देहरादून / दिल्ली। भाजपा संसदीय दल की मीटिंग एवं केन्द्रीय नेतृत्व में चार राज्यों में से तीन राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्री मंडल के लेकर चल रहे मंथन के लेकर जो – जो सार निकल कर आ रहा है उससे यह तो स्पष्ट सा लग रहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में पुनः योगी आदित्यनाथ की ताजपोशी तो होगी किन्तु उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी सहित सभी पुराने चेहरों और जबतब सीएम के पद पर दावा ठोकने वालों का पत्ता होगा साफ। वहीं इसके विपरीत लोकप्रिय, कर्मठ एवं जनचहेते अनिल बलूनी के नाम पर हाईकमान लगा सकता है मुहर। बलूनी के नाम पर इसलिए भी सम्भावना प्रबल नजर आ रही है क्योंकि 10 मार्च को पांचों राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम के दिन अपने वधाई संदेश में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट करने दिया था कि अब भ्रष्टाचार और माफियागीरी वर्दाश्त नहीं होगी। मोदी जी के इस बाक्य के जोड़ते हुये ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में चयन प्रक्रिया अपनायी जायेगी। असल पिक्चर तो 19 मार्च को विधान मंडल के बैठकों में ही रिलीज होगी तत्पश्चात शपथग्रहण समारोह 20 मार्च को होगा।
सूत्रों की अगर यहाँ यह भी माने तो राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी की जगह त्रिवेन्द्र सिंह रावत का भेजा जा सकता है।
जहाँ तक उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मंत्रीमण्डल में कुछ पुराने चेहरों के बदला जायेगा ताकि डबल इंजन की सरकार के नाम पर जनता में छवि और निखर कर आये जिसका लाभ आने वाले विधान सभा चुनावों में तथा 2024 के लोक सभा चुनाव में मिल सके।
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