‘चिपको की वर्षगांठ को सरकारी स्तर पर चिपको दिवस के रूप में मनाया जाने की उठी आवाज’
उत्तरकाशी, हिमालय पर्यावरण जड़ी बुटी एग्रो संस्थान जाड़ी द्वारा ग्राम सिरौर में चिपको आंदोलन की 49वीं वर्षगांठ पर गंगा वाहिनी व बेटी संगठन के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया। चिपको को समर्पित कार्यक्रम में महिलाओं को चिपको आन्दोलन व उससे जुड़े अन्दोलनकारियों के बारे में जानकारी दी गई।
बीज बम अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा की चिपको जैसे आन्दोलन उत्तराखण्ड के सिर पर मुकुट के समान है। हम सौभाग्यशाली है की हमारे पूर्वजों ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी संवेदन शीलता दिखाते हुये दशकों वर्ष पूर्व पूरी दुनिया को बता दिया था की हम अपनी जान दे सकते है पर जंगल नही कटने देगें । जिसकी बदोलत पर्यावरण संरक्षण का मुद्दा पूरी दुनिया ने प्रमुखता से स्वीकारा। लेकिन कष्ट की बात है की इतने बड़े आन्दोलन को अपने देश व राज्य में किसी दिवस के रूप में स्थान नही दिया गया।
इस अवसर पर हम अपनी सरकार से मांग करते है कि आने वाले समय में चिपको की वर्षगांठ को सरकारी स्तर पर चिपको दिवस के रूप में मनाया जाये।
आज इस अवसर पर ग्राम सभा मे सफाई अभियान चलाया गया।
इस अवसर पर चिपको के प्रणेता श्रीमती गौरा देवी, श्री सुन्दर लाल बहुगुणा, श्री चंडी प्रसाद भट्ट व अन्य लोगो को श्रदाँजलि दी गई ।
इस अवसर पर मंजू देवी, बबिता, आराधना, सुमन, कुशुम पंवार, शैलेन्द्री, नेहा, अंकिता, रिया, इन्द्र भुषण, नरेश विज्लवाण, कृष्णा बहुगुणा, राजमणी , राखी राणा ने भाग लिया।
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