टिहरी, टिहरी जल विद्युत परियोजना, टिहरी में “जल विद्युत क्षमता में अभिवृद्धि की आवश्यकता” विषय पर गुरुवार 26 मई को विद्युत मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की बैठक हुई । बैठक की अध्यक्षता माननीय कैबिनेट मंत्री, विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, भारत सरकार, श्री आर.के.सिंह ने की । बैठक में माननीय राज्य मंत्री, विद्युत एवं भारी उद्योग, भारत सरकार श्री कृष्ण पाल भी उपस्थित थे। टिहरी क्षेत्र की माननीय सांसद (लोकसभा), श्रीमती माला राज्य लक्ष्मी शाह बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में उपस्थित रही ।
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री, विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, भारत सरकार आर.के.सिंह, राज्य मंत्री, विद्युत एवं भारी उद्योग, भारत सरकार कृष्ण पाल के साथ-साथ माननीय सांसदों एवं विद्युत मंत्रालय एवं केन्द्रीय विद्युत क्षेत्र के सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के वरि. अधिकारियों के समक्ष टिहरी बांध के व्यू प्वांइट पर “टिहरी बांध की यात्रा” पर विशेष प्रस्तुतीकरण दिया गया।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजीव विश्नोई ने स्वागत संबोधन प्रस्तुत किया तथा तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में अपने व्यापक अनुभव को साझा किया । विदित हो है कि श्री विश्नोई टिहरी बांध से लंबे अरसे से जुड़े हुए हैं | मुख्य मंत्री, उत्तराखण्ड पुष्कर सिंह धामी एवं माननीय कैबिनेट मंत्री, विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, भारत सरकार आर.के.सिंह ने इस अवसर पर सभा को संबोधित किया ।
उल्लेखनीय है कि बैठक के पश्चात माननीय कैबिनेट मंत्री, विद्युत एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, भारत सरकार आर.के.सिंह, राज्य मंत्री, विद्युत एवं भारी उद्योग, भारत सरकार कृष्ण पाल के साथ माननीय सांसदों, विद्युत मंत्रालय एवं केन्द्रीय विद्युत क्षेत्र के सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के वरि. अधिकारियों ने प्रचालनात्मक टिहरी एचपीपी(1000 मे.वा.) एवं निर्माणाधीन टिहरी पीएसपी (1000 मे.वा.) का दौरा किया।
इस समय टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड 1587 मे.वा. की संस्थापित क्षमता के साथ देश का प्रमुख विद्युत उत्पादक है । निगम ने उत्तराखण्ड में टिहरी बांध एवं एचपीपी (1000 मे.वा.), कोटेश्वर एचईपी (400 मे.वा.), गुजरात के पाटन में 50 मे.वा. एवं द्वारका में 63 मे.वा. की पवन विद्युत परियोजनाओं, उत्तर प्रदेश के झांसी में 24 मे.वा. की ढुकुवां लघु जल विद्युत परियोजना एवं केरल के कासरगाड में 50 मे.वा. की सौर विद्युत परियोजनाओं की कमीशनिंग सफलतापूर्वक की है।
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