उत्तर प्रदेश में 1 जनवरी 1996 से 31 दिसंबर 2005 के बीच सेवानिवृत्त होने वाले न्यायिक सेवा के अफसरों को नए दर से पेंशन दी जाएगी। नई पेंशन सेवानिवृत्त होने की तिथि पर मिलने वाले वेतन के 50 फीसदी दर यानी 3.07 गुणांक के आधार पर किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ।
यूपी में 1 जनवरी 1996 से 31 जनवरी 2005 के बीच सेवानिवृत्त होने वाले न्यायिक सेवा के अफसरों की पेंशन का निर्धारण अखिरी वेतनमान के 50 फीसदी के सबसे निचले दर से किया गया। इससे इन सालों में सेवानिवृत्त होने वाले न्यायिक अधिकारियों की पेंशन कम हो गई। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया। इसमें तर्क दिया गया कि छठे वेतनमान के आधार पर उन्हें पेंशन कम मिल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को इसमें सुधार करने का निर्देश दिया। इसके आधार पर पेंशन दर संशोधित करने का फैसला किया गया है। अब इन अधिकारियों की पेंशन का पुनरीक्षण 3.07 गुणांक के आधार पर किया जाएगा।
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