक, सरकार से अनुबंधित छोटे-बड़े ठेकेदारों के भुगतान पर टीडीएस कटता है।
टीडीएस के डाटा के आधार पर कर विभाग संबंधित फर्म पर जीएसटी का आकलन करता है। इसके अलावा विभाग के पास दूसरा जरिया नहीं है। जुलाई 2017 में जीएसटी लागू हुई, तब शुरुआत में ठेकेदारों के टीडीएस काटने की व्यवस्था नहीं थी। अक्तूबर 2018 यह व्यवस्था लागू हुई, इस बीच 15 महीने में जीएसटी चोरी का खेल चला। सूत्र बताते हैं कि इसमें छोटी से लेकर बड़ी फर्में शामिल हैं।
छोटी फर्मों में ही 10-20 लाख के मामले पकड़ में आ सकते हैं। बड़ी फर्मों में यह राशि करोड़ में पहुंच सकती है। हालांकि, राज्य कर की टीम जांच कर रही है। शुक्रवार को दून में हुई कार्रवाई भी इसी जांच का हिस्सा है। इतना ही नहीं, कई कारोबारी व्यक्तिगत उपयोग के लिए खरीदे सामान जैसे कार आदि पर भी टैक्स को आईटीसी के रूप में ले रहे हैं। ऐसे मामलों की भी जांच चल रही है। दूसरी ओर, उपायुक्त यशपाल सिंह ने बताया कि वास्तविक से कम कर जमा करने वाली फर्मों की जांच चल रही है
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